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भारत के बाहर रहने वाले लोगों को पहले यह विकल्प मिलता था कि वे विदेशी नागरिकता कार्ड (OCI) या भारतीय मूल (PIO) कार्ड के लिए आवेदन कर सकते थे। ये कार्ड वीजा की जगह पर लॉन्ग टर्म आइडेंटिफाइंग और ट्रैवलिंग डॉक्यूमेंट के रूप में काम करते थे।
कुछ समय बाद, भारत सरकार ने इन दोनों कार्डों को मिलाकर एक ही OCI कार्ड के लिए आवेदन करने का आदेश दिया। जोड़कर परिणामस्वरूप, अब 30 सितंबर 2019 से पहले के सभी PIO कार्ड को अमान्य माना जाता है, और अब केवल OCI कार्ड को वैध ट्रेवलिंग डॉक्यूमेंट के रूप में स्वीकार किया जाता है।
तो चलिएअब, हम इसे और सरलता से विस्तारपूर्वक समझने की कोशिश करते हैं।
PIO और OCI के बीच प्राथमिक अंतर को उनकी परिभाषाओं की सहायता से समझा जा सकता है।
यहाँ उनके अर्थ हैं -
OCI: यह एक ऐसी इमीग्रेशन स्थिति है जिसमें भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को भारत में रहने, पढ़ाई करने या काम करने की अनुमति दी जाती है। OCI कार्ड होल्डर किसी भी समय भारत आ सकते हैं और जब चाहें तब तक यहां रह भी सकते हैं।
PIO: यह एक विदेशी नागरिक को संदर्भित करता है जिसके पास पहले कभी भारतीय पासपोर्ट था या जिसके माता-पिता/दादा-दादी/परदादा-परदादा भारत के नागरिक थे।
विभिन्न पैरामीटर के आधार पर PIO और OCI की पूरी जानकारी को हमने निचे दिए गए टेबल द्वारा आपके सामने पेश करने की कोशिश की है -
पैरामीटर |
OCI |
PIO |
आवेदक कौन हो सकता है? |
कोई भी व्यक्ति जिसके पास विदेशी पासपोर्ट के साथ भारतीय वंश और विदेशी नागरिकता हो। |
कोई भी व्यक्ति जिसके पास विदेशी पासपोर्ट के साथ भारतीय वंश और विदेशी नागरिकता हो। |
एक व्यक्ति कहां आवेदन कर सकता है? |
आवेदक के अधिकार क्षेत्र में CKGS आवेदन केंद्र में। |
आवेदक के अधिकार क्षेत्र में CKGS आवेदन केंद्र में। |
भारतीय वीजा आवश्यकताएँ |
ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है। |
ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है। |
वीजा वैधता |
जारी होने के बाद आजीवन वैधता |
एक बार जारी होने के बाद 15 साल के लिए वैध |
कोई व्यक्ति भारत में कब प्रवेश कर सकता है? |
व्यक्तियों को अपने पूरे जीवनकाल में किसी भी कारण से भारत में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की जाती है। उनकी एंट्री की संख्या या देश में रहने की अवधि पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है। |
व्यक्ति अपने PIO कार्ड के इशू होने की तारीख से लेकर अगले 15 साल बाद तक के लिए भारत में कभी भी प्रवेश कर सकते हैं। और यदि वे 180 दिनों से अधिक समय तक रहते हैं, तो उन्हें निकटतम FRRO/FRO के साथ पंजीकरण कराना होगा। |
FRO/FRRO में पंजीकरण |
ठहरने की अवधि चाहे जो भी हो, आवेदक को इसकी आवश्यक नहीं पड़ेगी। |
180 दिनों के बाद पंजीकरण करवाने की आवश्यकता है, जिसके लिए 30 दिनों का अतिरिक्त समय प्रदान किया जाता है। |
फीस |
दोबारा इशू करने के लिए ₹1,400 और डुप्लीकेट जारी करने के लिए ₹5,500। |
वयस्कों के लिए ₹15,000 और 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए ₹7500। |
OCI और PIO कार्डधारकों के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
OCI कार्ड और PIO कार्ड के मूल अंतर को समझने के बाद, निम्नलिखित टेबल के माध्यम से आपको दोनों कार्ड के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को समझने में काफी सहायता मिलेगी।
OCI |
PIO |
उन व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता के लिए एलिजिबल माना जाता है जो 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद जन्मे हैं या जो 15 अगस्त 1947 के बाद भारत के क्षेत्र से संबंध रखते हैं। इस एलिजिबिलिटी का लाभ उन व्यक्तियों के बच्चों या पोतों को भी प्राप्त होता है जो ऊपर दिए गए क्राइटेरिया को पूरा करते हैं। |
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1935 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति जिसके पास किसी भी समय भारतीय पासपोर्ट था, या उनके माता-पिता, दादा-दादी या परदादाओं में से यदि किसी एक का भी जन्म भारत में हुआ था और वे स्थायी रूप से भारत में रह रहे थे, तो वैसे में उस व्यक्ति के चार पीढ़ियों तक वह व्यक्ति भारत की नागरिकता को प्राप्त कर सकता है। |
संबंध |
OCI |
PIO |
जीवनसाथी |
यदि पति या पत्नी दोनों में से कोई भी व्यक्ति अगर भारतीय मूल का नहीं, तो उसका जीवनसाथी इसके लिए एलिजिबल नहीं होगा। |
जीवनसाथी भारतीय मूल का न होने पर भी वो इसके लिए एलिजिबल है। |
बच्चे |
माता-पिता में से एक के पास भारतीय वंश के साथ विदेशी नागरिकता होनी चाहिए। |
केवल वे बच्चे जिनके माता-पिता के पास भारतीय नागरिकता है, वे ही इसे प्राप्त करने के लिए एलिजिबल हैं। |
आवश्यक दस्तावेज़ |
OCI |
PIO |
आवश्यक दस्तावेज़ |
4 पासपोर्ट फोटोग्राफ, के साथ ही पिछला भारतीय पासपोर्ट। यदि उनके पास पासपोर्ट नहीं है, तो उन्हें नेटिविटी सर्टिफिकेट जैसे अन्य दस्तावेज़ों को जमा करने की आवश्यकता पड़ेगी, जो सर्टिफिकेशन और वेरिफिकेशन उद्देश्यों के लिए भारत भेजे जाएंगे। बर्थ सर्टिफिकेट, अपने वर्तमान देश में नागरिकता का प्रमाण, यानी पासपोर्ट और स्थानीय निवास प्रमाण। यदि आवेदक अपने माता-पिता की भारतीय नागरिकता के आधार पर आवेदन कर रहा है, तो उन्हें अपने रिश्ते का प्रमाण देना होगा। सभी दस्तावेजों के अलावा, उसी की एक कॉपी को आवेदन के साथ जोड़ा जाना चाहिए। |
मूल पासपोर्ट, या तो मौजूदा या एक्सपिरे हो चुका है और निम्न में से कम से कम दो दस्तावेज़। एक्सपायर्ड भारतीय पासपोर्ट की फोटोकॉपी। आवेदक और उनके माता-पिता / दादा-दादी का बर्थ सर्टिफिकेट। आवेदक और उनके माता-पिता / दादा-दादी का नेशनलिटी सर्टिफिकेट। आवेदक और उनके माता-पिता/दादा-दादी के स्कूल/कॉलेज छोड़ने का सर्टिफिकेट। आवेदक के माता-पिता के पासपोर्ट की मूल या फोटोकॉपी, जैसे आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता पड़ेगी। |
बच्चे |
माता-पिता में से एक के पास भारतीय वंश के साथ विदेशी नागरिकता होनी चाहिए। |
केवल वे बच्चे जिनके माता-पिता के पास भारतीय नागरिकता है, पात्र हैं |
इशू किए गए दस्तावेजों का प्रकार |
OCI कार्ड और यू वीजा स्टिकर, जो की पासपोर्ट पर लगाया जायेगा। |
कार्डधारक की सभी जानकारी के साथ PIO बुकलेट, को प्रदान किया जायेगा। |
प्रसंस्करण |
2-स्टेप प्रोसेस - एक बार जब कमर्शियल दूतावास दिल्ली में OCI कार्ड और स्टिकर को मंजूरी मिल जाती है, तो आवेदक को पासपोर्ट और फीस रिसिप्ट को CKGS के पास भेजने की आवश्यकता पड़ेगी, इस समय OCI स्टीकर आपके पासपोर्ट से जुड़ा होगा। |
1-स्टेप प्रोसेस- आवेदक को आवेदन के भाग के रूप में सभी दस्तावेजों को एक साथ CKGS को भेजने की आवश्यकता पड़ेगी। |
प्रोसेसिंग समय |
8-10 सप्ताह |
4-6 सप्ताह |
इंटरचेंजिंग स्थिति (OCI से PIO या PIO से OCI ) |
आमतौर पर, OCI कार्डधारक PIO की स्थिति में बदलाव नहीं कर सकते हैं। |
PIO कार्डधारक द्वारा PIO कार्ड सरेंडर कर OCI कार्ड को प्राप्त किया जा सकता है। |
OCI और PIO कार्ड के लाभ
OCI और PIO की तुलना करने से हमें दोनों ही प्रकार के कार्ड के लाभों के बीच का अंतर स्पष्ट हो जायेगा, और उससे सम्बंधित अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए आप निचे गए टेबल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
OCI |
PIO |
उन्हें फोरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRO) या फोरेनर रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) में खुद को रजिस्टर करने की आवश्यकता नहीं है, भले ही उनके ठहरने की अवधि कितनी भी हो। जब आर्थिक, शैक्षिक या वित्तीय लाभ प्राप्त करने की बात आती है तो वे समानता के समान स्तर का लाभ प्राप्त करते हैं। |
PIO कार्डधारक को कार्ड इशू होने की तारीख से 15 साल तक भारत आने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है। उन्हें फोरेनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRO) या फोरेनर रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) में खुद को रजिस्टर करने की आवश्यकता नहीं है, जब आर्थिक, शैक्षिक या वित्तीय लाभ प्राप्त करने की बात आती है तो ये व्यक्ति भी समानता के समान स्तर का लाभ प्राप्त करते हैं। |
सेवाओं को फिर से जारी करना
OCI |
PIO |
OCI को फिर से इशू करना आवेदक की उम्र पर निर्भर करता है और प्रतिबंधित है। 20 वर्ष और उससे कम आयु के अवयस्क: नया पासपोर्ट इशू करने के साथ हर 5 साल में OCI कार्ड को फिर से इशू किया जाना चाहिए। 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्क: पासपोर्ट रिन्यू के बाद एक बार फिर से इशू करना। 21 से 49 वर्ष के बीच के वयस्क लोगों के लिए हर बार अपने पासपोर्ट के रिन्युवल के लिए पुन: इशू करना आवश्यक नहीं है। |
PIO कार्डधारक 15 साल की अवधि समाप्त होने के बाद फिर से इशू करवाने के लिए एलिजिबल हैं। उन्हें प्रत्येक पासपोर्ट नेणेउवल के दौरान नए PIO कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। |
भारत में कार्डधारक की दैनिक गतिविधियों में OCI कार्ड और PIO कार्ड के अंतर की पूरी जानकारी निम्नलिखित है।
वित्तीय और आर्थिक अधिकार
OCI |
PIO |
वृक्षारोपण और कृषि संपत्तियों में निवेश करने के अलावा, व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस, PAN कार्ड, बैंक अकाउंट खोल सकते हैं, कमा सकते हैं और नियमित भारतीय नागरिकों की तरह ही निवेश भी कर सकते हैं। |
वृक्षारोपण और कृषि संपत्तियों में निवेश करने के अलावा, व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस, PAN कार्ड, बैंक अकाउंट को खोल सकते हैं, कमा सकते हैं और नियमित भारतीय नागरिकों की तरह निवेश भी कर सकते हैं। |
भारत में रोजगार के विकल्प
OCI |
PIO |
OCI कार्डधारकों को एम्प्लॉयमेंट वीज़ा की आवश्यकता नहीं पड़ती है और वे भारत में स्थायी रूप से बस सकते हैं। विशेष संरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट की आवश्यकता वाले क्षेत्रों के अलावा उनके पास रोजगार में किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है। |
PIO कार्ड धारकों को एम्प्लॉयमेंट वीजा की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर वे 180 दिनों से अधिक समय तक भारत में रहते हैं, तो उन्हें अपने निकटतम FRO कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। विशेष संरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट की आवश्यकता वाले क्षेत्रों के अलावा उनके ऊपर रोजगार के लिए किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है। |
OCI |
PIO |
OCI कार्डधारकों को एजुकेशन वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है और उनके बच्चे NRI कोटा के तहत शैक्षणिक संस्थानों में बिना किसी समस्या के दाखिला ले सकते हैं। |
PIO कार्डधारकों को एजुकेशन वीजा की आवश्यकता नहीं पड़ती है और उनके बच्चे भी NRI कोटा के तहत शैक्षणिक संस्थानों में बिना किसी समस्या के दाखिला ले सकते हैं। |
OCI |
PIO |
अगर आप भारत में कमाई करते हैं, तो आपकी इनकम पर टैक्स लगेगा। यहां, टैक्सेशन आपके RNOR (आमतौर पर निवासी नहीं) या ROR (साधारण निवासी) की स्थिति पर भी निर्भर करता है। यदि आपके पास अचल संपत्ति (मकान, जमीन आदि) है, तो उस पर किसी भी प्रकार टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, अगर आप उस अचल संपत्ति को बेचते हैं और लाभ कमाते हैं, तो आपको अपने लाभ पर टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। |
अगर आप भारत में कमाई करते हैं, तो आपकी इनकम पर टैक्स लगेगा। यहां, टैक्सेशन आपके RNOR (आमतौर पर निवासी नहीं) या ROR (साधारण निवासी) की स्थिति पर भी निर्भर करता है। यदि आपके पास अचल संपत्ति (मकान, जमीन आदि) है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, अगर आप उस अचल संपत्ति को बेचते हैं तो आपको उसके द्वारा कमाये गए लाभ पर टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता पड़ेगी। |
OCI |
PIO |
चूंकि भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है, एक OCI कार्डधारक को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए अपनी वर्तमान नागरिकता को छोड़ने की आवश्यकता पड़ेगी। OCI कार्ड धारक पंजीकरण से पांच साल बाद भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। हालांकि, इसके लिए आवेदन करने से पहले उन्हें भारत में एक साल तक रहना होगा। |
चूंकि भारत द्वारा दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं दी जाती है, इसलिए एक OCI कार्डधारक को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए अपनी वर्तमान नागरिकता को छोड़ने की आवश्यकता पड़ेगी। सिटिज़नशिप एक्ट की धारा 5(1) (A) और 5 (1) (C) के अनुसार, एक PIO कार्ड धारक को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए कम से कम सात साल तक भारत में रहना पड़ता है। |
प्रतिबंध
OCI और PIO दोनों पर समान प्रतिबंध लगाए जाते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं -
उम्मीद है, हमारे द्वारा प्रदान किये गए इस लेख के माध्यम से आपको OCI के साथ ही PIO की स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी।
हालाँकि, जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, PIO कार्ड को अब अमान्य कर दिया गया है। इसलिए, भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों को अब केवल OCI कार्ड के लिए आवेदन करने का विकल्प प्रदान किया जाता है।