भारत में ई-पासपोर्ट क्या होता है: इसका मतलब और खासियत जानें
डिजिटलीकरण ने लगभग सभी केवाईसी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को बढ़ावा दिया है और इस दौड़ में पासपोर्ट भी पीछे नहीं है।
विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर के मुताबिक, भारतीय नागरिक निकट भविष्य में उन्नत सुरक्षा सुविधाओं के साथ ई-पासपोर्ट बनवा सकेंगे।
ई-पासपोर्ट क्या है और इसकी खासियत क्या हैं के बारे में यहां विस्तार से बताया जा रहा है।
ई-पासपोर्ट क्या होता है?
ई-पासपोर्ट एक चिप लगा, बायोमेट्रिक आईडी कार्ड वाला पासपोर्ट होता है जिससे यात्रा के कागजातों की पारदर्शिता और सुरक्षा मजबूत होती है।
हालांकि, यह आवेदन करने, वेरीफिकेशन होने और जानकारियों के मामले में सामान्य पासपोर्ट से अलग नहीं होता है।
ई-पासपोर्ट के फायदे
भारत में ई-पासपोर्ट के अनोखे फायदे हैं -
ई-पासपोर्ट वाले यात्रियों को लंबे समय तक लाइन में खड़े नहीं होना पड़ता है क्योंकि इसे कुछ ही सेकंड में स्कैन किया जा सकता है।
इसमें व्यक्तियों का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड होता है। इसलिए, यह जालसाजों को डेटा चोरी करने और डुप्लीकेट पासपोर्ट बनाने से रोकेगा।
इससे छेड़छाड़ करने पर चिप पासपोर्ट का ऑथेंटिकेशन फेल हो जाएगा।
कोई भी इससे डेटा डिलीट नहीं कर पाएगा।
ई-पासपोर्ट की खासियत
ई-पासपोर्ट में 41 सुरक्षा खासियत हैं। यह आवेदक की उम्र के आधार पर 5 या 10 साल के लिए वैध होता है।
इसकी खसियत में से कुछ हैं -
एक लेमिनेटेड फिल्म में उभरी हुई होलोग्राफिक छवियां जो लाइट में चलती और रंग बदलती हैं।
धारक की जनसांख्यिकीय जानकारी।
धारक की बायोमेट्रिक जानकारी।
धारक के हाथ की सभी 10 उंगलियों के फिंगरप्रिंट।
धारक की आइरिस स्कैन।
धारक का रंगीन फोटोग्राफ।
धारक का डिजिटल हस्ताक्षर।
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन कैसे करें?
भारत में ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सामान्य पासपोर्ट या एमआरपी (MRP) जैसी ही है। प्रक्रिया है -
पासपोर्ट सेवा की वेबसाइट पर जाएं और “अभी रजिस्टर करें” पर क्लिक करें या फिर अपनी मौजूद आईडी से लॉग-इन करें।
“नए पासपोर्ट के लिए आवेदन करें” या “पासपोर्ट फिर से जारी करें” पर क्लिक करें।
सभी जानकारी दर्ज करें और “सबमिट करें” बटन पर क्लिक करें।
भुगतान करने के लिए “भुगतान करें और एपॉइंटमेंट शेड्यूल करें” पर क्लिक करें।
यह प्रक्रिया पूरी कर लेने पर, इसकी रसीद प्रिंट करें या इसका पीएसके/पीओपीएसके/पीओ पर एक्नॉलेजमेंट एसएमएस दिखाएं।
ई-पासपोर्ट के लिए कौन से कागजातों कि जरूरत होती है?
ई-पासपोर्ट के लिए जरूरी कागजात सामान्य पासपोर्ट की तरह ही होते हैं। पहली बार आवेदकों को नीचे बताए गए कागजातों की जरूरत होती है -
- एड्रेस प्रूफ – इनमें से कोई भी दस्तावेज एड्रेस प्रूफ के तौर पर काम करेगा -
- आधार कार्ड
- टेलीफोन का बिल
- बिजली का बिल
- पानी का बिल
- गैस कनेक्शन का प्रमाण
- रेंट एग्रीमेंट
- सक्रिय बैंक खाते की फोटो लगी पासबुक (किसी भी शेड्यूल्ड प्राइवेट सेक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र, या ग्रामीण, क्षेत्रीय प्रतिबंध के साथ खाता)
- आवेदक के नाम के साथ जीवनसाथी के पासपोर्ट के पहले और आखिरी पेज की प्रति। साथ ही, आवेदक का वर्तमान पता पासपोर्ट पर उल्लिखित जीवनसाथी के पते से मेल खाना चाहिए।
ध्यान दें कि व्यक्तियों को उन सभी जगहों का विवरण देना होगा, जहां वे पिछले एक साल से रह रहे हैं।
- जन्मस्थान का प्रूफ – आप जन्म की तारीख के प्रूफ के तौर पर इनमें से कोई भी कागजात दे सकते हैं -
- वैध अधिकारी की तरफ से जारी किया गया जन्म प्रमाण पत्र।
- मैट्रिकुलेशन, स्थानांतरण, या स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र जिसे स्कूल जाने की आखिरी तारीख बताते हुए शैक्षिक बोर्ड के अधिकारी जारी करटे हैं।
- पैन (PAN) कार्ड
- आधार कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- वोटर आईडी कार्ड
- आवेदक के नाम की जीवन बीमा पॉलिसी
सामान्य पासपोर्ट रखने वालों को पासपोर्ट फिर से जारी करवाने के लिए नीचे दिए गए कागजात जमा करने होंगे -
- ऑरिजनल पासपोर्ट
- पासपोर्ट के पहले और आखिरी पेज की कॉपी
- ऑब्जरवेशन पेज
- ईसीआर (ECR) या गैर- ईसीआर (non-ECR) पेज
चिप वाला ई-पासपोर्ट कैसे काम करता है?
ई-पासपोर्ट 64-किलोबाइट (KB) स्टोरेज के एम्बेडेड आयताकार एंटीना टाइप की इलेक्ट्रॉनिक चिप की क्षमता पर काम करता है।
ई-पासपोर्ट क्या होता है, यह जानने के अलावा, भारतीय लोगों को इस नए आविष्कार को बनने वालों के बारे में भी जानना चाहिए।
इसे भारत के तीन प्रमुख तकनीकी संस्थानों के सहयोग से विकसित किया गया है-
आईआईटी, कानपुर
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC)
भारत सुरक्षा प्रेस और विदेश मंत्रालय के अधिकारी
दुनिया भर में निर्बाध रूप से काम करने के लिए इसे अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के मानकों के मुताबिक बनाया गया है। इसे किसी भी रिमोट सोर्स से डेटा एक्सेस को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है।
ई-पासपोर्ट सामान्य पासपोर्ट से अलग कैसे है?
इलेक्ट्रॉनिक डेटा चिप के साथ एक ई-पासपोर्ट भारत में सामान्य पासपोर्ट की तुलना में अतिरिक्त सुरक्षा देता है। यह पासपोर्ट को उसके मूल मालिक से बेहतर तरीके से जोड़ता है और जालसाजी को रोकता है।
आम तौर पर, एक सामान्य पासपोर्ट या मशीन रीडेबल पासपोर्ट (MRP) में मालिक के बारे में छपी जानकारी वाले डेटा पेज होते हैं जिन्हें एक ऑप्टिकल रीडर स्कैन कर सकता है।
ई-पासपोर्ट को कहां इस्तेमाल किया जा सकता है?
वर्तमान में, ई-पासपोर्ट दुनिया भर के लगभग 120 देशों में इस्तेमाल में है और लोग इसका इस्तेमाल किसी भी विदेश यात्रा के लिए कागजातों के प्रूफ के तौर पर कर सकते हैं।
जैसा कि अब आप जानते हैं कि ई-पासपोर्ट क्या है, और ये कैसे नागरिकों और सरकार के लिए बहुत मददगार है। इस इलेक्ट्रॉनिक चिप-एम्बेडेड दस्तावेज को जारी करने से सुरक्षा बढ़ेगी और यात्रा के दौरान पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
ई-पासपोर्ट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या भारत में ई-पासपोर्ट उपलब्ध हैं?
हां, ई-पासपोर्ट भारत में 2021 से उपलब्ध हैं। जो लोग भी नए पासपोर्ट के लिए या पुराने पासपोर्ट को फिर से जारी कराने के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें ई-पासपोर्ट जारी किया जाएगा।
क्या ई-पासपोर्ट बनने या फिर से जारी कराने के लिए लगने वाले शुल्क में कोई बदलाव किया गया है?
नहीं, ई-पासपोर्ट बनाने या फिर से जारी कराने के लिए लगने वाला शुल्क सामान्य पासपोर्ट वाला ही है। इसका शुल्क 36 पेज वाली बुकलेट के लिए ₹1500 और 60 पेज वाली बुकलेट के लिए ₹2000 है।
माइक्रोचिप वाला भारतीय ई-पासपोर्ट कैसे काम करता है?
ई-पासपोर्ट एम्बेडेड माइक्रोप्रोसेसर के लिए डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर और ट्रांसपोर्ट करने के सिद्धांत पर काम करता है। पासपोर्ट की चिप 60 किलोबाइट तक डेटा स्टोर कर सकती है, जिससे इसमें धारक से जुड़ी सभी तरह की जानकारी शामिल हो सकती है।
ई-पासपोर्ट को कहां इस्तेमाल किया जा सकता है?
आप ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल यात्रा करते समय पहचान के लिए ठीक उसी तरह कर सकते हैं जैए कि सामान्य या पारंपरिक पासपोर्ट का करते हैं। इसका इस्तेमाल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए लंबी लाइनों को बायपास करने और सुरक्षा जांच को ज्यादा तेजी से पूरा करने के लिए किया जा सकता है।