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आपकी ऑन-रोड सुरक्षा का सीधा संबंध कार ड्राइविंग टिप्स का पालन करने से है। स्टीयरिंग व्हील की स्थिति को समझना, टर्न सिग्नल का ठीक से पालन करना और ओवरस्पीडिंग से बचना आपके ड्राइविंग कौशल के साथ-साथ सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सबसे बेसिक लेकिन कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं।
अगले सेक्शंस में इसके तरीकों पर चर्चा के साथ, आप माइलेज बढ़ाने और इंजन की सेहत के बारे भी जान सकेंगे। जरा गौर फरमाएं। साथ में सुरक्षित कार ड्राइविंग को समझने के लिए कुछ सामान्य टिप्स पर भी चर्चा की गई है।
नीचे दिया गया लेख पढ़ें, जिसमें आपको ड्राइविंग से संबंधित बेस्ट टिप्स मिलेंगे।
ज्यादा माइलेज पाने के लिए, आप जल्दी-जल्दी गियर बदलें। ड्राइवर अक्सर लो गियर्स का इस्तेमाल नहीं करने की गलती करते हैं। इसके अलावा, गलत डाउनशिफ्टिंग ज़्यादा फ्यूल खर्च करती है और लंबे समय में कार को नुकसान पहुंचाती है। आप आरपीएम नीडल को 1500-2000 रेंज के बीच रखकर बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी सुनिश्चित कर सकते हैं।
अग़र आपको किसी सिग्नल पर तीस सेकंड से ज़्यादा समय तक प्रतीक्षा करनी पड़े, तो आपको अपनी कार बंद कर देनी चाहिए। अग़र आप इस नियम का पालन नहीं करते हैं, तो आपका वाहन ज़्यादा फ्यूल खा सकता है।
कार एयर कंडीशंस का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से माइलेज 30% तक कम हो सकता है। उदाहरण के लिए, अग़र आपकी कार फुल टैंक और एयर कंडीशनर के साथ 500 किमी चलती है, तो आप बिना एयर कंडीशनर के इसी फ्यूल के साथ 600-725 किमी तक चल सकते हैं। पोल्युशन का बढ़ता लेवल या हाई टेम्प्रेचर सड़कों पर यात्रा करना असहनीय बना देता है। ऐसे में, एयर कंडीशनर का बुद्धिमानी से इस्तेमाल फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ा सकता है। इसके अतिरिक्त, अग़र आपका वाहन क्लाइमेट कंट्रोल के साथ आता है, तो आप इसे 'ऑटो' मोड पर चालू कर सकते हैं और फ्यूल का कम खर्च सुनिश्चित करने के लिए इसे लोअर ब्लोअर मोड में इस्तेमाल कर सकते हैं। पर कैसे? केबिन के ज़रूरी टेम्प्रेचर को बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनर को कार्य करना पड़ता है।
बताए गए टायर प्रेशर के साथ कार चलाने से माइलेज लगभग 3% तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, कम रोलिंग रेसिस्टेन्स वाले टायरों को लगाने से एनर्जी वेस्टिंग को भी कम किया जा सकता है। अग़र आपने पहले से अलॉय व्हील लगा रखे हैं, तो फ्यूल पर खर्च बचाने के लिए टायरों को नियमित बदलने का प्रयास करें। इसमें कोई ताज्जुब नहीं कि यह हाई-परफॉरमेंस टायर ग्रिप और हैंडलिंग के बेहतर स्तर के होते हैं; यह अलग बात है, हाई रोलिंग रेसिस्टेन्स फ्यूल की बचत को कम कर देते हैं।
नियमित सर्विस होने वाली कार बेहतर माइलेज देती है। कार सर्विसिंग का विकल्प चुनते समय, सुनिश्चित करें कि एयर फिल्टर, स्पार्क प्लग और फ्यूल फिल्टर नियमित अंतराल पर चेक होते रहें। इसके अलावा, हर 6000 किमी पर कार के ऑक्सीजन सेंसर को चेक करवाएं क्योंकि डैमेज या फॉल्ट सेंसर कार के माइलेज को 20% तक कम कर सकता है। इसलिए, तय समय पर या उससे पहले (अग़र ज़रूरी हो) अपने वाहन की सर्विस कराएं।
माइलेज के बारे में सीखने और कार चलाने के बेसिक टिप्स समझने के साथ-साथ आपको इंजन की सेहत सुनिश्चित करने के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। पढ़ते रहें!
गति बढ़ाने से इंजन के पुर्जों और ट्रांसमिशन में बड़ी टूट-फूट हो सकती है। ऐसा खासकर तब होता है जब आप लगातार अपशिफ्ट और डाउनशिफ्टिंग कर रहे होते हैं। इससे ज़्यादा फ्यूल खर्च हो सकता है। इसलिए, इंजन की टूट-फूट को कम करने के लिए गति सीमा नियमों का पालन करने की कोशिश करें।
बड़े ट्रक या एसयूवी बहुत ज़्यादा भार ढो सकते हैं क्योंकि उन्हें अतिरिक्त भार उठाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दूसरी ओर, अगर छोटे क्रॉसओवर या सेडान इंजन पर बहुत दबाव डालेंगे तो इसके चलते समय से पहले इंजन फेल हो सकता है। आप भारी बक्सों और उपकरणों को हटाकर अपने वाहन पर लदे अत्यधिक भार को कम कर सकते हैं।
ठंड का मौसम वाहन के इंजन पर असर डाल सकता है। बैटरी के कम चार्ज होने के कारण कार को सर्दी में सुबह इंजन स्टार्ट करने के लिए ज़्यादा एनर्जी की ज़रूरत पड़ती है। इसके अलावा, तेल गाढ़ा और ठंडा हो जाता है, जिससे पुर्जों को चलाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में, इंजन को चालू करें, तीस सेकंड से एक मिनट तक प्रतीक्षा करें, और कार को धीरे-धीरे तब तक चलाएं जब तक कि यह बहुत ज़्यादा कोशिश किए बिना गर्म न हो जाए।
अब जब आप इंजन की सेहत बेहतर सुनिश्चित करने के लिए कार ड्राइविंग टिप्स और ट्रिक्स के बारे में जानते हैं, तो हम कार राइडिंग सेफ्टी टिप्स के सेक्शन में चल सकते हैं।
ड्राइविंग करते समय सबसे ज़रूरी कार ड्राइविंग टिप्स में से एक अलर्ट रहना है। अपने कार्यों और अपने आस-पास के ड्राइवरों पर ध्यान दें, खासकर जब हाईस्पीड पर राजमार्गों पर गाड़ी चला रहे हों।
सुनिश्चित करें कि आपकी कार की हेडलाइट्स बेहतर स्थिति में हैं। यह महत्वपूर्ण है, खासकर जब आप रात में या बरसात या कोहरे वाली सड़कों पर गाड़ी चला रहे हों।
ऊपर बताए गए टिप्स के अलावा, नए कार ड्राइवर्स के लिए कई और टिप्स हैं। इनके बारे में विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें।
आपको ट्रैफिक सिग्नल के नियमों और गति सीमाओं को जानना और उनका पालन करना चाहिए। यह पैदल चलने वालों के साथ-साथ आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। पीली बत्तियों के महत्व को समझें, जो चालकों को धीरे चलने और रुकने के लिए तैयार रहने का संकेत देते हैं। इन संकेतों का पालन करें और घनी आबादी वाले क्षेत्रों की सड़कों में गति सीमा का पालन करें।
अपनी सीटों को सही ढंग से रखें, यानी पैडल के साथ बैलेंस करें। क्लच को पूरी तरह से दबाएं और सुनिश्चित करें कि आपके पैर आराम से मुड़ सकते हैं और फंसे नहीं हैं। सीटों को तब तक एडजेस्ट करें जब तक आप एक सही स्थिति तक नहीं पहुंच जाते। अग़र आपके वाहन में हायर एडजेस्टमेंट की सुविधा है, तो सड़क को पूरी तरह से साफ़-साफ़ देखने के लिए एडजेस्ट करें। आखिर में, अपने झुके हुए हिस्से को इस तरह एडजेस्ट करें कि आप स्टीयरिंग को अच्छे से पकड़ सकें।
चाहे आप बहुत अच्छे ड्राइवर हों या नौसिखिए, आपको शीशे को एडजस्ट करना आना चाहिए। अगर आपके वाहन में इलेक्ट्रॉनिक ओपनिंग ओआरवीएम नहीं है तो ओआरवीएम खोल दें। उसके बाद, शीशों को ऑनबोर्ड इलेक्ट्रिक कंट्रोल से या मैन्युअल एडजेस्टमेंट हैंडल द्वारा एडजेस्ट करें। यहां आपको अपनी कार के शीशे को इस तरह से एडजस्ट करना होगा कि आप अपने वाहन के पिछले हिस्से और सड़क को भी सही तरीके से देख सकें।
सुरक्षित और बेहतर ड्राइविंग का अनुभव सुनिश्चित करने के लिए ऊपर दिए गए कार ड्राइविंग टिप्स और ट्रिक्स का पालन करें।