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डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस एक कस्टमाइज़ हेल्थ इंश्योरेंस प्लान है जो डायबिटीज के कारण होने वाले इलाज और अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर करता है। साथ ही, एक एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में भी डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस हो सकता है जिसके फायदों में डायबिटीज के लिए कवरेज शामिल हो, जैसे कि डिजिट का हेल्थ इंश्योरेंस।
डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस के तहत डायबिटीज को कवर किया जाता है। बीमारी की स्थिति और उससे जुड़ी हेल्थ की अलग-अलग समस्याओं के चलते, आपको डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस के कवरेज और इसकी कुछ खास स्थितियों के बारे में पता होना चाहिए कि कब कौन सी बात लागू होती है। ऐसा न हो कि आपको आखिरी मिनट में इसका पता चले और यह ठीक भी नहीं है,क्योंकि हम पूरी पारदर्शिता में विश्वास करते हैं और आपको पहले से अच्छी तरह से यह बताना चाहते हैं कि इसमें क्या कवर किया गया है और क्या कवर नहीं किया गया है!
टाइप-1 डायबिटीज का आम तौर पर बच्चों और युवाओं में जल्दी पता चल जाता है और इससे पीड़ित लोग ज्यादातर इंसुलिन पर निर्भर होते हैं।
दुर्भाग्य से, (यही वजह है कि हम इसे कवर नहीं करते हैं!) अगर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय आपको पहले से ही इसका पता हैं और टाइप-1 डायबिटीज के लिए आप इंसुलिन पर निर्भर हैं, तो आपको डिजिट के स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कवर नहीं किया जा सकता है।
टाइप-1 डायबिटीज के अलग-अलग जोखिमों और समस्याओं को देखते हुए, हम इसके बजाय आपको एक खास डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने की सलाह देते है जिसे टाइप-1 डायबिटीज रोगियों के लिए ही डिज़ाइन किया गया है।
हम समझते हैं कि टाइप-2 डायबिटीज भारत में बेहद आम है और इसलिए हम इसे अपनी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कवर करते हैं।
हालांकि, डायबिटीज समेत पहले से मौजूद सभी बीमारियों के लिए इंतजार का समय होता है।
पहले से मौजूद बीमारी के रूप में डायबिटीज के इंतजार का समय, डिजिट में आपके हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की तारीख से 4 साल है, जिसके बाद आप उससे संबंधित क्लेम कर सकते हैं।
हर हेल्थ इंश्योरेंस की कुछ सीमाएं होती हैं और दुर्भाग्य से, हम उन लोगों को कवर नहीं कर सकते जिन्हें डायबिटीज है और 10 सालों से ज्यादा समय से उसका इलाज किया जा रहा है।
ऐसा मुख्य रूप से हेल्थ से जुड़े जोखिमों और समस्याओं की वजह से है और इसलिए, इसके बजाय अक्सर डायबिटीज से जुड़ा प्लान लेने की सलाह दी जाती है, जो 10 सालों से ज्यादा समय से पीड़ित लोगों के लिए बेहतर और सही है।
बुरी खबर यह है कि दुनिया भर में डायबिटीज रोगियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी भारत में है और इसका मुख्य कारण टाइप-2 डायबिटीज है जो आधुनिक जीवनशैली की आदतों के चलते हमारी शहरी आबादी में तेजी से और विशेष रूप से बढ़ता जा रहा है।
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि अगर आपको पहले से डायबिटीज है या भविष्य में हो सकता है (हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा न हो!), तो डिजिट का हेल्थ इंश्योरेंस इंतजार के समय के बाद इसको कवर करता है।
डिस्क्लेमर - ये हमारे हेल्थ इंश्योरेंस में लागू डायबिटीज के लिए सामान्य शर्तें हैं। हालांकि, आप कवर किए जाएंगे या नहीं, यह आपकी पूरी मेडिकल जांच पर भी निर्भर करेगा, जिसका मूल्यांकन हमारे हेल्थ विशेषज्ञ डिजिट से आपके द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय करेंगे। आम तौर पर, जरूरी मेडिकल टेस्ट के माध्यम से इसका मूल्यांकन किया जाता है।
कवरेज
डबल वॉलेट प्लान
इन्फ़िनिटी वॉलेट प्लान
वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान
खास बातें
इसमें बीमारी, दुर्घटना, गंभीर बीमारी या कोविड 19 महामारी जैसे किसी भी कारण से अस्पताल में भर्ती होने के खर्च का कवर मिलता है। जब तक इंश्योरेंस की राशि पूरी नहीं हो जाती, तब तक इसे कई बार अस्पताल में भर्ती होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
दुर्घटना के अलावा किसी भी तरह की बीमारी के उपचार के कवर के लिए आपको पॉलिसी लेने के पहले दिन से एक तय अवधि तक इंतजार करना होता है। इसे शुरुआती वेटिंग पीरियड कहते हैं।
होम हेल्थकेयर, टेली कंसल्टेशन, योगा और माइंडफ़ुलनेस वगैरह कई खास वेलनेस बेनिफ़िट ऐप पर उपलब्ध हैं।
हम आपकी इंश्योरेंस की राशि की 100 % बैकअप इंश्योरेंस राशि देते हैं। इंश्योरेंस की राशि का बैकअप कैसे काम आता है? मान लीजिए कि आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी की राशि 5 लाख रुपए है। आप 50,000 रुपए का क्लेम करते हैं। ऐसे में डिजिट अपने आप ही वॉलेट बेनिफ़िट दे देता है। तो अब आपके पास 4.5 लाख + 5 लाख रुपए की इंश्योरेंस राशि उस वर्ष उपलब्ध होगी। हालांकि ऐसे मामले में, एक क्लेम की राशि इंश्योरेंस की मूल कीमत से ज्यादा यानि दिए गए उदाहरण में 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती।
पॉलिसी वर्ष में क्लेम नहीं किया? आपको बोनस मिलता है- स्वस्थ्य और क्लेम मुक्त रहने के लिए आपकी इंश्योरेंस राशि में अतिरिक्त राशि शामिल की जाएगी।
अलग अलग श्रेणी के कमरे का किराया अलग अलग होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे होटल के कमरे में टेरिफ़ होता है। डिजिट में कमरे का किराया इंश्योरेंस राशि से कम होने पर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं मिलती।
हेल्थ इंश्योरेंस में 24 घंटों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार खर्च का कवर मिलता है। डे केयर प्रक्रिया में वह उपचार आते हैं जिनमें उन्नत तकनीक के कारण 24 घंटों से कम अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता है जैसे मोतियाबिंद, डायलेसिस वगैरह।
विश्व भर में कवरेज प्राप्त करके विश्व का सबसे अच्छा उपचार करवाएं। अगर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान भारत में आपका चिकित्सक आपकी किसी बीमारी का पता लगाते हैं, और आप उस बीमारी का उपचार विदेश में करवाना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद करेंगे। आपको कवर किया जाएगा।
हम आपके प्लान में बताई गई राशि तक स्वास्थ्य परीक्षण के खर्च का भुगतान करते हैं। जांच के प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। चाहें ईसीजी हो या थायरॉएड प्रोफ़ाइल। क्लेम लिमिट जानने के लिए पॉलिसी शेड्यूल को ध्यान से पढ़ें।
कभी ऐसी भी आकस्मिक परिस्थिति आ सकती है जिसमें जान जाने का खतरा हो और तुरंत ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो। हम इसे अच्छी तरह समझते हैं और हेलीकॉप्टर या हवाईजहाज से अस्पताल में भर्ती होने पर आपको खर्च का रिइम्बर्समेंट देते हैं।
को-पेमेंट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में साझा की जाने वाली राशि होती है जिसमें पॉलिसी धारक को स्वीकृत क्लेम की राशि के तय भाग का भुगतान अपनी जेब से करना होता है। इससे इंश्योरेंस की राशि कम नहीं हो जाती। यह भाग तमाम बातों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, या कभी कभी उस ज़ोन में जहां आप उपचार करवा रहे हैं, इसे ज़ोन आधारित को-पेमेंट कहते हैं। हमारे प्लान में, किसी भी प्रकार का उम्र या ज़ोन आधारित को-पेमेंट नहीं देना पड़ता।
अस्पताल में भर्ती होने पर, रोड एंबुलेंस पर आए खर्च का रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।
इस कवर में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च शामिल हैं जैसे डायग्नोसिस, जांच और रिकवरी।
अन्य खास बातें
किसी बीमारी से आप पहले से ग्रसित हैं और पॉलिसी लेते वक्त हमें उसका पता चल गया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है तो प्लान के अनुसार उसका वेटिंग पीरियड होता है और यह आपकी पॉलिसी शेड्यूल में उल्लेखित होता है।
यह वह अवधि है जिसमें आपको किसी खास बीमारी के होने पर, उसका क्लेम करने से पहले इंतजार करना होता है। डिजिट में यह अवधि 2 वर्ष है और पॉलिसी सक्रीय होने वाले दिन से शुरू हो जाती है। एक्सक्लूजन की पूरी सूचि के लिए, अपनी पॉलिसी वर्डिंग का स्टैंडर्ड एक्सक्लूजन (ईएक्ससीएल02) पढ़ें।
पॉलिसी की अवधि के दौरान, दुर्घटना होने पर ऐसी चोट लगती है जो लंबे समय तक बनी रहती है और जो दुर्घटना होने से 12 महीनों के भीतर मृत्यु होने का सीधा और एकमात्र कारण है, तो पॉलिसी शेड्यूल में आपके प्लान और इस कवर के अंतर्गत हम आपको 100% इंश्योरेंस राशि का भुगतान करेंगे।
आपकी पॉलिसी में आपके अंग दाता को भी कवर किया जाएगा। डोनर के अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की खर्च भी हम वहन करते हैं। अंग दान सबसे बड़ा उपकार है, और हम ने सोचा कि क्यों न हम भी उसका हिस्सा बनें।
कभी कभी अस्पतालों में भी बेड कम पड़ सकते हैं और मरीज की हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में हम वह खर्च भी वहन करते हैं जब आपको घर पर ही उपचार करवाना पड़े।
मोटापा कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हम इसे अच्छे से समझते हैं, और चिकित्सकीय तौर पर आवश्यक होने पर या चिकित्सक द्वारा सुझाई जाने पर कराई जाने वाले बेरिएट्रिक सर्जरी को कवर करते हैं। हालांकि, हम इसमें अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर नहीं करते हैं क्योंकि यह उपचार कॉस्मेटिक कारण से किया जाता है।
ट्रॉमा के कारण, अगर सदस्य को मनोरोग के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ जाता है, तो इस बेनिफिट के तहत उसे आईएनआर 1,00,000 तक कवर देते हैं। साइकाइट्रिक इलनेस कवर में वेटिंग पीरियड उतना ही है जितना स्पेसिफ़िक इलनेस कवर का वेटिंग पीरियड है।
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, पहले और बाद में, कई प्रकार के अन्य चिकित्सकीय उपचार और खर्च होते हैं जैसे वॉकिंग एड, क्रेप बैंडेज, बेल्ट वगैरह जिसके लिए आपको खर्च करना पड़ता है। यह कवर आपके इन सभी खर्चों का ख्याल रखता है या फिर इसे आपकी पॉलिसी से हटाया भी जा सकता है।
को-पेमेंट |
नहीं |
कमरे के किराए की बाध्यता |
नहीं |
कैशलेस अस्पताल |
पूरे भारत में 10500+ नेटवर्क अस्पताल |
इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर |
हां |
वेलनेस बेनिफ़िट |
10+ वेलनेस पार्टनर |
शहर आधारित डिस्काउंट |
10% तक डिस्काउंट |
विश्व भर में कवरेज |
हां* |
गुड हेल्थ डिस्काउंट |
10% तक डिस्काउंट |
कंज्यूमेबल कवर |
एडऑन के रूप में उपलब्ध |
*केवल वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान में उपलब्ध
"क्योंकि डायबिटीज बदलती स्वास्थ्य समस्याओं के कारण एक महंगी बीमारी बन सकता है"। एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, गरीब शहरी आबादी अपनी आय का लगभग 34% डायबिटीज के इलाज पर खर्च करती है, जबकि ग्रामीण आबादी लगभग 27% खर्च करती है।
डायबिटीज का मेडिकल खर्च मुख्य रूप से इसके नियमित खर्चों, स्वास्थ्य समस्याओं और बड़े हेल्थ जोखिमों के कारण ज्यादा होता है। एक हेल्थ इंश्योरेंस जो डायबिटीज को कवर करता है, वह यह सुनिश्चित करता है कि आप इन खर्चों को बेहतर तरीके से फ़ाइनेंशियल रूप से रोक सकें।
"क्योंकि भारत में मेडिकल खर्च हर साल बढ़ रहा है"। दुर्भाग्य से, भारत में मेडिकल खर्च साल-दर-साल बढ़ रहा है, चाहे आप डायबिटीज से ग्रस्त हों या नहीं, हेल्थ इंश्योरेंस के साथ खुद को कवर करना उन सभी प्रकार की बीमारियों और रोगों के लिए फायदेमंद है, जिनमें आपको इलाज की जरूरत पड़ सकती है, भले ही यह आपके लिए ओपीडी परामर्श के हिसाब से मामूली ही क्यों न हो।
"क्योंकि डायबिटीज के रोगियों में गंभीर बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है"। डायबिटीज के बारे में दुखद सच्चाई यह है कि डायबिटीज के रोगियों में गंभीर बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा होता है। सबसे आम गंभीर बीमारियों में से कुछ जो अक्सर डायबिटीज रोगियों को होती हैं, उनमें हृदय रोग और गुर्दे फ़ेल होना शामिल हैं।
इसलिए, ऐसी स्थिति से बचने के लिए न सिर्फ अच्छी हेल्थ केयर के साथ अपनी डायबिटीज को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है, बल्कि सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के साथ इसे कवर करना भी बेहद जरूरी है।
"क्योंकि एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान यह सुनिश्चित करेगा कि आप सालाना हेल्थ चेकअप के जरिए हमेशा अपने स्वास्थ्य की जांच करते रहें "। क्या आप जानते हैं कि डिजिट सहित कुछ हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का एक फायदा यह भी है कि मुफ्त में सालाना हेल्थ चेकअप की सुविधा मिलती है, क्योंकि आम तौर पर लोग ऐसा करते नहीं हैं, हम में से कितने लोग वास्तव में सालाना हेल्थ चेकअप के लिए जाते हैं, जब तक कि इसकी जरूरत न हो?
सच कहा जाए, तो सालाना हेल्थ चेकअप यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी है कि आपको अपने स्वास्थ्य का पता चलता रहे, क्योंकि डायबिटीज सहित ज्यादातर बीमारियों का पता तब तक नहीं चल पाता, जब तक कि स्थिति खराब न हो जाए।
सालाना हेल्थ चेकअप के साथ एक हेल्थ इंश्योरेंस यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसा कभी न हो।
"हेल्थ इंश्योरेंस में डायबिटीज शामिल नहीं है"। यह सच नहीं है। बीमारियों और रोगों के लिए कवरेज अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी में अलग-अलग होता है। आपने खुद ही इसे ऊपर पढ़ा है।
डायबिटीज को हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कवर किया जाता है, लेकिन यह अलग-अलग स्थितियों पर निर्भर करता है, जैसे कि अगर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय आपको पता होना चहिए कि आपको किस प्रकार की डायबिटीज है, आपका डायबिटीज कंट्रोल स्तर क्या है और आपको यह कितने समय से यह बीमारी है वगैरह।
"मोटे लोगों को ही डायबिटीज होती है"। यह सच नहीं है। यहां तक कि जो लोग मोटे नहीं हैं उन्हें भी डायबिटीज होने का खतरा होता है और जो मोटे होते हैं उन्हें कई बार यह खतरा नहीं होता।
किसी को डायबिटीज एक ही कारण से नहीं होती है, बल्कि कई कारणों से होती हैं, जिनमें फ़ैमिली हिस्ट्री, सुस्त जीवन शैली की आदतें और अन्य कारण शामिल हैं जो शरीर में ग्लूकोज या इंसुलिन उत्पादन या इनके वितरण में समस्या पैदा कर सकते हैं, जो आखिरकार हमें डायबिटीज का रोगी बना देते हैं।
"बहुत सारी मिठाइयां खाने से आपको डायबिटीज हो जाता है!"। नहीं, हालांकि गलत खान-पान से इसका जोखिम हो सकता है, लेकिन सिर्फ बहुत ज्यादा शुगर से डायबिटीज नहीं होता।
जैसा कि ऊपर बताया गया है, डायबिटीज अलग-अलग कारणों के मिलने से हो सकता है, जिसमें जन्म के दौरान गर्भाशय के भीतर पैदा होने वाली समस्याएं, फैमिली हिस्ट्री, जीवनशैली की आदतें, शारीरिक रूप से फ़िट न होना, बढ़ती उम्र, ज्यादा ब्लड प्रेशर और ज्यादा ब्लड कोलेस्ट्रॉल भी शामिल हैं। साफ शब्दों में कहें, तो अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शुगर नहीं भी लेता है, तब भी उसे डायबिटीज हो सकता है!
"डायबिटीज केवल वृद्ध लोगों को होती है"। हालांकि यह सच है कि वृद्ध (45 से ज्यादा उम्र) का वर्ग डायबिटीज से ज्यादा पीड़ित है। आज कल विशेष रूप से शहरी भारत में एक ट्रेंड यह चल रहा है कि ज्यादातर युवा लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं।
यह मुख्य रूप से स्वास्थ्य की उपेक्षा करने वाली जीवनशैली की आदतों के कारण होता है - जिसमें अच्छा भोजन न करना, पर्याप्त रूप से सुस्त यानी शारीरिक रूप से फिट न होना वगैरह शामिल है, लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं है। इसलिए, अब आप यह नहीं कह सकते कि डायबिटीज केवल वृद्ध लोगों को ही होता है!
"यदि आपके दादा-दादी को डायबिटीज है, तो आपको डायबिटीज हो जाएगी!"। डायबिटीज होने में फैमिली हिस्ट्री और जेनेटिक कारणों का रोल होता है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है और वास्तव में, बिना किसी फैमिली हिस्ट्री के भी डायबिटीज हो सकता है।
इसके अलावा, सिर्फ इसलिए कि आपके दादा-दादी या माता-पिता डायबिटीज के रोगी हैं, इस बात की गारंटी नहीं है कि आपको भी डायबिटीज होगा। आप हमारे विस्तृत डायबिटीज हेल्थ गाइड में डायबिटीज की रोकथाम और कारणों के बारे में और ज्यादा पढ़ सकते हैं।
"आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी को यह नहीं बताना चाहिए कि आप डायबिटीज के रोगी हैं!"। दुर्भाग्य से, बहुत से लोगों का अभी भी इंश्योरेंस के प्रति भरोसेमंद रवैया नहीं है। हालांकि, हम आपके साथ पूरी तरह से हर चीज़ के बारे में पारदर्शी होकर, इसे बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
चाहे आप हमारे साथ या किसी अन्य हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस खरीद रहे हों, अपनी वर्तमान और वास्तविक स्वास्थ्य स्थितियों का खुलासा न करने से न सिर्फ बाद में क्लेम लेने में समस्या आ सकती है, बल्कि उससे पहले भी अस्वीकृति का कारण बन सकता है - जबकि आपका प्रारंभिक मेडिकल टेस्ट किया जाता है। इसलिए, हमेशा पारदर्शी रहना सबसे अच्छा है।