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हेल्थ इंश्योरेंस या मेडिकल इंश्योरेंस एक प्रकार का जनरल इंश्योरेंस है जो किसी बीमारी या दुर्घटना के कारण स्वास्थ्य समस्या या स्वास्थ्य आकस्मिकता होने पर आपको वित्तीय नुकसान से सुरक्षित करता है।
इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च, वार्षिक स्वास्थ्य जांच, मनोचिकित्सकीय सहयोग, गंभीर बीमारी, मैटरनिटी संबंधी और अन्य खर्च, आपके द्वारा कस्टमाइज किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के अनुसार शामिल हैं।
इसे उस दोस्त की तरह ही समझें जो हमेशा आपके ऐसे समय पर आपके लिए मौजूद होगा जब आप बीमार होंगे या कमजोर महसूस कर रहे होंगे।
अगर आप इस पर भरोसा करते हैं, तो आगे पढ़िए।
कवरेज
डबल वॉलेट प्लान
इन्फ़िनिटी वॉलेट प्लान
वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान
खास बातें
इसमें बीमारी, दुर्घटना, गंभीर बीमारी या कोविड 19 महामारी जैसे किसी भी कारण से अस्पताल में भर्ती होने के खर्च का कवर मिलता है। जब तक इंश्योरेंस की राशि पूरी नहीं हो जाती, तब तक इसे कई बार अस्पताल में भर्ती होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
दुर्घटना के अलावा किसी भी तरह की बीमारी के उपचार के कवर के लिए आपको पॉलिसी लेने के पहले दिन से एक तय अवधि तक इंतजार करना होता है। इसे शुरुआती वेटिंग पीरियड कहते हैं।
होम हेल्थकेयर, टेली कंसल्टेशन, योगा और माइंडफ़ुलनेस वगैरह कई खास वेलनेस बेनिफ़िट ऐप पर उपलब्ध हैं।
हम आपकी इंश्योरेंस की राशि की 100 % बैकअप इंश्योरेंस राशि देते हैं। इंश्योरेंस की राशि का बैकअप कैसे काम आता है? मान लीजिए कि आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी की राशि 5 लाख रुपए है। आप 50,000 रुपए का क्लेम करते हैं। ऐसे में डिजिट अपने आप ही वॉलेट बेनिफ़िट दे देता है। तो अब आपके पास 4.5 लाख + 5 लाख रुपए की इंश्योरेंस राशि उस वर्ष उपलब्ध होगी। हालांकि ऐसे मामले में, एक क्लेम की राशि इंश्योरेंस की मूल कीमत से ज्यादा यानि दिए गए उदाहरण में 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती।
पॉलिसी वर्ष में क्लेम नहीं किया? आपको बोनस मिलता है- स्वस्थ्य और क्लेम मुक्त रहने के लिए आपकी इंश्योरेंस राशि में अतिरिक्त राशि शामिल की जाएगी।
अलग अलग श्रेणी के कमरे का किराया अलग अलग होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे होटल के कमरे में टेरिफ़ होता है। डिजिट में कमरे का किराया इंश्योरेंस राशि से कम होने पर किसी प्रकार की बाध्यता नहीं मिलती।
हेल्थ इंश्योरेंस में 24 घंटों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार खर्च का कवर मिलता है। डे केयर प्रक्रिया में वह उपचार आते हैं जिनमें उन्नत तकनीक के कारण 24 घंटों से कम अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाता है जैसे मोतियाबिंद, डायलेसिस वगैरह।
विश्व भर में कवरेज प्राप्त करके विश्व का सबसे अच्छा उपचार करवाएं। अगर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान भारत में आपका चिकित्सक आपकी किसी बीमारी का पता लगाते हैं, और आप उस बीमारी का उपचार विदेश में करवाना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद करेंगे। आपको कवर किया जाएगा।
हम आपके प्लान में बताई गई राशि तक स्वास्थ्य परीक्षण के खर्च का भुगतान करते हैं। जांच के प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है। चाहें ईसीजी हो या थायरॉएड प्रोफ़ाइल। क्लेम लिमिट जानने के लिए पॉलिसी शेड्यूल को ध्यान से पढ़ें।
कभी ऐसी भी आकस्मिक परिस्थिति आ सकती है जिसमें जान जाने का खतरा हो और तुरंत ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो। हम इसे अच्छी तरह समझते हैं और हेलीकॉप्टर या हवाईजहाज से अस्पताल में भर्ती होने पर आपको खर्च का रिइम्बर्समेंट देते हैं।
को-पेमेंट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में साझा की जाने वाली राशि होती है जिसमें पॉलिसी धारक को स्वीकृत क्लेम की राशि के तय भाग का भुगतान अपनी जेब से करना होता है। इससे इंश्योरेंस की राशि कम नहीं हो जाती। यह भाग तमाम बातों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, या कभी कभी उस ज़ोन में जहां आप उपचार करवा रहे हैं, इसे ज़ोन आधारित को-पेमेंट कहते हैं। हमारे प्लान में, किसी भी प्रकार का उम्र या ज़ोन आधारित को-पेमेंट नहीं देना पड़ता।
अस्पताल में भर्ती होने पर, रोड एंबुलेंस पर आए खर्च का रिइम्बर्समेंट प्राप्त करें।
इस कवर में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च शामिल हैं जैसे डायग्नोसिस, जांच और रिकवरी।
अन्य खास बातें
किसी बीमारी से आप पहले से ग्रसित हैं और पॉलिसी लेते वक्त हमें उसका पता चल गया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है तो प्लान के अनुसार उसका वेटिंग पीरियड होता है और यह आपकी पॉलिसी शेड्यूल में उल्लेखित होता है।
यह वह अवधि है जिसमें आपको किसी खास बीमारी के होने पर, उसका क्लेम करने से पहले इंतजार करना होता है। डिजिट में यह अवधि 2 वर्ष है और पॉलिसी सक्रीय होने वाले दिन से शुरू हो जाती है। एक्सक्लूजन की पूरी सूचि के लिए, अपनी पॉलिसी वर्डिंग का स्टैंडर्ड एक्सक्लूजन (ईएक्ससीएल02) पढ़ें।
पॉलिसी की अवधि के दौरान, दुर्घटना होने पर ऐसी चोट लगती है जो लंबे समय तक बनी रहती है और जो दुर्घटना होने से 12 महीनों के भीतर मृत्यु होने का सीधा और एकमात्र कारण है, तो पॉलिसी शेड्यूल में आपके प्लान और इस कवर के अंतर्गत हम आपको 100% इंश्योरेंस राशि का भुगतान करेंगे।
आपकी पॉलिसी में आपके अंग दाता को भी कवर किया जाएगा। डोनर के अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की खर्च भी हम वहन करते हैं। अंग दान सबसे बड़ा उपकार है, और हम ने सोचा कि क्यों न हम भी उसका हिस्सा बनें।
कभी कभी अस्पतालों में भी बेड कम पड़ सकते हैं और मरीज की हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में हम वह खर्च भी वहन करते हैं जब आपको घर पर ही उपचार करवाना पड़े।
मोटापा कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हम इसे अच्छे से समझते हैं, और चिकित्सकीय तौर पर आवश्यक होने पर या चिकित्सक द्वारा सुझाई जाने पर कराई जाने वाले बेरिएट्रिक सर्जरी को कवर करते हैं। हालांकि, हम इसमें अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर नहीं करते हैं क्योंकि यह उपचार कॉस्मेटिक कारण से किया जाता है।
ट्रॉमा के कारण, अगर सदस्य को मनोरोग के उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ जाता है, तो इस बेनिफिट के तहत उसे आईएनआर 1,00,000 तक कवर देते हैं। साइकाइट्रिक इलनेस कवर में वेटिंग पीरियड उतना ही है जितना स्पेसिफ़िक इलनेस कवर का वेटिंग पीरियड है।
अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, पहले और बाद में, कई प्रकार के अन्य चिकित्सकीय उपचार और खर्च होते हैं जैसे वॉकिंग एड, क्रेप बैंडेज, बेल्ट वगैरह जिसके लिए आपको खर्च करना पड़ता है। यह कवर आपके इन सभी खर्चों का ख्याल रखता है या फिर इसे आपकी पॉलिसी से हटाया भी जा सकता है।
को-पेमेंट |
नहीं |
कमरे के किराए की बाध्यता |
नहीं |
कैशलेस अस्पताल |
पूरे भारत में 10500+ नेटवर्क अस्पताल |
इनबिल्ट पर्सनल एक्सिडेंट कवर |
हां |
वेलनेस बेनिफ़िट |
10+ वेलनेस पार्टनर |
शहर आधारित डिस्काउंट |
10% तक डिस्काउंट |
विश्व भर में कवरेज |
हां* |
गुड हेल्थ डिस्काउंट |
5% तक डिस्काउंट |
कंज्यूमेबल कवर |
एडऑन के रूप में उपलब्ध |
*केवल वर्ल्ड वाइड ट्रीटमेंट प्लान में उपलब्ध
हमारा वेलनेस प्रोग्राम आपको स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा देता है। इसका उद्देश्य हेल्थ और फिटनेस सेवाओं पर छूट और कई बेनिफ़िट के ज़रिए आपको एक स्वस्थ जीवन शैली हासिल करने में मदद करना है।
साथ ही, हमारे प्रोग्राम में इंफॉर्मेटिव सेशन और प्रोग्राम शामिल हैं, जो आपको अपने स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा जागरूक बनने में मदद कर सकते हैं और आपको अपनी बेहतर देखभाल करने के लिए सशक्त बना सकते हैं। अपने वेलनेस प्रोग्राम में, हम आपको आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए जागरूकता और संसाधन प्रदान करने की कोशिश करते हैं!
हमारे कुछ वेलनेस बेनिफ़िट हैं:
जनरल फिजिशियन के साथ टेलीकंसल्टेशन
डेंटल कंसल्टेशन पर ऑफर और छूट
हेल्थ चेकउप और डायग्नोस्टिक्स पर छूट
ऑनलाइन दवा के ऑर्डर पर कैशबैक
पेशेवरों द्वारा यगा सेशन की सुविधा और कई अन्य ऑफर।
डिजिट से इंश्योरेंस खरीदना पूरी तरह डिजिटल-फ्रेंडली और परेशानी मुक्त प्रक्रिया है। यह ककहरा सीखने जितना आसान है। आपको बस कुछ आसान चरणों का पालन करना होगा:
चरण 1: हमारे हेल्थ इंश्योरेंस पेज पर दिए गए स्थान पर, अपना पिन कोड और मोबाइल नंबर भरें।
चरण 2: अगले पेज पर, अपने परिवार के उन सदस्यों की जानकारी भरें जिस सबसे बड़े सदस्य की उम्र के लिए इंश्योरेंस चाहते हैं, जिसेसे आप अपने प्लान को कस्टमाइज कर सकते हैं।
चरण 3: अपना सम इंश्योर्ड, अपना प्लान और कंज़्यूमेबल कवर जैसे अतिरिक्त बेनिफ़िट चुनें। आप यहां डिस्काउंट लिस्ट भी देखेंगे।
चरण 4: अपना और अपने परिवार के सदस्यों की पूरी जानकारी भरें।
चरण 5: आपके द्वारा चुने गए विकल्पों के आधार पर; आपको आपकी सालाना प्रीमियम भुगतान राशि प्रदान की जाएगी जिसे आप भुगतान कर सकते हैं, अपना केवाईसी जमा कर सकते हैं और तुरंत अपनी पॉलिसी जारी करवा सकते हैं।
हां, यह बेहद आसान है!
कोई झंझट नहीं - बस आपके कुछ मिनट का समय और आपने अपना स्वास्थ्य कवर कर लिया!
हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व को देखते हुए, यह बेहद जरूरी है कि हम अपनी हेल्थकेयर पॉलिसी को हमेशा चालू रखें। ऐसा इसलिए, क्योंकि क्या पता कब हमें इसकी जरूरत पड़ जाए। इसलिए, समय पर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करना बेहद जरुरी है।
डिजिट पर बिल्कुल सरल और डिजिटल फ्रेंडली प्रक्रिया के साथ, आप कुछ आसान चरणों में अपने हेल्थ इंश्योरेंस को रिन्यू कर सकते हैं:
चरण 1: हमारी वेबसाइट या ऐप पर रिन्युअल टैब पर जाएं।
चरण 2: अपने रजिस्टर मोबाइल नंबर या अपनी पॉलिसी की जानकारी के साथ लॉगिन करें।
चरण 3: स्क्रीन रिन्यूअल से 45 दिन पहले रिन्यू टैब के साथ आपकी पॉलिसी विवरण दिखाती है। चरण 4: भुगतान करें और हो गया!
या
रिन्युअल से कुछ दिन पहले आपको अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करने के लिए डिजिट आपसे नियमित संपर्क करता है। इस संपर्क में एक रिन्युअल लिंक होता है जिसका इस्तेमाल करके आप सीधे भुगतान करके अपनी पॉलिसी रिन्यू कर सकते हैं।
भारत के 16400+ अस्पतालों में कैशलेस उपचार प्राप्त करें।
हेल्थ इंश्योरेंस में नए हैं और समझ नहीं पा रहे कि हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कैसे काम करता है, खास तौर पर डिजिट के हेल्थ इंश्योरेंस? हम आपको आसानी से समझाते हैं।
आपने यह शब्द सब जगह देखा होगा लेकिन आपको यह नहीं पता होगा कि यह असल में क्या होता है। आसान शब्दों में कहें तो, क्लेम वह होता है जो आपको उपचार के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के भुगतान लिए इंश्योरेंस कंपनी से चाहिए होता है।
प्लान किए हुए उपचार और अस्पताल में भर्ती के मामले में क्लेम के लिए पहले से सूचित करना होता है। वहीं आकस्मिक स्थिति में परिस्थिति अलग होती है, यह अपके क्लेम के प्रकार पर भी निर्भर करती है। डिजिट में, आप मुख्यत: दो प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं।
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, कैशलेस क्लेम वह क्लेम होते हैं जिनमें अस्पताल में भर्ती होने पर आपको अपनी जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती। आप सोच रहे होंगे कि “क्या मेरे इंश्योरेंस कर्ता को भुगतान करना होता है? ” जवाब है, हां।
हालांकि, आपके पास रिइम्बर्समेंट क्लेम का विकल्प भी है, जिसमें अस्पताल में भर्ती होते वक्त आपको खुद भुगतान करना होता है, बाद में 20 से 30 दिनों के भीतर आप इंश्योरेंस कंपनी से बिल का रिइम्बर्समेंट प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, जब आप कैशलेस क्लेम का विकल्प चुनते हैं, तो आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि अस्पताल खुद ही आपके इंश्योरर तक बिल पहुंचा देता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यहां पढ़ सकते हैं।
कैशलेस क्लेम के बारे में और पढ़ें।
जैसा कि ऊपर बताया गया, रिइम्बर्समेंट क्लेम ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम होते हैं जिनमें अस्पताल में भर्ती होने के दौरान आपको अपने बिल अदा करने होते हैं, और बाद में, डिस्चार्ज के बाद आप अपने इंश्योरर से संपर्क करके अस्पताल का बिल रिंबर्स करवा सकते हैं।
2021 में, जब भारत की जनसंख्या 1.39 अरब थी, तब पूरे भारत में लगभग 51.4 करोड़ लोग हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के अंतर्गत कवर थे। इनमें से, 34.29 करोड़ (24.67%) सरकार प्रायोजित स्कीम के तहत कवर किए गए थे, 11.87 करोड़ (8.53%) एम्प्लॉई हेल्थ इंश्योरेंस के तहत (राज्य के स्वामित्व को छोड़कर) और केवल 5.31 करोड़ (3.82%) लोगों ने इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस लिया था। [1]
हालांकि, सरकार और इंश्योरेंस कंपनियों की कई पहलों के कारण हाल के वर्षों में स्थिति में सुधार हो रहा है।
कोविड-19 महामारी के कारण भारत में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति जागरूकता और मांग बढ़ती जा रही है। कई लोग जिनका पहले इंश्योरेंस नहीं था, उन्हें स्वास्थ्य संकट के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व का एहसास हुआ है, जिससे पॉलिसीधारकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
अब तक, भारत में 32 हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां काम कर रही हैं जिनमें सरकारी क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनी, निजी इंश्योरेंस कंपनी और स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी शामिल हैं।
भारत में हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ाने के लिए, सरकार और भारतीय इंश्योरेंस नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने हेल्थ इंश्योरेंस को ग्राहकों के लिए ज्यादा आसान और समझने योग्य बनाने के लिए कई उपाय किए हैं।
2047 तक सभी के लिए इंश्योरेंस के आईआरडीएआई के मिशन के बारे में पढ़ें।
भारत में ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस क्यों करवा रहे हैं, इसके कारण यहां बताए गए हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस का मुख्य लाभ यह है कि किसी भी दुर्घटना, बीमारी की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के खर्चों को कवर किया जाता है जिनका बोझ आपके बैंक खाते पर भारी पड़ सकता था। इसमें कोरोना वायरस के उपचार का खर्च भी शामिल है, जिसकी भारत में बेहद जरूरत है।
किसे टैक्स में अतिरिक्त बचत नहीं चाहिए होती? इनकम टैक्स के सेक्शन 80डी के अनुसार, कोई व्यक्ति जो अपने या अपने माता पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदता है वह वार्षिक प्रीमियम पर टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकता है।
मान्यता को झुठलाते हुए, अब बहुत सी गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर और ह्रदय रोग आज 40 वर्ष की आयु से कम लोगों को होने लगी हैं। हेल्थ इंश्योरेंस आपको सुनिश्चित करता है कि ऐसी किसी परिस्थिति में भी आपको कवर किया जाएगा।
किसी भी बात से बढ़कर यह है कि हेल्थ इंश्योरेंस एक समझदारी भरा निवेश है, जो न कवेल आपके जरूरत पर वित्तीय तौर पर उपलब्ध होने से आपकी सेहत का ख्याल रखता है, साथ ही यह आपको नो क्लेम बोनस जैसे बेनिफ़िट भी देता है जो लंबे समय में आपके लिए फ़ायदेमंद होते हैं।
सोचिए अगर किसी कारण से आपको या आपके परिवार को उपचार की जरूरत है लेकिन धन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण आपको कुछ समय के लिए उपचार टालना पड़ता है। इससे समस्या और बढ़ सकती है।
हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी होता है क्योंकि इसकी वजह से ऐसी नौबत आने नहीं पाती, और आप समय पर उपचार करवा पाते हैं। साथ ही, हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण को शामिल करने पर, आप हमेशा ही अपनी सेहत के बारे में जानकारी रखेंगे जो अक्सर नजरअंदाज कर दी जाती है।
आपको कैसा लगेगा जब आपको पता चलेगा कि आपके मुशकिल समय पर आपको सहारा देने के लिए हमेशा कोई आपके साथ है? सुकून महसूस होगा न? हमारी सेहत के मामले में भी- आप हेल्थ इंश्योरेंस को भी अपना सहारा मान सकते हैं जो मुशकिल समय में आपके काम आएगा।
हेल्थ इंश्योरेंस एक महत्वपूर्ण इनवेस्टमेंट है जो मेडिकल इमरजेंसी के मामले में फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करता है। नीचे दिए गए परिदृश्यों पर विचार करें जहां आप हेल्थ इंश्योरेंस न लेने पर एक बार फिर से सोचना चाहेंगे:
हालांकि यह बहुत अच्छी बात है कि आपका नियोक्ता हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हो सकता है। एम्प्लॉई हेल्थ इंश्योरेंस में सम इंश्योर्ड कम होता है या कवरेज जैसी सीमाएं हो सकती हैं जो आपकी जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती हैं।
साथ ही, एक एम्प्लॉयर हेल्थ इंश्योरेंस आपको केवल आपकी नौकरी के कार्यकाल के दौरान ही कवर करता है। एक बार जब आप नौकरी बदलते हैं और अगर अगले एम्प्लॉयर कवरेज के बीच कोई अंतराल होता है, तो आप उस अवधि में बिना किसी इंश्योरेंस कवरेज के रह जाते हैं।
कुछ कंपनियां प्रोबेशन पीरियड के दौरान हेल्थ कवर प्रदान नहीं करती हैं। इन सभी कारणों से, आपको अपने नियोक्ता की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की समीक्षा करनी चाहिए साथ ही बेहतर कवरेज के लिए एक अलग इंडीविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में इंवेस्ट करने के बारे में भी सोचना चाहिए।
आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस हो सकता है लेकिन सम इंश्योर्ड कम है। गंभीर बीमारियों कारण अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मेडिकल खर्च को कवर करने के लिए कम सम इंश्योर्ड आपके लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की समीक्षा करना और अपनी जरूरतों के आधार पर इंश्योरेंस राशि बढ़ाने पर विचार करना बेहद जरुरी है।
एक सरकारी कर्मचारी के रूप में, आपको कुछ निर्दिष्ट हेल्थ स्कीम के तहत हेल्थ कवरेज मिल सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि ऐसी सुविधाएं केवल कुछ चुनिंदा चिकित्सा केंद्रों पर ही उपलब्ध हैं, जो आमतौर पर प्रमुख मेट्रो शहरों में केंद्रित हैं। इसलिए, जब सरकारी सुविधा प्राप्त न हो रही हो तब इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए एक अतिरिक्त इंडीविजुअल हेल्थ कवर लेने का सुझाव दिया जाता है।
आप सीमित कवरेज के साथ कम प्रीमियम वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि इससे शॉर्टटर्म में पैसा बचाया जा सकता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर यह पर्याप्त कवरेज प्रदान नहीं कर सकता है। प्रीमियम और कवरेज के बीच संतुलन बनाना और ऐसी पॉलिसी चुनना महत्वपूर्ण है जो आपकी जरूरतों के लिए पर्याप्त कवरेज प्रदान करती हो।
हेल्थ इंश्योरेंस इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत अतिरिक्त टैक्स बचाया जा सकता है, लेकिन इसे सिर्फ टैक्स-सेविंग टूल के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हेल्थ इंश्योरेंस का मुख्या काम मेडिकल इमरजेंसी के मामले में फाइनेंशियल सुरक्षा और मानसिक शांति प्रदान करना है।
अभी आप युवा और स्वस्थ हो सकते हैं, लेकिन मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति अप्रत्याशित रूप से उत्पन्न हो सकती है। हेल्थ इंश्योरेंस होने से फाइनेंशियल सुरक्षा मिल सकती है और आपको चिकित्सा उपचार और अस्पताल में भर्ती होने की लागत को कवर करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस में इंवेस्ट करने से आपको कम प्रीमियम भरना होगा साथ ही समय के साथ क्युमुलेटिव बोनस प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सही उम्र और समय अभी है!
मूलतः, जैसे ही आप कमाई करना शुरू करते हैं, आपको अपने लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस खरीद लेना चाहिए।
कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना एक स्मार्ट फाइनेंशियल कदम है। यहां कुछ कारण बताए गए हैं कि क्यों आपको कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में इंवेस्ट करने के बारे में सोचना चाहिए।
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने से न केवल बढ़ती मेडिकल लागत से आपकी जेब बचती है बल्कि टैक्स बेनिफिट भी मिलता है। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप हेल्थ इंश्योरेंस के माध्यम से टैक्स बचा सकते हैं:
ऑनलाइन इंश्योरेंस प्लान खरीदने का एक फायदा यह है कि आप जी भरकर रिसर्च कर सकते हैं और ऑनलाइन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में तुलना कर सकते हैं।
आपके निर्णय लेने की प्रक्रिया और आसान बनाने के लिए, यहां पर उन सभी बातों की सूचि दी गई है जिनकी तुलना करते हुए आप सबसे अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं :
आप सोच रहे होंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम अलग-अलग क्यों होते हैं। तमाम कारकों के मेल के आधार पर, आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम नीचे दी बातों से तय होता है:
सही मेडिकल इंश्योरेंस प्लान चुनना एक कठिन काम हो सकता है। विभिन्न परिदृश्यों में सही योजना चुनने में आपकी मदद के लिए यहां कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं:
इस स्थिति में, आपको कम प्रीमियम वाला बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने के बारे में सोचना चाहिए। इस स्तर पर आपको कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज या ज्यादा सम इंश्योर्ड की जरुरत नहीं हो सकती है, लेकिन किसी भी अप्रत्याशित मेडिकल इमरजेंसी के मामले में सुरक्षा की व्यवस्था होना जरुरी है। आप ज्यादा डिडक्टिबल वाला प्लान भी चुन सकते हैं, जिससे आपका प्रीमियम और कम हो जाएगा।
अगर आपके पास पहले से ही कॉर्पोरेट हेल्थ कवर है, तो आपको कॉम्प्रिहेंसिव इंडीविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की जरुरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, अगर आपकी नौकरी छूट जाती है या नौकरी बदल जाती है, तो बैकअप प्लान होना जरुरी है। आप बेसिक और साथ ही अन्य बेहतर बेनिफिट वाला एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुन सकते हैं जो आपकी कॉर्पोरेट पॉलिसी में आपको नहीं मिल पता और इसलिए आपको ज़रूरत पड़ने पर इससे कवरेज मिल सकती है।
इस स्थिति में, आपको एक फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बारे में सोचना चाहिए जो आपके जीवनसाथी और बच्चों को कवर करता हो। फैमिली फ्लोटर प्लान किफायती होते हैं और आपके पूरे परिवार के लिए कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज देते हैं। अगर आप भविष्य में बच्चे जो जन्म देने के बारे में सोच रहे हैं तो आप मैटर्निटी बेनिफिट वाला प्लान ले सकते हैं।
अगर आप अपने माता-पिता के स्वास्थ्य को सुरक्षित करना चाहते हैं, तो आपको सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए। सीनियर सिटीजन प्लान उन मेडिकल खर्चों के लिए कवरेज प्रदान करता है जो खास तौर पर बुजुर्ग आबादी के लिए होते हैं, जैसे कि उम्र से संबंधित बीमारियां और पुरानी स्थितियां। कुछ सीनियर सिटीजन प्लान डोमिसाइलरी ट्रीटमेंट, आयुष बेनिफिट आदि जैसे बेनिफिट भी प्रदान करते हैं।
अगर आपके परिवार में गंभीर बीमारियों की हिस्ट्री रही है, तो आपको क्रिटिकल इलनेस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने के बारे में सोचना चाहिए। क्रिटिकल इलनेस प्लान कैंसर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के लिए कवरेज प्रदान करते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस से संबंधित और लेख
अस्वीकरण #1: *ग्राहक बीमा लेते समय विकल्प चुन सकता है। प्रीमियम राशि तदनुसार भिन्न हो सकती है। बीमाधारक को प्रस्ताव फॉर्म में पॉलिसी जारी करने से पहले किसी भी पूर्व-मौजूदा स्थिति या चल रहे उपचार का खुलासा करना आवश्यक है।
अस्वीकरण #2: यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए जोड़ी गई है और इंटरनेट पर विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गई है। डिजिट इंश्योरेंस यहां किसी भी चीज का प्रचार या सिफारिश नहीं कर रहा है। कृपया कोई भी निर्णय लेने से पहले जानकारी की पुष्टि करें।