जब आपके हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है तो आपको कई महत्वपूर्ण शर्तों को जानने की ज़रूरत पड़ती है। और, पॉलिसी खरीदने से पहले, आपको इन शर्तों को ध्यान से समझने की जरूरत है, और वह आपके और आपकी स्वास्थ्य ज़रूरतों के लिए क्या मायने रखते हैं।
जब हेल्थ इंश्योरेंस की बात आती है, तो आप "वेटिंग पीरियड" या "सर्वाइवल पीरियड" जैसे शब्दों का सामना कर सकते हैं। अग़र आप इनसे भ्रमित हैं, तो चिंता न करें, आप अकेले नहीं हैं। आइए इन शर्तों पर एक नज़र डालें, और जानें यह एक दूसरे से कैसे अलग़ हैं।
वेटिंग पीरियड वह समय है जिसकी आपको अपनी पॉलिसी की शुरुआत से, इसके कुछ फ़ायदों का इस्तेमाल करने के लिए प्रतीक्षा करने की ज़रूरत होती है। यह सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लांस पर लागू होता है, और इनमें कई अलग-अलग वेटिंग पीरियड होते हैं:
यह वेटिंग पीरियड अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के लिए अलग-अलग होता हैं। इसके अलावा, चूंकि दुर्घटनाएं स्वाभाविक रूप से अचानक ही होती हैं, जब दुर्घटनावश अस्पताल में भर्ती होने की बात आती है तो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी किसी भी वेटिंग पीरियड का हिसाब नहीं रखती है।
वेटिंग पीरियड के विपरीत, सर्वाइवल पीरियड केवल क्रिटिकल इलनेस योजनाओं का एक हिस्सा है। इसका मतलब उस समय की पीरियड से है जब आपको एक क्रिटिकल इलनेस (जैसे किडनी या हार्टफैल, कैंसर, आदि) के डायग्नोसिस के बाद जीवित रहने की ज़रूरत होती है। यह पीरियड बीमारी और इंश्योरेंस कंपनी के आधार पर 14 से 90 दिनों के बीच कोई भी हो सकती है।
इस पीरियड के बाद ही आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी से क्रिटिकल इलनेस कवर में दी गई एकमुश्त राशि ले सकते हैं। इस पीरियड की गणना क्रिटिकल इलनेस के पहले डायग्नोसिस के आधार पर की जाती है और यह नियमित वेटिंग पीरियड के अतिरिक्त है।
सर्वाइवलपीरियड के बाद मिलने वाली एकमुश्त राशि का इस्तेमाल मेडिकल उपचार से लेकर निजी खर्च तक किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी मौत के बाद फायदे नहीं देती है, जिसका अर्थ है कि अग़र किसी इंश्योर्ड व्यक्ति की सर्वाइवलपीरियड से पहले किसी क्रिटिकल इलनेस के कारण मौत हो जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी को कोई भुगतान नहीं करना होगा।
पैरामीटर |
सर्वाइवल पीरियड |
वेटिंग पीरियड |
यह किस पर लागू होता है? |
गंभीर बीमारियों वाली पॉलिसियों पर लागू होती है |
सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर लागू होती है (क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस योजनाओं सहित) |
यह क्या है? |
यह वह पीरियड है जब आपको आर्थिक फ़ायदा लेने से पहले किसी गंभीर बीमारियों का पता चलने के बाद जीवित रहने की ज़रूरत होती है |
यह वह समय है जब आपको हेल्थ इंश्योरेंस के कुछ या सभी फ़ायदों के लिए क्लेम करने से पहले प्रतीक्षा करनी होगी |
यह पीरियड कितनी लंबी है? |
सर्वाइवल पीरियड 14 से 90 दिनों के बीच हो सकती है |
30 दिनों की प्रारंभिक वेटिंग पीरियड के साथ-साथ पहले से मौजूद या विशेष परिस्थितियों के लिए 2-4 वर्ष की वेटिंग पीरियड होती है। |
यह पीरियड किस पर निर्भर करेगी? |
सर्वाइवल पीरियड गंभीर बीमारियों और इंश्योरेंस कंपनी पर निर्भर करेगी |
वेटिंग पीरियड बीमारी और इंश्योरेंस कंपनी पर निर्भर करेगी |
निष्कर्ष यह है, कि इंश्योरेंस कंपनी को अनचाहे जोखिमों से बचाए रखने के लिए वेटिंग पीरियड और सर्वाइवल पीरियड दोनों को बनाया गया हैं, पर वह एक जैसी नहीं हैं।
जबकि सभी हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं में वेटिंग पीरियड होगी, सर्वाइवल पीरियड केवल गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों पर लागू होती है। इसके अतिरिक्त, वेटिंग पीरियड आमतौर पर सर्वाइवल पीरियड से अधिक लंबी होती है।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह दोनों क्या हैं ताकि जब हेल्थ इंश्योरेंस या क्रिटिकल इलनेस योजना खरीदने की बात हो तो आप सही चुनाव कर सकें। इस तरह, आप कम सर्वाइवल पीरियड या वेटिंग पीरियड वाली योजना चुन सकते हैं ताकि आपको पॉलिसी का कवरेज जल्दी मिल सके।