भारत में बाइक/ टू-व्हीलर इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदें/रिन्यू करें
टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्या है?
टू-व्हीलर इंश्योरेंस या बाइक इंश्योरेंस एक तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी है जो आपको और आपके टू-व्हीलर को किसी दुर्घटना, चोरी, आग या प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचाती है। इन सब के अलावा, दुर्घटना में किसी तीसरे पक्ष के वाहन, संपत्ति या व्यक्ति को लगने वाली चोट या क्षति के लिए देनदारियों से भी बचे रहेंगे। एक टू-व्हीलर इंश्योरेंस में अलग-अलग तरह के टू-व्हीलर कवर होते हैं जैसे मोटरसाइकिल, मोपेड, स्कूटर आदि।
आपको टू-व्हीलर इंश्योरेंस की जरूरत क्यों होती है?
2019 तक भारत में टू-व्हीलर्स की बिक्री अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जब भारत के ऑटो उद्योग ने लगभग 21 मिलियन वाहन बेच दिए। यह आंकड़ा 2011 में हुई वाहनों की बिक्री से लगभग दोगुना है, तब भारत में सिर्फ 11.77 मिलियन दोपहिया वाहन बेचे गए थे। यह आंकड़ा सिर्फ भारत में हुई टू-व्हीलर वाहनों की बिक्री से संबंधित है! (1)
शहरों में बढ़ते टू-व्हीलर्स की वजह से, दुर्घटनाएं होने की आशंका बढ़ जाती है। शायद इसलिए भी, कानूनन थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेस लेना जरूरी है। इसके होने से, अगर आप किसी थर्ड पार्टी के वाहन से टकरा जाते हैं या कोई और आपको टक्कर मार देता है, तो किसी भी तरह की क्षति या नुकसान की भरपाई की जा सकेगी।
डिजिट पर टू-व्हीलर के लिए तीन तरह के बाइक इंश्योरेंस मिलते हैं। इसमें कॉम्प्रहेंसिव कवर से लेकर स्टैंडअलोन थर्ड पार्टी और ओन डैमेज बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी मिलती है।
इसकी सबसे अच्छी बात क्या है? कॉम्प्रहेंसिव बाइक पॉलिसी को ऐड-ऑन चुनकर कस्टमाइज किया जा सकता है जिनसे आपकी बाइक को हर संभव स्थिति में सुरक्षा मिलती है। यह सब बस कुछ ही मिनटों में ऑनलाइन मिल सकता है और बाकी की चीज़ों का हम ध्यान रखेंगे!
डिजिट के टू-व्हीलर इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होता है?
डिजिट टू-व्हीलर इंश्योरेंस के साथ ऐड-ऑन कवर
टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ खरीदे जा सकने वाले टू-व्हीलर इंश्योरेंस ऐड-ऑन
पॉलिसी में क्या-क्या कवर नहीं होता है?
आपकी पॉलिसी में क्या-क्या कवर है यह जानने के साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि इसमें क्या-क्या कवर नहीं होता है, ताकि जब भी आप इंश्योरेंस क्लेम करें तो आपको यह बातें जानकर हैरानी न हो। यहां इसी तरह की कुछ स्थितियों के बारे में बताया गया है:
आपको डिजिट से टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्यों खरीदना चाहिए?
हमारे साथ, आपका बाइक इंश्योरेंस न सिर्फ आसान क्लेम प्रोसेस के साथ आता है, बल्कि आपको कैशलेस निपटान चुनने का विकल्प भी मिलता है।
साल 2014 से 2024 तक टू व्हीलर इंश्योरेंस मार्केट का साइज़, इलाके और वैल्यू के हिसाब से
2014-2024 के बीच भारत के टू-व्हीलर इंश्योरेंस मार्केट के विकास और रुझानों के बारे में खास जानकारी पाएं। मार्केट को उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम क्षेत्रों में बांटा गया है।
डिजिट के टू-व्हीलर इंश्योरेंस के महत्वपूर्ण फीचर
अहम फीचर्स |
डिजिट फायदे |
प्रीमियम |
₹714 से शुरू |
नो क्लेम बोनस |
50% तक डिस्काउंट |
कस्टमाइज किए जा सकने वाले ऐड-ऑन |
7 ऐड-ऑन उपलब्ध |
कैशलेस रिपेयर |
4400+ गैरेज पर उपलब्ध |
क्लेम प्रॉसेस |
स्मार्टफोन की मदद से क्लेम प्रोसेस। सिर्फ 7 मिनट में ऑनलाइन की जा सकती है! |
ओन डैमेज कवर |
उपलब्ध |
थर्ड पार्टी डैमेज |
व्यक्तिगत क्षति के लिए असीमित देयता, संपत्ति/वाहन क्षति के लिए 7.5 लाख तक |
थर्ड-पार्टी को नुकसान |
व्यक्तिगत क्षति के लिए असीमित देयता, संपत्ति/वाहन क्षति के लिए 7.5 लाख तक |
आपकी ज़रूरतों के हिसाब से टू व्हीलर इंश्योरेंस प्लान
थर्ड पार्टी
कॉम्प्रहेंसिव
दुर्घटना की वजह से टू-व्हीलर को हुई क्षति/नुकसान किसी दुर्घटना या टक्कर की वजह से टू-व्हीलर को होने वाली क्षति |
×
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✔
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आग लगने से टू-व्हीलर को हुई क्षति/नुकसान आग की वजह से आपके टू-व्हीलर टू-व्हीलर को हुए नुकसान या क्षति को कवर करता है। |
×
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✔
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प्राकृतिक आपदा की वजह से टू-व्हीलर को हुई क्षति/नुकसान बाढ़, भूकंप, चक्रवात जैसी किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से टू-व्हीलर को हुए नुकसान या क्षति को कवर करता है। |
×
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✔
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थर्ड पार्टी वाहन को होने वाला नुकसान आपके टू-व्हीलर से किसी थर्ड पार्टी के टू-व्हीलर को होने वाले नुकसान को 7.5 लाख तक का कवर |
✔
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✔
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थर्ड पार्टी की संपत्ति को क्षति आपके टू-व्हीलर से किसी थर्ड पार्टी की संपत्ति को होने वाले नुकसान को 7.5 लाख तक का कवर देता है। |
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निजी दुर्घटना कवर मालिक-ड्राइवर की दुर्घटना में मौत या इसमें लगने वाली चोट को कवर करता है। (कानूनन जरूरी है, अगर किसी ने इंश्योरेंस नहीं लिया है तो वे ले सकते हैं) |
✔
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थर्ड पार्टी को लगने वाली चोट/ मौत होने पर आपके टू-व्हीलर से थर्ड पार्टी को लगने वाली चोट या उसकी मौत होने पर को असीमीत देयता के रूप से कवर करता है। |
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स्कूटर या बाइक चोरी होने पर दुर्भाग्यवश, टू-व्हीलर के चोरी होने पर हुए नुकसान को कवर करता है। |
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अपनी आइडीवी कस्टमाइज करें अपनी जरूरत के हिसाब से टू-व्हीलर की आईडीवी कस्टमाइज करें और अपने इंश्योरेंस का प्रीमियम तय करें। |
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कस्टमाइज किए गए ऐड-ऑन से अतिरिक्त सुरक्षा टायर प्रोटेक्ट कवर, इंजन और गियरबॉक्स प्रोटेक्शन, जीरे डेप्रिसिएशन जैसे कस्टमाइज ऐड-ऑन की मदद से अपनी टू-व्हीलर को अतिरिक्त सुरक्षा दें। |
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कॉम्प्रहेंसिव और थर्ड पार्टी टू-व्हीलर इंश्योरेंस में अंतर के बारे में ज्यादा जानें
टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्लेम कैसे फाइल करें?
हमारे इंश्योरेंस प्लान खरीदने या रिन्यू करने के बाद, आप चिंता मुक्त होकर रह सकते हैं क्योंकि हमारे पास 3 आसान स्टेप वाली डिजिटल क्लेम की प्रक्रिया है!
स्टेप 1
सिर्फ 1800-258-5956 पर कॉल करे। कोई फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है।
स्टेप 2
अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर खुद जांच करने के लिए लिंक पाएं। दिए गए चरणों का पालन करते हुए, अपनी गाड़ी को हुई क्षति का वीडियो बनाएं।
स्टेप 3
रिपेयर के लिए अपनी पसंद का मोड चुनें जैसे नेटवर्क गैरेज से कैशलेस या रिएंबर्समेंट।
डिजिट के टू-व्हीलर इंश्योरेंस की मदद से क्लेम को आसान बनाएं
जब हम कहते हैं कि हम इंश्योरेंस को आसान बनाते हैं, तो हम सच में ऐसा करते हैं!
- लोग इंतजार नहीं करना चाहते हैं। इसके लिए कुछ भी कर जाते हैं। इसलिए, सर्वे करने का बेवजह इंतजार कराने की बजाय हम आपको ही आपकी बाइक को हुई क्षति की जांच करने की सुविधा देते हैं और वो भी आपके स्मार्टफोन की मदद से। इसके लिए आपको हमारी ऐप डाउनलोड करनी होगी।
- टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्लेम के मामले में 97% क्लेम निपटान के साथ हम यह बताना चाहते हैं कि हम क्लेम का निपटान करने के लिए आपको इधर-उधर नहीं भटकाते!
- हम पूरी तरह से डिजिटल अर्थव्यवस्था में विश्वास रखते हैं। इसलिए, जब भी क्लेम की बात आती है, तो किसी भी तरह की हार्ड कॉपी की जरूरत नहीं होती! आपको बस क्लेम के दौरान जरूरी दस्तावेज अपलेड करने होते हैं और आपका काम हो गया।
डिजिट के कैशलेस गैरेज
देश में 4400+ से ज्यादा गैरेज पर कैशलेस रिपेयर की सुविधा पाएं।
डिजिट इंश्योरेंस के क्लेम कितनी तेजी से निपटाए जाते हैं?
जब आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी बदलते हैं, तो यह सबसे पहला सवाल है जो आपके दिमाग में आना चाहिए। अच्छा है कि आपने यह सवाल पूछा!
डिजिट का क्लेम रिपोर्ट कार्ड पढ़ेंहमारे ग्राहक हमारे बारे में क्या कहते हैं?
टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदे
टू-व्हीलर इंश्योरेंस प्रीमियम को प्रभावित करने वाले कारक
मान लीजिए कि आपके और आपके दोस्त के पास एक ही कंपनी का टू-व्हीलर है, लेकिन बहुत मुमकिन है कि आप दोनों अलग-अलग इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान कर रहे हों। लेकिन क्यों? यहां वे कारक बताए गए हैं जो आपकी बाइक के इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेशन को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं। इनमें शामिल हैं:
- इंश्योरेंस प्लान का प्रकार - आपका टू-व्हीलर इंश्योरेंस प्रीमियम खासतौर पर आपके द्वारा खरीदे गए कवरेज के प्रकार या इंश्योरेंस पॉलिसी पर आधारित होता है। कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम थर्ड-पार्टी पॉलिसी के मुक़ाबले थोड़ा ज़्यादा होता है, क्योंकि कॉम्प्रिहेंसिव में थर्ड-पार्टी लायबिलिटी और ओन डैमेज के लिए इंश्योरेंस कवरेज मिलता है।
- टू-व्हीलर का मेक / मॉडल - यह कारक टू-व्हीलर इंश्योरेंस प्रीमियम को काफी प्रभावित करता है। अगर आप कम कीमत वाले टू-व्हीलर या रेगुलर स्कूटर का इंश्योरेंस कराते हैं, तो प्रीमियम ज़्यादा महंगे वाहन या लग्ज़री बाइक से कम होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्लेम के समय कई मॉडल के हिस्सों का रिप्लेसमेंट खर्च अलग-अलग होता है। इसलिए, इंंश्योर किए गए वाहन की कीमत जितनी ज़्यादा होगी, इंश्योरर के लिए उतना ही ज़्यादा जोखिम होगा।
- वाहन की उम्र - आपके टू-व्हीलर की मार्केट वैल्यू उस वाहन की उम्र से प्रभावित होती है, जिससे आपके इंश्योरेंस के बेस प्रीमियम (एनसीबी, छूट/लोडिंग आदि को छोड़कर) पर असर पड़ता है डेप्रिसिएशन की वजह से पुराने वाहन की मार्केट वैल्यू कम होगी, इसलिए इंश्योर की गई रकम कम होगी और आपको कम बेस प्रीमियम का भुगतान करना होगा। दूसरी ओर, ज़्यादा मार्केट कीमत वाले बिल्कुल नए वाहन का बेस प्रीमियम ज़्यादा होगा।
- इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (आईडीवी) - आईडीवी आपके वाहन की डेप्रिसिएशन वैल्यू की कैलकुलेशन के बाद उसकी अनुमानित मौजूदा मार्केट वैल्यू को बताता है। यह किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण घटक है और इससे प्रीमियम पर सीधा असर पड़ता है।
- नो क्लेम बोनस (एनसीबी) - यह पॉलिसी वर्ष में कोई क्लेम न करने पर छूट के रूप में मिलने वाला रिवॉर्ड है। इसलिए, पॉलिसी रिन्यूअल के समय, आपके इंश्योरर द्वारा निर्धारित कीमत का वह प्रतिशत, जिसके आप पात्र हैं, अगले वर्ष के लिए आपके इंश्योरेंस प्रीमियम को काफी कम कर सकता है।
- ऐड-ऑन कवर - अगर आप अपने टू-व्हीलर को सभी संभावित स्थितियों में सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो आप ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर, टायर प्रोटेक्ट कवर, आरटीआई और कई दूसरे ऐड-ऑन कवर का विकल्प चुनकर अपनी कॉम्प्रिहेंसिव टू-व्हीलर पॉलिसी को कस्टमाइज़ कर सकते हैं। इससे आपकी कवरेज का दायरा बढ़ेगा और जिससे आपके प्रीमियम की रकम बढ़ जाएगी।
- इंजन की क्यूबिक कैपेसिटी - अगर आपके वाहन के इंजन की क्यूबिक कैपेसिटी (सीसी) 75 सीसी या उससे कम है, तो आपका इंश्योरेंस प्रीमियम कम होगा। अगर आपके टू-व्हीलर पर 350 सीसी का लेबल है, तो आपको कवरेज के लिए ज़्यादा प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
- आरटीओ लोकेशन - वाहन की ज्योग्राफ़िकल लोकेशन भी आपके इंश्योरेंस प्रीमियम की कीमत तय करती है। अगर आप अक्सर ज़्यादा दुर्घटनाओं वाले शहर में यात्रा करते हैं, तो प्रीमियम ज़्यादा होगा और कम दुर्घटनाओं वाले शहर में कम प्रीमियम होगा।
थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम की दर
थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम बाइक की इंजन कैपेसिटी के आधार पर तय किया जाता है। चलिए वर्ष 2019-20 और 2022 की कीमतों की तुलना करते हैं
इंजन कैपेसिटी |
भारतीय रुपये में 2019-20 का प्रीमियम |
नया टू-व्हीलर टीपी रेट (1 जून 2022 से लागू) |
75 सीसी से ज़्यादा नहीं |
₹482 |
₹538 |
75 सीसी से ज़्यादा लेकिन 150 सीसी तक |
₹752 |
₹714 |
150 सीसी से ज़्यादा लेकिन 350 सीसी तक |
₹1193 |
₹1366 |
350 सीसी से ज़्यादा |
₹2323 |
₹2804 |
नए टू-व्हीलर के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम (5 साल की सिंगल प्रीमियम पॉलिसी)
इंजन कैपेसिटी |
भारतीय रुपये में 2019-20 का प्रीमियम |
नया टू-व्हीलर टीपी रेट (1 जून 2022 से लागू) |
75 सीसी से ज़्यादा नहीं |
₹1,045 |
₹2,901 |
75 सीसी से ज़्यादा लेकिन 150 सीसी तक |
₹3,285 |
₹3,851 |
150 सीसी से ज़्यादा लेकिन 350 सीसी तक |
₹5,453 |
₹7,365 |
350 सीसी से ज़्यादा |
₹13,034 |
₹15,117 |
नए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) टू-व्हीलर का प्रीमियम (1 साल की सिंगल प्रीमियम पॉलिसी)
वाहन किलोवाट कैपेसिटी (KW) |
भारतीय रुपये में 2019-20 का प्रीमियम |
नया टू-व्हीलर टीपी रेट (1 जून 2022 से लागू) |
3KW से ज़्यादा नहीं |
₹410 |
₹457 |
3KW से ज़्यादा लेकिन 7KW तक |
₹639 |
₹609 |
7KW से ज़्यादा लेकिन 16KW तक |
₹1,014 |
₹1,161 |
16KW से ज़्यादा |
₹1,975 |
₹2,383 |
नए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) टू-व्हीलर का प्रीमियम (5 साल की सिंगल प्रीमियम पॉलिसी)
वाहन किलोवाट कैपेसिटी (KW) |
भारतीय रुपये में 2019-20 का प्रीमियम |
नया टू-व्हीलर टीपी रेट (1 जून 2022 से लागू) |
3KW से ज़्यादा नहीं |
₹888 |
₹2,466 |
3KW से ज़्यादा लेकिन 7KW तक |
₹2,792 |
₹3,273 |
7KW से ज़्यादा लेकिन 16KW तक |
₹4,653 |
₹6,260 |
16KW से ज़्यादा |
₹11,079 |
₹12,849 |
आपके लिए कौन-सी टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी सबसे अच्छी है?
केस 1: अगर आपने नई लग्ज़री बाइक खरीदी है
किसी लग्ज़री बाइक का मालिक होने पर आपको गर्व महसूस हो सकता है, लेकिन इसके साथ कई जिम्मेदारियां भी होती हैं। सबसे पहले, आपको एक कॉम्प्रिहेंसिव टू-व्हीलर इंश्योरेंस लेकर इसे सभी प्रकार के नुकसान और दुर्घटनाओं से सुरक्षित रखना होगा। यह थर्ड-पार्टी लायबिलिटी और ओन डैमेज, दोनों को कवर करता है। अपने महंगे वाहन की और ज़्यादा सुरक्षा के लिए, आपको सही ऐड-ऑन खरीदना होगा।
ज़ीरो डेप्रिसिएशन कवर आपको इसके महंगे हिस्सों के डेप्रिसिएशन पर विचार किए बिना क्लेम की ज़्यादा से ज़्यादा रकम दिलाएगा। आपको रिटर्न टू इनवॉइस कवर लेकर चोरी या पूरे नुकसान के मामले में भी अपनी बेहतरीन बाइक की सुरक्षा करनी चाहिए।
आप इंजन सुरक्षा कवर लेकर अपनी बाइक के महंगे इंजन की मरम्मत पर बड़ा खर्चा करने से बच सकते हैं। इसके अलावा, लग्ज़री बाइक के लुब्रिकेंट, ऑयल, नट, बोल्ट, स्क्रू, वॉशर, ग्रीस आदि के रिप्लेसमेंट खर्च को कवर करने के लिए कंज्यूमेबल्स का ऐड-ऑन लेना बेहतर है।
केस 2: अगर आपके पास 8 साल पुरानी बाइक है जिसे आप रोजाना चलाते हैं
कई मोटरसाइकिल मालिक 8 साल पुरानी बाइक के टू-व्हीलर इंश्योरेंस के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन कानूनी तौर पर कम से कम थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कराना ज़रूरी है। आपकी बाइक की उम्र ध्यान में रखते हुए, ओन-डैमेज कवरेज लेने की सलाह दी जाती है, जो दुर्घटनाओं, चोरी, आग, प्राकृतिक आपदाओं आदि की स्थिति में मरम्मत या रिप्लेसमेंट के लिए सुरक्षा देता है।
वैकल्पिक रूप से, एक कॉम्प्रिहेंसिव बाइक इंश्योरेंस लेना बेहतर है क्योंकि यह आपकी बाइक को कई वजहों से सुरक्षित रखेगा, जो महत्वपूर्ण है क्योंकि आप अपनी बाइक रोजाना चलाते हैं।
केस 3: अगर आपके पास अभी भी वह दशकों पुराना स्कूटर है, जो किसी कोने में बंद है
कुछ सम्पत्तियां बहुत मायने रखती है, जैसे स्कूटर जो पीढ़ियों से आपके परिवार में है। हालांकि इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है, फिर भी कानूनी ज़रूरतों के अनुपालन के लिए कम से कम थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवरेज होना ज़रूरी है। क्योंकि आप इस स्कूटर को बहुत ज़्यादा नहीं चलाते हैं, इसलिए आप कॉम्प्रिहेंसिव बीमा और ऐड-ऑन छोड़ सकते हैं।
सही टू व्हीलर इंश्योरेंस कैसे चुनें?
इन टू व्हीलर इंश्योरेंस टर्मिनोलॉजी के बारे में आपको पता होना चाहिए
टू-व्हीलर इंश्योरेंस में इंश्योर्ड डिक्लेर्ड वैल्यू (आईडीवी) क्या है?
आईडीवी वह सर्वाधिक रकम होती है जो आपकी बाइक चोरी होने या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में आपका इंश्योरेंस प्रदाता आपको दे सकता है,
आपकी 2 व्हीलर इंश्योर्ड डिक्लेर्ड वैल्यू और टू-व्हीलर इंश्योरेंस प्रीमियम दोनों साथ-साथ चलते हैं। इसका मतलब है कि आपकी आईडीवी जितनी ज्यादा होगी उसका प्रीमियम भी उसी हिसाब से होगा और आपकी गाड़ी के पुराने होने और आईडीवी घटने से आपका प्रीमियम भी भी कम होता जाता है।
साथ ही, ज्यादा आईडीवी का मतलब होता है कि जब आप अपनी बाइक को बेचने जाते हैं, तो आपको उसकी ज्यादा कीमत मिलती है। हालांकि, इस कीमत पर बाइक के इस्तेमाल, पिछले इंश्योरेंस क्लेम वगैरह का भी असर पड़ता है।
जब आप अपनी बाइक के लिए सही टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते हैं, तो सिर्फ प्रीमियम का नहीं बल्कि इस बात का भी ख्याल रखें कि आपको कितनी आईडीवी ऑफर की जा रही है।
हो सकता है कोई कंपनी आपको कम प्रीमियम पर इंश्योरेंस दे रही हो, लेकिन इसके साथ ही टू-व्हीलर की आईडीवी भी कम हो जाए। आपकी बाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में, अगर आईडीवी ज्यादा होगी तो आपको मुआवजा भी ज्यादा मिलेगा।
रिसेल के समय भी, आपकी बाइक की आईडीवी बाजार में बाइक की कीमत को बताती है। हालांकि, अगर आप अपनी बाइक को अच्छी तरह से मेंटेन रखते हैं और यह बिलकुल नई बाइक जैसी चमकती है तो आपको आपकी बाइक की आईडीवी से भी ज्यादा कीमत मिल सकती है।
आखिर में, यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपनी बाइक को कितना प्यार करते हैं।
टू-व्हीलर इंश्योरेंस में नो क्लेम बोनस (NCB) क्या होता है?
एनसीबी (नो क्लेम बोन) की परिभाषाः एनसीबी वह डिस्काउंट होता है जो पॉलिसीधारक को पूरे साल कोई भी क्लेम न करने पर प्रीमियम पर दिया जाता है।
नो क्लेम बोनस 20%-50% तक में किसी भी तरह का डिस्काउंट हो सकता है जो आपको पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर तब मिलता है जब आप पूरी अवधि में अपनी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत किसी भी तरह का बाइक इंश्योरेंस क्लेम नहीं करते हैं।
इसका मतलब है कि आपको नो क्लेम बोनस पहली बार कॉम्प्रहेंसिव बाइक इंश्योरेंस खरीदने पर नहीं मिलता, बल्कि यह तब मिलता है जब आप अपनी बाइक का इंश्योरेंस रिन्यू करवाते हैं।
नो क्लेम बोनस का फायदा बाइक इंश्योरेंस धारक को मिलता है, बाइक को नहीं। इसका मतलब यह है कि आप बाइक बदल लें, तब भी आपका एनसीबी बना रहता है।
अगर आप नई बाइक खरीदने का फैसला लेते हैं, तो आपको नया बाइक इंश्योरेंस दिया जाएगा लेकिन आपकी पुरानी बाइक पर एनसीबी आपके पास रहता है।
टू- व्हीलर इंश्योरेंस में जीरो डेप्रिसिएशन कवर क्या है?
जिंदगी में दूसरी चीजों की ही तरह, आपकी बाइक के भी कुछ हिस्सों की कीमत वक्त के साथ कम होती जाती है, इसमें बंपर या कोई अन्य मेटल या फाइबर ग्लास पार्ट शामिल हैं।
इसलिए, जब कार को कोई क्षति होती है, तो उसे बदलने की पूरी कीमत नहीं दी जाती क्योंकि क्लेम की रकम से डेप्रिसिएशन को काट लिया जाता है।
लेकिन, इस ऐड-ऑन को लेने से यह फायदा होता है कि आपको जीरो डेप्रिसिएशन मिले और डिजिट के अधिकृत वर्कशॉप पर रिपेयर या पार्ट बदलने पर आपको उसकी पूरी कीमत मिले।
जीरो डेप टू-व्हीलर इंश्योरेंस के बारे में ज्यादा जानें
टू-व्हीलर इंश्योरेंस में कैशलेस क्लेम क्या होता है?
अगर आप अपनी बाइक को डिजिट के अधिकृत रिपेयर सेंटर से ठीक करवाते हैं, तो क्लेम की मंजूरी की गई रकम हम सीधे रिपेयरिंग सेंटर को चुकाते हैं। यह कैशलेस क्लेम होता है।
कृपया ध्यान दें, अगर कटौती योग्य कोई चीज है, जैसे कोई अनिवार्य अतिरिक्त खर्च/कटौती योग्य, रिपेयर करने का कोई ऐसा शुल्क जो आपके इंश्योरेंस में कवर नहीं है या कोई डेप्रिसिएशन खर्च है , तो यह पॉलिसीधारक को अपनी जेब से चुकाना होगा।
कैशलेस बाइक इंश्योरेंस के बारे में ज्यादा जानें
सही टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे चुनें?
बाइक इंश्योरेंस कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है जो आपको अपनी बाइक के लिए सही बाइक इंश्योरेंस कोट का पता लगाने में मदद करता है।
इसकी गणना आप अपनी बाइक की जानकारी जैसे बाइक के बनने के साल और मॉडल नंबर, रजिस्ट्रेशन की तारीख, प्लान का प्रकार आदि डालकर कर सकते हैं।
बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेट करें
- पहला स्टेप: अपनी बाइक के बनने के साल, मॉडल नंबर, वेरिएंट, रजिस्ट्रेशन की तारीख, शहर आदि की जानकारी डालें।
- दूसरा स्टेप: ‘कोट पाएं’ को दबाएं और अपनी पसंद का प्लान चुनें। सिर्फ थर्ड पार्टी देनदारी या कॉम्प्रहेंसिव बाइक इंश्योरेंस में से जो चाहें चुनें।
- तीसरा स्टेप: हमें अपने पिछले इंश्योरेंस प्लान के खत्म होने की तारीख, पिछले साल किए गए क्लेम, मिले हुए नो क्लेम बोनस की जानकारी दें।
टू-व्हीलर इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेटर के बारे में ज्यादा जानें
बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम के घटक
ओन डैमेज कवर जो स्टैंडर्ड/कॉम्प्रहेंसिव और स्टैंडअलोन ओन डैमेज में शामिल होता है। आपके बाइक इंश्योरेंस का यह हिस्सा आपकी बाइक को हुए नुकसान और क्षति को कवर करता है।
- बाइक की आईडीवी - आपकी बाइक की आईडीवी यानी बाइक की बाजार में मौजूदा वैल्यू के हिसाब से प्रीमियम तय करने में मदद करता है।
- ऐड-ऑन - आपकी बाइक के इंश्योरेंस की प्रीमियम पर चुने गए ऐड-ऑन और उनकी संख्या के हिसाब से तय होती है।
- थर्ड पार्टी देनदारियां - यह कानूनन जरूरी है कि बाइक इंश्योरेंस में कम से कम थर्ड पार्टी देनदारियों को कवर किया जाए। इसके आधार पर प्रीमियम आमतौर पर आईआरडीएआई दिशानिर्देशों द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसलिए, आपके बाइक इंश्योरेंस का यह कंपोनेंट हमेशा एक जैसा रहेगा।
- बाइक मेक एंड मॉडल - बाइक बनने का साल और मॉडल- आपकी बाइक के बनने के साल और मॉडल का असर उसकी आईडीवी, सीसी और आपकी बाइक से जुड़े रिस्क पर पड़ता है। इसलिए, आप जो भी प्लान चुनते हैं उसका सीधा असर आपकी बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम पर पड़ता है।
- पीए कवर - अगर आपके पास ये नहीं है और आप इसे अपने बाइक इंश्योरेंस प्लान में शामिल करते हैं, तो आपका इंश्योरेंस प्रीमियम थोड़ा बढ़ सकता है।
- बाइक की उम्र - आपकी बाइक जितनी पुरानी होगी उसका प्रीमियम उतना ही कम होगा और बाइक जितनी नई होगी प्रीमियम उतना ही अधिक होगा!
अपने टू-व्हीलर इंश्योरेंस का प्रीमियम कैसे कम करें?
- अगर आपने 4-5 साल तक इंश्योरेंस क्लेम नहीं किया है, तो आप अपनी मर्जी से की जाने वाली कटौती बढ़ाकर अपना प्रीमियम कम कर सकते हैं।
- सड़क पर वाहन चलाते समय सुरक्षित रहने और स्पीड लिमिट में ध्यानपूर्वक गाड़ी चलाने से न सिर्फ आप दुर्घटना से बचे रहेंगे, बल्कि हर साल आपको बाइक इंश्योरेंस रिन्यू करते समय आपको नो क्लेम बोनस भी मिलेगा।
- अपनी इंश्योरेंस कंपनी से बात करें। अगर आपको लगता है कि आपको अब भी सस्ते बाइक इंश्योरेंस कोट नहीं मिल रहे हैं, तो आप जिस इंश्योरेंस कंपनी को चुनना चाहते हैं उसे कॉल करने में कोई बुराई नहीं है।
टू-व्हीलर इंश्योरेंस कोट की तुलना करें
अपने बाइक इंश्योरेंस की तुलना दूसरी कंपनियों के इंश्योरेंस से कैसे करें?
- अपनी आईडीवी देखें - कई सारे कम प्रीमियम वाले टू-व्हीलर इंश्योरेंस के साथ आपको कम आईडीवी (इंश्योरेंस डिक्लेर्ड वैल्यू) भी मिलेगी, जो बाजार में आपकी टू-व्हीलर की कीमत होती है। अगर यह कम है, तो क्लेम के दौरान, खासतौर पर चोरी या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर आपको झटका लग सकता है! इसलिए, इसे सही जगह पर सेट करना जरूरी है। डिजिट में आपको यह विकल्प मिलता है कि आप इंश्योरेंस खरीदते समय अपनी जरूरत के हिसाब से टू-व्हीलर की आईडीवी कस्टमाइज कर सकें।
- सर्विस से जुड़े फायदे देखें - ऐसी कंपनी देखें जो आपको इंश्योंरेंस बेचने के बाद अच्छी आफ्टर सेल सर्विस दे। डिजिट में आपको कुछ खास सेवाएं मिलती हैं जिनमें 24x7 ग्राहक सेवा सहायता और 4400+ गैरेज पर कैशलेस क्लेम की सुविधा समेत कई और सेवाएं मिलती हैं।
- उनके ऑफर किए जा रहे ऐड -ऑन देखें - वह कंपनी चुनें जो आपको प्रतियोगी दरों पर आपके काम के ऐड-ऑन चुनने का विकल्प दे।
डिजिट के साथ टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे खरीदें/रिन्यू करें?
- पहला स्टेप : अपने टू-व्हीलर के बनने के साल, मॉडल, वेरिएंट, रजिस्ट्रेशन की तारीख और शहर जैसी जानकारी डालें। ‘कोट पाएं’ को दबाएं और अपनी पसंद का प्लान चुनें।
- दूसरा स्टेप : सिर्फ थर्ड पार्टी देनदारी टू-व्हीलर इंश्योरेंस या स्टैंडर्ड पैकेज (कॉम्प्रहेंसिव इंश्योरेंस) टू-व्हीलर इंश्योरेंस में से जो चाहें चुनें।
- तीसरा स्टेप : हमें अपने पिछले इंश्योरेंस प्लान के खत्म होने की तारीख, पिछले साल किए गए क्लेम , मिले हुए नो क्लेम बोनस की जानकारी दे।
- चौथा स्टेप : आपको आपकी प्रीमियम के लिए कोट मिल जाएगा। अगर आपने स्टैंडर्ड प्लान चुना है, तो आप इसे जीरो डेप्रिसिएशन कवर, टायर प्रोटेक्ट कवर, और ब्रैकडाउन असिस्टेंस जैसे ऐड-ऑन की मदद से कस्टमाइज कर सकते हैं।
- पांचवा स्टेप: अपना भुगतान पूरा करें और आपकी पॉलिसी आपको ईमेल से भेज दी जाएगी! :) है ना बहुत आसान?
3 साल के लिए लॉन्ग टर्म टू-व्हीलर इंश्योरेंस के बारे में ज्यादा जानें
टू व्हीलर इंश्योरेंस के बारे में ज़रूरी बातें जो आपको पता होनी चाहिए
भारत में टू-व्हीलर इंश्योरेंस जरूरी क्यों है?
- भारत में होने वाले सड़क हादसों में 34% हादसों में टू-व्हीलर शामिल होते हैं : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत में होने वाले सड़क हादसे सबसे ज्यादा टू-व्हीलर की वजह से होते हैं। यह अकेला कारण काफी है कि कम से कम थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस को मोटर वाहन एक्ट के तहत कानूनन जरूरी बना दिया गया है। इस वजह से, लोग न केवल जिम्मेदारी से वाहन चलाते हैं बल्कि दुर्घटना या टक्कर के मामले में होने वाले नुकसान या क्षति को कवर किया जाता है।
- थर्ड पार्टी को सुरक्षा देता है : दुर्घटनाएं होने के लिए ही होती हैं, लेकिन इससे प्रभावित होने वाले व्यक्ति का क्या? यह भी एक कारण है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी है, ताकि इस तरह की स्थिति में प्रभावित पक्ष को हर तरह के नुकसान और क्षति के लिए मुआवजा मिल जाए।
- कानूनी प्रक्रिया को आसान बनाते हैं : जब कोई हादसा होता है, तो क्षति से ज्यादा कानूनी प्रक्रिया में लगने वाला ज्यादा समय और उर्जा परेशान करता है। हालांकि, अगर आपके पास टू-व्हीलर इंश्योरेंस है, तो इन कानून प्रक्रियाओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
भारत में बाइक इंश्योरेंस क्यों जरूरी है इस बारे में ज्यादा जानें
टू व्हीलर इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदना क्यों सही है?
ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया में, यूपीआई (UPI) से तुरंत पेमेंट के साथ-साथ कई काम किए जा सकते हैं। देश की इस बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में, बाइक इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदना इसका एक हिस्सा है। यह चीजों को न सिर्फ आसान बनाता है, बल्कि इसकी कीमत भी कम करने में मदद करता है और आपका बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम भी कम हो जाता है।
बाइक इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदने के लिए आपको बस अपनी बाइक से जुड़ी जरूरी जानकारी और अपना डेबिट/क्रेडिट कार्ड या यूपीआई आईडी तैयार रखना होगा ताकि प्रीमियम का भुगतान आसानी से किया जा सके। इसके बाद आपकी टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी कुछ मिनटों में ही आपको ईमेल कर दी जाएगी।
- वक्त बचता है : बाइक इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आपका काफी सारा वक्त बच जाता है! आपको इंश्योरेंस एजेंट या दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होते। बस एक लैपटॉप या स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन हो, तो आपका काम हो गया।
- कस्टमाइजेशन मिलते हैं : बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी ऑनलाइन खरीदने का दूसरा फायदा यह है कि आपको कई कस्टमाइजेशन ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं। आईडीवी कस्टमाइज करने से लेकर बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी ऑनलाइन खरीदने का दूसरा फायदा यह है कि आपको कई कस्टमाइजेशन ऑनलाइन उपलब्ध होते हैं। आईडीवी कस्टमाइज करने से लेकर अलग-अलग ऐड-ऑन के कॉम्बिनेशन जैसे जीरो डेप्रिसिएशन कवर, टायर प्रोटेक्ट कवर, और ऐसे कस्टमाइजेशन जो ऑफलाइन उपलब्ध नहीं होते हैं।
- जीरो पेपरवर्क : किसी को भी पेपरवर्क पसंद नहीं है लेकिन करना पड़ता है! इसलिए, जब आप डिजिट के साथ ऑनलाइन बाइक इंश्योरेंस खरीदते हैं, तो आपको किसी तरह का पेपरवर्क नहीं करना पड़ता। सबकुछ ऑनलाइन होता है!
सेकंड हैंड बाइक इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदें/रिन्यू करें
क्या आपको पता है कि आपकी बाइक नई हो या पुरानी, आप अपनी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं या रिन्यू कर सकते हैं?
हालांकि, अगर आप सेकंड हैंड बाइक खरीद रहे हैं, तो यह देखें कि इसके मालिक ने पहले से इंश्योरेंस करवाया है या नहीं और अगर करवाया है, तो इसे अपने नाम पर ट्रांसफर करवाना न भूलें और वो भी 14 दिनों के भीतर। इसके साथ-साथ, यह भी सुनिश्चित करें किः
- बाइक और इसका इंश्योरेंस दोनों ही आपके नाम पर सफलतापूर्वक ट्रांसफर किया गया हो। आपको यह काम 14 दिनों के भीतर करना होगा।
- आप बाइक की क्लेम हिस्ट्री जानते हों। इसके लिए आपको आपकी बाइक की मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी नंबर देना होगा।
- अगर आपके पास पहले कोई बाइक इंश्योरेंस था (किसी अन्य बाइक के लिए), तो आप उसका नो क्लेम बोनस वक्त पर नई पॉलिसी में ट्रांसफर कर लें।
- अगर बाइक के पिछले मालिक के पास कोई वैध बाइक इंश्योरेंस नहीं है, तो आप हमारी वेबसाइट पर जाकर तुरंत इंश्योरेंस खरीद सकते हैं।
- अगर आपने अपनी सेकंड हैंड बाइक की पुरानी पॉलिसी अपने नाम पर ट्रांसफर कर ली है, तो इसके खत्म होने की अवधि देखें और अवधि खत्म होने से पहले इसे रिन्यू करें।
इनके बारे में और जानें
पुरानी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें या रिन्यू करें
अगर आपने कभी बाइक इंश्योरेंस नहीं लिया है, तो भी इसे आप जब चाहें खरीद सकते हैं। हालांकि, यहां तीन खास बातें दी गई हैं और अपनी बाइक के लिए इंश्योरेंस खरीदते समय आपको इन बातों का ख्याल रखाना चाहिए।
- बाइक का इस्तेमाल और बाइक इंश्योरेंस का प्रकार: क्या आप अपनी बाइक को कानूनन सुरक्षित तरीके से चलाने के लिए बाइक इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं या फिर इसे क्षति या किसी भी तरह के नुकसान से बचाए रखना चाहते हैं? आपकी बाइक के इस्तेमाल और प्रकार के हिसाब से, आपको यह तय करना होगा कि आपकी बाइक के लिए कॉम्प्रहेंसिव इंश्योरेंस सही है या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस।
- आपकी बाइक की आईडीवी : आईडीवी आपकी बाइक की बाजार में कीमत को दिखाती है। इस आधार पर, आपका बाइक इंश्योरेंस प्रीमियम और क्लेम के दौरान क्लेम की रकम पर तय होती है। जबकि आपकी बाइक पुरानी है, तो आपको बाजार में उसकी मौजूदा कीमत के हिसाब से उसकी आईडीवी तय करनी चाहिए। साथ ही, इतने सालों में उसके डेप्रिसिएशन को गिनना न भूलें!
- अतिरिक्त कवर : जब आप टू-व्हीलर कॉम्प्रहेंसिव इंश्योरेंस चुनते हैं, तो आपको विकल्प मिलते हैं कि आप अपनी बाइक को अतिरिक्त सुरक्षा दे सकें। आपकी बाइक के इस्तेमाल उम्र के हिसाब से, आप ऐसे ऐड-ऑन चुन सकते हैं जो आपकी बाइक को हर संभव स्थिति में सुरक्षित रखते हैं।
हालांकि, अगर आप अपनी पुरानी बाइक के लिए इंश्योरेंस खरीदना चाह रहे हैं, तो देखें कि कौन से ऐड-ऑन लागू होंगे और कौन से नहीं। उदाहरण के लिए, अगर आपकी बाइक पांच साल से पुरान है, तो उस पर रिटर्न टू इनवॉइस कवर लागू नहीं होगा।
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समाप्त हो चुकी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करें या खरीदें
आपकी समाप्त हो चुकी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी को समय पर रिन्यू करना क्यों जरूरी है?
- आप अपना एनसीबी खो देंगे - आपका एनसीबी आपका नो क्लेम बोनस है जो आपने उन सालों में जमा किया गया है जब आपने कोई क्लेम नहीं किया है। आपका NCB जितना ज्यादा होगा, रिन्यू करने के दौरान आपको मिलने वाली छूट उतनी ही ज्यादा होगी। हालांकि, अगर आप अपनी पॉलिसी की समय सीमा समाप्त होने से पहले उसे रिन्यू नहीं करते हैं, तो आप अपनी एनसीबी और आपको मिलने वाल छूट दोनों से ही वंचित रह जाते हैं!
- जुर्माना भरने की आशंका बढ़ जाती है - मोटर वाहन एक्ट में बदलाव के बाद, जब भी कोई चालक बिना बाइक इंश्योरेंस के पकड़ा जाता है, तो उसे पहली बार में 1000 से 2000 रुपये तक का जुर्माना और दूसरी बार पकड़े जाने पर 4000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। अपना बाइक इंश्योरेंस रिन्यू करने का मतलब है कि आप इस तरह की स्थिति में फंसने से बच जाते हैं।
- आर्थिक बोझ उठाने से बचने के लिए - बाइक इंश्योरेंस का उद्देश्य ही यह है कि आपको उन अनचाहे खर्चो से बचाए जो किसी छोटी या बड़ी दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा की वजह से हो सकते हैं। समय पर अपनी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू नहीं करने का मतलब है कि किसी दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना या टक्कर के मामले में आपको खर्च करने पड़ सकते हैं।
समाप्त हो चुकी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में ज्यादा जानें
टू व्हीलर इंश्योरेंस खरीदने से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
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