इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 के बारे में पूरी गाइड
अगर आप टैक्स का भुगतान करने वाले भारतीय नागरिक हैं तो आपने कभी न कभी कानून की सख्ती और छूट के बारे में जरूर सोचा होगा। भारतीय सरकार ने इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 के साथ इसे आसान बनाने की कोशिश की है। इसमें यह प्रोविजन है कि सैलरी पाने वाले कर्मचारी टैक्स का बोझ कम करने के लिए कुछ निश्चित इनकम टैक्स छूट ले सकते हैं।
आप जानना चाहते हैं कि इनकम टैक्स से आपको किस तरह की छूट मिल सकती है? इस आर्टिकल से आपको इन छूट और इनको क्लेम करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट के बारे में जानने में मदद मिलेगी।
इनकम टैक्स का सेक्शन 10 क्या है?
इनकम टैक्स के सेक्शन 10 का उद्देश्य उन छूट के बारे में बताना है जो इनकम टैक्स का भुगतान करते हुए प्रोफ़ेशनल को मिलती हैं। इस सेक्शन में "छूट" शब्द का इस्तेमाल बहुत ही कम हुआ है, इसमें इनकम के उन स्त्रोत पर ध्यान दिया जाता है जो कुल इनकम का हिस्सा नहीं होते हैं। इसलिए, इस कुल इनकम का कैलकुलेशन प्रोफ़ेशनल की कुल टैक्स लायबिलिटी का विश्लेषण करते हुए किया जाता है।
इसलिए, अगर आप जानना चाहते हैं इनकम टैक्स में सेक्शन 10 क्या है तो इनकम टैक्स का भुगतान करते हुए टैक्स में मिलने वाली छूट के विभिन्न फ़ॉर्म को समझाने के लिए इस सेक्शन को कुछ सबसेक्शन में बांटा गया है।
इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 के अंतर्गत कौन सी छूट मिलती हैं?
यूनियन बजट 2022 के अनुसार इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की टैक्स छूट के अनुमति है। टैक्स छूट के बारे में बताने वाले सभी सबसेक्शन पर यहां चर्चा की गई है।
सेक्शन और सबसेक्शन |
टैक्स छूट के प्रकार |
सेक्शन10 (1) | भारत में कृषि माध्यम से इनकम |
सेक्शन10 (2) | एचयूएफ (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) से कोपार्सनर के तौर पर होने वाली इनकम या कोई भी राशि, जिसमें पारिवारिक इनकम भी शामिल है। |
सेक्शन10 (3) | कैजुअल फॉर्म से ₹5000 तक और हॉर्स-रेसिंग जैसे मौकों के लिए ₹2500 तक हुई इनकम। |
सेक्शन 10 (2ए) | पार्टनरशिप फर्म के पार्टनर से मिले फ़ायदे का हिस्सा। ऐसा फ़ायदा पार्टनर की कुल इनकम में शामिल नहीं होता है। |
सेक्शन 10 (4) (i) and (ii) | प्रवासी भारतीय को व्यक्तिगत तौर पर या बैंक अकाउंट के माध्यम से भुगतान की गई ब्याज की राशि। |
सेक्शन 10 (4बी) | प्रवासी भारतीय लेकिन मूल रूप से भारतीय को भुगतान की गई ब्याज की कोई राशि। |
सेक्शन 10 (5) | भारत की यात्रा करने के लिए कमर्चारी को दी गई रियायत। |
सेक्शन10 (6) | किसी गैर-भारतीय नागरिक को भारत में दी गई या प्राप्त की गई कोई भी इनकम। |
सेक्शन 10 (6ए), (6बी), (6बीबी), (6सी) | विदेशी कंपनी की इनकम पर लगाया गया सरकारी टैक्स |
सेक्शन 10 (7) | विदेश में तैनाती के दौरान सरकारी कर्मचारियों को मिला अलाउंस |
सेक्शन 10 (8) | भारत में काम करने वाले विदेशी कमर्चारियों की ओर से कोऑपरेटिव टेक्निकल प्रोग्राम के अंतर्गत हुई इनकम |
सेक्शन 10 (8ए) and (8बी) | कंसल्टेंट या कंसल्टेंट के स्टाफ की इनकम |
सेक्शन 10 (9) | कोऑपरेटिव टेक्निकल असिस्टेंस प्रोग्राम के अंतर्गत विदेशी कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों की इनकम |
Section 10 (10) | केंद्र सरकार के संशोधित पेंशन नियमों के अंतर्गत मिली डेथ-कम-रिटायर्मेंट ग्रेचुएटी |
सेक्शन 10 (10ए) and (10एए) | रिटायर्मेंट के दौरान हुई इनकम और रिटायर्मेंट के दौरान छुट्टियों के इनकैशमेंट के माध्यम से मिली रकम |
सेक्शन 10 (10बी) | नौकरी में स्थानंतरण के लिए कर्मचारियों को मिला मुआवजा |
सेक्शन 10 (10बीबी) and (10बीसी) | भोपाल गैस लीकेज डिजास्टर एक्ट 1985 के अनुसार या किसी आपदा की स्थिति में मिली रकम |
सेक्शन 10 (10सीसी) and (10डी) | टैक्स, सेस और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के माध्यम से मिली राशि |
सेक्शन 10 (11), (12) और (13) | प्रोविडेंट फंड, अथॉराइज या रिकॉगनाइज फंड या सुपरएनुएशन फंड के माध्यम से मिली राशि |
सेक्शन 10 (14) | बिज़नेस के खर्चे पूरे करने के लिए अलाउंस |
सेक्शन 10 (15) (i) और (ii) | बांड,सिक्योरिटी वगैरह से मिली छूट, इंटरेस्ट, प्रीमियम, जिसे अधिसूचित किया गया हो। |
सेक्शन 10 (15) (iv) | राज्य सरकार, केंद्र सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के रिटायर्मेंट के लिए सरकार की ओर से भुगतान किया गया जमा पर इंटरेस्ट। |
सेक्शन 10 (15) (vi) | गोल्ड बांड डिपॉजिट पर मिला ब्याज, जिसे अधिसूचित किया गया हो। |
सेक्शन 10 (15) (vii) | लोकल अथॉरिटी बांड पर मिला ब्याज, जिसे अधिसूचित किया गया हो। |
इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 के अंतर्गत छूट का क्लेम करने के कौन योग्य है?
आमतौर पर, 60 साल से कम उम्र के लोग ₹2.50 लाख की बेसिक टैक्स छूट लिमिट के योग्य होते हैं।सीनियर सिटिजन के लिए छूट की लिमिट ₹3 लाख रुपए तक है। हालांकि, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 के अंतर्गत विभिन्न परिस्थितियां और सबसेक्शन सैलरी पाने वाले किसी भी भारतीय पर लागू होते हैं।
इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 के अंतर्गत छूट का क्लेम करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
अगर आप सेक्शन 10 के अंतर्गत इनकम टैक्स छूट के योग्य हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करके सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके लिए आपके पास निम्न डॉक्यूमेंट होने चाहिए।
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक स्टेटमेंट/बैंक पासबुक
- इनकम टैक्स लॉग इन क्रेडेंशियल
इस तरह जैसा कि आपने देखा कि इनकम टैक्स का सेक्शन 10 सैलरी पाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए कई तरह की इनकम टैक्स छूट के बारे में बताता है। ऐक्ट के सेक्शन में कई तरह के सबसेक्शन किसी खास इनकम और भत्तों के अंतर्गत टैक्स के भुगतान से बचने की अनुमति देते हैं। हालांकि, आपकी सालाना इनकम में यह छूट बनाए रखने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या एचआरए में पूरी तरह से छूट मिलती है?
एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) आपकी सैलरी का हिस्सा होने के बावजूद पूरी तरह से टैक्स योग्य नहीं होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन 10(13ए) एचआरए के कुछ हिस्से पर छूट देता है।
क्या आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योरिटी टैक्स योग्य होती है?
इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 10 (10डी) के अनुसार लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी पर आपको छूट तब ही मिल सकती है, जब किसी भी साल के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम सम एश्योर्ड के 10% से ज्यादा न हो।