IDV कैलकुलेटर
6000+ Cashless
Network Garages
Zero Paperwork
Required
24*7 Claims
Support
I agree to the Terms & Conditions
6000+ Cashless
Network Garages
Zero Paperwork
Required
24*7 Claims
Support
I agree to the Terms & Conditions
हम अच्छे से जानते हैं कि इंश्योरेंस में कई ऐसे टर्म होते हैं जिन्हें समझना मुश्किल होता है लेकिन उनके बारे में जानना बेहद जरूरी है। ऐसा ही एक टर्म है IDV जिसका अर्थ होता है ‘इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू’।
कार इंश्योरेंस में IDV (इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू) का मतलब होता है आपकी कार की मार्केट वैल्यू। दूसरे शब्दों में, यह वो रकम होती है जो आपको आज के बाजार में अपनी कार के बदले प्राप्त हो सकती है।
IDV इंश्योरेंस कंपनी को यानी हमें क्लेम का भुगतान करते वक्त आपके क्लेम की उचित रकम और साथ ही आपके कार इंश्योरेंस के लिए ये हमें उचित प्रीमियम तय करने में भी मदद करती है।
इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू आपके मनपसंद कार इंश्योरेंस की जान है। आपकी IDV आपके वाहन का प्रीमियम तय करती है। आपकी IDV और प्रीमियम के बीच सीधा संबंध होता है।
अगर IDV ज्यादा है तो प्रीमियम भुगतान भी ज्यादा होता है। क्षति होने पर आप अपनी IDV की कीमत कम करके न बताएं क्योंकि इससे आपका नुकसान होगा।
IDV कैलकुलेटर बहुत महत्वपूर्ण इंश्योरेंस कैलकुलेटर टूल्स में से एक है क्योंकि इससे न सिर्फ कार की मार्केट वैल्यू पता चलती है बल्कि इससे आपके कार इंश्योरेंस के लिए उचित प्रीमियम का पता लगाने में भी मदद मिलती है।
इससे हमें (इंश्योरेंस कंपनी) कार के चोरी हो जाने या ठीक न हो सकने वाली क्षति की स्थिति में क्लेम के वक्त उचित रकम का भुगतान करने में भी मदद मिलती है।
आपकी कार के डेप्रिसिएशन रेट के बारे में ज्यादा जानें
कार की उम्र |
डेप्रिसिएशन % |
6 माह या उससे कम |
5% |
6 महीने से 1 वर्ष |
15% |
1 वर्ष से 2 वर्ष |
20% |
2 वर्ष से 3 वर्ष |
30% |
3 वर्ष से 4 वर्ष |
40% |
4 वर्ष से 5 वर्ष |
50% |
उदाहरण के तौर पर : अगर आपकी कार 6 महीने से कम पुरानी है और उसकी एक्स शोरूम कीमत 100 रुपए है, तो डेप्रिसिएशन रेट केवल 5% होगा।
इसका मतलब कार खरीदने के बाद उसकी IDV गिरकर 95 रुपए रह जाती है। 6 माह से 1 साल के बीच के वाहनों की कीमत गिरकर 85 रुपए रह जाएगी। इसी तरह 1 से 2 वर्ष के बीच के वाहनों की कीमत 80 रुपए रह जाएगी। 2 से 3 वर्ष के बीच के वाहनों की कीमत गिरकर 70 रुपए हो जाएगी। ऐसा तब तक चलता रहेगा जब तक वाहन 5 वर्ष पुराना नहीं हो जाता जिसके बाद कीमत 50 प्रतिशत गिरकर सिर्फ 50 रुपए रह जाती है।
अगर आपकी कार 5 साल से ज्यादा पुरानी है तो IDV आपकी कार की स्थिति पर निर्भर करेगी। इसमें मैन्युफैक्चरर, मॉडल और उसके स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता शामिल है।
दोबारा बेचते वक्त, IDV आपकी कार की मार्केट वैल्यू को दर्शाती है। हालांकि, अगर आपने अपनी कार को अच्छे से नई जैसी रखा है तो आप हमेशा ही IDV से ज्यादा कीमत की उम्मीद कर सकते हैं। अंत में सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपनी कार को कितना संभाल कर रखा है।
इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू और आपकी कार का इंश्योरेंस प्रीमियम साथ साथ चलते हैं। इसका मतलब है जितनी ज्यादा कार की IDV होगी, प्रीमियम भी उतना ज्यादा होगा। और जैसे-जैसे कार पुरानी होती जाएगी और IDV घटती जाएगी, प्रीमियम भी कम होता जाएगा।
साथ ही, जब भी आप अपनी कार को बेचना चाहेंगे तो ज्यादा IDV होने पर आपको कार की ज्यादा कीमत मिलेगी। कीमत पर कार के इस्तेमाल, पिछले कार इंश्योरेंस क्लेम आदि का भी प्रभाव पड़ता है।
तो जब भी आप अपनी कार के लिए उपयुक्त इंश्योरेंस पॉलिसी चुन रहे हों, तो प्रीमियम के साथ ही IDV पर भी गौर करें।
जो कंपनी आपको कम प्रीमियम की सुविधा दे रही हो, हो सकता है वो IDV भी कम लगा रही हो। कार को पूरी तरह नुकसान पहुंचने पर, ज्यादा IDV से आपको ज्यादा मुआवजा मिलता है।
हम इंश्योरेंस को इस तरह समझाएंगे जिसे 5 साल का बच्चा भी आसानी से समझ सके।
आप एक महंगी घड़ी खरीदते हैं। एक दिन आप पता लगाना चाहते हैं कि घड़ी बेचने पर आपको कितनी कीमत मिलेगी। आप उसे घड़ी बनाने वाले के पास ले जाते हैं। घड़ी बनाने वाला घड़ी को ध्यान से देखता है और आपको बताता है कि ये ग्लास, मेटल, लेदर और पेचों (स्क्रू) से बनी है। तो पहले वो इन सभी सामग्रियों की कीमत जोड़ेगा फिर वो आपसे पूछेगा कि घड़ी कितनी पुरानी है। आप उसको बताते हैं कि घड़ी 5 साल पुरानी है। वो इस बात को भी लिख लेता है। इन सब बातों के आधार पर वो आपको बताता है कि आपकी घड़ी 500 रुपए में बिकेगी। इस स्थिति में 500 रुपए आपकी IDV हुई।