पीपीएफ़ कैलकुलेटर
वार्षिक निवेश
अवधि
ब्याज दर
पीपीएफ़ कैलकुलेटर - ऑनलाइन फाइनेंशियल टूल
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के नियमों के अनुसार, पीपीएफ़ बैलेंस पर ब्याज की मासिक गणना की जाती है और वित्त वर्ष के अंत में 31 मार्च को व्यक्तिगत खाते में इसे क्रेडिट किया जाता है।
ब्याज की गणना वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से की जाती है। हालांकि, क्या यह थोड़ा पेंचीदा नहीं है?
खैर, अब आपको ऐसा नहीं लगेगा! पीपीएफ ब्याज रेट, इसकी गणना की प्रक्रिया और इससे जुड़ी हर चीज को साफ-साफ समझने के लिए नीचे दिए गए हिस्से को पढ़ें।
जैसा कि पहले कहा गया है, पीपीएफ गणना की प्रक्रिया अन्य सेविंग या इनवेस्टमेंट विकल्पों से थोड़ी अलग और कठिन भी है। ऐसे मामलों में, पीपीएफ कैलकुलेटर आसानी से पीपीएफ ब्याज की गणना करने के लिए सबसे सही तरीकों में से एक है।
पीपीएफ कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है जो आपको एक निश्चित अवधि पर खास फ़्रीकेंव्सी के साथ पीपीएफ अकाउंट में आपके योगदान के लिए सालाना रिटर्न की गणना करने में मदद करता है।
संक्षेप में, अगर आप पीपीएफ में इनवेस्ट करने के इच्छुक हैं, लेकिन इनवेस्टमेंट की सही राशि या एक तय अवधि के लिए इनवेस्ट करने पर, मिलने वाले रिटर्न के बारे में नहीं जानते हैं, तो आप तेजी से नतीजे/ कैलकुलेशन प्राप्त करने के लिए पीपीएफ कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कई खूबियों वाला यह टूल विभिन्न बैंक के अलग-अलग कैलकुलेटर की जरूरत को खत्म कर देता है, जैसे कि एचडीएफसी पीपीएफ कैलकुलेटर, एसबीआई पीपीएफ कैलकुलेटर आदि।
वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा 1968 में पेश किया गया, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सबसे ज्यादा मांग वाले दीर्घावधि बचत या निवेश उत्पादों में से एक है। पीपीएफ के लोकप्रिय होने के कारणों में से एक इससे मिलने वाली भरपूर रिटर्न है। यानी हर साल के अंत में जमा ब्याज राशि की गारंटी जो इसके साथ मिलती है।
पीपीएफ ब्याज की कैलकुलेशन कैसे की जाती है?
जो लोग सोच रहे हैं कि पीपीएफ ब्याज की कैलकुलेशन कैसे की जाती है, उन्हें पता होना चाहिए कि पीपीएफ ब्याज की कैलकुलेशन हर महीने के 5वें और आखिरी दिन के बीच जमा किए गए व्यक्ति के न्यूनतम पीपीएफ अकाउंट की बैलेंस राशि पर की जाती है। इसके साथ कई तथ्यों पर विचार किया जाना चाहिए, जैसे-
अगर आप नया डिपॉजिट करना चाहते हैं, तो आपको उस महीने की जमा राशि पर ब्याज पाने के लिए, हर महीने की 5 तारीख से पहले इसे जमा करवाना होगा। नहीं तो ऐसे मामलों में, ब्याज की कैलकुलेशन पिछली बैलेंस राशि पर की जाएगी, और नई जमा राशि पर विचार नहीं किया जाएगा।
इसलिए, ब्याज बढ़ाने के लिए, व्यक्तियों को हर महीने की 5 तारीख से पहले अपना योगदान या लंपसम राशि जमा करना जरूरी है।
पीपीएफ सब्सक्राइबर, पीपीएफ खाते में कम से कम ₹500 की राशि जमा कर सकते हैं, और इसकी अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख तक है।.
नोट: पीपीएफ खाते में लंपसम राशि हर साल ज्यादा से ज्यादा 12 किस्तों में जमा किया जा सकता है।
इसलिए अगर आपके पीपीएफ खाते की अधिकतम सीमा उपलब्ध है, तो आप इसे 5 अप्रैल तक जमा कर दें। यह आपको एक बार में जमा की गई रकम के लिए पूरे साल का ब्याज देने की सुविधा देता है। यह उदाहरण आपको इसे साफ तौर पर समझने में और मदद करेगा।
उदाहरण के लिए, पिछले वित्त वर्ष में, आपके पीपीएफ खाते में ₹1 लाख का बैलेंस था। आपने 5 अप्रैल से पहले ₹50000 जमा किए। इसलिए, कम से कम/सबसे कम मासिक बैलेंस राशि (5 अप्रैल-30 अप्रैल तक) ₹150000 है। इसलिए, आपको (पीपीएफ ब्याज दर के आधार पर) उस महीने के लिए, मान कर चलें, X (ज्यादा) ब्याज मिलेगा।
वैकल्पिक रूप से, अगर आपने 5 अप्रैल के बाद ₹50000 जमा किए हैं, तो आपको उस महीने के नए योगदान पर ब्याज नहीं मिलेगा।
क्यों?
वह इसलिए, क्योंकि आपकी सबसे कम ब्याज पीपीएफ बैलेंस राशि ₹100000 (5 अप्रैल से महीने के अंत तक) होता है। इस मामले में, मान कर चलें, आपको उस महीने के लिए, (कम) ब्याज मिलेगा।
संक्षेप में, अगर आप 5 अप्रैल से पहले रकम जमा करते हैं, तो आपको नई जमा राशि पर ज्यादा ब्याज मिलेगा। अगर आप 5 अप्रैल के बाद रकम जमा करते हैं, तो आपको जमा राशि पर कम ब्याज मिलेगा।
पीपीएफ ब्याज कैलकुलेशन फॉर्मूला
पीपीएफ ब्याज कैलकुलेशन की प्रक्रिया में चक्रवृद्धि ब्याज की गणना वाला फॉर्मूला और पीपीएफ मूलधन राशि की वार्षिक कंपाउंडिंग शामिल होती है।
यहां पीपीएफ ब्याज की गणना के लिए फॉर्मूला दिया गया है।
A=P(1+r)˄t
आइए हम ऊपर दिए गए फॉर्मूले में वेरिएबल्स को समझते हैं-
A: पीपीएफ मैच्योरिटी अमाउंट
P: पीपीएफ मूलधन राशि (इनवेस्ट किया हुआ)
r: पीपीएफ ब्याज दर
t: अवधि
ऊपर दिए गए फॉर्मूले से एक बात का अंदाजा लगाया जा सकता है: इनवेस्टमेंट का समय जितना लंबा होगा, आप पीपीएफ खाते पर उतना ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं। अब जब आप जानते हैं कि पीपीएफ पर ब्याज की कैलकुलेशन कैसे की जाती है, तो आपको यह समझना चाहिए कि समय के साथ दर कैसे बदलती हैं।
पीपीएफ ब्याज दर और इसकी बदलने की अवधि
पब्लिक प्रोविडेंट फंड, पीपीएफ बैलेंस/मूलधन पर ब्याज देता है। वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही (Q3) के लिए मौजूदा पीपीएफ ब्याज दर 7.1% है। यह रेट भारत सरकार द्वारा तय की जाती है, यह स्थिर रहती है भले ही अपने कहीं भी पीपीएफ अकाउंट खोला है।
रकम हर साल कंपाउंड होती रहती है, जिसका अर्थ है कि पीपीएफ कस्टमर हर साल बतौर चक्रवृद्धि ब्याज अच्छी खासी राशि का फायदा उठा सकते हैं।
पिछले वर्ष में, पीपीएफ की ब्याज रेट में उतार-चढ़ाव आया और 2016 के बाद से इसमें जबरदस्त गिरावट देखी गई। साथ ही, देय पीपीएफ ब्याज दर सालाना जरूरत के अनुसार तय की जाती है।
हालांकि, 2017 के बाद से, ब्याज दर बदल गई है और इसे हर तिमाही पर नोटिफाई किया जाता है।
पीपीएफ कैलकुलेटर कैसे काम करता है - ऐसे समझें
जैसा कि पहले भी बताया गया है, पीपीएफ ब्याज कैलकुलेटर एक ऑनलाइन वित्तीय टूल है जो 15 साल की लॉक-इन पीरियड के बाद इनवेस्टमेंट और मैच्योरिटी राशि पर कमाए गए पीपीएफ ब्याज का बिना किसी परेशानी कैलकुलेशन कर देता है। अगर आप समझ नहीं पा रहे हैं कि पीपीएफ ब्याज दर की कैलकुलेशन कैसे करें, तो इस टूल का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा विकल्प है।
पीपीएफ ब्याज दर कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने के लिए, आपको हर वर्ष की डिपॉजिट का तरीका (निश्चित अमाउंट या वेरिएबल) और डिपॉजिट राशि को चुनना होगा।
सटीक जानकारी के लिए, आपको पीपीएफ ब्याज दर, समय और इनवेस्ट किए गए मूलधन जैसे डेटा डालने होंगे और फिर यह आपको नतीजे दिखाएगा।
हालांकि, नतीजों में कुछ नई शर्तों के साथ एक टेबल दिखेगा, जिसे आपको परिणामों को बेहतर ढंग से समझने के लिए जानना चाहिए।
- शुरुआती बैलेंस- यह वर्ष की शुरुआत में पीपीएफ खाते की बैलेंस राशि को दर्शाता है।
- डिपॉजिट राशि - यह पीपीएफ खाते की बैलेंस राशि को दर्शाता है, जो साल भर में डिपॉजिट किया जाता है।
- कमाया गया ब्याज - यह ब्याज कैलकुलेशन की ओर इशारा करता है, जो वित्त वर्ष के अंत में पीपीएफ खाते की बैलेंस राशि के आधार पर कमाया जाता है। पीपीएफ खाते का बैलेंस हर साल कंपाउंड होता है।
- क्लोजिंग बैलेंस- यह वर्ष के अंत में कुल राशि को दर्शाता है, जिसकी कैलकुलेशन मौजूदा वर्ष से कमाए गए ब्याज को खाता खोलने में और पूरे वर्ष में के सभी डिपॉजिट को जोड़कर की जाती है।
- लोन (अधिकतम) - पीपीएफ कस्टमर अकाउंट खोलने की तारीख से तीसरे वर्ष से छठे वर्ष के अंत तक लोन का फायदा उठा सकते हैं। हालांकि, छठे वर्ष की समाप्ति के बाद, पीपीएफ पर लोन नहीं दिया जाएगा। व्यक्ति थोड़ी-बहुत राशि निकालने का विकल्प चुन सकता है। पीपीएफ पर दिया जाने वाला अधिकतम लोन आमतौर पर खाते के पिछले वर्ष के ओपनिंग बैलेंस का 25% होता है।
- विड्रॉल (अधिकतम) - पीपीएफ सब्सक्राइबर छठा वर्ष पूरा होने और सातवें वित्त वर्ष की शुरुआत के बाद साल में एक बार थोड़ी राशि निकाल सकते हैं। ऑनलाइन कैलकुलेटर इस अनुमान के आधार पर अधिकतम विथड्राल राशि दिखा देता है कि पिछले वर्ष में कोई विथड्राल नहीं किया गया था या लोन नहीं लिया गया था
पीपीएफ खाते के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- पीपीएफ स्कीम का 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।
- इस खाते को पांच साल के ब्लॉक के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- सरकार विशेष परिस्थितियों में पांच साल बाद, पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की सुविधा देती है।
ऊपर दिए गए सेगमेंट में पीपीएफ ब्याज दर के संबंध में सभी आवश्यक जानकारी दे दी गई है। अब जब आप पीपीएफ ब्याज दर के कैलकुलेशन और पीपीएफ ब्याज पर टैक्स के फायदे को जान गए हैं, तो अब बचत के इस शानदार विकल्प में इनवेस्टमेंट करना आसान और परेशा
पिछले 3 वर्षों में पीपीएफ की ब्याज दर कैसे बदली हैं?
नीचे दी गई तालिका, पिछले 3 वर्षों में पीपीएफ ब्याज दर में बदलाव को दिखाती है:
अवधि |
पीपीएफ ब्याज दर |
अप्रैल-जून, 2021 |
7.1% |
जनवरी-मार्च 2021 |
7.1% |
अक्टूबर-दिसंबर 2020 |
7.1% |
जुलाई-सितंबर 2020 |
7.1% |
अप्रैल-जून 2020 |
7.1% |
जनवरी-मार्च 2020 |
7.9% |
अक्टूबर-दिसंबर 2019 |
7.9% |
अप्रैल-जून 2019 |
8.0% |
जनवरी-मार्च 2019 |
8.0% |
अक्टूबर-दिसंबर 2018 |
8.0% |
जुलाई-सितंबर 2018 |
7.6% |
अप्रैल-जून 2018 |
7.6% |