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जो बच्चे विदेश जाकर वहां पर पढाई करने की इक्षा रखते हैं, उन्हें उनके पसंदीदा देश में प्रवेश करने और अपने एकेडमिक करियर को आगे बढ़ाने के लिए उस देश के वीज़ा प्राप्त करने की आवश्यकता पड़ती है। इस लेख के माध्यम से आप स्टूडेंट वीज़ा और उससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सकेंगे। इसलिए, यदि आप भी विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने की इक्षा रखते हैं, तो हमारे साथ इस लेख के अंत तक बने रहें।
स्टूडेंट वीजा एक आधिकारिक दस्तावेज है जो अपने होल्डर्स को विभिन्न विदेशी देशों की यात्रा करने के साथ ही वहां पर रहते हुए अपनी शिक्षा को जारी रखने में होल्डर की सहायता करता है। इस प्रकार के वीज़ा नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा की केटेगरी में आते हैं, जो बाहर के किसी भी विदेशी देश में आपके ऐकडेमिक कोर्स के अंत होने तक वैलिड रहते हैं।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि स्टूडेंट्स वीज़ा की कई कैटेगरी होती हैं। उदहारण के तौर पर अगर हम ऑस्ट्रेलिया के स्टूडेंट वीज़ा की बात करें तो हमे यह पता चलेगा कि ऑस्ट्रेलिया में इस प्रकार वीज़ा की 7 केटेगरीस मौजूद हैं वही अगर हम यूनाइटेड स्टेट्स की बात करें तो वह 3 प्रकार के स्टूडेंट वीज़ा को ऑफर किया जाता है जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं - M1, F1 और J1।
स्टूडेंट्स F1 वीजा के लिए तब आवेदन कर सकते हैं जब वे यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के किसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किए गए कॉलेज, यूनिवर्सिटी या एक किसी अप्रूव्ड स्कूल में पढ़ाई करने की योजना बना रहे होते हैं। इसके साथ M1 प्रकार का वीज़ा उन छात्रों के लिए इशू किया जाता है जो यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के किसी भी यूनिवर्सिटी में वोकेशनल ट्रेनिंग या एक्टिविटीज़ को आगे बढ़ने के लिए US आना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर, रिसर्च स्कॉलर्स और प्रोफेसर के लिए J1 प्रकार के वीज़ा को इशू किया जाता है और साथ ही इस वीज़ा को वैसे व्यक्तियों के लिए भी इशू किया जा सकता है जो कल्चरल एक्सचेंज को प्रोत्साहित करने वाले ऐकडेमिक प्रोग्राम में भाग लेने के लिए इच्छुक रहते हैं, और उसे आगे बढ़ाने के लिए US में आने की इक्षा रखते हैं।
अब अगर हम यूनाइटेड किंगडम के स्टूडेंट वीज़ा की बात करें तो यह देश स्टूडेंट्स को 4 टियर और शार्ट टर्म स्टूडेंट वीज़ा की सुविधा प्रदान करता है। 4 टियर वीज़ा को तब इशू किया जाता हैं जब स्टूडेंट 6 महीने से अधिक समय तक के लिए UK में रहकर शिक्षा प्राप्त करने की इक्षा रखते हों। शार्ट टर्म स्टूडेंट वीज़ा को वैसे स्टूडेंट्स के लिए इशू किया जाता है जिन्होंने 6 महीने से कम समय वाले कोर्स में अपना दाखिला करवाया है। इसी तरह, भारत सरकार भी स्टूडेंट्स की आवश्यकताओं के अनुसार मल्टी- ट्रेवल और प्रोविशनल स्टूडेंट वीजा को इशू करती है।
इसी तरह स्टूडेंट वीज़ा कई प्रकार के होते हैं जिनमे से आवेदक को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार किसी एक प्रकार का चयन करने की आवश्यकता पड़ती है।
सबसे पहले हम आपको यह बताना चाहेंगे कि अलग अलग देशों में स्टूडेंट वीज़ा को प्राप्त करने के लिए एलिजिबिल्टी क्राइटेरिया अलग अलग होते हैं। हालांकि, यहां नीचे हमने कुछ आम क्राइटेरिया की एक सूची को आपके साथ साझा किया है, जिन्हें कैंडिडेट द्वारा किसी भी वीज़ा को प्राप्त करने से पूरा करने की आवश्यकता पड़ती है :
सबसे पहले आपको स्कूल अथॉरिटी द्वारा अपने वीज़ा आवेदन के लिए अप्रूवल प्राप्त करने की आवश्यकता पड़ती है।
आवेदक को यह साबित करने की भी आवश्यकता पड़ेगी कि उसके पास वहां पर रहकर पढ़ाई करने के लिए पर्याप्त धन है - इन पैसों में आपके ट्यूशन फीस के साथ ही आपके अपने परिवार के लोगों के लिए उस देश में रहने में लगने वाले खर्चों को शामिल किया जाता है।
स्टूडेंट के लिए उस देश के कैरेक्टर रेक्विरेमेंट को पूरा करने की आवश्यकता पड़ेगी।
इसके साथ ही उस स्टूडेंट के पास एक बहुत ही बेहरीन ऐकडेमिक रिकॉर्ड का होना भी आवश्यक है।
कैंडिडेट्स को सभी प्रकार के हेल्थ रेक्विरेमेंट के लिए क्वालीफाई करने की आवश्यकता पड़ेगी और इसके साथ ही उनके लिए उस देश के हेल्थ इंश्योरेंस को खरीदना भी अनिवार्य होगा।
क्या आप इस बात को जानना चाहते हैं की एक स्टूडेंट वीज़ा के लिए आवेदन करने की ऑनलाइन प्रक्रिया क्या है? यदि हाँ, तो यहां तो चलिए अब हम इसे समझने की कोशिश करते हैं -
एक स्टूडेंट वीज़ा के लिए आवेदन प्रक्रिया को शुरू करने से पहले आपको अपने उस देश की यूनिवर्सिटी द्वारा एक एक्सेप्टेन्स लेटर को प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। हालांकि, आपके लिए इस बात पर भी ध्यान देना आवश्यक होगा कि आवेदन प्रक्रिया अलग अलग देशों के लिए अलग अलग होती है। इसलिए, जिस भी देश में आप अपने स्टूडेंट वीज़ा के लिए अप्लाई कर रहे हैं, आपको सबसे पहले उस देश के एम्बेसी द्वारा निर्धारित किये गए निर्देशों को निश्चित रूप से पढ़ना चाहिए ताकि आप खुद को आगे होने वाली परेशानियों से बचा सकें।
इस वीज़ा की सबसे अच्छी खासियत यह है की स्टूडेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में से किसी भी माध्यम का इस्तेमाल कर आवेदन प्रकिया को पूरा कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सुविधाजनक होती है जहां आवेदक को उस देश से संबंधित वेबसाइट पर जाकर एक स्टूडेंट प्रोफाइल को बनाने के साथ ही सभी आवश्यक जानकारियों के साथ फॉर्म को भरने की आवश्यकता पड़ती है।
वही यदि अब हम ऑफ़लाइन आवेदन प्रक्रिया की बात करें तो, आवेदक को सबसे पहले ऑफिसियल वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करना होगा, और फिर उसमे सभी जानकारियों को सही से भरने के बाद अपने डेस्टिनेशन कंट्री के कॉन्सुलेट में जमा करने की आवश्यकता पड़ेगी।
अगले स्टेप में आपको स्टूडेंट वीज़ा के लिए लगने वाले फीस का भुगतान करने की आवश्यकता पड़ती है। फीस का भुगतान करने के बाद, स्टूडेंट्स को सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को जमा करके अपने आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने की आवश्यक पड़ेगी। इसके अलावा, आवेदक को इस बात पर ध्यान देना होगा कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका जैसे कुछ देशों के लिए वीजा इंटरव्यूज एप्लीकेशन प्रोसेस को वीज़ा प्राप्त करने के लिए अनिवार्य माना जाता है।
वीजा इंटरव्यू के दौरान आवेदक को निम्नलिखित दस्तावेज़ों को पेश करने की आवश्यकता पड़ती है:
एक नया वैलिड पासपोर्ट और पुराण पासपोर्ट
फीस रिसिप्ट
पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
आवेदन फार्म
अपॉइंटमेंट लेटर
किसी डेस्टिनेशन देश के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट द्वारा इशू किया गया एडमिशन को कन्फर्म करने वाला दस्तावेज़
एक आवेदक की फाइनेंशियल प्रोफ़ाइल को साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
और साथ ही डेस्टिनेशन कंट्री द्वारा दिया जाने वाला रिक्वायर्ड लैंग्वेज सर्टिफिकेट
आपको इस बात का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ेगी की ऊपर दिए गए दस्तावेज़ों की सूचि केवल एक उदहारण उद्देश्य से आपके सामने पेश की गयी है, और इन दस्तावेज़ों की सूचि अलग अलग देशों के लिए अलग अलग भी हो सकती है। इसलिए, आवेदक को किसी भी अन्य दस्तावेज़ की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी को प्राप्त करने के लिए उस देश के वेबसाइट की जांच करनी चाहिए, जहाँ वे पढाई करने की चाह रखते हैं।
स्टूडेंट वीज़ा के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया का समय अलग अलग देशों के लिए अलग अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, कनाडा में स्टूडेंट वीज़ा के आवेदनों को प्रोसेस करने में लगने वाला समय लगभग 3 सप्ताह तक भी जा सकता है, और अगर हम आयरलैंड की बात करें तो, वहां आवेदन को पूरा करने में भी लगभग 3 सप्ताह तक का समय लग जाता है।
स्टूडेंट वीज़ा के प्रोसेसिंग के लिए भुगतान की जाने वाली फीस की बात करें तो यह फीस सभी देशों के लिए अलग अलग होती है। उदाहरण के लिए, यदि आप ऑस्ट्रेलिया में स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करते हैं तो आपको लगभग 535.71 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भुगतान करने की आवश्यकता पड़ेगी। दूसरी ओर, यदि आप यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका में स्टूडेंट वीजा (F1) के लिए आवेदन करते हैं तो आपको लगभग $339.64 के SEVIS फीस का भुगतान करने की आवश्यकता पड़ेगी।
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है की यह फीस सभी देशों के लिए अलग अलग हो सकती है। इसलिए, वाणिज्य दूतावास के साथ ही आपको अपने वीज़ा प्रकार पर लगने वाले फीस को वेरीफाई करवाना महत्वपूर्ण होगा, और साथ ही ऑनलाइन या NEFT माध्यमों का उपयोग करते हुए भी आप इसका भुगतान कर सकते हैं।
जी हाँ। विदेश में अपनी शिक्षा के पूरा होने से पहले ही यदि आपके स्टूडेंट वीज़ा की वैलिडिटी समाप्त हो जाती है तो ऐसे में स्टूडेंट वीज़ा के आवेदक अपने वीज़ा के वैलिडिटी को बढ़ने के आवेदन कर सकते हैं।
किसी भी असुविधा से खुद को बचाने के लिए आवेदक को अपने स्टूडेंट्स वीज़ा की वैलिडिटी के समाप्त होने से पहले ही इसके लिए आवेदन कर देना चाहिए। स्टूडेंट अपने वर्तमान वीज़ा के खत्म होने से 30 दिन पहले ही इसके वैलिडिटी को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन या मेल दोनों में से किसी भी एक माध्यम का इस्तेमाल कर आवेदन कर सकते हैं।
यदि आवेदक को अपने स्टूडेंट वीज़ा के आवेदन में रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है, तो वे फिर से अपने स्टूडेंट वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालाँकि, आवेदक को अगर बार-बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ रहा हैं तो उन्हें इसके पीछे के कारण को पहचान कर उसमें सुधारकर फिर से अप्लाई करने की सलाह दी जाती है।
अक्सर ही वीज़ा-आवेदन प्रक्रिया को सही से पूरा करने में काफी समय लगता है। इसलिए, स्टूडेंट वीज़ा अप्लाई करने से पहले आवेदक को इस विषय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को प्राप्त करने पर ध्यान देना चाहिए जिससे उनके लिए अपने वीज़ा के आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।