हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी
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भारत में पोर्ट हेल्थ इंश्योरेंस: फायदे और कैसे ट्रांसफर करें
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी क्या है?
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी एक प्रक्रिया है जिसमें आप अपनी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को अपनी पसंद के किसी अन्य इंश्योरेंस प्रोवाइडर को ट्रांसफ़र कर सकते हैं, जैसे कि आप एक दूरसंचार सेवा प्रोवाइडर से दूसरे पर स्विच कर सकते हैं!
यह सिर्फ इंश्योरर बदलना नहीं है। हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी की खास बात यह है कि इसमें आप न सिर्फ एक बेहतर योजना में ट्रांसफर करते हैं, बल्कि इंश्योरेंस लेने के बाद लागू होने वाला इंतजार का समय और नो क्लेम बोनस भी ट्रांसफर होता है। इसलिए, आपको अपनी इंतजार का समय शुरू होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है और न ही आपको अपना बोनस खोना पड़ेगा !
अपनी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी को डिजिट में पोर्ट क्यों करें?
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को डिजिट में पोर्ट करने की प्रक्रिया क्या है?
- पहला कदम: ऊपर लिखे 'पोर्ट टू डिजिट हेल्थ' पर क्लिक करें।
- दूसरा कदम: अपना नाम और मोबाइल नंबर ऑनलाइन डालें।
- तीसरा कदम: बाकी हम पर छोड़ दें! हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपसे 48 घंटों के अंदर संपर्क करेंगे और आपके हेल्थ इंश्योरेंस को सफलतापूर्वक पोर्ट करने में आपकी सहायता करेंगे।
हेल्थ इंश्योरेंस को डिजिट पर पोर्ट करने के लिए जरूरी दस्तावेज
- आपके मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर से मिला आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के शेड्यूल का दस्तावेज, जिसे आप पोर्ट करना चाहते हैं।
- आपका पहचान-पत्र
- बाकी जानकारी, जैसे कि आपकी मेडिकल डिटेल और क्लेम हिस्ट्री आपसे कॉल पर ली जाएगी।
आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या-क्या पोर्ट कर सकते हैं?
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने के लिए पॉलिसीहोल्डर (यानी आप!) के अधिकार
आईआरडीएआई द्वारा निर्धारित हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के नियम - आसानी से समझें
आपको अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कब पोर्ट करनी चाहिए?
जब आप अपने मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से नाखुश हों
अगर आप अपने वर्तमान हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर के काम करने के तरीके से खुश नहीं हैं, तब आप पोर्ट कर सकते हैं। यह उसकी सर्विस, बुरा अनुभव, सालाना प्रीमियम की कीमत या सिर्फ इस कारण से हो सकता है कि यह प्लान आपके स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरतों के लिए सही नहीं है।
ऐसे मामले में, जब रिन्यूअल का समय हो (अपनी वर्तमान स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की एक्सपायरी से कम से कम 45 दिन पहले) तो आप विकल्प देख सकते हैं और अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को उस प्लान और इंश्योरर को पोर्ट कर सकते हैं जो आपकी अपेक्षाओं के हिसाब से सही हो।
जब कोई बेहतर प्लान मिले!
ऐसी स्थिति हो सकती हैं जहां आपका मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर बहुत अच्छा है, लेकिन फिर भी आपको अच्छे फायदे ऑफर नहीं कर रहा है। उदाहरण के लिए, आप अपने माता-पिता के लिए आयुष से जुड़े फायदे या अपने लिए मैटरनिटी कवर की तलाश में हैं, लेकिन आपका मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस यह कवर नहीं देता है।
ऐसे मामले में, कम से कम तीन इंश्योरर से मिलने वाले फायदे देखें और फिर अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को उस प्रोवाइडर को पोर्ट करें जिस पर आपको भरोसा हो।
यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी मौजूदा पॉलिसी की एक्सपायरी से 45 दिन पहले इस प्रक्रिया को शुरू कर दें, ताकि पोर्टेबिलिटी प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके।
जब आप ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस में बदलाव करना चाहते हैं जो डिजिटल ना हो
अगर आपके पास लंबे समय से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो यह संभावना है कि आपका मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर डिजिटल-फ़्रेंडली न हो और अभी भी आपको लंबी प्रक्रिया में जाना पड़ सकता है जिसमें बहुत समय लगता है।
ऐसे में, अपने हेल्थ इंश्योरेंस को डिजिटल हेल्थ इंश्योरेंस में पोर्ट करें, ताकि आपको फिर से उन्हीं परेशानियों का सामना न करना पड़े।
अपना हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने से पहले जानने योग्य 3 बातें
1. अपनी मौजूदा पॉलिसी के खत्म होने की तारीख का ध्यान रखें !
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टिंग के समय एक्सपायरी का विशेष रूप से ध्यान रखें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यूअल के समय सिर्फ अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट कर सकते हैं।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आप यह प्रक्रिया समय पर पूरा करना चाहते हैं, तो अपने वर्तमान इंश्योरर को कम से कम 45 दिन पहले यह सूचना दें। आपकी पॉलिसी एक्सपायर होने के बाद, आप किसी अन्य प्रोवाइडर में पोर्ट नहीं कर सकते।
2. अस्वीकृतियों से बचने के लिए अपने नए हेल्थ इंश्योरेंस प्रदाता के प्रति ईमानदार रहें
अपने नए हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर के साथ अपना संबंध शुरू करते समय, ध्यान रखें कि भविष्य में किसी भी रिजेक्शन या परेशानी से बचने के लिए अपनी क्लेम हिस्ट्री और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में उन्हें ईमानदारी से पूरी जानकारी दें।
3. याद रखें एक जैसे प्लान में भी अलग-अलग बेनिफ़िट हो सकते हैं
संभावना है कि आप एक समान हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में पोर्ट करेंगे, लेकिन याद रहे कि समान प्लान में भी हर इंश्योरर अलग-अलग फायदे देता है।
उदाहरण के लिए, अलग-अलग इंश्योरर के पास अस्पताल के कमरे के किराये की सीमा अलग होगी (या अस्पताल के कमरे के किराये की कोई सीमा नहीं होगी), तो यह सुनिश्चित करें कि आपने हर फायदे के बारे में ध्यान से पढ़ा हो।
हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करने के क्या फायदे और नुकसान हैं?
फायदे |
नुकसान |
निरंतर मिलने वाले फायदों का आनंद लें - हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को पोर्ट करने का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको कोई भी फायदा छोड़ने की जरूरत नहीं है। उदाहरण के लिए, अगर आपके नए हेल्थ इंश्योरर के पास खास बीमारियों के लिए 3 साल के इंतजार का समय है और आप पहले से ही 2 साल का समय पिछले प्लान में पूरा कर चुके हैं, तो आपको उन खास बीमारियों का क्लेम करने के लिए सिर्फ 1 साल और इंतजार करना होगा, जबकि अगर आप एक नई पॉलिसी खरीदते हैं, तो आपको फिर से इंतजार का समय शुरू करना होता है! |
आप सिर्फ रिन्यूअल के समय ही पोर्ट कर सकते हैं - इसमें एक कमी यह है कि आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को सिर्फ तभी पोर्ट कर सकते हैं, जब आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यूअल का समय हो। हालांकि, अगर आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करना चाहते हैं, तो अपने रिन्यूअल से 2 महीने पहले विकल्प देखना शुरू कर दें, ताकि आपके पास निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय हो और फिर अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करने के लिए आवेदन दें। |
नो क्लेम बोनस रखें - कोई भी अपना नो क्लेम बोनस नहीं छोड़ना चाहता और ऐसा लगता है कि इंश्योरेंस प्रोवाइडर इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं। इसलिए, हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करने का एक यह फायदा है कि आपको अपने नो क्लेम बोनस को छोड़ने की जरूरत नहीं है। इसे आपकी नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में जोड़ा जाएगा। |
आपके प्लान में सीमित बदलाव - आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को एक बेहतर हेल्थ इंश्योरर और प्लान में पोर्ट कर सकते हैं, लेकिन आप ज्यादा बदलाव नहीं कर सकते हैं और आपको एक समान योजना को ही चुनना होगा। प्लान और कवरेज में ज्यादा बदलाव के लिए आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम और उससे जुड़े नियम और शर्तें भी बदल जाएंगी। |
इंश्योरर में बदलाव करने के बावजूद आपके इंतजार के समय पर कोई असर नहीं पड़ता है - चूंकि आप पोर्टिंग के दौरान निरंतर मिलने वाले फायदे लेते हैं, इसलिए जब आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करते हैं, तो आपके इंतजार के समय पर कोई असर नहीं होती। आपने अपने पिछले हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर के साथ कितना समय पूरा किया है, इसके आधार पर उन्हें तय किया जाता है। |
अगर आप अपनी पिछले प्लान की तुलना में कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज चाहते हैं, तो आपका प्रीमियम भी अलग हो सकता है। |