सेकंड हैंड कार का इंश्योरेंस

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इस्तेमाल की हुई या सेकंड हैंड कार के इंश्योरेंस के बारे में पूरी जानकारी

क्या एक कार लेना गर्व की बात नहीं है? कार नई हो या सेकंड हैंड, हम सभी के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण संपत्ति है। कार खरीदने के लिए हम कड़ी मेहनत और प्लानिंग करते हैं और यह हमारे जीवन के लिए जरूरी भी है। जैसे हम अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा करते हैं, वैसे ही यह भी जरूरी है कि हम अपने जरूरी सामान की सुरक्षा के लिए भी ऐसा कुछ करें। हमें ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए, आखिरकार हमने इसे कड़ी मेहनत से खरीदा है।

जैसा कि आप जानते हैं कि मोटर वाहन ऐक्ट 1988 के अनुसार, किसी भी नए या सेकंड हैंड वाहन चलाने के लिए कम से कम थर्ड-पार्टी मोटर इंश्योरेंस चाहिए। इसके बिना वाहन चलाना गैर कानूनी है। कानूनी बाध्यता को छोड़ भी दें, तो खुद को संभावित दुर्घटनाओं से बचाने के लिए मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी का होना जरूरी है।

जब आप सेकंड हैंड कार लेने की सोचते हैं, तो कई जरूरी चीजें हैं जिनकी जांच जरूरी होती है। कार के पहले मालिक से सभी दस्तावेज या सूचना की जांच करने के लिए एक सूची बनाएं और पूरी तरह संतुष्ट होने पर ही फैसला लें। इस सूची में से एक है कार इंश्योरेंस। ज्यादातर खरीदार इसको जरूरी नहीं समझते हैं, लेकिन यही भविष्य में होने वाले नुकसान से आपको और आपके खर्च को बचाएगा।

इसलिए, किसी भी इंश्योरेंस कंपनी के पास जाने से पहले होमवर्क करें। ऑनलाइन जाकर इससे जुड़ी बातों को सरल तरीके से समझें। अगर आप यह नहीं समझ पा रहे कि सही मायने में कहां से शुरुआत करें, तो इसके बारे में डिजिट पर सब कुछ पढ़ें। हम इंश्योरेंस को आपके लिए आसान बनाते हैं।

सेकंड हैंड कार का इंश्योरेंस क्या होता है?

मौजूद परिपेक्ष्य को देखते हुए, हम सभी जानते हैं कि सेकंड हैंड कार चुनने की वजह, पैसे की बचत करना है। खरीदारी के समय हम जिन पहलुओं को दिमाग में रखते हैं, उनमें इंश्योरेंस भी काफी अहम होना चाहिए। नई कार के इंश्योरेंस की तरह ही सेकंड हैंड कार का इंश्योरेंस भी बराबर अहमियत रखता है।

इसका मतलब और उद्देश्य एक ही है। सेकंड हैंड कार खरीदते समय आपको इंश्योरेंस का इतिहास हमेशा जांच लेना चाहिए। खरीदे जाने वाले वाहन के इंश्योरेंस क्लेम की संख्या को एक बार देखना हमेशा जरूरी होता है।

आप उस वाहन की इंश्योरेंस कंपनी को कभी भी कॉल कर सकते हैं और पुराने क्लेम के निपटारे की जांच कर सकते हैं। खरीदार को यह समझना होगा कि अगर आप क्लेम रद्द होने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, तो कार खरीदने के दो हफ्तों के भीतर इंश्योरेंस पॉलिसी का मालिकाना हक अपने नाम पर ट्रांसफर होना चाहिए।

सेकंड हैंड कार का इंश्योरेंस क्यों करवाएं?

जिन वजहों से हम नई कार के लिए इंश्योरेंस खरीदते हैं, ठीक उन्हीं वजहों से हमें सेकंड हैंड कार का भी इंश्योरेंस खरीदना चाहिए। हमें नहीं पता होता कि हमारे साथ आगे क्या होने वाला है, इसलिए कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी न लेकर नुकसान होने पर अफसोस करने का जोखिम क्यों लेना!

बेहतर यही होता है कि आप पहले से ही पॉलिसी खरीदें और तनाव मुक्त जिंदगी बिताएं।

कार इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ बहुत सारे ऐड-ऑन और फायदे भी जुड़े होते हैं। जरूरी है कि हम उसके लिए सही इंश्योरेंस कंपनी के बारे में जानें। हम डिजिट के ग्राहकों को बेहतरीन ऐड-ऑन और फायदे देने में विश्वास करते हैं ताकि वो अपनी पॉलिसी का ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सकें।

देखें: कार इंश्योरेंस प्रीमियर कैलकुलेटर कार इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेटर - सरल चरणों में कार इंश्योरेंस प्रीमियम की गणना करें।

कार के मालिकाना और इंश्योरेंस का ट्रांसफर

अधिकांश कार रखने वालों के पास पहले से ही इंश्योरेंस होगा और अगर आप किस्मत वाले हैं, तो आपको ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी मिल सकती है जिसे रिन्यू करने में कई महीने बाकी हों। इस स्थिति में, यही करना सबसे आसान होगा कि अपने नाम रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराने के साथ ही इंश्योरेंस पेपर भी ट्रांसफर करवा लें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इंश्योरेंस अमान्य हो जाएगा। इंश्योरेंस पॉलिसी ट्रांसफर कराने के लिए नीचे बताए गए कागजातों का होना जरूरी हैं:

  • नए खरीददार के नाम के साथ मूल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  • पिछले मालिक के साइन के साथ फॉर्म 29 और 30
  • इंश्योरेंस का सर्टिफिकेट
  • कार पॉलिसी की एक कॉपी
  • ट्रांसफर फीस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का ट्रांसफर
  • नया प्रपोजल फॉर्म
  • रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की नई कॉपी
  • पुरानी पॉलिसी के डॉक्यूमेंट
  • पुराने पॉलिसी होल्डर का नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट
  • नो क्लेम बोनस की बची हुई राशि, अगर कोई है तो

यह कागजी कार्यवाही पूरी करने और उचित फीस भरने के बाद इंश्योरेंस कंपनी कार इंश्योरेंस को नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर कर देगी।

सारी कागजी कार्यवाही पूरी हो जाने के बाद यह सुनिश्चित कर लें कि इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) पर आपका नाम सही हो। नए मालिक होने के नाते आपको यह भी जानना चाहिए कि अगर कोई एनसीबी (नो क्लेम बोनस) बकाया है तो आपको उसका भुगतान करना होगा, क्योंकि एनसीबी पुराने मालिक के पास होगा और नया एनसीबी (NCB) आपके लिए लागू होगा। यह जान लेना जरूरी है कि रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट का मालिक एक ही होना चाहिए।

अपनी सेकंड हैंड कार के लिए आप नई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना चाहते हैं?

अगर आपने सेकंड हैंड वाहन कार इंश्योरेंस के बगैर खरीदा है, तो कोई न कोई इंश्योरेंस आपको अपने हिसाब से चुनना होगा। यह अनिवार्य है और इसकी प्रक्रिया आम तौर पर बहुत जल्दी पूरी हो जाती है।

नई पॉलिसी खरीदना हमेशा ही एक बेहतर चुनाव है क्योंकि इससे दिमागी सुकून बना रहता है, क्योंकि यह आपका अपना चुनाव होता है और पुराने मालिकाने के इतिहास का झंझट भी नहीं होता।

कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी सेकंड हैंड कार के लिए सबसे अधिक ली जाने वाली पॉलिसी है, जो आपको अधिकतम कवरेज दे सकती है। आप बहुत जल्दी और कुशलतापूर्वक बिना ज्यादा समय लगाए अपनी कार का ऑनलाइन इंश्योरेंस कर सकते हैं।

जहां सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए हम तमाम सोच-विचार करते हैं, वहीं हम में से कई लोग इंश्योरेंस पॉलिसी को अपने नाम पर ट्रांसफर कराने या नई पॉलिसी खरीदने बारे में जागरूक नहीं होते हैं।

किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर इसका बहुत अधिक वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है। हमेशा सतर्क रहना और अपने निर्धारित समय में इसे पूरा कर लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह हमेश ही समझदारी भरा कदम है!

हमें डिजिट का कार इंश्योरेंस क्यों खरीदना चाहिए?