भारत में टू व्हीलर इंश्योरेंस कंपनियां
क्या आप एक सही बाइक या स्कूटर का मॉडल चुन रहे हैं? ऐसा करते समय, आपको अपने इस नए वाहन के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में सोचना चाहिए।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के मुताबिक, भारतीय सड़कों पर चलने वाले टू व्हीलर और कारों के लिए हर समय एक वैध इंश्योरेंस कवरेज होना जरूरी है। इस नियम का पालन न करने पर भारी ज़ुर्माने का प्रावधान है और दोबारा ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर 4000 रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है।
ज्यादातर मामलों में, टू व्हीलर बेचने वाली कंपनियां, आपको वाहन खरीदते समय इंश्योरेंस पॉलिसी देती हैं। लेकिन, आप उस ऑफर को मना करने और बाजार में उपलब्ध अलग-अलग कंपनियों से सीधे इंश्योरेंस प्लान लेने के लिए के लिए स्वतंत्र हैं।
भारत में टू व्हीलर इंश्योरेंस देने वाली कंपनियों की सूची पर नजर डालें।
भारत में टू व्हीलर इंश्योरेंस देने वाली कंपनियों की सूची
कंपनी का नाम |
स्थापना का साल |
मुख्यालय की जगह |
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
1906 |
कोलकाता |
गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड |
2016 |
बेंगलुरु |
बजाज अलिआंज़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2001 |
पुणे |
चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2001 |
चेन्नई |
भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2008 |
मुंबई |
एचडीएफ़सी एर्गो इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2002 |
मुंबई |
फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2007 |
मुंबई |
द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
1919 |
मुंबई |
इफ़्को टोक्यो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2000 |
गुरुग्राम |
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2000 |
मुंबई |
रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2001 |
चेन्नई |
द ओरिएंट इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
1947 |
नई दिल्ली |
टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2001 |
मुंबई |
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2009 |
मुंबई |
एक्को जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड |
2016 |
मुंबई |
नवी जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड |
2016 |
मुंबई |
ज़ूनो जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड (पहले एडलवेस जनरल इंश्योरेंस के नाम से जानी जाने वाली) |
2016 |
मुंबई |
आईसीआईसीआई लॉम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2001 |
मुंबई |
कोटक महिंद्रा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2015 |
मुंबई |
लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड |
2013 |
मुंबई |
मैग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2009 |
कोलकाता |
रहेजा क्यूबीई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2007 |
मुंबई |
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2006 |
जयपुर |
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
1938 |
चेन्नई |
यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड |
2007 |
मुंबई |
इंश्योरेंस कंपनी बनाम इंश्योरेंस एग्रीगेटर बनाम इंश्योरेंस ब्रोकर
इंश्योरेंस कंपनियों, इंश्योरेंस एग्रीगेटर और इंश्योरेंस ब्रोकर के बीच अंतर समझें।
इंश्योरेंस कंपनी |
एग्रीगेटर |
ब्रोकर |
इंश्योरेंस कंपनियां सभी इंश्योरेंस को डिजाइन करती और बेचती हैं। किसी पॉलिसी से जुड़े सभी फायदे और विशेषताएं सीधे इन्हीं कंपनियों से मिलती हैं। |
एग्रीगेटर भारत में काम कर रही टू व्हीलर इंश्योरेंस कंपनियों के नाम के साथ ही, इनकी पॉलिसी से जुड़ी खास जानकारियों की सूची बनाते हैं। |
ब्रोकर ऐसे लोग या संस्थाएं होती हैं जो ग्राहकों और इंश्योरेंस कंपनी के बीच मध्यस्थता करते हैं। |
भूमिका - इंश्योरेंस कंपनियां, पॉलिसी धारकों के लिए आपातकालीन स्थिति के दौरान पर्याप्त वित्तीय फायदों वाली सही इंश्योरेंस पॉलिसी बनाना। जैसे, दुर्घटना, चोरी जैसे हालात में पॉलिसी धारकों इंश्योरेंस देना। |
भूमिका - संभावित पॉलिसी होल्डर को तुलना और शोध करने के उद्देश्य से सभी उपलब्ध टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में जानकारी देना। |
भूमिका - ब्रोकर, हर बिक्री पर मुनाफा कमाने के लिए इंश्योरेंस कंपनियों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी बेचते हैं। |
किसके लिए काम करता है - किसी के लिए नहीं |
एग्रीवेटर थर्ड पार्टी होते हैं, जिनका बाजार में काम कर रही इंश्योरेंस कंपनियों से कोई ताल्लुक नहीं होता। |
ब्रोकर को अक्सर इंश्योरेंस कंपनियां नियुक्त करती हैं। वैकल्पिक तौर पर, ये इन कंपनियों से किसी कमीशन प्रोग्राम के तहत जुड़े हो सकते हैं। |
इंश्योरेंस कंपनियां अपने पॉलिसी धारकों के किए गए सभी वैध क्लेम का निपटारा करने के लिए जिम्मेदार होती हैं। हालांकि, ये कंपनियां क्लेम का निपटारा करने से पहले उन्हें वेरिफ़ाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। |
लागू नहीं |
लागू नहीं |
टू व्हीलर इंश्योरेंस कंपनी के बारे में ध्यान रखने वाली बातें
अच्छे इंश्योरेंस प्लान में नीचे बताई गई सुविधाएं और विशेषताएं होती हैं। ऐसे इंश्योरेंस प्लान लेते समय आपको इन बातों को ध्यान में जरूर रखना चाहिए।
- ब्रांड की साख – किसी लोकप्रिय इंश्योरेंस कंपनी के बारे में सबसे पहले यह देखना चाहिए कि वह इस सेक्टर में कितने समय से सेवा दे रही है। इंटरनेट पर कंपनी के नाम से सर्च करें और ग्राहकों का रिव्यू देखें, ताकि आपको पता चल सके कि यह अधिकांश ग्राहकों को संतुष्ट करती है कि नहीं। सकारात्मक रिव्यू मौजूदा ग्राहकों के समग्र तौर पर अच्छे अनुभव की तरफ इशारा करते हैं।
- इंश्योरेंस प्रीमियम – टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए आपकी दी जाने वाली प्रीमियम राशि एक ऐसा मुख्य कारक होती है जो अक्सर सही इंश्योरेंस कंपनी के चुनाव को प्रभावित करता है। आप अलग-अलग दामों की तुलना एग्रीगेटर की वेवबसाइट पर कर सकते हैं। लेकिन, प्रीमियम देखते समय उपलब्ध कवरेज भी ध्यान से देखें। आपको सही दाम में सबसे अच्छा ऑफ़र देने वाली पॉलिसी लेनी चाहिए।
- आईआरडीएआई (IRDAI) की स्वीकृति – इंश्योरेंस रेगुलटरी एंड डेवलपमेंट ऑटोरिटी ऑफ इंडिया एक सरकारी निकाय है देश में इंश्योरेंस के विकास पर नजर रखती है। आईआरडीएआई की स्वीकृत कंपनियों में से चुनना सबसे सही है क्योंकि ये कंपनियां पॉलिसी होल्डर के लिए पर्याप्त फायदे सुनिश्चित करने के साथ आईआरडीएआई के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करती हैं।
- नेटवर्क गैराज – ज्यादातर टू व्हीलर इंश्योरेंस कंपनियों की पूरे भारत में बहुत से गैराज से साझेदारी होती है। जब पॉलिसी होल्डर इन गैराज में मरम्मत कराते हैं, तो यह पूरी प्रक्रिया कैशलेस होती है। इंश्योरेंस कंपनी मरम्मत शुल्क का निपटारा सीधे गैराज से करती है, पॉलिसी धारकों को रिइंबर्समेंट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है। टू व्हीलर इंश्योरेंस प्लान को चुनने से पहले इंश्योरेंस कंपनी के पास उपलब्ध नेटवर्क गैराज की संख्या के बारे में विचार करना एक महत्वपूर्ण कारक होता है।
- क्लेम निपटारे की दर – इंश्योरेंस कंपनी को मिले कुल क्लेम में से उसके किए गए निपटारे का प्रतिशत इस बात का अच्छा संकेतक होता है कि वो कंपनी क्लेम निपटारे के मामले में प्रतिबद्ध है या नहीं। कुछ कंपनियां बिना किसी झंझट के इंश्योरेंस क्लेम का निपटारा करती हैं, लेकिन कुछ कंपनियों में पॉलिसी धारकों को अपना मुआवजा पाने के लिए चक्कर काटने पड़ सकते हैं।
- सुविधाजनक और तेज क्लेम प्रक्रिया – लोग आपात स्थिति के दौरान इंश्योरेंस क्लेम करते हैं। ऐसे समय में, आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी से तत्काल मदद चाहिए होती है। इसलिए, आपको ऐसी इंश्योरेंस कंपनी चुननी चाहिए जो आपके क्लेम करने के बाद मदद करने में देरी न करती हो। हमेशा ऐसी कंपनी को प्राथमिकता दें जो 24x7 ग्राहक सहायता दे क्योंकि दुर्घटना किसी भी समय हो सकती है।
एक और आम गलती जो कई ग्राहक करते हैं कि वे बीमा कंपनी के बजाय थर्ड पार्टी से टू व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं। लेकिन, सीधे इंश्योरेंस कंपनी से खरीदना समझदारी होती है।
उसकी वजह यहां बताई गई है!
डायरेक्ट इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स से टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्यों खरीदें?
ज्यादातर लोग टू व्हीलर इंश्योरेंस प्लान डीलरशिप से खरीदते हैं, लेकिन ऐसा करना बहुत फायदेमंद नहीं होता। ऐसी पॉलिसी को सीधे इंश्योरेंस कंपनी से लेने के कुछ कारण नीचे दिए गए हैं:
- आपके चुनने के लिए कई तरह के विकल्प – कुछ चुनिंदा इंश्योरेंस कंपनियों तक अपने को सीमित रखने के बजाय, इंश्योरेंस कंपनियों से प्लान खरीदने पर आप सभी उपलब्ध विकल्पों की तुलना कर सकते हैं। दूसरी तरफ, डीलरशिप सिर्फ ऐसी इंश्योरेंस कंपनियों के ही प्लान देते हैं जिनके साथ उनकी साझेदारी होती है।
- पॉलिसी को अपनी जरूरत के मुताबिक कास्टमाइज करना – जब आप थर्ड पार्टी से इन्हें खरीदते हैं, तो आपके पास कवरेज को अपनी जरूरत के मुताबिक कास्टमाइज करने क्षमता नहीं होती क्योंकि वे पहले से तयशुदा पॉलिसी बेचते हैं। इंश्योरेंस कंपनियों से सीधे तौर पर खरीदने पर आप पॉलिसी को राइडर और दूसरे अतिरिक्त कास्टमाइज विकल्पों के साथ ले सकते हैं, और हर प्लान अपनी जरूरत के मुताबिक बना सकते हैं।
- शोध और तुलना करने के अवसर –वाहन डीलरशिप आपको बाजार में उपलब्ध अलग-अलग इंश्योरेंस पॉलिसी पर शोध करने का समय या अवसर नहीं देते हैं। बल्कि, आपके लिए प्लान वे चुनते हैं। अगर आप ऐसी जल्दबाजी की खरीददारी से बचना चाहते हैं तो आप प्लान के बारे में इंटरनेट पर उपलब्ध विक्लपों पर शोध कर सकते हैं। प्लान खरीदने से पहले पॉलिसी की विशेषताओं, प्रीमियम के दामों और दूसरे पक्षों की तुलना करें कि अपने मुताबिक सही प्लान कौन सा है।
- कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं –जब आप डीलरशिप से खरीदते हैं, तो आपके भुगतान किए गए इंश्योरेंस प्रीमियम का एक हिस्सा इस मध्यस्त पार्टी को जाता है, और बाकी का बीमा कंपनी को जाता है। इसलिए, बताए गए रेट में डीलरशिप का कमीशन भी शामिल होता है। जब आप किसी इंश्योरेंस कंपनी से सीधे पॉलिसी खरीदते हैं तो ऐसा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाता है, क्योंकि इसमें कोई मध्यस्थ पक्ष नहीं होता है।
आप अपने टू-व्हीलर के लिए इंश्योरेंस प्लान चाहे जैसे खरीदें, लेकिन पॉलिसी के नियम और शर्तें पढ़ना जरूरी होता है। पॉलिसी के कागजातों का यह भाग आपको कवर की सीमाएं समझने में मदद करेगा।