आज की भागदौड़ भरी दुनिया में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। हेल्थ इंश्योरेंस नियमित जांच, निवारक देखभाल और बीमारियों का जल्द पता लगाने के लिए कवरेज देता है। हेल्थ इंश्योरेंस होने से, माताएं स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का तुरंत समाधान कर सकती हैं, जिससे ठीक होने की बेहतर संभावना होती है।
यह संभावित स्वास्थ्य जोखिमों का जल्द पता लगाने और समय पर उपचार को सुनिश्चित करता है, जिससे माताओं को स्वस्थ रहने और एक पूर्ण जीवन जीने में मदद मिलती है।
मातृत्व एक खूबसूरत यात्रा है जो अपार खुशी के साथ-साथ अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी लाती है। प्रसव से पहले की देखभाल से लेकर प्रसव के बाद के खर्चों तक, हेल्थ इंश्योरेंस यह सुनिश्चित करता है कि एक मां गर्भावस्था, प्रसव और किसी भी संभावित जटिलता से जुड़ी लागतों के लिए फाइनेंशियल रूप से तैयार है।
इससे मां को फाइनांस की चिंता नहीं होती और वह चिकित्सा बिलों के तनाव के बिना मातृत्व का सुख ले पाती है।
हेल्थ इंश्योरेंस माताओं को हेल्थकेयर प्रोवाइडर के विस्तृत नेटवर्क में से चुनने का मौका देता है। चाहे उन्हें विशेषज्ञ से परामर्श चाहिए हो, अस्पताल में भर्ती या आपातकालीन देखभाल की जरुरत हो, हेल्थ इंश्योरेंस होने से यह सुनिश्चित होता है कि वे प्रसिद्ध डॉक्टरों और अस्पतालों से उपचार करा सकती हैं।
वे बेहतरीन उपचार और अपनी जरूरतों के हिसाब से सबसे अच्छे अस्पतालों का चयन कर सकती है। गुणवत्ता वाले हेल्थकेयर प्रोवाइडर तक सही समय पर पहुंच से उन्हें समय पर बेहतर उपचार मिलने में मदद मिलती है।
माताएं अक्सर अपने परिवार के स्वास्थ्य और खुशहाली को खुद से ऊपर प्राथमिकता देती हैं। हालांकि, हेल्थ इंश्योरेंस लेकर, वे अपने स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दे सकती हैं। यह खुद की देखभाल की ओर एक कदम है जो उन्हें नियमित जांच और निवारक देखभाल के जरिए सक्रिय रूप से अपने स्वास्थ्य का प्रबंधन करने में मदद करता है, जिससे वह अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में सक्षम होती है।
हेल्थ इंश्योरेंस न केवल एक मां को फायदा देता है बल्कि पूरे परिवार को राहत भी पहुंचता है। हेल्थ इंश्योरेंस से कवर होने पर उनमें सुरक्षा की भावना आती है और वे अप्रत्याशित चिकित्सा खर्चों की चिंता दूर हो जाते हैं।
इससे सुनिश्चित होता है कि परिवार चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान फाइनेंशियल चिंताओं के बोझ तले दबने के बजाय एक स्वस्थ और खुशहाल माहौल बनाने की कोशिश कर सके।
माताओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर विचार करने का एक अन्य कारण बढ़ती हेल्थकेयर लागत के खिलाफ सुरक्षा देना है। चिकित्सा उपचार और अस्पताल में भर्ती होने का खर्च लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों के लिए अप्रत्याशित चिकित्सा आपात स्थितियों का प्रबंधन करना चुनौती भरा हो गया है।
हेल्थ इंश्योरेंस एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है, जो माताओं और परिवारों को ऐसी परिस्थितियों में फाइनेंशियल तनाव से बचाता है।
मां की मेडिकल हिस्ट्री, उम्र और किसी भी मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति पर ध्यान दें। नियमित जांच, दवाओं, अस्पताल में भर्ती और विशेषज्ञ से परामर्श के लिए कवरेज का आकलन करें। यह मूल्यांकन आपको उसकी जरूरतों के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के प्रकार और सीमा को निर्धारित करने में मदद करेगा।
बाज़ार में मौजूद हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पर रिसर्च करें और उन्में तुलना करें। मैटरनिटी बेनिफ़िट, प्रसव के बाद की देखभाल और निवारक सेवाओं सहित महिलाओं की हेल्थकेयर जरूरतों के लिए विशिष्ट कवरेज विकल्पों की तलाश करें। अपनी मां के लिए सबसे उपयुक्त प्लान पता करने के लिए अलग अलग इंश्योरेंस कंपनियों की तरफ से पेश किए जाने वाले हेल्थकेयर प्रोवाइडर की लागत, बेनिफ़िट और नेटवर्क की तुलना करें।
वेटिंग पीरियड, पहले से मौजूद बीमारियों के कवरेज और क्लेम प्रक्रियाओं सहित पॉलिसी के नियमों और शर्तों की सावधानी से समीक्षा करें। सुनिश्चित करें कि पॉलिसी कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज देती हो और मां की खास हेल्थकेयर जरूरतों के हिसाब से हों।
ऐड-ऑन और राइडर्स पर विचार करें जो हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के कवरेज को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैटरनिटी राइडर्स मैटरनिटी संबंधी खर्चों के लिए कवरेज प्रदान कर सकते हैं। हेल्थकेयर जरूरतों के लिए उनका मूल्य निर्धारित करने के लिए इन ऐड-ऑन से जुड़े अतिरिक्त बेनिफ़िट और लागतों का मूल्यांकन करें।
माताओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्राप्त करना एक बुद्धिमान निर्णय है जो उनकी भलाई, फाइनेंशियल तैयारी और गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर तक पहुंच सुनिश्चित करता है। ऊपर बताए गए सुझावों पर विचार करके और उपलब्ध विकल्पों का मूल्यांकन करके, आप एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुन सकते हैं जो मां की खास जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त हो। एक स्वस्थ और खुशहाल कल के लिए आज ही उसके स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
आईटी ऐक्ट के अनुसार, अपने पिछले एम्प्लॉयर से पेंशन इनकम, चाहे वह सरकारी हो या निजी, "सैलेरी से इनकम" शीर्षक के अंतर्गत आती है, जबकि पारिवारिक पेंशन "अन्य स्रोतों से इनकम" शीर्षक के अंतर्गत आती है। दोनों पर सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स पेयर के योग्य इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।
अगर आपकी इनकम बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट से कम है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 और फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट देखें।
टैक्स पेयर की उम्र | इनकम की राशि (पुरानी टैक्स व्यवस्था - फाइनेंशियल ईयर 2022-23 और फाइनेंशियल ईयर 2023-24) |
इनकम की राशि (नई टैक्स व्यवस्था - फाइनेंशियल ईयर 2022-23) |
इनकम की राशि (नई टैक्स व्यवस्था - फाइनेंशियल ईयर 2023-24) |
60 से 80 साल के बीच | ₹3,00,000 | ₹2,50,000 | ₹3,00,000 |
80 साल से ऊपर | ₹5,00,000 | ₹2,50,000 | ₹3,00,000 |