पीयूसी सर्टिफ़िकेट
वाहन प्रदूषण सर्टिफ़िकेट (पीयूसी) के बारे में सब कुछ जानें
हमारे आस-पास का हर इंसान इरादे का पक्का है और जीवन में सफ़लता पाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। विकास कुछ हद तक वायु गुणवत्ता और पर्यावरण में होने वाली गिरावट का दूसरा नाम बन गया है।
वाहनों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। ये दो/तीन या चारपहिया वाहन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं। हालांकि, पूरी दुनिया में प्रदूषण का सूचकांक तेज़ी से बढ़ने की वजह से इस पर लगातार चर्चा हो रही है।
इसलिए, समाज का अहम हिस्सा होने के नाते, सरकार से अपने वाहन का प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट लेना आपकी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। लेकिन, आवेदन करने से पहले आपको पीयूसी सर्टिफ़िकेट (या प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट) के बारे में ज़्यादा जानकारी होनी चाहिए।
इसके अलावा, अब आईआरडीएआई ने आपकी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू करने के लिए, वैध पीयूसी सर्टिफ़िकेट को अनिवार्य कर दिया है।
वाहन प्रदूषण प्रमाणपत्र (पीयूसी) क्या है?
प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट एक तरह का अनुमोदन है कि आपके वाहन से होने वाले कार्बन का उत्सर्जन नियंत्रण में और प्रदूषण मानदंडों के दायरे में है। यह वाहन के उत्सर्जन स्तरों की पूरी पड़ताल के बाद सरकार की ओर से जारी किया गया एक आधिकारिक दस्तावेज़ है।
मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, मोटर बीमा पॉलिसी, रजिस्ट्रेशन सर्टिफ़िकेट और ड्राइविंग लाइसेंस की तरह, अब वाहन चलाते समय एक पीयूसी प्रमाणपत्र ले जाना अनिवार्य है।
पीयूसी सर्टिफिकेट क्यों जरूरी है?
पीयूसी सर्टिफ़िकेट बताता है कि आपका वाहन ज़रूरी शर्तें पूरी कर रहा है। यह अधिकृत करता है कि आप सड़क पर कानूनी रूप से वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। पीयूसी सर्टिफ़िकेट कार्बन उत्सर्जन के प्रतिशत के बारे में बताता है। यानी, इससे पता चलता है कि आपका वाहन कितना प्रदूषण फैला रहा है।
क्या पीयूसी सर्टिफ़िकेट लेना अनिवार्य है?
1988 के मोटर वाहन अधिनियम के तहत, भारत सरकार ने पीयूसी सर्टिफ़िकेट लेना अनिवार्य कर दिया है। अगर आपके वाहन के पास वैध सर्टिफ़िकेट नहीं है, तो आपके ऊपर 1,000 रुपये का ज़ुर्माना लगाया जा सकता है (और अपराध दोहराने पर 2,000 के ज़ुर्माने का प्रावधान है!)
इसके अलावा, आईआरडीएआई के नियमों के मुताबिक, अपनी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिए आपके पास एक वैध पीयूसी सर्टिफ़िकेट होना चाहिए।
इसलिए, पीयूसी सर्टिफ़िकेट एक बेहद ज़रूरी दस्तावेज़ है। अगर आप वाहन चलाते समय इसे हमेशा अपने पास रखते हैं, तो यह अच्छी बात है।
पीयूसी सर्टिफ़िकेट में क्या-क्या लिखा होता है?
कार या बाइक के लिए आपके पीयूसी सर्टिफ़िकेट में यह जानकारी होगी:
- पीयूसी सर्टिफ़िकेट का सीरियल नंबर। इससे यह जानने में मदद मिलती है कि आपके वाहन की आखिरी बार जांच कब हुई थी।
- वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर।
- पीयूसी जांच की तारीख।
- पीयूसी जांच की वैधता की तारीख।
- पीयूसी जांच की रीडिंग।
किस वाहन को पीयूसी सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत होती है?
भारतीय सड़कों पर चलने वाले सभी मोटर वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट होना ज़रूरी है। मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, वाहन चलाते समय आपके पास पीयूसी सर्टिफ़िकेट होना ज़रूरी है।
क्या आपको कार के लिए पीयूसी सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत होती है?
हां, आपको कार के लिए प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट चाहिए। पीयूसी जांच के तहत, आपकी कार को इन मानदंडों पर खरा उतरना होगा। वरना, आपकी कार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाएगी।
कार के निर्माण का साल | कार्बन मोनो-ऑक्साइड का % | पीपीएम में मापा गया हाइड्रोकार्बन का लेवल |
भारत चरण-II से पहले के नियमों के हिसाब से बने चार पहिया वाहन | 3 | 1500 |
भारत चरण-II से पहले और उसके बाद के नियमों के हिसाब से बने चार पहिया वाहन | 0.5 | 750 |
क्या आपको बाइक के लिए पीयूसी सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत होती है?
हां, आपको अपनी बाइक के लिए पीयूसी सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत होगी। इस दस्तावेज़ को अपने साथ रखना अनिवार्य है। बिना किसी चिंता के अपनी बाइक का इस्तेमाल करने के लिए, आपकी बाइक की जांच को इन मानदंडों पर खरा उतरना होगा।
बाइक के निर्माण का साल | कार्बन मोनो-ऑक्साइड का % | पीपीएम में मापा गया हाइड्रोकार्बन का लेवल |
31 मार्च 2000 से पहले निर्मित 2 व्हीलर (2/4 स्ट्रोक) | 4.5 | 9000 |
31 मार्च 2000 के बाद निर्मित 2 व्हीलर 2 स्ट्रोक | 3.5 | 6000 |
31 मार्च 2000 के बाद निर्मित 2 व्हीलर 4 स्ट्रोक | 3.5 | 4500 |
पीयूसी जांच की प्रक्रिया क्या होती है?
पीयूसी पाने की प्रक्रिया इस तरह है:
- अगर वाहन नया है, तो मोटर डीलर पीयूसी सर्टिफ़िकेट की व्यवस्था करेगा।
- रिन्यू के लिए, आपको वाहन को किसी भी अधिकृत पेट्रोल पंप पर ले जाना होगा।
- वे उत्सर्जन दर की जांच के लिए, इजेक्शन पाइप को स्कैन करेंगे।
- शुल्क का भुगतान करने के बाद, आपको एक प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
पीयूसी सर्टिफ़िकेट की लागत और वैधता क्या होती है?
अब तक आप जान चुके हैं कि पीयूसी जांच करवाना महत्वपूर्ण है। वाहन चलाते समय आपको सर्टिफ़िकेट सॉफ़्ट या हार्ड कॉपी में रखना होगा। हालांकि, आपके लिए पीयूसी की वैधता और लागत जानना भी महत्वपूर्ण है।
नई कार या बाइक के लिए पीयूसी सर्टिफ़िकेट की वैलिडिटी 1 साल की होती है। सर्टिफ़िकेट को नियमित रूप से रिन्यू किया जाना चाहिए।
रिन्यू किए गए सर्टिफ़िकेट की वैधता कार और बाइक दोनों के लिए 6 महीने है। रीडिंग अगर नियमों के हिसाब से सही नहीं है, तो सर्टिफ़िकेट की वैधता रीडिंग पर निर्भर करेगी।
प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट पाने की लागत 60/- रुपये से लेकर 100/- रुपये तक होती है। लागत ईंधन के प्रकार पर भी निर्भर करता है।
पीयूसी सर्टिफ़िकेट नहीं होने पर दंड के क्या प्रावधान हैं?
जिस तरह मोटर बीमा पॉलिसी नहीं रखने पर आपको ज़ुर्माना भरना होता है, उसी तरह पीयूसी सर्टिफ़िकेट नहीं रखने पर भी ज़ुर्माने का प्रावधान है। और अगर आप यह सर्टिफ़िकेट नहीं रखते हैं, तो मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190(2) के तहत आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
इसके अलावा, पहली बार अपराध करने पर 1,000/- रुपये का ज़ुर्माना वसूला जाएगा। दोहराए जाने पर आपको 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
लेकिन, बात ज़ुर्माने की नहीं है! यह हमारे पर्यावरण और धरती माता की भलाई के लिए है। आइए इसे और ज़्यादा नष्ट न करें!
पीयूसी सर्टिफ़िकेट रखने के क्या फ़ायदे हैं?
आप पर्यावरण को बचा पाएंगे - वायु प्रदूषण का वैश्विक पर्यावरण पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, अपने वाहन के प्रदूषण का स्तर ज़रूरी दायरे के भीतर रखकर, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने में आपका योगदान है।
अपने वाहन की स्थिति से अवगत रहेंगे - जब आप अपने पीयूसी सर्टिफ़िकेट को हर 6 महीने में नियमित रूप से रिन्यू करते हैं, तो आप अपने वाहन के प्रदूषण के स्तर के बारे में जागरूक हो जाएंगे। अगर इसे सर्विसिंग की ज़रूरत पड़ती है, तो इससे पहले कि यह एक बड़ी समस्या बन जाए, आप इसकी जांच करवा सकते हैं।
यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि आप एक कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं - भारत सरकार द्वारा 1988 के मोटर वाहन अधिनियम के तहत, पीयूसी सर्टिफ़िकेट रखना ज़रूरी है। ऐसा नहीं होने पर संभावित दंड मिल सकता है।
यह किसी भी मोटर वाहन इंश्योरेंस के लिए ज़रूरी है - वैध पीयूसी सर्टिफ़िकेट उन अनिवार्य दस्तावेजों में से एक है जो आपके वाहन बीमा को रिन्यू कराने के लिए आपके पास होना चाहिए
प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) सर्टिफ़िकेट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या मोटर बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए पीयूसी सर्टिफ़िकेट ज़रूरी है?
हां, मोटर बीमा खरीदने के लिए पीयूसी सर्टिफ़िकेट ज़रूरी है। यह नई पॉलिसी के साथ-साथ वाहन की रिन्यू होने वाली पॉलिसी पर भी लागू होता है। आईआरडीए ने इसे अनिवार्य कर दिया है और इंश्योरेंस कंपनियों से कहा है कि जब तक किसी वाहन के पास पीयूसी सर्टिफ़िकेट न हो, तब तक वे उस वाहन का इंश्योरेंस नहीं कर सकतीं।
आपको पीयूसी सर्टिफ़िकेट कब लेना चाहिए?
आपको नया वाहन खरीदते समय ही पीयूसी सर्टिफ़िकेट लेना होगा। इसकी वैधता 1 साल की होगी। और वैधता खत्म होने पर आपको वाहन को जांच के लिए ले जाना होगा। आपको एक नया सर्टिफ़िकेट जारी किया जाएगा जो 6 महीने के लिए वैध होगा।
क्या आपको अपने वाहन में पीयूसी सर्टिफ़िकेट अपने साथ रखना चाहिए?
गाड़ी चलाते समय आपके पास कुछ दस्तावेज़ों का होना अनिवार्य है। इनमें पीयूसी सर्टिफ़िकेट भी शामिल है।
ट्रैफ़िक पुलिस आपसे कभी भी पीयूसी सर्टिफ़िकेट दिखाने को कह सकती है। पीयूसी सर्टिफ़िकेट को रिन्यू कराते समय इसकी स्थिति पर नज़र रखें।
अगर आपके पास पीयूसी सर्टिफ़िकेट नहीं है या इसकी वैधता खत्म हो चुकी है, तो ट्रैफ़िक पुलिस के पास आपके वाहन को जब्त करने का अधिकार है। वे निश्चित रूप से इस अपराध के लिए ज़ुर्माना लगाएंगे।
और अगर उन्हें लगता है कि आपकी गाड़ी से ज्यादा धुंआ निकल रहा है, तो वे आपसे दोबारा जांच कराने के लिए कह सकते हैं और आपको 7 दिनों के अंदर दोबारा जांच करानी होगी।
अगर आप अपने पीयूसी सर्टिफ़िकेट को रिन्यू करना भूल जाते हैं तो क्या होगा?
आईआरडीएआई के अनुसार, आपकी मोटर बीमा पॉलिसी को रिन्यू करा के लिए आपके पास एक वैध पीयूसी सर्टिफ़िकेट होना चाहिए। अगर इसकी वैधता खत्म हो गई है, तो पकड़े जाने पर आपके ऊपर मोटर वाहन अधिनियम के तहत मुकदमा चल सकता है। आप आसानी से ऑनलाइन अपने पीयूसी सर्टिफ़िकेट की स्थिति की जांच कर सकते हैं।