वोटर आईडी का विवरण कैसे जांचें?
वोटर आईडी एक अनिवार्य दस्तावेज है जो हर भारतीय के पास जरूर होना चाहिए। ये एक व्यक्ति को भारतीय नागरिक साबित करता है और उनको अनुमति देता है कि वो चुनाव के दौरान अहम संवैधानिक अधिकार मतदान का प्रयोग करें। तेज डिजिटलीकरण के साथ किसी के लिए भी वोटर आईडी के लिए आवेदन करना और अगर रजिस्टर हैं तो ऑनलाइन जरूरी जानकारी लेना आसान हो चुका है!
वोटर आईडी का विवरण ऑनलाइन पाने के चरण?
वोटर आईडी का विवरण जानने की सबसे आसान प्रक्रिया ऑनलाइन ही है। वोटर आईडी का विवरण जानने के लिए कुछ जरूरी चरण यह रहे:
चरण 1: इलेक्टोरल सर्च ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। इस वेबसाइट पर मत\दाता से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी।
चरण 2: होमपेज पर व्यक्ति को दो विकल्प मिलेंगे जिनके साथ वो अपनी जानकारी ले सकते हैं। वोटर आईडी की जानकारी लेने के लिए व्यक्ति अपना एपिक नंबर या फिर व्यक्तिगत जानकारी दे सकते हैं।
चरण 3: एपिक नंबर का चुनाव करने पर उन्हें एपिक नंबर, सिक्योरिटी कोड और राज्य बताने के बाद ‘सर्च’ पर क्लिक करना होगा।
चरण 4: अगर व्यक्ति ने 'सर्च बाय डिटेल्स' चुना है तो उन्हें अपना पूरा नाम, जन्म की तारीख, उम्र, जिला, राज्य और चुनाव क्षेत्र भरकर ‘सर्च’ पर क्लिक करना होगा। इसके बाद उन्हें वोटर आईडी से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी।।
रजिस्टर्ड मतदाताओं के लिए, वोटर आईडी की पूरी जानकारी स्क्रीन पर दिख जाएगी।
वैकल्पिक तौर पर, व्यक्ति अपने वोटर आईडी की जानकारी स्टेट इलेक्शन ऑफिशियल पोर्टल पर भी ढूंढ सकते हैं। हर भारतीय राज्य के पास सीइओ वेबसाइट है मतदाता इसके साथ वोटर आईडी की पूरी जानकारी ले सकते हैं इस तरह से काफी समय बच जाता है।
वोटर आईडी की जानकारी कैसे लें?
यहां कुछ चरण दिए गए हैं जो स्टेट इलेक्शन की ऑफिशियल वेबसाइट से मतदाताओं की जानकारी निकालने में मदद करते हैं:
चरण 1: स्टेट इलेक्शन के ऑफिशियल पोर्टल पर जाएं और आधारभूत जानकारी जैसे नाम, पिता का नाम और वोटर आईडी कार्ड नंबर दें। आगे बढ़ने के लिए ‘सर्च’ पर क्लिक करें।
चरण 2: जरूरी विवरण देने पर संबंधित जानकरी से जुड़े विभिन्न प्रोफाइल देखे जा सकते हैं।
चरण 3: सही प्रोफाइल चुनें और जरूरी जानकरी लेने के लिए उस पर क्लिक करें।
इसके अतिरिक्त, वोटर आईडी से जुड़ा जरूरी विवरण लेने के लिए लोग नजदीकी इलेक्टोरल ऑफिस भी जा सकते हैं।
लोग एनवीएसपी (नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल) या वोटर पोर्टल से अपने वोटर आईडी का स्टेट्स देख सकते हैं। रिफरेंस आईडी और फॉर्म नंबर के साथ वोटर आईडी की जानकारी आसानी से निकाली जा सकती है। इसके अलावा एसएमएस भेजकर या फिर स्टेट हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके भी जानकारी निकल सकती है।
वोटर आईडी में कौन सी जानकारी होती हैं?
वोटर आईडी या इलेक्टोरल फोटो पहचानपत्र में मतदाता से जुड़ी सभी जानकारी होती है। कार्ड के सामने की ओर मतदाता का नाम, मतदाता के संरक्षक का नाम (पिता या माता का नाम) दिखता है। कार्ड में मतदाता की तस्वीर और वोटर आईडी नंबर भी होता है। वोटर आईडी में पीछे की ओर मतदाता के घर का पता होता है। इसमें इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के हस्ताक्षर के साथ मतदाता और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का चुनावी जिला भी नजर आता है।
कार्ड में होलोग्राम स्टीकर, सीरियल नंबर, कार्ड होल्डर के लिंग के साथ निर्वाचक की आयु भी होती है।
वोटर आईडी के नए संस्करण में भाग संख्या भी होती है, जिसके साथ मतदाता मतदाता सूची में अपना नाम आसानी से खोज सकते हैं।
वोटर आईडी की अहमियत क्या है?
यहां पर वोटर आईडी की अहम भूमिकाएं और उपयोग के बारे में बताया गया है:
वोटर आईडी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान के प्रमाण के रूप में काम करता है। सबसे जरूरी, इससे नागरिकता साबित होती है और कोई भी इससे मतदान कर सकता है।
ये नागरिकों को विभिन्न नौकरी करने और सेवाएं लेने में भी मदद करता है।
कार्ड में कुछ ऐसे प्रावधान भी लागू किए गए हैं जो एक ही व्यक्ति को कई मतदान करने से रोकते हैं।
ये कार्ड कम साक्षरता दर वाली आबादी की मतदान से जुड़ी जरूरतों को पूरा करता है।
नागरिक ऐसी कई योजनाओं और ऑफर का फायदा ले सकते हैं जिन्हें भारतीय सरकार समय-समय पर निकालती है।
वोटर आईडी लोगों को वहां भी मतदान देने की अनुमति देता है, जहां उन्हें कोई नहीं जानता है।
कार्ड में पहचान से जुड़ी कई खासियतें जैसे नाम, फोटो, हस्ताक्षर, पता वगैरह होती हैं।
वोटर आईडी में गलत विवरण के क्या नुकसान होते हैं?
वोटर आईडी में गलत जानकारी होने पर लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर वोटर आईडी में गलत जानकारी दी गई है तो अब लोग सरकारी कामों में अपने वोटर आईडी का इस्तेमाल निवास प्रमाणपत्र के तौर पर नहीं कर सकते हैं।
लोगों को बैंक अकाउंट खोलने, लोन के लिए आवेदन करने वगैरह में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा क्योंकि ये दस्तावेज देश में जरूरी पहचान प्रमाणपत्र है इसलिए हो सकता है कि कुछ संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करने की अनुमति न मिले। वो लोग जिनके पास स्थाई पता नहीं है, हो सकता है वो गलत जानकरी में सुधार करने तक पहचान के लिए वोटर आईडी का इस्तेमाल न कर पाएं।
वोटर आईडी में जानकारी कैसे सुधारें?
अगर वोटर आईडी में कोई जानकारी गलत दी गई है तो लोग बताए गए निम्न चरणों को अपनाकर गलत जानकारी को सुधार सकते हैं:
चरण 1: नेशनल वोटर्स सर्विस के पोर्टल पर जाएं और जरूरी जानकारी भरकर रजिस्टर करें।
चरण 2: फॉर्म 8 भरें। पूछे जाने पर सही रिफरेंस नंबर का इस्तेमाल करें। जरूरी दस्तावेजों को संलग्न करें।
चरण 3: अब सुधार की स्थिति देखने के लिए ‘ट्रैक स्टेट्स’ पर क्लिक करें। सुधार की प्रक्रिया के मुताबिक स्टेट्स दिख जाएगा।
एक बार इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (इआरओ) की ओर से आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो सुधार किया हुआ वोटर आईडी मिल जाएगा।
वोटर आईडी, पहचान प्रमाणपत्र है, जिसके साथ लोग अपना मतदान कर सकते हैं। कार्ड सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति की मतदाता सूची प्रामाणिक और बिल्कुल सटीक हो। इसके साथ कार्ड ये भी बताता है कि व्यक्ति रजिस्टर्ड मतदाता है।
हालांकि, वोटर आईडी में की गई कोई भी गलती कई परेशानियां ला सकती हैं। इसलिए हर योग्य नागरिक के लिए ये जानना जरूरी है कि वोटर आईडी का विवरण कैसे जांचा जाता है और गलत जानकारी में सुधार कैसे किया जाता है।
वोटर आईडी के विवरण से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
वोटर आईडी लेने के लिए कौन योग्य नहीं होता है?
व्यक्ति जो मानसिकतौर पर ठीक न हों या फिर आर्थिकतौर पर दिवालिया हो चुके हों, वो वोटर आईडी के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार से जुड़े लोगों को भी ये दस्तावेज नहीं मिल सकता है।
वोटर आईडी पर एपिक नंबर क्या दर्शाता है?
मतदाता की फोटो के ऊपर लिखा एपिक नंबर या इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिफिकेशन कार्ड नंबर 10-डिजिट का अल्फान्यूमेरिक वोटर आईडी नंबर होता है।
क्या एनआरआई मतदान दे सकता है?
अगर नॉन-रेजिडेंट इंडियन ने अपनी नागरिकता नहीं बदली है तो वे अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करके मतदान कर सकते हैं। वह चुनाव के समय अपने देश लौट सकते हैं और अपने नामित निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकते हैं।
क्लेम के आवेदन और अस्वीकृतियों को कौन सी अथॉरिटी वेरिफ़ाई करती है?
उस खास चुनाव क्षेत्र का इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिस वोटर आईडी से जुड़े आवेदन और अस्वीकृतियों का क्लेम करता है।
वोटर आईडी के साथ कोई भी दिक्कत होने पर कौन से विभिन्न फॉर्म भरने होते हैं?
व्यक्ति को वोटर आईडी की जानकारी या वोटर आईडी में उल्लिखित जानकारी में सुधार करने के लिए फॉर्म 8 भरना होगा। वहीं वोटर आईडी या एपिक को बदलने के लिए फॉर्म 001 और वोटर आईडी में कुछ हटाने या आपत्ति के लिए फॉर्म 7 भरना होगा।