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अगर आपके पास कार है, तो आप जानते होंगे कि इसके अच्छे से काम करने के लिए टायरों को बदलना कितना जरूरी है। टायर का ऊपरी हिस्सा सड़क पर टायर की मजबूत पकड़ बनाने में मदद करके आपको आरामदायक राइड देता है। हालांकि, नियमित इस्तेमाल के चलते टायर का ऊपरी हिस्सा खराब हो जाता, जिसका मतलब है कि आपको अपने टायर नियमित बदलने चाहिए।
आपने हाल ही में कार खरीदी है और आप जानना चाहते हैं कि टायर कब बदले जाने चाहिए? यह आर्टिकल इसके बारे में जानने का एक अकेला समाधान है।
कार के टायर कब बदलने चाहिए, इसका जवाब सड़कों की स्थिति पर निर्भर करता है। अगर आप नियमित रूप से खराब सड़कों पर ड्राइव करते हैं तो अच्छा यही होगा कि आप अक्सर टायर की जांच करें और इन्हें बदलें। ड्राइविंग का रूटीन यह भी तय कर सकता है कि आपको अपनी कार के टायर कितनी बार बदलने की जरूरत है।
अगर आप जानना चाहते हैं कि कब टायर बदलने चाहिए तो टायर के कुछ लक्षण होते हैं, जो सही समय बता सकते हैं । आपके कार टायर बदलने के सही समय जानने के लिए निम्न फैक्टर को देखें।
कार के टायर का ऊपरी हिस्सा इसका जरूरी पुर्जा है, जो सड़क पर पकड़ बनाए रखने की टायर की उपयोगिता को बढ़ाता है। टायर में ऊपरी हिस्से की गुणवत्ता अगर अच्छी है तो आप कार को खराब और गीली सड़कों में भी एक्स्लरेट करने के साथ रोक और मोड़ सकते हैं। हालांकि, टायर में लगातार होता नुकसान इसको और खराब करता जाता है, जो कार के लिए सुरक्षा के नजरिए से सही नहीं है। इसलिए, अगर आप जानना चाहते हैं कि कार के टायर कब बदले जाने चाहिए तो यह पूरी तरह से कार के टायर के ऊपरी हिस्से पर निर्भर करता है।
कार के टायर ट्रेड वियर इंडिकेटर के साथ आते हैं। इंडिकेटर ढूंढने का सबसे आसान तरीका किनारे पर बना तिकोना ऐरोहेड होगा। मार्कर के साथ समानांतर चलने वाले टायर के ऊपरी हिस्से के बीच मौजूद रबड़ ब्रिज टायर की स्थिति समझने में मदद करते हैं। एक घिसा हुआ टायर ब्रिज के स्तर तक आ जाएगा। अगर आप जानना चाहते हैं कि कार के टायर को कब बदला जाना चाहिए तो हर बार ऊपरी हिस्से के खराब होने पर कार को मैकेनिक के पास जरूर ले जाएं।
इसके अलावा अगर आपकी कार को लम्बे समय तक इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो टायर की रबड़ सख्त हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप ऊपरी हिस्से की परत पर दरारें दिखने लगती हैं। जबकि ऐसी दरारें ऊपरी हिस्से पर सामान्य हैं, वहीं दिक्कत तब बढ़ जाती है, जब यह दरारें किनाए पर हो जाती हैं। आप मौजूदा टायर के साथ कार को ड्राइव कर सकते हैं । हालांकि अगर समस्या बढ़ती जाती है तो आपको टायर बदलने पड़ेंगे।
अगर आपको इस बात की चिंता है कि टायर कब बदले जाने चाहिए तो आपको कार टायर के अलाइनमेंट पर नजर बनाकर रखनी होगी। अलाइनमेंट सही न होने या सस्पेंशन खराब होने का मतलब है कि वह खास टायर गलत तरीके से खराब हो रहा है। भले ही एक तरफ का ऊपरी हिस्सा सामान्य लग सकता है, लेकिन दूसरा किनारा अपनी सीमा तक पहुंच गया होगा। इसका मतलब है कि टायर को वापस अलाइन करने के लिए सर्विसिंग कराते हुए आपको टायर बदलने पड़ेंगे।
अधिकांश यात्री कारें रेडियल टायरों का उपयोग करती हैं और किनारों की मजबूती इन टायरों का जरूरी हिस्सा होती हैं। ख़राब सड़कों और गड्ढों में ड्राइविंग करने से किनारों को नुकसान होता है। तुरंत स्थिति को संभालने और खराब हिस्से को सही करने के लिए इनकी साइडवॉल पैचेज के साथ मरम्मत की जा सकती है। हालांकि, लंबे समय में अच्छे परिणामों के लिए अभी भी टायर बदलना ही बेहतरीन विकल्प है। इसलिए यह वह वह स्थिति है जब कार के टायर बदल ही देने चाहिए।
उम्र और इस्तेमाल के साथ टायर की रबड़ आमतौर पर सख्त हो जाती है। टायर सख्त होता है तो इसका लचीलापन और ट्रैक्टबिलिटी कम हो जाती है, जिसके चलते टायर की सडक पर पकड़ कमजोर हो जाती है। ठीक इसी समय, मुलायम कंपोनेंट से बने टायर सख्त होने में ज्यादा समय लगाते हैं। ऐसी स्थिति में मुश्किल से ही बचा जा सकता है। इसलिए अगर आप सोच रहे हैं कि कार के टायर कब बदले जाएं तो आपको टायर की स्थिति पर नजर बनाकर रखनी होगी और जैसे ही यह जरूरत से ज्यादा सख्त हो जाएं तो इन्हें बदलने की कोशिश करें।
हालांकि, आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि टायर का ऊपरी हिस्सा ठीक हो तो भी कार के टायर हर 5-6 साल में बदल देने चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि टायर को बदलने की जरूरत नहीं है, कार के टायर की गुणवत्ता को अक्सर जांच लेना चाहिए। इसके अलावा, अगर आपकी कार की दुर्घटना हो जाती है और टायर को थोड़ा भी नुकसान हो जाता है, तो अच्छा यही होगा कि टायर को बदल दिया जाए ।
ज्यादातर टायर 5 साल तक चलते हैं। हालांकि, बनने की तारीख से करीब 10 सालों तक टायरों पर अंदर और बाहर दोनों और उम्र के निशान दिखते हैं। इसके अतिरिक्त, अगर आप अपनी कार का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो टायर बहुत ज्यादा झटकों का सामना करते हैं जिसकी वजह से टायर की संरचना पर गहरा असर पड़ता है। अगर संरचना पर हुआ नुकसान नहीं दिख रहा है तो भी टायर का अंदरूनी हिस्सा खराब हो सकता है। इसलिए, लंबी दूरी तय करने से पहले टायरों को बदल दीजिए, खासतौर पर तब जब आपने कार का अत्यधिक इस्तेमाल किया हो।
मौसम की परिस्थितियों का ध्यान रखकर कार टायर कब बदले जाने का निर्णय लेने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, मानसून के मौसम में आपकी कार के टायर जल्दी खराब हो सकते हैं। इसलिए अगर माहौल गीला और नामी वाला है तो आपको मानसून शुरू होने से कम से कम एक हफ्ते पहले कार के टायर बदल लेने चाहिए। इसके अतिरिक्त, अगर आप अक्सर ही ड्राइविंग करते हैं तो टायर ज्यादा जल्दी खराब हो सकते हैं ।
अगर आपके पास कार है तो इसकी परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए आपको इसके पुर्जों के बारे में पता होना चाहिए। टायर कब बदले जाने चाहिए, इसके बारे में सोचने की बजाए सलाह यह दी जाती है कि अपनी कार के टायर का अक्सर परिक्षण किया जाए और बाहरी नुकसान को जांचा जाए। इसके चलते आपको कार के टायर में हुए निम्न नुकसानों के बारे में जानने में मदद मिल सकती है ।
अगर अपनी कार को चलाते या इसका निरिक्षण करते हुए आप इन बदलावों पर ध्यान देते हैं तो इसको सर्विस स्टेशन ले जाने के बारे में दो बार बिल्कुल ना सोचें। विशेषज्ञ मैकेनिक इसके बारे में सही से बताएंगे और ऐसे टायर बदलकर या फिर आपकी कार में और बदलाव करके समस्या हल कर देंगे ।
इसलिए अब आप देख सकते हैं कि कार के मालिकों को कार के टायर बदलने के बारे में पूरी समझ होनी चाहिए। साधारण टायर लाइफ और इस्तेमाल के अनुसार टायर में बदलाव और नुकसान की जांच करना जरूरी है। यह आपकी कार की परफॉर्मेंस बेहतर करने और बनाए रखने में आपकी मदद करेगा।
आदर्श रूप से, आपको पांच साल में एक बार टायर बदल देने चाहिए जो कि 40,000 किलोमीटर.की दूरी तय करने के बराबर है ।
आदर्श रूप से, आपको पांच साल में एक बार टायर बदल देने चाहिए जो कि 40,000 किलोमीटर.की दूरी तय करने के बराबर है ।
फोर व्हीकल के मामले में पूरा सेट न बदलना वाहन को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, आप एक या दो टायर बदल सकते हैं जब पुराने और नए टायर के ऊपरी हिस्से में 3 मिलीमीटर से भी कम का अंतर हो ।
फोर व्हीकल के मामले में पूरा सेट न बदलना वाहन को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, आप एक या दो टायर बदल सकते हैं जब पुराने और नए टायर के ऊपरी हिस्से में 3 मिलीमीटर से भी कम का अंतर हो ।
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closeAuthor: Team Digit
Last updated: 04-03-2025
CIN: U66010PN2016PLC167410, IRDAI Reg. No. 158.
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