सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस

Zero Paperwork. Quick Process.

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, हेल्थ इंश्योरेंस के एक्सटेंशन (विस्तार) की तरह है जिसका उपयोग आप तब कर सकते हैं जब आप अपने कॉरपोरेट इंश्योरेंस में पहले से ही अधिकतम क्लेम राशि (वर्ष के दौरान) का उपयोग कर चुके हों या अपनी जेब से कुछ राशि का भुगतान करने के लिए काफी हद तक सक्षम हों, लेकिन महंगाई के कारण आपको कवर करने के लिए हेतु एक हेल्थ इंश्योरर की आवश्यकता हो।

सुपर टॉप-अप प्लान के बारे में सबसे खास बात यह है कि यह दिए गए पॉलिसी वर्ष के भीतर संचित मेडिकल खर्च के क्लेम को कवर करता है जब आपकी कटौती की राशि, नियमित टॉप-अप (जिसमें केवल क्लेम को कवर किया जाता है) से अधिक हो जाती है।

सुपर टॉप-अप को उदाहरण से समझें

सुपर टॉप-अप इंश्योरेंस (डिजिट हेल्थ केयर प्लस) अन्य टॉप-अप प्लान
चुना गया डिडक्टेबल (कटौती की राशि) 2 लाख 2 लाख
चुनी गई इंश्योर्ड राशि 10 लाख 10 लाख
साल का पहला क्लेम 4 लाख 4 लाख
आप भुगतान करेंगे 2 लाख 2 लाख
आपके टॉप-अप इंश्योरर भुगतान करेंगे 2 लाख 2 लाख
साल का दूसरा क्लेम 6 लाख 6 लाख
आप भुगतान करेंगे कुछ नहीं! 😊 2 लाख (डिडक्टेबल चुनने पर)
आपके टॉप-अप इंश्योरर भुगतान करेंगे 6 लाख 4 लाख
साल का तीसरा क्लेम 1 लाख 1 लाख
आप भुगतान करेंगे कुछ नहीं! 😊 1 लाख
आपके टॉप-अप इंश्योरर भुगतान करेंगे 1 लाख 1 कुछ नहीं! ☹

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस के क्या लाभ हैं?

महामारी को कवर करता है - हम जानते हैं कि कोविड-19 हमारे जीवन में बहुत अधिक अनिश्चितता लेकर आया है। महामारी होने के बावजूद अन्य बीमारियों के अलावा कोविड-19 भी इसमें शामिल है।

अपनी डिडक्टेबल राशि का केवल एक बार भुगतान करें - सुपर टॉप-अप इंश्योरेंस लेने पर, आपको अपनी डिडक्टेबल राशि का केवल एक बार भुगतान करने की आवश्यकता होती है और फिर आप एक साल में कई बार क्लेम कर सकते हैं। यह है सच्चा डिजिट स्पेशल! 😊

हेल्थकेयर की जरूरतों के मुताबिक अपनी सुपर टॉप-अप पॉलिसी को कस्टमाइज करें: आप डिडक्टेबल के तौर पर 1, 2, 3 और 5 लाख में से एक को चुन सकते हैं और अपनी इंश्योरेंस राशि के रूप में 10 लाख से 20 लाख रुपए के बीच चयन कर सकते हैं।

रूम रेंट पर कोई पाबंदी नहीं: हर किसी की अलग-अलग प्राथमिकताएं होती हैं और हम इसे समझते हैं। इसलिए, हमारे पास रूम रेंट पर कोई प्रतिबंध नहीं है! अस्पताल में अपनी पसंद का कोई भी कमरा चुनें।

किसी भी अस्पताल में इलाज कराएं: कैशलेस क्लेम के लिए भारत में हमारे 16400+ अस्पतालों के नेटवर्क में से कोई भी चुनें या फिर आप इलाज के बाद बिल जमा कर पैसे वापस मांगने का भी विकल्प चुन सकते हैं।

आसान ऑनलाइन प्रक्रिया: सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से लेकर पेपरलेस, आसान, त्वरित और चिंता मुक्त क्लेम करने तक की आसान प्रक्रिया! क्लेम के लिए भी किसी हार्ड कॉपी की जरूरत नहीं है!

आपको सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए?

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस किसे खरीदना चाहिए?

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस में क्या कवर होता है?

फायदे

यह एक बार डिडक्टेबल पूरे होने जाने के बाद, पॉलिसी वर्ष में संचयी मेडिकल खर्चों पर किए गए क्लेम का भुगतान करता है। इसके उलट, सामान्य टॉप-अप इंश्योरेंस में लिमिट खत्म होने के बाद सिर्फ एक क्लेम का भुगतान होता है।

अपने डिडक्टेबल का भुगतान सिर्फ एक बार करें- डिजिट स्पेशल

यह सभी बीमारियों, दुर्घटना, और यहां तक कि गंभीर बीमारी की वजह से होने वाले हॉस्पिटलाइजेशन को कवर करता है। इसे आपकी डिडक्टेबल की सीमा खत्म हो जाने के बाद, आपकी कुल इंशयोर्ड राशि के बराबर खर्च होने तक कई बार के हॉस्पिटलाइजेशन को कवर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ 24 घंटे से ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने के लिए मेडिकल खर्च को कवर करता है। डे केयर प्रोसिडर किसी अस्पताल में किए गए ऐसे इलाज को कहते हैं, जिनमें तकनीकी प्रगति की वजह 24 घंटे से कम समय की जरूरत होती है।

यह पहले से मौजूद/खास बीमारी के लिए क्लेम करने के लिए आपको इतने समय तक इंतजार करने की अवधि होती है।

4 साल/2 साल

अलग-अलग कैटगरी के अस्पताल के कमरों का किराया अलग-अलग होता है। जैसे, होटल के कमरे का किराया होता है। डिजिट के कुछ प्लान में आपके रूम रेंट की कोई सीमा तब तक नहीं होती, जब तक कि यह आपके कुल इंशयोर्ड राशि से कम हो।

रूम रेंट की कोई सीमा नहीं – डिजिट का खास

आईसीयू (इंटेनसिव केयर यूनिट) गंभीर मरीजों के लिए होते हैं। आईसीयू में देखभाल का स्तर बहुत ज़्यादा होता है, इसलिए इसका किराया भी ज्यादा होता है। डिजिट में इस किराए की तब तक कोई सीमा नहीं है, जब तक कि यह जब तक कि यह आपके कुल इंशयोर्ड राशि से कम हो।

कोई सीमा नहीं

एंबुलेंस सेवाएं सबसे जरूरी मेडिकल सेवाओं में से होती हैं क्योंकि वे न सिर्फ बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में मदद करती हैं बल्कि मेडिकल इमरजेंसी में जरूरी बुनियादी सुविधाएं भी देती हैं। इस सुपर टॉप-अप पॉलिसी के तहत एंबुलेंस के खर्च को कवर किया जाता है।

अपने पूरे स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए सालाना हेल्थ चेक-अप जरूरी होते हैं। यह एक रिन्यूअल फायदा है जिसमें आपको अपनी पसंद के किसी भी अस्पताल में, किसी भी तरह के सालाना हेल्थ चेक-अप और टेस्ट का रिएम्बर्स मिलता है।

यह अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद में होने वाले सभी खर्च जैसे डायग्नोसिस, टेस्ट और रिकवरी के खर्च को कवर करता है।

इसे आप अस्पताल में भर्ती होने के बाद डिस्चार्ज होने के समय के सभी मेडिकल खर्चों को कवर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए किसी बिल की जरूरत नहीं होती। आप इस फायदे का इस्तेमाल करना या तो रीइंबर्स की प्रक्रिया के जरिए चुन सकते हैं या अस्पताल में भर्ती होने के बाद के मानक फायदे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर किसी ट्रॉमा की वजह से किसी को मनोचिकित्सा के इलाज के अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, तो वाह इस फायदे के तहत कवर होगा। हालांकि, ओपीडी में दिखाने का खर्च इसमें कवर नहीं होता।

यह कवर उनके लिए है जो लोग मोटापा (बीएमआई > 35) की वजह से अंगों की दिक्कतें झेल रहे हैं। हालांकि, इस मामले में भी खाने के डिसऑर्डर, हार्मोन्स या किसी और इलाज की जा सकने वाली बीमारी वजह से हुए मोटापा के लिए हुई इस सर्जरी का खर्च कवर नहीं होगा।

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क्या शामिल नहीं है?

आप तब तक क्लेम नहीं कर सकते हैं जब तक कि आप अपनी डिडक्टेबल राशि को पूरा खर्च नहीं करते

आप अपने टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस में सिर्फ तभी क्लेम कर सकते हैं जब आप अपने मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की क्लेम राशि पहले ही खर्च कर चुके हों या अपनी जेब से उक्त डिडक्टेबल राशि खर्च कर चुके हों। हालांकि, अच्छी बात यह है कि आप केवल एक बार अपने डिडक्टेबल भुगतान करते हैं।

पहले से मौजूद बीमारी

पहले से मौजूद बीमारी के मामले में जब तक प्रतीक्षा अवधि खत्म नहीं हो जाती, तब तक उस बीमारी के लिए क्लेम नहीं किया जा सकता है।

डॉक्टर के परामर्श के बिना अस्पताल में भर्ती

किसी भी स्थिति में अगर आप अस्पताल में भर्ती होते हैं और वह डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन से मेल नहीं खाता, तो उसे कवर नहीं किया जाएगा।

प्रसव से पहले और प्रसव के बाद का खर्च

अस्पताल में भर्ती हुए बिना प्रसव से पहले और प्रसेव के बाद के चिकित्सा खर्च को कवर नहीं किया जाएगा।

क्लेम कैसे करें?

पैसे वापस लेने का क्लेम - अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में दो दिनों के भीतर हमें 1800-258-4242 पर सूचित करें या हमें healthclaims@godigit.com पर ईमेल करें। हम आपको एक लिंक भेजेंगे जहां आप पैसे वापस लेने की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए अपने अस्पताल के बिल और सभी उपयुक्त दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं।

कैशलेस क्लेम - नेटवर्क अस्पताल चुनें। आप यहां नेटवर्क अस्पतालों की पूरी सूची देख सकते हैं। अस्पताल के हेल्पडेस्क पर ई-हेल्थ कार्ड देखें और कैशलेस रिक्वेस्ट फॉर्म मांगें। यदि सब कुछ सही रहा, तो आपके क्लेम पर उसी समय कार्रवाई हो जाएगी।

यदि आपने कोरोनावायरस के लिए दावा किया है, तो सुनिश्चित कर लें कि आपके पास आईसीएमआर (ICMR) के अधिकृत केंद्र - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे से मंंजूरी प्राप्त पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट हो।

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस के प्रमुख लाभ

डिडक्टेबल्स केवल एक बार भुगतान करें
को-पेमेंट कोई उम्र आधारित को-पेमेंट नहीं
कैशलेस अस्पताल पूरे भारत में 16400+ कैशलेस अस्पताल
रूम रेंट की सीमा रूम रेंट की सीमा नहीं है। अपनी पसंद का कोई भी रूम चुनें।
क्लेम प्रक्रिया डिजिटल फ्रेंडली, हार्ड कॉपी की जरूरत नहीं!
कोविड-19 में उपचार कवर किया जाएगा

भारत में सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सुपर टॉप-अप प्लान साझे खर्च के आधार पर काम करता है। इसका मतलब है कि पूरा खर्च आपके सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरर द्वारा वहन नहीं किया जाता, लेकिन आपकी डिडक्टेबल राशि के आधार पर इसका केवल एक हिस्सा कवर किया जाता है। यदि आपके सुपर टॉप-अप प्लान में 2 लाख रुपए की डिडक्टेबल राशि है, तो आपका सुपर टॉप-अप प्लान 2 लाख से अधिक के क्लेम के लिए कवर देगा।

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस और रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बीच मुख्य अंतर यह है कि आपके हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में आपका संपूर्ण या आपके अस्पताल में भर्ती होने के खर्च का 70% (आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर) कवर किया जाएगा।

हालांकि, एक सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस केवल आपकी निश्चित सीमा से ऊपर के खर्चों को कवर करता है।

उदाहरण के लिए: अगर आपका सुपर टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी 5 लाख के बाद ही आपको कवर देता है, तो इसका मतलब है कि अगर आपका बिल 8 लाख है, तो आपको अपनी जेब से या आपकी स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से 5 लाख रुपए खर्च करने के बाद, सिर्फ़ 3 लाख का कवर दिया जाएगा।

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान कम कीमत पर उपलब्ध होने की बुनियादी वजह यह है कि क्लेम की पूरी लागत सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरर द्वारा वहन नहीं की जाती है। इसके अलावा, लागत केवल तभी वहन की जाती है जब कोई व्यक्ति डिडक्टेबल सीमा पार कर लेता है।

आपने शायद टॉप-अप और सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस दोनों के बारे में पढ़ा होगा और आप ये सोच रहे होंगे कि वास्तव में इन दोनों के बीच क्या अंतर है।

सरल शब्दों में, टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ उस खर्च के लिए कवर देगा जब सिंगल क्लेम डिडक्टेबल्स सीमा से अधिक हो जाएगा।

हालांकि, सुपर-टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस खर्च के लिए कवर करेगा, भले ही वर्ष के दौरान एक से अधिक क्लेम डिडक्टेबल सीमा से अधिक हो जाएं।

उदाहरण के लिए: अगर आपने 5 लाख के डिडक्टेबल टॉप अप प्लान का विकल्प चुना है और साल के दौरान, आपके पास चार-चार लाख के दो क्लेम हैं, तो आपका टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस किसी भी क्लेम को कवर नहीं करेगा, क्योंकि कोई भी सिंगल प्लान 5 लाख से ज्यादा नहीं है।

हालांकि, सुपर टॉप-अप प्लान में इसे कवर करेगा क्योंकि साल के दौरान क्लेम की कुल राशि 8 लाख रुपए है, इसलिए बाकी के 3 लाख रुपए के लिए कवर मिलेगा।

डिडक्टिबल वह राशि है जो आपको या आपके प्राथमिक इंश्योरर को आपके सुपर टॉप-अप इंश्योरेंस द्वारा आपके लिए भुगतान करने से पहले चुकानी पड़ती है।

उदाहरण के लिए, अगर आपने अपनी डिडक्टेबल के रूप में 2 लाख रुपए के टॉप-अप या सुपर टॉप-अप प्लान और अपनी बीमा राशि के रूप में 20 लाख रुपए का चयन किया है।

एक क्लेम के दौरान यदि आपके पास कुल 3 लाख रुपए का क्लेम है तो आपका सुपर टॉप-अप इंश्योरेंस शेष एक लाख के लिए क्लेम देगा जबकि आपको पहले 2 लाख का भुगतान (अपनी जेब से या अपने ग्रुप मेडिकल प्लान /प्राथमिक हेल्थ इंश्योरेंस के माध्यम से) करना होगा।

हां, डिजिट का सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा आयुष के माध्यम से उपचार के लिए भी कवर प्रदान किया जाता है।

18 से 65 वर्ष की आयु के बीच कोई भी व्यक्ति सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के पात्र है।

व्यक्ति की उम्र जितनी ज्यादा होगी उसका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम उतना ही ज्यादा होगा। इसका मतलब है कि एक साल में स्वास्थ्य के देखभाल पर कुल खर्च आपके कॉर्पोरेट प्लान या बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस से अधिक हो सकता है।

अधिकांश लोग आर्थिक अनिश्चितताओं को कम करने के लिए टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं, जबकि टॉप-अप और सुपर टॉप-अप दोनों ही तय डिडक्टेबल से ऊपर जाने पर खर्चों का प्रबंधन करने में मदद करते हैं। सुपर टॉप-अप प्लान तब लागू होता है जब वर्ष में कुल खर्च डिडक्टेबल से ऊपर हो जाता है, जबकि टॉप-अप प्लान केवल सिंगल क्लेम पर लागू होता है।

इसलिए, आर्थिक नजरिए से, सुपर टॉप-अप प्लान आपको अधिक लाभ उठाने में मदद करता है!

सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस की अवधारणा यह है कि एक बार जब आप वर्ष के दौरान स्वास्थ्य संबंधी क्लेम पर अपनी डिडक्टेबल राशि के बराबर खर्च कर लेते हैं, तो आप अतिरिक्त कवरेज के लिए अपने सुपर टॉप-अप प्लान का उपयोग कर सकते हैं। इसका मतलब है, यदि आपके पास 3 लाख रुपए तक का कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस है और 10 लाख रुपए का सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस है तो आपके पास कुल 13 लाख की इंश्योरेंस राशि होगी।

आपके सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करने वाले कारकों में आपकी आयु, भौगोलिक स्थिति और आपके द्वारा अपने सुपर टॉप-अप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के हिस्से के रूप में चुनी गई डिडक्टेबल और इंश्योरेंस राशि शामिल हैं।