पैन कार्ड फ़ॉर्म 61 क्या है: आवेदन और दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया
जिन लोगों की आय खेती से होती है और जिनके पास इनकम टैक्स कानून के तहत टैक्स लगने वाली आय का और कोई स्रोत नहीं होता, उनके लिए फ़ॉर्म 61 दाखिल करना ज़रूरी होता है। कुछ खास लेनदेन के लिए और अगर लेनदेन के लिए पैन कार्ड नहीं है, तो उन्हें इसकी ज़रूरत होती है।
अगर आप उनमें से एक हैं और पैन कार्ड (संशोधित) के लिए फ़ॉर्म 61 भरने का विवरण जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लेख को पढ़ें।
पैन कार्ड के लिए फ़ॉर्म 61 क्या है?
भारत का आयकर विभाग किसी भी, किसी व्यक्ति के समय किए गए किसी भी वित्तीय लेनदेन का पता लगाने के लिए स्थायी खाता नंबर यानी पैन का इस्तेमाल करता है। अगर किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है और वह ऐसे आय वर्ग से आता है जिस पर टैक्स नहीं लगता है, तो उसे फ़ॉर्म 61 भरना होत है।
भारत का आयकर विभाग केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के ज़रिए यह दस्तावेज़ जारी करता है। यह दस्तावेज़ इस देश के भीतर कोई भी वित्तीय लेनदेन करते समय प्रस्तुत किया जाता है।
फ़ॉर्म 61 के बारे में जानने के बाद, आइए जानते हैं कि किसी व्यक्ति को फ़ॉर्म 61 की ज़रूरत कब पड़ती है।
आपको फ़ॉर्म 61 की ज़रूरत कब पड़ती है?
नियम 114 बी के मुताबिक फ़ॉर्म 61 एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जिसे पैन कार्ड के विकल्प के रूप में चुना जा सकता है, और इसका इस्तेमाल ज़रूरी वित्तीय लेनदेन करने के लिए आसानी से किया जा सकता है। यहां बताया गया है कि आप इस दस्तावेज़ का इस्तेमाल कब कर सकते हैं:
- जब आपको ₹ 5 लाख से ज़्यादा की कोई अचल संपत्ति बेचना या खरीदना हो।
- दुपहिया वाहन के अलावा अगर आपको कोई वाहन खरीदना या बेचना हो।
- जब आप टर्म डिपॉजिट में निवेश करना चाहते हैं।
- बैंक ड्राफ्ट या पर्चेज ऑर्डर खरीदने के लिए आपको इसकी ज़रूरत होती है।
- इसके साथ ही, जब आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं।
- आप पोस्ट ऑफ़िस या बैंक में 50,000 रुपए से ज़्यादा की राशि का फ़िक्स्ड डिपॉजिट करना चाहते हैं।
- अगर आप किसी विदेशी देश की यात्रा से संबंधित भुगतान करना चाहते हैं।
- अगर आप भारत के बाहर खरीदने या पैसे भेजने के लिए भुगतान करना चाहते हैं।
- जब आपको ₹ 10 लाख से ज़्यादा की सिक्योरिटीयां खरीदने या बेचने की ज़रूरत हो।
- अगर आप किसी मान्यता प्राप्त बैंक या वित्तीय संस्थान में खाता खोलना चाहते हैं।
- अगर आप टेलीफ़ोन कनेक्शन लेने के लिए आवेदन करना चाहते हैं।
- जब आप रेस्टोरेंट और होटलों को ₹20,000 से ज़्यादा का भुगतान करना चाहते हैं।
- उन नाबालिगों के लिए जिनकी आय आयकर स्लैब के मुताबिक टैक्सेबल नहीं है। ऐसे मामले में, अधिकारी माता-पिता या अभिभावक के पैन विवरण लेंगे।
- जब आप म्युचुअल फंड की यूनिटों को खरीदने के लिए भुगतान करना चाहते हैं, या आप शेयर लेना चाहते हैं या बॉन्ड और डिबेंचर स्वीकार करना चाहते हैं।
- जब आप जीवन बीमा के प्रीमियम का भुगतान करना चाहते हैं।
- जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं।
फ़ॉर्म 61 के साथ आपको कौन से दस्तावेज़ देने की ज़रूरत पड़ती है?
फ़ॉर्म 61 भरने से पहले आपको कुछ खास दस्तावेज़ों जैसे पहचान और पता के सबूत भी आवेदन के साथ देने होते हैं। इस फ़ॉर्म को भरते समय लगने वाले कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ होते हैं:
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
- एक मान्यता प्राप्त संस्थान का वैध आईडी प्रमाण
- 3 महीने से कम के बिजली या टेलीफ़ोन बिल की कॉपी
- चुनावी फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी)
- राज्य सरकार, केंद्र सरकार, या किसी दूसरे स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी/प्रदान किया गया कोई दस्तावेज़
- कोई दूसरा दस्तावेज जो घोषणा में आवेदक के पते के सत्यापन की अनुमति देता है
आवेदक के पता के सबूत के तौर पर दिए गए किसी भी दस्तावेज़ को खुद से सत्यापित करना ज़रूरी होता है। आइए अब समझते हैं कि फ़ॉर्म 61 को ऑनलाइन और ऑफ़लाइन कैसे भरते हैं।
फ़ॉर्म 61 को ऑनलाइन कैसे भरें?
फ़ॉर्म 61 भरना एक सरल और परेशानी मुक्त प्रक्रिया है और इसमें कम से कम समय लगता है। लेकिन, हर विवरण को ठीक से भरना ज़रूरी है और इन दस्तावेज़ों को जमा करने से पहले आपको अपना नाम, पता और फ़ोन नंबर भी ठीक से जांच लेना चाहिए ताकि गलतियां कम हों।
आप इस दस्तावेज़ को ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरीके से भर सकते हैं। यहां फ़ॉर्म 61 भरने के बारे में एक चरणबद्ध गाइड दी गई है:
चरण 1: सबसे पहले, आपको ई-फ़ाइलिंग पोर्टल पर आयकर विभाग रिपोर्टिंग इकाई पहचान संख्या या आईटीडीआरईआईएन (ITDREIN) में रजिस्टर करना होगा।
चरण 2: अब, अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय इस्तेमाल किए गए विवरण को यहां भी इस्तेमाल करना होगा।
चरण 3: अब, अगर आप पहली बार रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं तो 'मेरा अकाउंट' के अंदर 'रिपोर्टिंग पोर्टल' पर क्लिक करें।
चरण 4: इसके बाद, फ़ॉर्म का प्रकार, जिसके लिए आप आवेदन कर रहे हैं वो कैटेगरी, रिपोर्टिंग करने वाले व्यक्ति का पता जैसी सभी ज़रूरी जानकारियां दर्ज करें।
चरण 5: अब, प्रिंसिपल ऑफ़िसर का विवरण दर्ज करें।
चरण 6: जैअब, से ही आप यह दस्तावेज़ जमा करते हैं, यह आयकर विभाग रिपोर्टिंग इकाई पहचान संख्या या आईटीडीआरईआईएन अपने आप जेनरेट हो जाएगी।
आईटीडीआरईआईएन पाने के बाद इसके बारे में प्रिंसिपल ऑफ़िसर को, उनके रजिस्टर्ड ईमेल पते पर इससे जुड़ी जानकारी मिल जाएगी। उन्हें इसका मैसेज उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी मिल जाएगा।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक बार जब आपको आईटीडीआरईआईएन मिल जाता है, तो आपके पास इसे डीएक्टिवेट करने का कोई विकल्प नहीं होगा। साथ ही, अगर आप फ़ॉर्म 61 ऑनलाइन फ़ाइल नहीं करना चाहते हैं, तो यहां बताया गया है कि आप इसे ऑफ़लाइन भी कैसे कर सकते हैं।
फ़ॉर्म 61 को ऑफ़लाइन कैसे भरें?
अगर आप फ़ॉर्म 61 ऑफ़लाइन भरना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए इन चरणों का पालन करें:
चरण 1: किसी प्रतिष्ठित, मान्यता प्राप्त केंद्रीकृत बैंक से फ़ॉर्म 61 लें।
चरण 2: अब नाम, पता और सभी ज़रूरी विवरणों से साथ इसे ठीक से भरें।
चरण 3: इसके बाद, अच्छी तरह जांचने के बाद इसे मांगे गए ज़रूरी दस्तावेज़ों के साथ एक अधिकृत बैंक में जमा करें।
फ़ॉर्म 61 भरने के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
सभी घोषणाकर्ताओं को फ़ॉर्म 60 में मिली घोषणाओं को आयकर विभाग के पास दाखिल करना होता है। नियम 114डी इसी प्रक्रिया और समय की व्याख्या करता है। इसके बाद, आपको इन सभी विवरणों को फ़ॉर्म 61 में जमा करना होता है। संक्षेप में, यह दस्तावेज़ एक बयान है जिसमें आपको फ़ॉर्म 60 में मिले घोषणा के सभी प्रमाण शामिल होते हैं।
नीचे बताए गए लोगों को फ़ॉर्म 61 जमा करने की ज़रूरत होती है:
वे सभी लोग जिनके पास लेनदेन के लिए फ़ॉर्म 60 में घोषणा की रसीद है।
कोई भी व्यक्ति जिसने एक बार में रेस्तरां या होटल के बिल या रेस्तरां के बिलों के भुगतान से संबंधित लेनदेन के बिल बनाए हैं।
कोई भी व्यक्ति जो किसी दूसरे देश की यात्रा के सिलसिले में है।
एक व्यक्ति जो ₹ 50,000 से ज़्याद की राशि के लिए एक बार में किसी भी विदेशी मुद्रा को खरीदने के लिए भुगतान करना चाहता है।
आइए, अब हम फ़ॉर्म 61 के बारे में विस्तार से जानें।
फॉर्म 61 की संरचना क्या है?
फ़ॉर्म 61 भरने से पहले, आपको इसकी संरचना को सही ढंग से समझ लेना चाहिए ताकि जब आप इन विवरणों को भरें तो यह परेशानी मुक्त और आसान हो जाए। फ़ॉर्म 61 के कॉलम में होते हैं:
आपका पूरा नाम और पता
जन्मतिथि और पिता का नाम (अगर यह कोई व्यक्ति है तो)
आपका सही मोबाइल नंबर (इसका ठीक से भरें)
लेनदेन का विवरण और उन लेनदेन की राशि
विवरण जैसे आपके आखिरी बार इनकम टैक्स दाखिल करने का वार्ड नंबर या रेंज (अगर आपका इनकम टैक्स दाखिल हुआ है तो)
12-अंकों का आधार कार्ड नंबर (अगर आपके पास ये है तो)
फ़ॉर्म का नंबर और पैन का एक्नॉलेजमेंट (अगर आपने इसके लिए आवेदन किया है, आपको अभी ये मिल नहीं है)
इन विवरणों को भरते समय सुनिश्चित करें कि आप इस फ़ॉर्म को ओवरराइट करने या गैर ज़रूरी गलतियां करने से बचें। इसके अलावा, इसमें आपको यह भी बताना होगा कि आपकी आय का स्रोत पूरी तरह से कृषि से है जिस पर टैक्स नहीं लगता है।
अंतिम चरण है आपका फ़ॉर्म जमा करना, लेकिन इसे अधिकारियों को जमा करने से पहले हमेशा इसे अच्छी तरह से जांचना चाहिए।
फ़ॉर्म 61 कैसे जमा करें?
आप इस फ़ॉर्म को इन चरणों की मदद से जमा कर सकते हैं:
चरण 1: आपको फ़ॉर्म 61 इनकम टैक्स के डायरेक्टर या ज्वॉइन्ट डायरेक्टर को जमा करना चाहिए।
चरण 2: यह आपको इसी उद्देश्य के लिए जुड़े हुए एक सर्वर के ज़रिए ऑनलाइन करना होगा या इलेक्ट्रॉनिक डेटा के ज़रिए।
चरण 3: इसे जमा करने के बाद आपको एक एक्नॉलेजमेंट नंबर मिलेगा।
हालांकि, आयकर विभाग ने एक नया रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया है जहां फ़ॉर्म नंबर 61, 61ए और 61बी के लिए रजिस्ट्रेशन, स्टेटमेंट अपलोड करने और इससे जुड़ी सुविधाएं क्रमशः ई-फ़ाइलिंग सेक्शन से रिपोर्टिंग सेक्शन में ट्रांसफ़र कर दी गई हैं।
फ़ॉर्म 61 भरने की नियत तारीख को नोट करना भी ज़रूरी है।
फ़ॉर्म 61 पूरा करने की नियत तारीख क्या होती है?
आपको फ़ॉर्म 61 हर छह महीने में दाखिल करना चाहिए और इसकी नियत तारीखें होती हैं:
आप जो फ़ॉर्म 61, 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच जमा करते हैं उसके घोषणा की आखिरी तारीख उस वित्तीय वर्ष के 31 अक्टूबर को होती है।
फिर से समझें, फ़ॉर्म 61 में घोषणा की नियत तारीख, जो आप 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक देते हैं, उस वित्तीय वर्ष के 30 अप्रैल को आती है जिसमें आप यह फ़ॉर्म जमा करते हैं।
आप सुनिश्चित करें कि फ़ॉर्म में गलत विवरण न दे रहे हों।
फ़ॉर्म 61 के दोषपूर्ण/गलत दाखिले पर क्या होगा?
अगर फ़ॉर्म 61 में कुछ गलत विवरण भरा हुआ है, आपको इस स्थिति की जानकारी संबंधित आयकर अधिकारी को देनी चाहिए। साथ ही, ऐसा आपको 10 दिनों के भीतर करना चाहिए ताकि इस पर आपको कोई पैनल्टी न देनी पड़े। इसके बाद, आपको यह सूचना देने की तारीख से 30 दिनों का समय मिलता है जिसके दौरान आप इस फ़ॉर्म में दी गई किसी भी जानकारी को सुधार सकते हैं।
पैन कार्ड के लिए फ़ॉर्म 61 से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आईटीडीआरईआईएन का मतलब क्या होता है?
यह 16-वर्ण की एक यूनिक पहचान संख्या है जो XXXXXXXXXX.वाइज़ेडएनएनएन के फ़ॉर्मेट में आती है। इसमें XXXXXXXXXXXX का मतलब व्यक्ति या रिपोर्टिंग इकाई का पैन/टैन होता है। वाई आपके फ़ॉर्म का कोड है, ज़ेड फ़ॉर्म कोड के लिए रिपोर्टिंग एंटिटी कैटेगरी का कोड है और एन क्रमांक नंबर कोड के लिए है।
क्या फ़ॉर्म 61 भरना ज़रूरी है?
फ़ॉर्म 61 सिर्फ उन लोगों के लिए होता है जिनकी आय का स्रोत सिर्फ खेती है और जो लोग आयकर के टैक्स स्लैब में नहीं आते। इसलिए, ऐसे लोगों के पास अगर पैन कार्ड नहीं है, तो उन्हें फ़ॉर्म 61 भरने की ज़रूरत होती है। ऐसा तब करना होता है जब कोई वित्तीय लेनदेन करना होता है।
क्या फ़ॉर्म 61 को देय तारीख के बाद भरा जा सकता है?
आपको ही पिछले वित्तीय वर्ष के लिए अगले साल की 31 मई के भीतर वित्तीय किए गए लेनदेन का विवरण प्रस्तुत करना होगा। इसे देय तारीख से पहले दाखिल करने पर धारा 271एफ़ए के तहत जुर्माना लगेगा, जहां आपको प्रतिदिन ₹ 500 का जुर्माना देना होगा।
क्या फ़ॉर्म 61 विदेशी नागरिकों पर लागू होता है?
आप एक विदेशी नागरिक हैं और आपको होटल या रेस्तरां में भुगतान करने की ज़रूरत है या आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं या यात्रा खर्च का फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपको पैन या फ़ॉर्म 61 या फ़ॉर्म 60 देने की ज़रूरत नहीं है।