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एक इंश्योरेंस पॉलिसी लेना उतना ही अक्लमंदी का फैसला है, जितना कि जब कोई घर पर मौजूद न हो तो उसकी सुरक्षा के लिए उसे बंद करना। दोनों ही काम आपकी बहुमूल्य संपत्ति की सुरक्षा के लिए ही हैं। सही कहा न?
कार इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी कार में टूट-फूट होने या पुर्जे खराब होने की स्थिति में हुए खर्च को कवर करने के लिए होती है। आपकी कार बहुत कीमती होती है क्योंकि या तो आपकी कमाई का एक जरिया होती है या फिर ये आपको इधर-उधर लाने ले जाने का काम करती है। इसलिए, इसको अच्छी हालत में रखना आपके लिए जरूरी है।
चाहे आप कानूनी तौर पर अनिवार्य थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस चुनें या फिर कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस, कार इंश्योरेंस खरीदना भरोसे और स्पष्टता का मामला होता है।
कोई भी इंश्योरेंस कंपनी आपको एक कार इंश्योरेंस पॉलिसी इसलिए नहीं बेचती है ताकि आप सिर्फ फायदा उठाने के लिए उन्हें धोखा दें। लेकिन अगर आप एक क्लेम करने के लिए कोई झूठी जानकारी देते हैं, तो इंश्योरेंस देने वाली कंपनी आपके कार इंश्योरेंस क्लेम का भुगतान करने से मना कर सकता है।
जैसे आपकी कार चलते समय दिक्कत कर रही थी। बाद में दुर्घटना के बाद बंपर के दाईं तरह खरोंच लग गई लेकिन, आप कहते हैं कि कार अचानक से रुक गई, तो यह धोखाधड़ी (फ्रॉड) का मामला हो सकता है।
आप जानते हैं कि शराब पीकर गाड़ी चलाना एक कानूनी जुर्म है और यह आपको अपराधिक कार्यवाही की ओर ले जाएगा। कल्पना कीजिए, कि एक दोस्त की पार्टी में आपने दोस्तों के साथ शराब पी ली। फिर, रात के खाने के बाद आप अपनी कार चला रहे थे लेकिन नियंत्रण खो बैठे और किसी थर्ड-पार्टी की कार को टक्कर मार दी। ट्रैफिक पुलिसकर्मी तुरंत आपको पकड़ लेते हैं और नुकसान उठाने वाली पार्टी क्लेम फाइल कर देती है।
इंश्योरेंस कंपनी केस की जांच-पड़ताल करेगी। ये जानने के बाद कि आप नशे में थे जिसके कारण दुर्घटना हुई और क्लेम किया गया, कंपनी आपके क्लेम पर आगे की कार्यवाही करने से मना कर देंगे।
किसी भी हालत में अगर आप बिना ड्राइविंग लाइसेंस के अपनी कार चलाते हुए पाए जाते हैं, तो दुर्घटना होने पर आपको भी बराबर का दोषी माना जाएगा। ऐसे मामले में इंश्योरेंस कंपनी शुरू में ही क्लेम को खारिज करने का अधिकार रखती है।
आपने इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय अपनी कार की विशेष चीजों जैसे इंजन की क्षमता, धातुओं के मिश्रण (अलॉय) वगैरह का ब्यौरा (डिक्लेरेशन) दिया था। यह वही चीजें हैं जिन पर पॉलिसी आपको कवर करेगी। लेकिन, आपने कुछ समय बाद कार के इंजन में अपग्रेड किया और इसकी जानकारी अपने इंशयोरर को नहीं दी।
इसलिए, अगर कोई दुर्घटना होती है तो इंश्योरेंस कंपनी के पास बिना सूचना के कार में किए गए बदलावों के आधार पर क्लेम को खारिज करने का पूरा अधिकार है।
एक ऐसी डेडलाइन होती है जिसके पहले आपको दुर्घटना और इससे हुए नुकसान के बारे में इंश्योरेंस कंपनी को जानकारी देनी चाहिए।
अगर आप क्लेम की सूचना देने में पहले से तयशुदा (प्रीडिफाइन) समय से ज्यादा वक्त लेते हैं, तो यह गुंजाइश है कि इंश्योरेंस कंपनी आपके किए क्लेम को खारिज कर दे।
कार इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रकार, आपको अपने वाहन का इस्तेमाल एक खास तरीके से करने के लिए कहता है। मान लीजिए, आपके वाहन का इंश्योरेंस निजी वाहनों की श्रेणी के तहत है। लेकिन, आप इसका इस्तेमाल व्यावसायिक (कमर्शियल) उद्देश्य के लिए करते हैं।
फिर, एक दिन जब आप इसका इस्तेमाल माल ढोने के लिए कर रहे थे, और आपने गलती से किसी दूसरी कार को टक्कर मार दी। इससे आपकी कार में खरोंच आ गई जिसके लिए आपने खुद को हुए नुकसान के तहत क्लेम की सूचना दी। लेकिन इंश्योरेंस कंपनी जांच-पड़ताल के बाद क्लेम को खारिज कर देगी क्योंकि उन्हें पॉलिसी की शर्तों के उल्लंघन के बारे में पता चल जाएगा।
अगर आप ठीक से सोचें तो इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता। मान लीजिए, कि आपकी कार की इंश्योरेंस पॉलिसी 5 दिन पहले खतम हो गई और आपने उसे रिन्यू नहीं कराया। छठे दिन, आपकी टक्कर होजाती है जिसमें आपकी कार को बड़ी सी खरोंच लग जाती है।
जब आप इंश्योरेंस कंपनी को नुकसान के बारे में सूचना देते हैं, तो वे क्लेम को मान्य करार नहीं देंगे। केवल आपकी कार के इंश्योरेंस न होने की वजह से।
इसे इस तरह से समझें, कि आप अपने दोस्त से खरीदी गई सेकंड-हैंड एसयूवी चला रहे थे। मालिकाना का ट्रांसफर होना अभी बाकी है। आपने अभी-अभी गाड़ी चलाना सीखा है, इसलिए एक हिचकिचाहट है। हालांकि, गाड़ी चलाने को लेकर आप बेहद जुनूनी हैं।
खरीदने के 10 दिनों के बाद, एक सुबह आप अपनी कार में राइड का मजा लेने के लिए गए। आपने एक सिग्नल तोड़ा और कॉलेज के एक छात्र को टक्कर मार दी। लड़का घायल हो गया और उसकी बाइक टूट गई। दुर्घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई और आपको इंश्योरेंस पॉलिसी दिखाने के लिए कहा गया।
आपने इंश्योरेंस कंपनी को फोन किया जिसने आपको क्लेम से मना कर दिया गया, क्योंकि आरटीओ के जरिए मालिकाने का कोई कानूनी रूप से ट्रांसफर नहीं हुआ था। इतना ही नहीं, ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपसे जुर्माना भरने कहेगा क्योंकि आप बिना इंश्योरेंस पॉलिसी के गाड़ी चलाते हुए पकड़े गए थे।
आपकी कार इंश्योरेंस पॉलिसी जानबूझकर की गई टूट-फूट को कवर नहीं करती है। यानी अगर आप जानबूझकर गाड़ी के साथ तोड़-फोड़ करें, तो वह कवर नहीं होगा। अगर आप किसी ऐसी वजह से क्लेम फाइल करते हैं, तो आपके क्लेम को खारिज कर दिया जाएगा।
जब क्लेम या पॉलिसी खरीदने की बात आती है तो जानकारी का खुलासा न करना बुरा माना जाता है। जैसे अगर आप क्लेम फाइल करते समय इंश्योरेंस देने वाली कंपनी को यह नहीं बताते हैं कि आप नशे में थे और उस वजह से दुर्घटना घटी, तो बाद में खुलासा होने पर आपका क्लेम खारिज कर दिया जाएगा।
अगर आप पहले से खराब हुई कार चलाते हैं और इससे उसकी हालत और खराब हो जाती है, जिससे इंजन को भी नुकसान पहुंचता है। तो, ऐसे नुकसान कार इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर नहीं किए जाएंगे।
ऐसी कोई भी लापरवाही, जिससे गाड़ी को नुकसान होता हो, उसे कवर नहीं किया जाएगा। अगर आप अपनी कार को बाढ़ग्रस्त इलाके में चलाते हैं और उसमें गड़बड़ी हो जाए। ऐसा आप निर्माता कंपनी के मैनुअल को नजरअंदाज करते हुए करते हैं, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि बाढ़ग्रस्त इलाके में गाड़ी चलाने से कार खराब हो सकती है, तो ऐसी स्थिति में क्लेम का भुगतान नहीं होगा।