बस इंश्योरेंस

भारत में ऑनलाइन कॉमर्शियल और स्कूल बस इंश्योरेंस

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बस इंश्योरेंस एक ऐसी  कमर्शियल व्हीकल पॉलिसी है जो दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा या आग से होने वाले नुकसान से कमर्शियल बसों को सुरक्षा देती है।

जहां बहुत बेसिक प्लान में थर्ड पार्टी लाइबिलिटीज कवर (कानूनन) होती हैं वहीं कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी में आपके खुद के नुकसान भी कवर हो जाते हैं। इस एक पॉलिसी में दोनों ही कवर हो जाते हैं।

कवर होने वाली बसों के प्रकार:

  • स्कूल बस: वो बसें जो स्कूल या किसी दूसरे शैक्षणिक संस्थान में छात्रों को लाने-ले जाने में इस्तेमाल की जाती हैं, उन्हें इस पॉलिसी में कवर किया जा सकता है।
  • पब्लिक बसें: वो सरकारी बसें जिनको यात्रियों को शहर के अंदर या एक शहर से दूसरे शहर लाने ले जाने में इस्तेमाल किया जाता है वो भी इस पॉलिसी में कवर होती हैं।
  • प्राइवेट बसें: प्राइवेट संस्थाओं की ओर से चलाई जाने वाली बसें जैसे टूर बसें या ऑफिस में कर्मचारियों के लिए इस्तेमाल होने वाली बसें भी इसी पॉलिसी में कवर होती हैं।
  • दूसरी यात्री बसें:यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाली सभी तरह की दूसरी कमर्शियल बसें और वैन भी इसी पॉलिसी में कवर होती हैं।

मुझे बस इंश्योरेंस क्यों खरीदना चाहिए?

  • अप्रत्याशित नुकसान से सुरक्षा: भले ही ये थर्ड पार्टी की वजह से हुआ हो या फिर इसकी वजह आपकी खुद की बस हो, बस इंश्योरेंस सबकुछ कवर करता है। इससे आप बिजनेस से जुड़े नुकसानों से तो बचे ही रहते हैं और आपके रोज के कामकाज भी प्रभावित नहीं होते हैं।
  • कानून का पालन: मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सभी वाहन खासतौर पर  कमर्शियल कामों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के पास कम से कम थर्ड पार्टी  कमर्शियल बस इंश्योरेंस होना जरूरी है। ताकि किसी भी तरह के थर्ड पार्टी नुकसानों से सुरक्षा मिल सके। इसके बिना पकड़े जाने पर आप पर जुर्माना लगेगा।
  • मालिक-ड्राइवर के लिए कवर: एक बस इंश्योरेंस न सिर्फ आपके और थर्ड पार्टी वाहन को हुए नुकसान को कवर करता है बल्कि मालिक-ड्राइवर को शारीरिक तौर पर हुए नुकसान भी इसमे कवर होते हैं।
  • यात्रियों की सुरक्षा: आग, दुर्घटना और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस में ही यात्रियों की सुरक्षा को भी एक्सट्रा इंडोर्समेंट के तौर पर कवर किया जा सकता है।

डिजिट के कमर्शियल बस इंश्योरेंस को ही क्यों चुनें?

कमर्शियल बस इंश्योरेंस में क्या कवर होता है?

क्या कवर नहीं होगा?

ये भी जानना बहुत जरूरी है कि कमर्शियल इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या कवर नहीं होगा? ताकि क्लेम के समय आपको कोई दिक्कत न हो। यहां कुछ खास स्थितियों के बारे में बताया गया है:

थर्ड-पार्टी पॉलिसी होल्डर के लिए ओन डैमेज

अगर आपने अपनी बस के लिए थर्ड पार्टी कमर्शियल  इंश्योरेंस लिया है तो आपके अपने नुकसान इसमें कवर नहीं होंगे।

नशे में या बिना वैध लाइसेंस के ड्राइविंग

अगर क्लेम के दौरान ड्राइवर-मालिक को इंश्योर्ड वाहन को बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के या नशे में गाड़ी चलाते हुए पाया गया तो क्लेम स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

लापरवाही करना

लापरवाही के चलते बस को हुए नुकसान कवर नहीं होंगे। जैसे शहर में बाढ़ आई हुई है, ये जानते हुए भी बस को काम पर ले जाया गया।

पारिणामिक नुकसान

जो भी नुकसान आग, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के सीधे संपर्क में आने की वजह नहीं हुए हैं, वो इसमें कवर नहीं होंगे।

डिजिट के कमर्शियल बस इंश्योरेंस की खासियतें

खासियतें डिजिट के फायदे
क्लेम की प्रक्रिया पेपरलेस क्लेम
कस्टमर सपोर्ट 24x7 सहयोग
अतिरिक्त कवरेज पीए कवर्स, लीगल लाइबिलिटी कवर, स्पेशल एक्सक्लूजन और अनिवार्य डेडक्टिबल्स आदि
थर्ड पार्टी को हुआ नुकसान व्यक्तिगत नुकसान की असीमित लाइबिलिटी, 7.5 लाख तक संपप्ति/वाहन का नुकसान

कमर्शियल बस इंश्योरेंस प्लान के प्रकार11

आपकी बस के प्रकार के हिसाब से हमारे पास दो तरह के इंश्योरेंस प्लान का विकल्प है:

सिर्फ लाइबिलिटी स्टैंडर्ड पैकेज

आपकी बस से थर्ड पार्टी व्यक्ति या संपत्ति को हुए नुकसान

×

आपकी बस की वजह से थर्ड पार्टी व्हीकल को हुए नुकसान

×

प्राकृतिक आपदा, आग, चोरी या दुर्घटना की वजह से आपकी अपनी बस को हुए नुकसान

×

मालिक-ड्राइवर को लगी चोट/ मृत्यु

If the owner-driver doesn’t already have a Personal Accident Cover from before

×
Get Quote Get Quote

क्लेम कैसे करें?

1800-258-5956 पर कॉल या hello@godigit.com पर ईमेल करें।

प्रक्रिया आसानी से पूरी करने के लिए सभी जरूरी जानकारी जैसे पॉलिसी नंबर, दुर्घटना का क्षेत्र, दुर्घटना का समय और तारीख के साथ बीमित व्यक्ति/कॉलर का कॉन्टेक्ट नंबर भी।

डिजिट इंश्योरेंस क्लेम कितनी जल्दी पूरे हो जाते हैं? इंश्योरेंस कंपनी बदलते हुए यही एक सवाल पहले मन में आता है। डिजिट के क्लेम्स रिपोर्ट कार्ड को पढ़ें

भारत में कमर्शियल बस इंश्योरेंस के बारे में और जानें

क्या स्कूल बस का इंश्योरेंस जरूरी है?

हां, मुख्यतः स्कूल या थर्ड पार्टी संस्थान बच्चों को स्कूल लाने और वापस घर ले जाने के लिए स्कूल बस का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि आप बस इंश्योरेंस करा लें जो न सिर्फ आपकी संस्था को नुकसान से बचाएगा बल्कि इन बस में रोज यात्रा करने वाले छात्रों और अध्यापकों को भी सुरक्षा देगा।

हां, मुख्यतः स्कूल या थर्ड पार्टी संस्थान बच्चों को स्कूल लाने और वापस घर ले जाने के लिए स्कूल बस का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि आप बस इंश्योरेंस करा लें जो न सिर्फ आपकी संस्था को नुकसान से बचाएगा बल्कि इन बस में रोज यात्रा करने वाले छात्रों और अध्यापकों को भी सुरक्षा देगा।

सही बस इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने के टिप्स

बस के लिए ऑनलाइन बस इंश्योरेंस कराने के लिए जरूरी है कि इन फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाए: सही इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV): IDV आपकी बस की मार्केट वैल्यू है। इंश्योरेंस प्रीमियम से लेकर क्लेम तक इस वैल्यू पर ही निर्भर करते हैं इसलिए जरूरी है कि आप वो इंश्योरर चुनें जो आपको आपकी बस के लिए सही IDV दे। सर्विस के फायदे: सर्विस जैसे 24x7 ग्राहक सहयोग और कैशलेस  गेराज का बड़ा नेटवर्क जैसी सर्विसेज को चुनें। जरूरत के समय ये सर्विस काफी काम आती हैं। एड-ऑन्स कैसे हैं: बस को मिलने वाले कवर को एड-ऑन्स और बढ़ा देते हैं। उदाहरण के लिए हमारे एडिशनल इंडोर्समेंट में व्यक्तिगत दुर्घटना कवर, अनिवार्य डेडक्टिबल्स, यात्री कवर, इलेक्ट्रिक एक्सेसरीज कवर आदि सब कवर होते हैं। क्लेम कितना जल्दी: किसी भी इंश्योरेंस के लिए ये बहुत जरूरी मुद्दा है। ऐसी कंपनी को चुनें जो क्लेम्स को जल्दी पूरा करती हो। पूरी वैल्यू: ऊपर लिखे सभी फैक्टर्स की तुलना करने के बाद बस इंश्योरेंस प्रीमियम्स की तुलना करें और देखें कौन सा इंश्योरेंस आपको अच्छी कीमत पर सबसे ज्यादा फायदा देता है।

बस के लिए ऑनलाइन बस इंश्योरेंस कराने के लिए जरूरी है कि इन फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाए:

  • सही इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV): IDV आपकी बस की मार्केट वैल्यू है। इंश्योरेंस प्रीमियम से लेकर क्लेम तक इस वैल्यू पर ही निर्भर करते हैं इसलिए जरूरी है कि आप वो इंश्योरर चुनें जो आपको आपकी बस के लिए सही IDV दे।
  • सर्विस के फायदे: सर्विस जैसे 24x7 ग्राहक सहयोग और कैशलेस  गेराज का बड़ा नेटवर्क जैसी सर्विसेज को चुनें। जरूरत के समय ये सर्विस काफी काम आती हैं।
  • एड-ऑन्स कैसे हैं: बस को मिलने वाले कवर को एड-ऑन्स और बढ़ा देते हैं। उदाहरण के लिए हमारे एडिशनल इंडोर्समेंट में व्यक्तिगत दुर्घटना कवर, अनिवार्य डेडक्टिबल्स, यात्री कवर, इलेक्ट्रिक एक्सेसरीज कवर आदि सब कवर होते हैं।
  • क्लेम कितना जल्दी: किसी भी इंश्योरेंस के लिए ये बहुत जरूरी मुद्दा है। ऐसी कंपनी को चुनें जो क्लेम्स को जल्दी पूरा करती हो।
  • पूरी वैल्यू: ऊपर लिखे सभी फैक्टर्स की तुलना करने के बाद बस इंश्योरेंस प्रीमियम्स की तुलना करें और देखें कौन सा इंश्योरेंस आपको अच्छी कीमत पर सबसे ज्यादा फायदा देता है।

मेरे बस इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स क्या हैं?

कई सारे फैक्टर्स हैं जो बस इंश्योरेंस की दरों को प्रभावित करते हैं, जैसे: मॉडल, इंजन और व्हीकल का मेक: बाजार में कई तरह की बस मौजूद हैं। हर किसी की अपनी कुछ खासियतें हैं और रिस्क भी। इसलिए इंश्योरेंस की दर बस के मॉडल और मेक पर निर्भर करती है। लोकेशन: हर शहर और कस्बे के अपने अलग रिस्क होते हैं। कुछ दूसरे के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होते हैं। इसलिए बस किस शहर में चलेगी, इंश्योरेंस की दर इसी हिसाब से तय होगी। नो-क्लेम बोनस: अगर आपके पास पहले से ही बस इंश्योरेंस है और आप अभी अपनी पॉलिसी को रिन्यू करने की सोच रहे हैं या फिर आप इंश्योरर बदलना चाहते हैं तो इस स्थिति में आपका एनसीबी (नो क्लेम बोनस) ध्यान में रखा जाएगा और आपके बस इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट मिल जाएगी! एक नो क्लेम बोनस ये बताता है कि उस बस की पिछली पॉलिसी अवधि में एक भी क्लेम नहीं किया गया था। इंश्योरेंस प्लान के प्रकार: चाहे आप बस के लिए थर्ड पार्टी लाइबिलिटी इंश्योरेंस प्लान लेना चाहें या फिर कॉम्प्रिहेंसिव बस इंश्योरेंस, दोनों का इंश्योरेंस प्रीमियम अलग होगा क्योंकि दोनों में ही कवरेज के फायदे अलग-अलग हैं।

कई सारे फैक्टर्स हैं जो बस इंश्योरेंस की दरों को प्रभावित करते हैं, जैसे:

  • मॉडल, इंजन और व्हीकल का मेक: बाजार में कई तरह की बस मौजूद हैं। हर किसी की अपनी कुछ खासियतें हैं और रिस्क भी। इसलिए इंश्योरेंस की दर बस के मॉडल और मेक पर निर्भर करती है।
  • लोकेशन: हर शहर और कस्बे के अपने अलग रिस्क होते हैं। कुछ दूसरे के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित होते हैं। इसलिए बस किस शहर में चलेगी, इंश्योरेंस की दर इसी हिसाब से तय होगी।
  • नो-क्लेम बोनस: अगर आपके पास पहले से ही बस इंश्योरेंस है और आप अभी अपनी पॉलिसी को रिन्यू करने की सोच रहे हैं या फिर आप इंश्योरर बदलना चाहते हैं तो इस स्थिति में आपका एनसीबी (नो क्लेम बोनस) ध्यान में रखा जाएगा और आपके बस इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट मिल जाएगी! एक नो क्लेम बोनस ये बताता है कि उस बस की पिछली पॉलिसी अवधि में एक भी क्लेम नहीं किया गया था।
  • इंश्योरेंस प्लान के प्रकार: चाहे आप बस के लिए थर्ड पार्टी लाइबिलिटी इंश्योरेंस प्लान लेना चाहें या फिर कॉम्प्रिहेंसिव बस इंश्योरेंस, दोनों का इंश्योरेंस प्रीमियम अलग होगा क्योंकि दोनों में ही कवरेज के फायदे अलग-अलग हैं।

भारत में ऑनलाइन बस इंश्योरेंस से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मेरी संस्था के पास 10 से भी ज्यादा बसें हैं क्या मैं सबको इंश्योर कर सकता हूं?

हां, बस इंश्योरेंस बसों के बेड़े जैसे स्कूल की कई बसों को भी इंश्योर करने के लिए डिजाइन किए जाते हैं। डिजिट इन सबको कवर कर सकता है। आपको बस हमसे संपर्क करना है ताकि हम आपकी संस्था के हिसाब से प्लान तैयार कर पाएं।

किस टाइप की बसें इसमें कवर होती हैं?

सभी तरह की बसें जैसे स्कूल बस, वैन, मिनी बस और टूर बसें भी हमारे कमर्शियल बस इंश्योरेंस में कवर की जाती हैं।

स्कूल बस इंश्योरेंस की कीमत कितनी होती है?

आपकी बस के टाइप और इसको इस्तेमाल किए जाने की लोकेशन के हिसाब से बस इंश्योरेंस अलग-अलग होगा। आपकी बस के इंश्योरेंस की कितनी कीमत होगी, ये जानने के लिए यहां जानकारी भरें-