कमर्शियल और व्यावसायिक जगह के लिए ऑफिस इंश्योरेंस पॉलिसी
जीरो पेपरवर्क ऑनलाइन प्रक्रिया

ऑफ़िस इंश्योरेंस ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी होती है जो ऑफ़िस और वहां मौजूद सामान को सुरक्षा देती है। गो डिजिट, भारत सूक्ष्म उद्योग सुरक्षा पॉलिसी (UIN – IRDAN158RP0080V01202021) आपको आगजनी और बाढ़, भूकंप जैसी दूसरी प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देती है। हालांकि, बहुत सारी व्यावसायिक संपत्तियों में चोरी का जोखिम होता है, इसलिए हम गो डिजिट की भारत सूक्ष्म उद्यम सुरक्षा पॉलिसी के साथ ही एक अलग बर्गलरी पॉलिसी, डिजिट बर्गलरी इंश्योरेंस पॉलिसी (UIN - IRDAN158RP0019V01201920) भी ऑफ़र करते हैं। इस तरह, आपके ऑफ़िस को आगज़नी और प्राकृतिक आपदाओं और चोरी या सेंधमारी की वजह से हुए नुकसान या क्षति दोनों से ही सुरक्षा रहती है। 

ऑफिस इंश्योरेंस लेना चाहिए या नहीं, जानना चाहते हैं?

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फ़िक्की- पिंकर्टन की ओर से किए गए इंडिया रिस्क सर्वे 2021 के मुताबिक, भारत में आगजनी के 9,329 मामले दर्ज किए गए, जो कई कंपनियों के लिए चिंता का विषय है।

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कारोबार करने और इसे चलाए रखने में आगजनी को चौथा सबसे बड़ा जोखिम माना जाता है। (1)

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यूनाइटेड नेशन ऑफ़िस ऑफ रिस्क रिडक्शन (UNDRR) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2000 और 2019 के बीच प्राकृतिक आपदाओं के मामले में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। (2)  

डिजिट के ऑफिस इंश्योरेंस पॉलिसी में बेहतरीन क्या है?

पैसों का पूरा फ़ायदा: हम समझते हैं कि बिज़नेस चलाने के लिए बहुत सारा पैसा निवेश किया जाता है। इसलिए ऑफिस इंश्योरेंस कराना ज़रूरी हो जाता है। इसके साथ ऑफिस और इसके ज़रूरी सामान को कवरेज मिल जाती है। लेकिन जहां प्रॉपर्टी इंश्योरेंस प्रीमियम काफी ज़्यादा होते हैं। डिजिट में आपकी संपत्ति को कवरेज देने के लिए किफ़ायती प्रीमियम ही ऑफ़र किए जाते हैं।

पूरी सुरक्षा: प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप से लेकर आग और बर्गलरी तक से इसमें कवरेज मिल जाती है। हमारा ऑफिस इंश्योरेंस का पूरा पैकेज है, जिसमें सारे फ़ायदे एक ही पॉलिसी में मिल जाते हैं।

डिजिटल फ्रेंडली: डिजिट भारत की शुरुआती डिजिटल कंपनी में से एक है। इसलिए इसमें ऑफिस इंश्योरेंस खरीदने से लेकर इसे क्लेम करने तक सारी प्रक्रिया डिजिटल ही होती हैं। तो जब कोई इंस्पेक्शन होगा तो आपको एक स्मार्ट फोन और हमारे डिजिट एप की ज़रूरत होगी। इसके साथ आप जल्द सेल्फ-इंस्पेक्शन प्रक्रिया पूरी कर पाएंगे। (1 लाख रुपए के क्लेम के अलावा, आईआरडीएआई (IRDAI) के मुताबिक इससे ज़्यादा के क्लेम मैन्युअली ही किए जाने चाहिए।

सभी तरह के बिज़नेस को कवर करे: चाहे आप बड़े ऑफिस को कवर कराना चाहें या फिर छोटे ऑफिस को, हम हर तरह के बिज़नेस को कवर करते हैं।

पूरी सुरक्षा: बाढ़, भूकंप और आगजनी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देने वाला हमारा ऑफ़िस इंश्योरेंस एक संपूर्ण पैकेज है जो एक पॉलिसी में ही सभी फायदे देता है।

डिजिट के ऑफ़िस इंश्योरेंस में क्या कवर होता है?

क्या कवर नहीं होता है?

  • किसी के द्वारा जानबूझकर, सोच-समझकर या इरादतन किए गए नुकसान को कवर नहीं किया जाता है। 

  • किसी भी परिणामी नुकसान को कवर नहीं किया जाता है। 

  • रहस्यमयी तरीके से लापता होने और अस्पष्ट व्याख्या वाले नुकसान को कवर नहीं किया जाएगा।

  • अतिरिक्‍त मूल्‍यवान वस्‍तुएं जैसे क्युरियोस, कला का कार्य या अनसेट कीमती पत्‍थर शामिल नहीं होंगे।

  • मशीनरी खराब होना जो प्राकृतिक आपदा, आग, विस्फ़ोट, धमाका वगैरह का परिणाम नहीं है, को कवर नहीं किया जाएगा।

  • युद्ध, या परमाणु आपदा की वजह हुए नुकसान को कवर नहीं किया जाएगा। 

ऑफिस इंश्योरेंस प्लान के प्रकार

डिजिट का हमारा इंश्योरेंस आपके ऑफ़िस को आग और प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और भूकंप से सुरक्षा देते हगी। लेकिन ऑफ़िसों को चोरी का भी जोखिम होता है, इसलिए चोरी या सेंधमारी को अलग पॉलिसी में कवर करते हैं। सरल शब्दों में कहें हो, हमारे पास नीचे बताए गए अलग-अलग कवर के विकल्प हैं:

विकल्प 1 विकल्प 2 विकल्प 3
सिर्फ ऑफिस के सामान को कवर करे। ऑफिस और इसका सामान दोनों कवर करे। आपकी इमारतें कवर करे।
  • ‘कंटेंट’ क्या है?: ऑफ़िस इंश्योरेंस में कंटेंट या सामान आपके ऑफ़िस में प्राथमिक चीज़ों को कहते हैं। उदाहरण के लिए, अगर ऑफ़िस का सामान भूकंप या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसे इस पॉलिसी में कवर किया जाएगा।  

  • बिल्डिंग से क्या मतलब है?:ऑफिस इंश्योरेंस में बिल्डिंग का मतलब ऑफिस की इमारत है।

ऑफिस इंश्योरेंस की ज़रूरत किसे होती है?

किराएदार

ज्यादातर यही माना जाता है कि प्रॉपर्टी इंश्योरेंस उन्हीं लोगों के लिए है जिनके पास अपनी संपत्ति है। डिजिट में हम किराए के ऑफिस मालिकों के लिए भी प्रॉपर्टी इंश्योरेंस देते हैं। अगर आप भी कैटेगरी में आते हैं तो प्रॉपर्टी इंश्योरेंस आपके लिए ही डिज़ाइन किया गया है!

छोटे बिजनेस मालिक

अगर आपका ऑफिस बहुत छोटा है तो भी डिजिट का ऑफिस इंश्योरेंस आपके लिए है। ऑफिस इंश्योरेंस से आपके बिज़नेस को होने वाले नुकसान जैसे बर्गलरी, प्राकृतिक आपदा वगैरह से कवरेज मिल जाती है।

मीडियम बिज़नेस के मालिक

अगर आप जनरल स्टोर की चेन के मालिक हैं या आपके पास रेस्टोरेंट या मीडियम आकार का बिज़नेस है तो हमारा प्रॉपर्टी इंश्योरेंस इनको कवर करता है। ये इंश्योरेंस चोरी, आग, प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफ़ान और भूकंप वगैरह से होने वाले नुकसान से बिज़नेस को कवर करता है।

बड़ा बिज़नेस

अगर आपके पास बहुत संपत्ति है जिसमें आप बड़ा बिज़नेस भी चलाते हैं तो प्रॉपर्टी इंश्योरेंस ज़रूरी हो जाता है। इसमें सिर्फ एक नहीं बल्कि सभी संपत्ति को कवर किया जा सकता है। इससे बिज़नेस में खतरा तो कम होता ही है लेकिन एक ज़िम्मेदार बिज़नेसमैन होने के नाते ये आपकी साख को भी सुधारता है।

ऑफिस इंश्योरेंस के क्या फ़ायदे होते हैं?

भारत में बिल्डिंग इंश्योरेंस के प्रमुख फ़ायदों को जानिए:

  • विपरीत परिस्थितियों में कवरेज – ये आपके ऑफिस और इसके सामान की विपरीत परिस्थितियों जैसे आग, बर्गलरी, प्राकृतिक आपदा और विस्फोट में भी सुरक्षा करता है।
  • बिज़नेस के ख़तरे को कम करे –ऑफिस इंश्योरेंस में ऑफिस और इसके सामान को कवर करने वाली कस्टमाइज़ पॉलिसी भी होती हैं। इससे आग, भूकंप, बाढ़ और बर्गलरी वगैरह से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है
  • मन की शांति – जब आपको पता होता है कि आपका ऑफिस सुरक्षित है तो आपको अपनी दुकान कि चिंता नहीं करनी पड़ती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपको इंश्योरेंस देने वाली कंपनी ये चिंता कर रही होती है!

ऑफिस इंश्योरेंस प्रीमियम की गणना कैसे की जाती है?

आपका बिल्डिंग इंश्योरेंस प्रीमियम निम्न तथ्यों से प्रभावित होता है:

  • बिल्डिंग का प्रकार- आप किस तरह की बिल्डिंग का इंश्योरेंस करा रहे हैं, इसका आपके ऑफिस इंश्योरेंस प्रीमियम पर सीधा असर पड़ता है। उदाहरण के लिए एक फ्लोर ऑफिस कि तुलना में पूरी बिल्डिंग का प्रीमियम ज़्यादा होगा।
  • बिल्डिंग कितनी पुरानी है- किसी भी दूसरी इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह उम्र का प्रीमियम की क़ीमत पर गहरा असर पड़ता है। बिल्डिंग जितनी पुरानी होगी, उसका प्रीमियम उतना ही कम होगा।
  • प्रॉपर्टी का आकार – जिस ऑफिस का इंश्योरेंस किया गया है, वो कितना बड़ा है, इसका भी इंश्योरेंस प्रीमियम पर असर पड़ता है। ऐसा इसलिए है कि क्योंकि बड़ी संपत्ति की सम इंश्योर्ड भी ज़्यादा होगी और ऑफिस इंश्योरेंस प्रीमियम भी।
  • सुरक्षा उपाय– बहुत से ऑफिस में काफी सारे सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल किया गया होता है ताकि वे बर्गलरी और आग से सुरक्षित रहें। अगर आपके ऑफिस में ऐसा है तो ख़तरे के साथ ऑफिस इंश्योरेंस प्रीमियम भी कम ही होगा।
  • अतिरिक्त कवरेज –ऑफिस इंश्योरेंस ऑफिस और इसके ज़रूरी कंटेंट को ही कवर करता है। वहां कई दूसरी महंगी चीजें भी होती हैं जैसे आर्ट,कलाकृतियां और महंगी ज्वेलरी। इनको कवर करने के लिए आप अतिरिक्त ऐड-ऑन चुन सकते हैं जो आपको बेहतर कवरेज देंगे। लेकिन इसी हिसाब से आपका प्रीमियम भी बढ़ जाएगा।

मुझे ऑनलाइन ऑफिस इंश्योरेंस पॉलिसी क्यों लेनी चाहिए?

ऑफ़लाइन कई सारे ऑफिस इंश्योरेंस मिल जाते हैं, ऐसा पारंपरिक इंश्योरेंस कंपनी के साथ भी होता है।

हालांकि ऑनलाइन ऑफिस इंश्योरेंस को खरीदना कई मायनों में आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है:

  • आपका समय बचाए: अपने ऑफिस स्पेस के लिए इंश्योरेंस कुछ समय में ही ख़रीदा जा सकता है।
  • जल्द क्लेम: हमारे जैसे ऑनलाइन इंश्योरेंस के साथ क्लेम और सेटलमेंट दोनों ही आसानी से हो जाते हैं. ऐसा हमारी स्मार्टफोन-इनेबल्ड सेल्फ-इंस्पेक्शन प्रक्रिया के चलते हो पाता है।
  • कम पेपरवर्क: डिजिटल इंश्योरेंस कंपनी होते हुए हम मुश्किल से ही किसी पेपर का इस्तेमाल करते हैं। हम इसका तब ही इस्तेमाल करते हैं, जब बहुत ज़रूरी होता है। स्थिति के हिसाब से हम एक या दो डॉक्यूमेंट की मांग कर सकते हैं।

बिल्डिंग इंश्योरेंस प्लान की तुलना करने के टिप्स

सही ऑफिस इंश्योरेंस चुनना काफी कठिन हो सकता है। आख़िरकार आप अपने बिज़नेस और ऑफिस की सुरक्षा का निर्णय लेने वाले हैं!

अपने ऑफिस के लिए सही इंश्योरेंस लेने का निर्णय आसान बनाना है तो यहां पर कुछ बातें बताई गई हैं:

  • कवरेज के फ़ायदे- आपके इंश्योरेंस का सबसे ज़रूरी हिस्सा है आपको मिलने वाली कवरेज। आपके ऑफिस इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होता है? क्या इसमें ऑफिस स्पेस कवर होगा या इसमें ऑफिस का सामान भी कवर किया जाएगा। बेहतरीन प्लान के लिए हमेशा देखें कि क्या कवर होगा और क्या नहीं।
  • सम इंश्योर्ड- सम इंश्योर्ड वो अधिकतम अमाउंट होती है, जिसके लिए क्लेम के समय आपको कवरेज मिलती है। तो वो ऑफिस इंश्योरेंस चुनिए जो सम इंश्योर्ड ऑफिस में मौजूद सामान के कुल मूल्य के आधार पर तय करने दे। याद रखिए, ज़्यादा सम इंश्योर्ड का मतलब ज़्यादा इंश्योरेंस प्रीमियम भी होता है।
  • क्लेम करने में सुविधा – इंश्योरेंस के मामले में क्लेम सबसे ज़रूरी हो जाता है। क्योंकि जब आपको नुकसान होता है तब इसी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। इसलिए आप वो ऑफिस इंश्योरेंस ही चुनें जिनका क्लेम सेटलमेंट रिकॉर्ड अच्छा हो। आप ज़रूर ऐसी इंश्योरेंस कंपनी को चुनेंगे, जिनका क्लेम सेटलमेंट रेशियो अच्छा हो और ये जल्दी भी होते हों!
  • मिलने वाले ऐड-ऑन – कई बार आपको बेसिक प्लान की तुलना में कुछ ज़्यादा कवरेज चाहिए होती है। इस वक्त ऐड-ऑन काम आते हैं। अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी के पास अलग-अलग ऐड-ऑन होते हैं। आप विकल्पों की तुलना करके देखें कि आपके और ऑफिस के लिए क्या बेस्ट रहेगा।

भारत में ऑनलाइन ऑफिस इंश्योरेंस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या भारत में ऑफिस इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है?

नहीं, ऑफिस इंश्योरेंस भारतीय क़ानून के हिसाब से अभी अनिवार्य नहीं है। लेकिन नुकसान से बचने की सलाह हमेशा ही दी जाती है। इस तरह से, ऑफिस और इसके सामान को खराब परिस्थितियों में भी कवरेज मिल जाती है।