स्वीप या सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन में उन मतदाताओं को शिक्षित करना शामिल है जो आम जनता को चुनाव के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताने के लिए जिम्मेदार हैं। इन पहलुओं में मतदाता सूची में नाम दर्ज करने की पंजीकरण प्रक्रिया, मृतक और स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम हटाना और लोगों के मौजूदा विवरण को सही करना शामिल है।
इसके अलावा, जनता को कई ऑफलाइन और ऑनलाइन सुविधाओं के बारे में शिक्षित करना भी स्वीप का उद्देश्य है। इस सुविधाओं के साथ वो मतदान से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं। इस जानकारी में भ्रष्ट कामों को कैसे रोका जाए, मतदान कैसे किया जाए वगैरह भी शामिल है।
नीचे लिखी सूची में चलिए स्वीप की गतिविधियों को जानें:
स्वीप में अख़बारों में प्रकाशन भी शामिल है। ये सार्वजनिक सूचनाएं होती है जिनको स्वीप चुनाव के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी जागरूकता पैदा करने के लिए जारी करता है। उदाहरण के लिए, इसमें स्पेशल समरी रिवीजन (एसएसआर), कैंपेन की खास तारीख़, अंतिम प्रकाशन रोल का विमोचन, एसएसआर का प्रारंभ, ड्राफ्ट रोल का प्रकाशन वगैरह के बारे में बात की जाती है।
आउटडोर मीडिया अभियान भी स्वीप गतिविधियों का हिस्सा हैं। वे राज्य की बसों, मेट्रो डक्ट पैनल, बस कतार आश्रयों, डाकघरों में डिजिटल स्क्रीन आदि में क्लस्टर के तौर पर अभियान चलाते हैं। आमतौर पर, यह संदेश और रचनात्मक लेखन का इस्तेमाल करते हैं।
स्वीप रेडियो जिंगल से जागरूकता फैलाने के लिए रेडियो को भी माध्यम के तौर पर इस्तेमाल करता है। वो रेडियो चैनल का इस्तेमाल करके खासतौर पर उन ऑडियंस पर ध्यान देते हैं जो पहली बार मतदान कर रहे हैं, जो वरिष्ठ नागरिक हैं, तीसरे लिंग के सदस्य, पीडब्ल्यूडी, सामान्य रूप से महिलाएं और गृहिणियां हैं।
अख़बारों में रंगीन विज्ञापन का प्रकाशन भी जागरूकता अभियान में शामिल है। इसको खास मौकों जैसे लोक सभा और विधान सभा चुनाव, विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, चुनाव आयोग के खास अभियान वगैरह में विज्ञापित किया जाता है।
इसमें आकाशवाणी/एआईआर के साथ ऑन-एयर प्रोग्राम भी शामिल हैं, जिसमें कई जिलों के उच्च अधिकारी, चुनाव अधिकारी, एसडीएम और डीइओ भाग लेते हैं। ये सुविधा आम जनता के लिए भी खुली रहती है ताकि वो कॉल करके संबंधित सवाल पूछ सकें।
स्वीप शिक्षित करने और जागरूकता फ़ैलाने के लिए सरकारी वेबसाइट का इस्तेमाल करता है क्योंकि इसके विजिटर की संख्या अच्छी खासी होती है।
इस अभियान में डिजिटल स्क्रीन पर स्वीप संदेशों का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें सभी बसों पर स्थापित किया जाता है।
वे मेट्रो स्टेशन पर कैनोपी और डिस्प्ले बैनर भी प्रदर्शित करते हैं।
स्वीप मतदान से जुड़ी जागरूकता के लिए मतदान केंद्रों के स्थान का इस्तेमाल करता है ताकि मतदाताओं के सीधे संपर्क में आया जा सके।
इस अभियान में सभी सफल बूथ और मदर डेयरी स्टाल पर जागरूकता बैनर लगाना शामिल है।
इसमें नुक्कड़ नाटक जैसे प्रदर्शन भी शामिल हैं जिन्हें वह जिला कार्यालयों के आसपास आयोजित करते हैं।
जागरूकता कार्यक्रम में अख़बार विक्रेताओं के माध्यम से लोगों के बीच पर्चे बांटना और ऑटो रिक्शा पर मुनादी करना भी शामिल है।
स्वीप व्यक्तिगत स्तर पर संदेश भी भेजता है जिसमें व्हाट्सएप के माध्यम से मतदाता जागरूकता जानकारी भेजी जाती है।
इस कैंपेन में पब्लिक यूटिलिटी बिल जैसे पोस्टपेड मोबाइल बिल, इलेक्ट्रिसिटी बिल, वाटर बिल वगैरह के बारे में मटेरियल भी प्रकाशित किया जाता है।
स्वीप में एसएमएस के माध्यम से चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी भेजना भी शामिल है। इस संबंध में उन्हें टेलीकम्युनिकेशन विभाग से मदद मिलती है।
जागरूकता फ़ैलाने के लिए स्वीप सोशल मीडिया आउटलेट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने से डरता नहीं है और इस तरह से ये ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचता है। फेसबुक से इंस्टाग्राम तक वे हर आउटलेट का इस्तेमाल करते हैं।
यह आर्टिकल सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन (स्वीप) क्या है, ये कैसे काम करता वगैरह के बारे में विस्तृत जानकारी देता है। इससे कोई भी स्पष्ट अनुमान लगा सकता है कि स्वीप कैसे काम करता है। जिसके चलते कोई भी देश के विकास की प्रक्रिया में भाग लेने का इच्छुक हो सकता है।