भारत में वाहनों के लिए ग्रीन टैक्स किसे कहते है?
भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में से एक है। गार्डियन ने 2019 में प्रदूषण के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष परिणाम से लगभग 17 लाख लोगों की अकाल मृत्यु का खुलासा करने वाली एक स्टडी की रिपोर्ट दी।
इसलिए, वाहन उत्सर्जन और प्रदूषकों में कटौती करने के लिए, भारत सरकार ने एक विशेष कराधान प्रणाली शुरू की, जिसे ग्रीन टैक्स के रूप में जाना जाता है।
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कारों और दूसरे वाहनों के लिए ग्रीन टैक्स क्या है?
ग्रीन टैक्स प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी सामान या वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क का एक रूप है। इसे पर्यावरण या प्रदूषक टैक्स भी कहते हैं।
मालिकों को पुराने वाहन चलाने से रोकने के लिए कार, बाइक और दूसरे वाहनों के लिए ग्रीन टैक्स की शुरुआत की गई थी। इन पुराने मॉडलों में अक्सर उत्सर्जन का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से पर्यावरण में काफी प्रदूषक जुड़ जाते हैं।
भारत में मोटर वाहन मालिकों के लिए ग्रीन टैक्स के बारे में बुनियादी जानकारी पाना बहुत फ़ायदेमंद हो सकता है।
ग्रीन टैक्स के तहत कौन से वाहन आते हैं?
वाहनों की बात की जाए, तो निजी और व्यावसायिक दोनों तरह के वाहनों को टैक्स देना होगा। इसके अलावा, भारत में ग्रीन टैक्स सिर्फ़ डीजल और पेट्रोल कारों या बाइक पर लागू होता है। अगर आपके पास एक इलेक्ट्रिक या सीएनजी वाहन है, तो आपको इस तरह का टैक्स देने की कोई ज़रूरत नहीं है।
ग्रीन टैक्स लायबिलिटी के मानदंड निजी या व्यावसायिक वाहन चलाने के आधार पर अलग-अलग होते हैं। यहां उससे जुड़े नियम दिए गए हैं –
- व्यावसायिक वाहन - वाहनों पर ग्रीन टैक्स सिर्फ़ तभी लागू होता है जब संबंधित व्यावसायिक कार या दोपहिया वाहन 8 साल से ज़्यादा पुराना हो।
- निजी वाहन – अगर आपकी बाइक या कार15 साल से ज़्यादा पुरानी है तो आप वाहन ग्रीन टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।
ध्यान रखें कि ग्रीन टैक्स आमतौर पर राज्य के रोड टैक्स के प्रतिशत के रूप में लिया जाता है। साथ ही, कार और बाइक के मामले में उस विशेष वाहन की आरसी या रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र रिन्यू करते समय ग्रीन टैक्स भुगतान के लिए उत्तरदायी होता है।
सीधे शब्दों में कहें, तो पुराने वाहनों के लिए ग्रीन टैक्स के ज़रिए अर्जित राजस्व विशेष प्रदूषण या उत्सर्जन निगरानी स्टेशनों को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा। ये स्टेशन वायु प्रदूषकों के नियंत्रण में काफी मदद करेंगे।
राज्य-वार ग्रीन टैक्स की लायबिलिटी
टू व्हीलर और दूसरी कैटेगरी के वाहनों के लिए ग्रीन टैक्स की सही रकम आपके आवास स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।
सरकार ने व्यावसायिक वाहन मालिकों को अपनी रोड टैक्स लायबिलिटी के 10-25% की दर से ग्रीन टैक्स का भुगतान करने का आदेश दिया है। उदाहरण के लिए, अगर उनका रोड टैक्स 6000 रुपये है, तो लागू होने वाला अधिकतम ग्रीन टैक्स 1500 रुपये होगा।
दूसरी ओर, निजी वाहनों को अपनी रोड टैक्स लायबिलिटी के 50% तक की दर से ग्रीन टैक्स देना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, अगर रोड टैक्स 6000 रुपये है, तो ग्रीन टैक्स 3000 रुपये तक का हो सकता है।
ग्रीन टैक्स की सटीक दर आपके आवासीय शहर के प्रदूषण स्तर पर निर्भर करती है। इसलिए, नई दिल्ली और पटना जैसे शहर के निवासियों को संभवतः सबसे ज़्यादा ग्रीन टैक्स देना होगा।
अब, पूरे भारत के कुछ राज्यों में अपनी ग्रीन टैक्स लायबिलिटी पर एक नज़र डालें।
महाराष्ट्र ग्रीन टैक्स [1]
वाहन का प्रकार | टैक्स की रकम |
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टू-व्हीलर | ₹2000 |
फ़ोर-व्हीलर (डीजल) | ₹3500 |
फ़ोर-व्हीलर (पेट्रोल) | ₹3000 |
गोआ ग्रीन टैक्स [2]
वाहन का प्रकार | टैक्स की रकम |
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टू-व्हीलर | ₹1100 |
फ़ोर-व्हीलर | ₹1760 |
तमिलनाडु ग्रीन टैक्स [3]
वाहन का प्रकार | टैक्स की रकम |
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टू-व्हीलर | ₹500 |
फ़ोर-व्हीलर | ₹1000 |
व्यावसायिक वाहन प्रकार | ग्रीन टैक्स लायबिलिटी |
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छह सीटों वाली टैक्सी | ₹1250 |
सेवा वाहन | सालाना टैक्स का 2.5% |
अनुबंध बस | सालाना टैक्स का 2.5% |
ऑटोरिक्शा | ₹750 |
7500 किलोग्राम से ज़्यादा क्षमता वाले वाहन | सालाना टैक्स का 10% |
हल्के सामान वाले वाहन | ₹2500 |
पर्यटक बस | 2.5% of annual tax |
भारत में ग्रीन टैक्स का भुगतान कैसे करें?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन वाहन पोर्टल के जरिए कार, बाइक और दूसरे वाहनों के ग्रीन टैक्स का भुगतान करना बहुत आसान हो गया है। अपने ग्रीन टैक्स का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए नीचे दी गई चरण-दर-चरण प्रक्रिया का पालन करें।
- चरण 1: वाहन पोर्टल पर जाएं।
- चरण 2: सही फ़ील्ड में, अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करें और 'आगे बढ़ें' पर क्लिक करें।
- चरण 3: ड्रॉप-डाउन मेनू से, 'अपने टैक्स का भुगतान करें' विकल्प चुनें और अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- चरण 4: ओटीपी वेरिफ़िकेशन होने के बाद, 'विवरण दिखाएं' पर क्लिक करें और अपना सही टैक्स मोड चुनें।
- चरण 5: 'भुगतान' टैब पर जाएं और इस ग्रीन टैक्स का भुगतान करने के लिए अपना पसंदीदा तरीका चुनें।
आपका भुगतान पूरा होने के नोटिफ़िकेशन की प्रतीक्षा करें।
ज़्यादातर लोगों को अपने वाहनों पर ग्रीन टैक्स का भुगतान करने की ज़रूरत नहीं पड़ सकती है। ज़्यादातर लोग 15 साल की अवधि पूरी होने से पहले अपने निजी वाहनों को बदल देते हैं। फिर भी, अगर आपके पास एक विंटेज या पुराना वाहन है, तो कार और टू-व्हीलर के लिए ग्रीन टैक्स के भुगतान से जुड़ी पेचीदगियों को समझने से निश्चित रूप से मदद मिलेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
किन वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट दी गई है?
सभी इलेक्ट्रिक और सीएनजी फ़्यूल वाले वाहनों को ग्रीन टैक्स लायबिलिटी से छूट दी गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी कार और बाइक पर्यावरण के मुताबिक हैं, इनसे किसी भी तरह का हानिकारक उत्सर्जन नहीं होता है।
क्या ग्रीन टैक्स रोड टैक्स से अलग है?
हां, रोड टैक्स कराधान का एक अलग रूप है, जिसे सभी मोटर वाहन मालिकों को संबंधित कार या बाइक के रजिस्ट्रेशन के दौरान देना होगा। हालांकि, रजिस्ट्रेशन के दौरान ग्रीन टैक्स लागू नहीं होता है, बल्कि रजिस्ट्रेशन के काफी समय बीत जाने के बाद ही शुल्क लिया जाता है।
व्यावसायिक वाहनों के लिए न्यूनतम ग्रीन टैक्स दर क्या है?
कुछ राज्य व्यावसायिक वाहन मालिकों को वाहन के रोड टैक्स की रकम के सिर्फ़ 10% की दर से ग्रीन टैक्स का भुगतान करने की अनुमति देते हैं। हालांकि, यह शहर या राज्य के प्रदूषण स्तर पर निर्भर करता है।