आप अपने लिए सबसे अच्छे का चुनाव करते हुए हमेशा ही सावधानी बरतते हैं। चाहे सही नौकरी चुननी हो, डाइट प्लान का चुनाव करना हो या फिर कार खरीदनी हो जो आपकी जरूरतों के हिसाब से हो। लेकिन जब बात हेल्थ इंश्योरेंस की आती है क्या तब भी ऐसा ही होता है? हम सोचते हैं, हमारे पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो सब ठीक है। लेकिन सम इंश्योरड का सही चुनाव भी उतना ही जरूरी है जितना सही हेल्थ इंश्योरेंस को चुनना।
जरूरत के समय सम इंश्योरड कम होने से बेहतर है कि ये न ही हो। क्योंकि आप प्रीमियम का भुगतान कर ही रहे हैं और आपके पास ये कवर था इसलिए आपने हेल्थ के लिए बचत भी नहीं की थी।
थोड़ा समय लेकर कुछ हैरान करने वाले तथ्यों को जान लीजिए:
"5 में से 1 कैंसर के मरीज की उम्र 36 से 45 साल के बीच होती है."
सोर्स: Times of India
"एक कैंसर का मरीज इलाज, दवाओं और इससे जुड़ी अन्य देखभाल पर करीब 20 लाख रुपए खर्च करता है।"
सोर्स: All India Institute of Medical Sciences
तो अगर हमें लगता है कि हम जरूरत के समय 20 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं तो भी क्या ये सही है कि जीवन भर की बचत को इसमें लगा दिया जाए।
अब बताइए कि इसका हल क्या है। क्योंकि ऐसी इमर्जेंसी में, हमारी बचत ही हमारा सहारा बनती हैं। लेकिन तब क्या होगा, जब हम कहें कि इंश्योर की हुई सही राशि के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना आपकी बचत को बचा सकता है? चलिए इसको एक उदाहरण के साथ समझते हैं।
अग्निहोत्री जी, जिनकी उम्र 30 साल है, वो 50,000 रुपए महीना कमाते हैं और हर महीने 10,000 की बचत करते हैं। 40 की उम्र पर आते-आते, वो 17 लाख जोड़ लेंगे। लेकिन जब चीजें खराब होती हैं तो अग्निहोत्री जी को कैंसर होने का पता चलता है। सोचे भी न जा सकने वाले मानसिक और शारीरिक तनाव के अलावा अग्निहोत्री जी को इलाज और दवाओं के खर्चे का इंतजाम भी करना है।
उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं है: ऐसा होने पर पूरा खर्चा अग्निहोत्री जी की बचत से ही किया जाएगा। और अगर बचत खर्चों के हिसाब से कम हुई तब वैकल्पिक इंतजाम करने होंगे जैसे लोन या परिवार और दोस्तों से मदद, इस स्थिति में अगले 10 साल तक उनके पास सुरक्षा नहीं होगी।
उनके पास अपर्याप्त सम इंश्योरड के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है: ऐसा होने पर अग्निहोत्री जी को ज्यादातर खर्चे अपनी बचत से करने होंगे क्योंकि उनकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सम इंश्योरड जितने खर्च को ही कवर कर सकेगी। तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ जरूरत के समय अग्निहोत्री जी असल में असुरक्षित ही हैं।
उनके पास पर्याप्त सम इंश्योरड के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है: ऐसा है तो ज्यादातर खर्चे हेल्थ इंश्योरेंस करने वाली कंपनी ही वहन करेगी। और अगर अग्निहोत्री जी को क्लेम का कुछ हिस्सा देना भी पड़ता है (या कोपेमेंट करनी होती है,ये नियम कई इंश्योरेंस करने वाली कंपनी बनाते हैं।) तो उनकी बचत बाकि दो मामलों के मुकाबले कम ही खर्च होती हैं। और परिवार के लिए कठिन समय होने पर कम से कम कुछ मानसिक दबाव तो कम होगा ही।
तो हम देखते हैं कि सही सम इंश्योरड के साथ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होना एक निवेश है जो आपकी बचत को जीवन भर के लिए बचा सकता है।
आपकी उम्र: आप जितनी जल्दी शुरू करेंगे, सम इंश्योरड उतनी ही ज्यादा होनी चाहिए क्योंकि जितने साल बचे हैं, उनमें सुरक्षा की ज्यादा जरूरत होगी।
आपके जीवन की स्थिति: आप जीवन की जिस स्थिति में हैं, उसके आधार पर, उदाहरण के लिए अगर आप शादी करने वाले हैं या परिवार शुरू करने वाले हैं वगैरह तो आपकी सम इंश्योरड इस दौरान स्वास्थ्य देखभाल पर हुए खर्चों के लिए जरूरी होगी।
स्वास्थ्य की स्थिति: अगर स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों का आपके परिवार में कोई भी इतिहास है तो भविष्य में किसी भी तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों की संभावना में सम इंश्योरड अहम होनी चाहिए।
परिवार पर आश्रित: अगर आप परिवार के सदस्यों के साथ फ्लोटर पॉलिसी लेने की योजना बना रहे हैं तो सम इंश्योरड में हर सदस्य की जरूरत और भविष्य में उनके लिए स्वास्थ्य लाभ पर होने वाले खर्चों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
रहन-सहन और व्यक्तिगत आदतें: काम का प्रकार, खाने से जुड़ी आदतें, तनाव का स्तर और अन्य व्यक्तिगत आदतें किसी भी व्यक्ति की भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी जरूरतों को दिखाता है। सम इंश्योरड का चुनाव करते हुए इन पर विचार जरूर किया जाना चाहिए।
जरूरी: भारत में कोरोना वाइरस इंश्योरेंस के फायदे और नुकसान के बारे में ज्यादा जानें