होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर
लोन राशि
अवधि (वर्ष)
ब्याज दर (% सालाना)
होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर क्या है?
जैसा कि नाम से पता चलता है, होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर एक ऑनलाइन उपकरण है, जिससे लोन लेने वाला व्यक्ति मूल राशि, भुगतान की अवधि और ब्याज दर भरकर आसानी से अपने होम लोन की ईएमआई का पता लगा सकता है।
जब आपको पता होता है कि आपको कितना और किससे लोन लेना है, तब आपको इस कैलकुलेटर की जरूरत पड़ती है। इससे आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि जो लोन आप ले रहे हैं उसके ईएमआई से आप संतुष्ट हैं।
आप बिना कैलकुलेटर के भी होम लोन ईएमआई की गणना कर सकते हैं, लेकिन यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है और इसमें गलती की संभावना भी होती है।
हालांकि, होम लोन कैलकुलेटर के असल इस्तेमाल को समझने से पहले आपको इस तरह के लोन की नीचे दी गई विशेषताओं को जानना जरूरी है।
होम लोन ईएमआई क्या है?
जब आप किसी वित्तदाता संस्थान से लोन लेते हैं, तो यह स्वाभाविक सी बात है कि तय समय के अंदर ही आपको उसे वापस चुकाना होता है।
होम लोन कुछ में भी कुछ ऐसा ही होता है। इसलिए, होम लोन ईएमआई या पर्याप्त मासिक किश्त वह निश्चित राशि होती है जिसे लोन की अवधि में लोन चुकाने के लिए आपको अपने कर्जदाता को अदा करना होता है।
होम लोन की ईएमआई तीन बातों पर बहुत ज्यादा निर्भर करती है :
- लोन का मूलधन (आप कितना कर्ज ले रहे हैं)
- कितनी ब्याज दर लागू हो रही है (जो कर्जदाता ने लगाई है)
- लोन की अवधि (वह तय समय अवधि जिसमें आपको ब्याज सहित कर्ज चुकाना होता है।)
यहां आपको इन तीनों अहम बातों के उन सभी जरूरी पहलुओं के बारे में पता चलेगा जो हाउजिंग लोन के लिए जरूरी हैं:
होम लोन और होम लोन ईएमआई के घटक :
लोन का मूलधन
होम लोन प्रिंसिपल आपकी संपत्ति की कीमत का वह हिस्सा होता है जो आपको बैंक या एनबीएफसी से मिलता है। ज्यादातर मामलों में यह कीमत संपत्ति की कुल कीमत का 80% से 90% होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप 1 करोड़ रुपए का घर खरीदते हैं, तो आप कर्ज दाता से 80 लाख से 90 लाख रुपए तक कर्ज प्राप्त कर सकते हैं। बची हुई रकम का भुगतान आपको डाउन पेमेंट के तौर पर खुद ही करना होता है।
हाउसिंग लोन ईएमआई कैलकुलेटर इस्तेमाल करने के लिए लोन प्रिंसिपल का खास ध्यान रखना होता है। जितना ज्यादा लोन लेंगे, उतना ज्यादा ईएमआई होगा, वहीं कम लोन लेने पर कम ईएमआई होगा।
होम लोन ब्याज दर
हर होम लोन पर बैंक एक निश्चित ब्याज दर लागू करती है। यह दर बताती है कि आपको होम लोन प्रिंसिपल के अलावा और कितना भुगतान करना है। ब्याज दो में से एक तरीके से गिना जा सकता है- साधारण या चक्रवृद्धि।
होम लोन के लिए, भारतीय कर्जदाता ब्याज की चक्रवृद्धि गणना करते हैं, जिसे आपको चुकाना होता है।
लोन की अवधि
लोन की अवधि वह समय सीमा होती है जिसके भीतर ही आपको ब्याज सहित पूरा कर्ज चुकाना होता है।
चूंकि होम लोन बड़े होते हैं, इसलिए उसके साथ की अवधि को भी उसमें शामिल कर लिया जाता है। आपके कर्जदाता पर निर्भर करते हुए आपके होम लोन की अवधि 20 से 30 साल की हो सकती है। हालांकि, आप अपनी सुविधा के हिसाब से कम समय अवधि चुन सकते हैं।
ईएमआई कैलकुलेशन में, आप देखेंगे कि लोन चुकाने की समय अवधि को बढ़ाने पर आपकी मासिक भुगतान की कीमत कम हो जाती है।
इसलिए, अगर कैलकुलेटर में, आपके चुने हुए होम लोन की ईएमआई ज्यादा है, तो आप अवधि बढ़ाकर इसे फिर से देख सकते हैं।
होम लोन ईएमआई कैलकुलेट करने का फ़ॉर्मूला क्या है?
होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर आपका काम आसान कर देता है लेकिन, आप चाहें तो अपनी ईएमआई खुद भी कैलकुलेट कर सकते हैं।
हालांकि, ऐसा करने के लिए आपको ईएमआई कैलकुलेशन फ़ॉर्मूला आना जरूरी है।
तो ये लीजिए!
EMI = {P x R x (1+R)^N} / {(1 + R)^N – 1}
आपको समझ नहीं आया शायद? तो चलिए इस इक्वेशन के फैक्टर को समझते हैं
यहां P का मतलब लोन प्रिंसिपल से है और R ब्याजदर है जिसका 100 से भाग किया गया है। उतनी ईएमआई की संख्या है जिसे आपको अदा करना है। मान लीजिए आपकी लोन की अवधि 10 साल है तो N 120 होगा।
उदाहरण से कैलकुलेशन को बेहतर तरीके से समझिए
मान लीजिए कि अरुण ने 20 सालों के लिए 12% ब्याज पर 50 लाख रुपए का हाउजिंग लोन लिया है। तो इस लोन की ईएमआई क्या होगी?
ऊपर दिए फ़ॉर्मूला में यह वैल्यू रखते हैं, तो हमें मिलेगा-
EMI = {5000000 x 0.12 x (1 + 0.12)^240} / {(1 + 0.12)^240-1} रुपए
EMI = 55,054 रुपए
जैसा कि आपने देखा कि, ऐसी कैलकुलेशन में बहुत ज्यादा समय लगता है और यह काफी जटिल है।
होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल करके आप इस प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं, यही कारण है कि ज्यादातर खरीदार इस उपकरण का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर इस्तेमाल करने के फायदे
आपको लंबे समय के लिए लोन, खास तौर पर हाउसिंग क्रेडिट लेते वक्त खुद से ईएमआई की गिनती करने से बेहतर ईएमआई कैलकुलेटर क्यों इस्तेमाल करना चाहिए, इसके कुछ कारण यहां दिए गए हैं:
- आसान गणना : ईएमआई गिनने के लिए कैलकुलेटर आपके काम को बेहद तेजी से कर देता है। आपको बस संबंधित स्थान पर जरूरी जानकारी भरनी होती है, और आपको माइक्रोसेकेंड में नतीजे मिल जाएंगे।
- गलती रहित गणना : मैनुअल कैलकुलेशन से विपरीत, होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर से आपको एकदम सही नतीजे प्राप्त होते हैं। मैनुअल तरीके से ईएमआई कैलकुलेट करने पर गलती की संभावना बनी रहती है, इसमें होने वाली जरा सी गलती से भी आप अपनी मासिक देनदारी को नहीं जान पाएंगे।
- लोन के भुगतान में मदद करता है : चूंकि आप हाउज़िंग लोन लेने से पहले कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए ईएमआई का पता लगाने के बाद आप आसानी से अपने वित्त को प्रभावी तौर पर प्रबंधित कर सकते हैं। साथ ही, आपक ऐसे तमाम तरीके अपना सकते हैं जिससे आपको कम ईएमआई देनी पड़े। अपनी ईएमआई कम करने के लिए कैलकुलेटर पर अपने मूल धन को कम करने की कोशिश करें या भुगतान की अवधि को बढ़ाकर देखें।
- मुफ्त में अनगिनत कैलकुलेशन : आप जितनी बार चाहें, उतनी बार ईएमआई कलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं- वो भी पूरी तरह से नि:शुल्क। इस कारण ऐसे कैलकुलेटर अलग अलग होम लोन में तुलना करने में कारगर उपकरण का काम करते हैं
होम लोन एमॉर्टाइजेशन शेड्यूल क्या होता है?
होम लोन एमॉर्टाइजेशन और कुछ नहीं बस टेबल में मासिक ईएमआई को बांटना होता है। ईएमआई की राशि और महीनों के साथ, यह टेबल किश्त को मूल और ब्याज में बांटकर भी दर्शाती है। ईएमआई की राशि हर महीने समान ही रहती है, लेकिन जैसे जैसे आप कर्ज चुकाते जाते हैं, मूल और ब्याज में बदलाव आते जाते हैं।
एमॉर्टाइजेशन शेड्यूल को जानने के बाद, आपको पता चलता है कि आपकी ईएमआई भुगतान के शुरुआती आधे हिस्से में, हर किश्त में ब्याज मूल धन से ज्यादा होता है। हालांकि, लोन के आखिरी भाग में, ब्याज कम होता है जब्कि ईएमआई का अधिक हिस्सा मूल धन होता है।
इसलिए, एमॉर्टाइजेशन शेड्यूल से आप देख सकते हैं कि आपकी कितनी ईएमआई बाकी रह गई हैं। आप यह भी जान पाते हैं कि अब आपको अपने लोन पर कितान ब्याज और कितना मूल धन अदा करना है।
होम लोन ईएमआई के प्रकार
भारत में हाउसिंग लोन लेने पर आप तीन अलग अलग तरह की ईएमआई सेवाएं ले सकते हैं :
- प्री ईएमआई - प्री ईएमआई होम लोन के लिए काफी प्रचलित हैं जिसमें आपको एक साथ लोन की पूरी राशि नहीं मिलती। इसकी जगह कर्जदाता निश्चित अंतराल पर छोटी छोटी राशि देते जाते हैं। यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर है जो निर्माणाधीन संपत्ति खरीद रहे हैं या अपना खुद का मकान बनवा रहे हैं। ऐसे मामलों में आपके पहले ईएमआई भुगतान और होम लोन की पूरी राशी आपको प्राप्त होने के बीच दो साल तक का अंतर हो सकता है। प्री ईएमआई को इस अंतराल में पुनर्भुगतान के तौर पर काम करने के लिए तैयार किया गया है।
- ट्रांच ईएमआई - होम लोन की इस तरह की ईएमआई में, आपको सबसे कम ब्याज देना पड़ता है। हालांकि, आप पूरा मूल धन प्राप्त करने से पहले ही पूरी ईएमआई का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं। ब्याज के साथ मूल धन का भुगतान करने से आप आसानी से हाउसिंग लोन की प्रिंसिपल आउटस्टैंडिंग को कम कर सकते हैं। ऐसा करने से लोन की अवधि भी कम हो जाती है।
- एक्सिलरेटेड ईएमआई भुगतान - चूंकि होम लोन के भुगतान की अवधि लंबी होती है, तो इस दौरान आप अपनी आय में वृद्धि भी कर सकते हैं। आय बढ़ने पर, आप ज्यादा ईएमआई का भुगतान करके लोन जल्दी खत्म कर सकते हैं। इसलिए, अगर आपके पास पर्याप्त नकद या बोनस है, तो एक्सिलरेटेड रीपेमेंट से लोन अवधि और लोन पर ब्याज के भुगतान को कम किया जा सकता है।
अब जब आपको होम लोन के पुनर्भुगतान के विकल्पों के बारे में पता चल चुका है, तो अब आप होम लोन की कागजी कार्यवाही के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लें
होम लोन लेने के लिए आपको कौन से दस्तावेज चाहिए?
अपने होम लोन आवेदन को पूरा करने के लिए आपको अपने कर्ज दाता को कुछ दस्तावेज जमा करने होते हैं। नीचे कुछ दस्तावेज बताए गए हैं जो होम लोन के लिए जरूरी हैं:
- भरा हुआ होम लोन आवेदन पत्र
- पहचान प्रमाण - पासपोर्ट, आधारकार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, और ड्राइविंग लाइसेंस को पहचान प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जाता है।
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- आयु प्रमाण - जन्म सार्टिफ़िकेट, पैनकार्ड, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, आधारकार्ड, और ड्राइविंग लाइसेंस को आयु प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जाता है।
- पता प्रमाण - बैंक पासबुक, आधारकार्ड, यूटिलिटी बिल, और वोटर आईडी कुछ दस्तावेज हैं जिनकी फोटोकॉपी आप पता प्रमाण के तौर
वेतन प्राप्त करने वाले लोगों के आय के दस्तावेज
- मौजूदा नियोक्ता का पत्र
- फॉर्म 16
- पिछले दो महीनों की पे स्लिप
- पिछले 3 सालों का आईटी रिटर्न
- प्रोमोशन या इंक्रीमेंट पत्र
स्व-रोजगार करने वाले लोगों के आय दस्तावेज
- पिछले तीन सालों का आईटीआर
- व्यापार की बैलेंस शीट और लाभ, हानि का स्टेटमेंट
- व्यापार के लाइसेंस की जानकारी
- व्यापार का पता प्रमाण
- पिछले 6 महीनों का बैंक खाते का स्टेटमेंट
- डॉक्टर, कंसल्टेंट और अन्य के लिए
संपत्ति के दस्तावेज
अगर आप अपना घर बनवाने के लिए कर्ज ले रहे हैं, तो आपके घर के निर्माण का विस्तृत एस्टिमेट।
बिल्डर से एनओसी
- रेडी-टू-मूव-इन संपत्ति में, आपको आॅक्यूपेंसी सार्टिफिकेट देना होता है।
- बिल्डर/ मकान मालिक से असली सेल डीड और बिक्री का मोहर लगा हुआ एग्रीमेंट।
- संपत्ति कर की रसीद।
- फ़्लैट खरीदने पर बिल्डिंग प्लान की कॉपी।
- संपत्ति के डाउन पेमेंट की रसीद।
- विक्रेता या बिल्डर को किए गए भुगतान की बैंक स्टेटमेंट या रसीद।
आपके कर्जदाता के आधार पर, असल जरूरतें बदल सकती हैं। हालांकि, ऊपर दी गई सूचि सुरक्षित लोन लेने में जरूरत पड़ने वाले ज्यादातर दस्तावेजों को बारे में बताती है।
होम लोन के टैक्स में फ़ायदे
होम लोन की ईएमआई ज्यादा होती है, इसलिए भारत सरकार इस तरह के लोन की किश्त अदा करने वाले लोगों को टैक्स में कुछ छूट देती है।
ऐसी सात तरह की टैक्स में छूट हैं जो लोन लेने वाले लोगों को मिलती है :
होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट - अगर आप होम लोन का ब्याज अदा कर रहे हैं, तो आप सेक्शन 24 के तहत, सालाना 2 लाख रुपए तक टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं।
निर्माणाधीन संपत्ति पर टैक्स में छूट - निर्माणाधीन संपत्ति पर आप टैक्स में छूट प्राप्त नहीं कर सकते, लेकिन आपके घर का निर्माण पूरा हो जाने पर आप पांच बराबर किश्तों में इस छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। आपको सर्वाधिक 2 लाख रुपए तक की छूट मिल सकती है।
मूलधन रीपेमेंट में छूट - सेक्शन 80सी के तहत, आप मूल धन चुकाने पर भी टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। इस श्रेणी में आपको सालाना 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिल सकती है।
रजिस्ट्रेशन और स्टैंप ड्यूटी चार्ज पर छूट - होम लोन लेने वालों को अपनी संपत्ति के रजिस्ट्रेशन और स्टैंप ड्यूटी चार्ज पर भी टैक्स में छूट मिलती है। आप सेक्शन 80सी के तहत, 1.5 लाख रुपए तक टैक्स में छूट पा सकते हैं। हालांकि, यह छूट केवल एक बार ही मिलती है, और यह केवल उसी साल के टैक्स देने पर लागू हो सकती है जिस साल आपके रजिस्ट्रेशन और स्टैंप ड्यूटी का भुगतान किया हो।
ज्वाइंट होम लोन पर टैक्स में छूट - अगर आप परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ साझेदारी में होम लोन लेते हैं, तो लोन लेने वाला हर व्यक्ति ब्याज के भुगतान पर 2 लाख रुपए तक टैक्स में छूट प्राप्त कर सकता है, और उसी लोन पर 1.5 लाख रुपए तक की छूट मूल धन के भुगतान पर प्राप्त कर सकता है।
सेक्शन 80ईईए में छूट - अगर आपका होम लोन 1 अप्रेल 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच सैंशन हुआ है और आपकी संपत्ति के स्टैंप की कीमत 45 लाख रुपए तक है, तो आप इसका लाभ उठा सकते हैं। इस सेक्शन के तहत, आप उस वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं।
सेक्शन 80ईई में छूट - इस सेक्शन के तहत, होम लोन लेने वाले लोग हर साल टैक्स में 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं, अगर वे नीचे दिए मानदंडों को पुरा करते हैं :
· 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच होम लोन लिया हो।
· लोन की राशि 35 लाख रुपए के बराबर या उससे कम हो।
· संपत्ति की कीमत 50 लाख रुपए के बराबर या उससे कम हो।
· लोन लेने वाला व्यक्ति किसी और संपत्ति का मालिक न हो।
यह सुविधाएं होम लोन के पुनर्भुगतान के भार को प्रभावी तौर पर कम कर देती हैं।
फिर भी, किसी एक कर्जदाता या ऑफ़र को चुनने से पहले, आप होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर का इस्तेमाल करना न भूलें। यह आपको उस अतिरिक्त भार से बचाता है जिसके बाद पुनर्भुगतान करना आपके लिए कठिन हो जाता है