लॉन्ग टर्म टू-व्हीलर इंश्योरेंस के बारे में विस्तृत गाइड
अगर आपके पास टू-व्हीलर है, तो आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के अनुसार, आपके वाहन का थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर के साथ इंश्योरेंस होना अनिवार्य है।
लेकिन, यहां आश्चर्य की बात यह है!
भारत में, सड़क पर चलने वाले कुल टू-व्हीलर वाहन में से लगभग 75% के पास कोई वैलिड इंश्योरेंस कवर नहीं होता है। चौंकाने वाली बात है ना? खैर, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सोचें कि ज्यादातर वाहन सवार शोरूम से अपनी नई बाइक का इंश्योरेंस कराने के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं, तो ये आंकड़े आश्चर्यजनक नहीं लगते हैं।
हालांकि,पॉलिसी के नॉन-रिन्यूअल के मुद्दे को समझाने के लिए, देश भर की इंश्योरेंस कंपनियों ने मल्टी-ईयर या लॉन्ग- टर्म टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी की शुरुआत की है। सबसे पहले, इन मल्टी-ईयर इंश्योरेंस पॉलिसी को 3 साल की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था। अब इन्हें 5 साल तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।
नीचे 3 वर्षों के लिए बाइक इंश्योरेंस खरीदने के फायदों और ऐसा करना आपके लिए क्यों उचित है, इस बारे में विस्तार से बताया गया है ।
3 साल के लिए टू-व्हीलर इंश्योरेंस का क्या मतलब है?
3 साल का टू-व्हीलर इंश्योरेंस वाहन मालिकों को हर साल अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करने की जरूरत से मुक्त करता है।
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने मल्टी -ईयर इंश्योरेंस की यह सुविधा उन बाइक के लिए भी दे दी है जिनके पास स्टैंड अलोन थर्ड-पार्टी लायबिलिटी कवर और टू-व्हीलर वाहनों के लिए ओन डैमेज कवर के साथ संयुक्त इंश्योरेंस पॉलिसी है।
इनमें क्या शामिल है?
कवर के प्रकार |
मतलब |
थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर |
यह इंश्योरेंस पॉलिसी किसी थर्ड पार्टी की शारीरिक चोट या मृत्यु या आपके टू-व्हीलर के कारण किसी थर्ड पार्टी के वाहन को हुए नुकसान से होने वाली लायबिलिटी को कवर करती है। |
ओन डेमेज कवर |
प्राकृतिक या मानव निर्मित, अपने खुद के वाहन को हुए किसी भी नुकसान या क्षति से होने वाली लायबिलिटी को कवर करती है। |
आप एक बंडल पॉलिसी के रूप में टू-व्हीलर वाहनों के लिए 3 साल की इंश्योरेंस पॉलिसी का भी फायदा उठा सकते हैं, जिसमें 3 साल का थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर + 1 साल का ओन डैमेज कवर शामिल है।
तीन साल के कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस कवर के लिए, इनका फायदा सिर्फ उन टू-व्हीलर वाहनों के लिए लिया जा सकता है जिन्हें 1 सितंबर 2018 के बाद खरीदा गया है।
कॉम्प्रिहेंसिव टू-व्हीलर इंश्योरेंस के बारे में ज्यादा जानें।
3 साल की टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए आपका प्रीमियम क्या होगा?
3 साल के टू-व्हीलर इंश्योरेंस कवर के प्रीमियम सालाना थर्ड-पार्टी प्रीमियम भुगतान के तीन गुना होता है। यह भुगतान आपको एक ही किश्त में करना होगा। आपको याद रखना चाहिए कि:
- पूरे 3 साल की पॉलिसी अवधि के दौरान इस प्रीमियम राशि पर नेगोसिएशन या संशोधन नहीं किया जा सकता है।
- अगर आपके पास 3 साल का थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस है, तो इसे पॉलिसी अवधि के दौरान रद्द नहीं किया जा सकता है (वाहन के कुल नुकसान के मामले को छोड़कर)। वाहन के कुल नुकसान के मामले में, शेष वर्षों के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम वापस कर दिया जाएगा।
यह प्रीमियम भुगतान प्रणाली पॉलिसी होल्डर्स के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि यह उन्हें इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा लगाए गए सालान प्रीमियम दर में बढ़ोतरी से बचाता है।
दूसरी तरफ, यह इंश्योरेंस कंपनियों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह उन्हें एक बार में 3 साल के लिए प्रीमियम जमा करने का मौका देता है, जो उन्हें एडमिनिस्ट्रेटिव फीस बचाने का अवसर देता है।
इसके अलावा, और भी कई कारण हैं जिनकी वजह से 3 साल का टू-व्हीलर इंश्योरेंस वाहन मालिकों के लिए फायदेमंद होता है।
एक नज़र डालें!
लॉन्ग टर्म टू-व्हीलर इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम की कैलकुलेशन
अवधि |
प्रीमियम राशि (OD+TP) जीएसटी शामिल नहीं है |
3 वर्ष |
₹2,497 |
2 वर्ष |
₹1,680 |
1 वर्ष |
₹854 |
3 साल का लॉन्ग टर्म टू-व्हीलर इंश्योरेंस लेने के फायदे
3 साल का टू-व्हीलर इंश्योरेंस नियमित इंश्योरेंस की तुलना में कई फायदे देता है। नीचे हमने उनमें से सबसे महत्वपूर्ण को सूचीबद्ध किया है, ताकि आपके लिए किसी एक को चुनना आसान हो सके:
1. नॉन-रिन्यूअल प्रभावों से बचाव
आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी के समाप्त होने और उसके रिन्यूअल के बीच की अवधि आपको कई परेशानियों में डाल सकती है। उदाहरण के लिए, यातायात उल्लंघन के कारण भारी जुर्माने के साथ-साथ इस अवधि के दौरान किसी भी दुर्घटना की फाइनेंशियल लायबिलिटी से भारी नुकसान हो सकता है।
3 साल का बाइक इंश्योरेंस लेकर, आप कम से कम 3 साल की पॉलिसी अवधि के लिए इन जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
2. सुविधा
ज्यादातर मामलों में टू-व्हीलर मालिक अपनी 1 साल की पॉलिसी समाप्त होने के बाद अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करना भूल जाते हैं। 3-वर्षीय योजनाओं के साथ, आप वास्तव में बिना किसी परेशानी के अपनी पॉलिसी को 3 वर्षों के लिए रिन्यू करना भूल सकते हैं।
यही कारण है कि ये योजनाएं अधिक सुविधाजनक हैं, क्योंकि ये आपकी थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी को सालाना रिन्यू करने की आवश्यकता को कम करती हैं।
3. लंबे समय में किफायती
3 साल की इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ, आपको एक बार में 3 साल के लिए प्रीमियम का भुगतान करना होगा। लेकिन इस एकमुश्त खर्च के एवज में, आप लंबे समय तक अपने प्रीमियम भुगतान पर काफी बचत कर सकते हैं।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी सालाना अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए प्रीमियम दरों में बदलाव करती हैं और बढ़ोतरी करती हैं। महंगाई की वजह से प्रीमियम दरों में यह बढ़ोतरी 10-15% तक जा सकती है।
अगर आपके पास 3 साल की पॉलिसी है, तो आप पॉलिसी की समयसीमा समाप्त होने तक उच्च प्रीमियम का भुगतान करने से खुद को बचा सकते हैं। इस तरह, आपकी पॉलिसी लंबे समय में काफी किफायती हो जाती है।
4. ज्यादा आईडीवी पाएं
इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू या आईडीवी (IDV) एक वाहन के कुल नुकसान के बदले इंश्योरेंस कंपनी द्वारा तय की गई कुल इंश्योरेंस राशि है।
आईडीवी = निर्माता की रजिस्टर्ड कीमत - वाहन के डेप्रिसिएशन के हिसाब से दिया जाता है। जब आप अपने टू-व्हीलर के डेप्रिसिएशन को ध्यान में रखते हुए अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करते हैं, तो मूल्य में बदलाव किया जाता है।
जब आप 3 साल की इंश्योरेंस पॉलिसी का फायदा लेते हैं, तो उन तीन वर्षों की अवधि के लिए आपके आईडीवी में कोई बदलाव नहीं होता, जिससे आप अपने वाहन के कुल नुकसान के खिलाफ बड़ी इंश्योरेंस राशि प्राप्त कर सकते हैं।
5. ज्यादा नो क्लेम बोनस
नो क्लेम बोनस वह छूट है जो आप अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर पा सकते हैं, अगर आपने पिछले वर्ष में कोई क्लेम नहीं किया है।
तीन साल की टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ, आप एक साल की पॉलिसी के नो क्लेम बोनस का फायदा उठा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी पिछली पॉलिसी से 20% एनसीबी (NCB) है, तो यह 20% एनसीबी (NCB) आपके द्वारा सभी 3 वर्षों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर लागू होगी।
इसके अलावा, कुछ इंश्योरेंस कंपनी इस संबंध में पॉलिसी होल्डर्स को बढ़ावा देने के लिए एक वर्ष की पॉलिसी की तुलना में अपनी लॉन्ग टर्म पॉलिसी के अंत में ज्यादा एनसीबी (NCB) भी ऑफर करती हैं।
6. आकर्षक छूट
ज्यादा से ज्यादा टू-व्हीलर मालिक लॉन्ग टर्म की इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर विचार करें, इसके लिए इंश्योरेंस कंपनियां उस पर आकर्षक छूट देती हैं। ये छूट वाहन मालिकों के लिए इंश्योरेंस कवर लेने में काफी फायदेमंद हो सकती है।
7. इंश्योरेंस रिन्यूअल के लिए ब्रेक-इन पॉलिसी
कभी-कभी आपके इंश्योरेंस रिन्यूअल के बीच का अंतर की वजह से इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा आपके टू-व्हीलर का इंस्पेक्शन आवश्यक हो सकता है, इससे पहले कि वे आपकी पॉलिसी को रिन्यू करने के लिए सहमत हों। इसे ब्रेक-इन पॉलिसी के रूप में जाना जाता है और ऐसे में ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है।
जब आप 3 साल की लॉन्ग टर्म की इंश्योरेंस पॉलिसी का फायदा उठाते हैं, तो आप अपनी पॉलिसी के साथ इस ब्रेक-इन से बच सकते हैं और बिना किसी अतिरिक्त प्रीमियम के आगे बढ़ सकते हैं।
इस तरह से कई फायदों के साथ लॉन्ग टर्म पॉलिसी फायदेमंद साबित होती है, खासकर जब आपके टू-व्हीलर से जुड़े आकस्मिक फाइनेंशियल जोखिमों से खुद को बचाने की बात आती है, ये मल्टी-ईयर टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी एक बेहतर विकल्प है।
चूंकि भारत में अधिकांश प्रमुख इंश्योरेंस कंपनियों ने लॉन्ग टर्म के इंश्योरेंस कवर के संबंध में आईआरडीए (IRDA) के इस कदम का स्वागत किया है, इसलिए आप इनमें से चुनने के लिए कई विकल्प का फायदा उठा सकते हैं।
तो रुकिए मत! 3 साल की पॉलिसी के तहत आज ही अपने टू-व्हीलर का इंश्योरेंस कराएं!