सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट कैसे पाएं, विस्तार से जानिए
आपको पता है, 1961 का इनकम टैक्स एक्ट कई प्रोविजन प्रदान करता है जो लोगों को उनकी टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए टैक्स में राहत देता है। ऐसा ही एक प्रोविजन है इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 87ए। एलीजिबल इंडिविजुअल्स सेक्शन 87ए के तहत टैक्स में रिबेट का फ़ायदा उठा सकते हैं, जब वे किसी दिए गए फाइनेंशियल इयर में ₹ 5,00,000 के भीतर शुद्ध टैक्स योग्य इनकम अर्जित करते हैं। योग्य उम्मीदवार ₹ 12,500 तक की टैक्स रिबेट या असेसमेंट इयर में देय कुल टैक्स, या जो भी कम हो (उपकर जोड़ने से पहले) का क्लेम कर सकते हैं।
अगर आप इस सेक्शन के बारे में ज्यादा ज्यादा जानना चाहते हैं, तो पढ़िए!
सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रीबेट का फ़ायदा पाने के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
2022 के हालिया केंद्रीय बजट ने सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट का फ़ायदा उठाने के प्रोविजन में कोई बदलाव नहीं किया है।
सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट का फ़ायदा उठाने के लिए लोगों को पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
- टैक्सपेयर को भारतीय नागरिक होना जरुरी है।
- चैप्टर VI-ए के तहत निर्दिष्ट सेक्शन 80डी, 80सी, आदि के तहत डिडक्शन के बाद किसी व्यक्ति की शुद्ध टैक्स योग्य इनकम₹ 5,00,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- व्यक्ति (60 वर्ष से कम उम्र वाले), 60 वर्ष से ज्यादा लेकिन 80 वर्ष से कम उम्र वाले भारतीय सीनियर सिटिजन इस सेक्शन के तहत टैक्स रिबेट का क्लेम कर सकते हैं।
- 80 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले भारतीय सुपर सीनियर सिटिजन इस सेक्शन के तहत टैक्स रिबेट का क्लेम करने के पात्र नहीं हैं।
- असेसमेंट इयर 2024-25 से उन लोगों को सेक्शन 87ए के तहत सर्वाधिक 25,000 रूपए तक की रिबेट मिलेगी, जिसकी कुल इनकम₹7,00,000 तक है और जिसने सेक्शन 115बीएसी(1ए) के तहत नए स्कीम को चुना है।
इसके अलावा, 4% हेल्थ और एजुकेशन सेस जोड़ने से पहले, यह टैक्स रिबेट किसी दिए गए असेसमेंट इयर में देय कुल टैक्स पर लागू होती है।
टैक्स लायबिलिटी, जिन पर व्यक्ति सेक्शन 87ए के तहत रिबेट का क्लेम कर सकता है :
सेक्शन 87ए के तहत व्यक्ति निम्नलिखित टैक्स लायबिलिटी पर टैक्स रिबेट का फ़ायदा उठा सकते हैं:
- व्यक्ति इस सेक्शन के तहत इनकम टैक्स स्लैब दर के अनुसार अपनी टैक्स योग्य इनकम पर टैक्स रिबेट का क्लेम कर सकते हैं।
- निर्धारिती निम्नलिखित कैपिटल गेन पर टैक्स रिबेट का क्लेम कर सकता है:
- सेक्शन 112 के तहत निर्दिष्ट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन - यह तब लागू होता है जब कोई व्यक्ति इक्विटी-ऑरिएन्टेड म्यूचुअल फंड स्कीम या सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों के अलावा कोई कैपिटल संपत्ति बेचता है। लोगों को ध्यान देना चाहिए कि वे इक्विटी-ऑरिएन्टेड म्यूचुअल फंड स्कीम और इक्विटी शेयरों पर एलटीसीजी पर देय टैक्स को समायोजित नहीं कर सकते हैं।
- सेक्शन 111ए के तहत निर्दिष्ट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन - यह इक्विटी-ऑरिएन्टेड म्यूचुअल फंड स्कीम और सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों पर लागू होता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15% की समान दर से टैक्स लगाया जाता है।
सेक्शन 87ए के तहत टैक्स में रिबेट का क्लेम करने की प्रक्रिया क्या है?
यह जानने के अलावा कि सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट क्या है और इसके पात्रता मानदंड क्या हैं, लोगों को इस सेक्शन के तहत टैक्स रिबेट का फ़ायदा लेने के लिए प्रक्रियाओं को सीखने की जरूरत है।
निम्नलिखित प्रक्रिया पर एक नज़र डालें:
- चरण 1: लोगों को अपनी ग्रॉस एनुअल इनकम का मूल्यांकन करने की जरुरत है।
- चरण 2 : नेट टैक्सेबल इनकम प्राप्त करने के लिए टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट पर क्लेम किए गए टैक्स डिडक्शन को घटाएं।
- चरण 3: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय टैक्स डिडक्शन और ग्रॉस इनकम का उल्लेख करें।
- चरण 4: अगर किसी दिए गए फाइनेंशियल इयर में लोगों की कुल कमाई ₹ 5,00,000 से कम है, (या नई टैक्स व्यवस्था के तहत असेसमेंट इयर 24-25 के लिए ₹7,00,000 से कम है) तो वे सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट का क्लेम कर सकते हैं।
आईटीए की सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रीबेट का कैलकुलेशन कैसे करें?
सेक्शन 87ए के तहत रिबेट का क्लेम करने की इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक सरल उदाहरण के जरिए समझें :
आलोक की उम्र 60 वर्ष से कम है और 2022-23 में उनकी ग्रॉस एनुअल इनकम ₹6,50,000 लाख है। उन्होंने पुरानी टैक्स व्यवस्था में बने रहने का फैसला किया। उन्होंने सेक्शन 80सी के तहत 1,50,000 रूपए तक की टैक्स डिडक्शन का फ़ायदा लेने के लिए स्कीम में इन्वेस्टमेंट किया है। इस प्रकार, 2022-23 में डिडक्शन के बाद उनकी शुद्ध टैक्स योग्य इनकम₹ 5,00,000 है।
हम जानते हैं कि व्यक्ति 87ए के तहत ₹ 12,500 तक या देय टैक्स की कुल राशि, जो भी कम हो, तक टैक्स रिबेट का क्लेम कर सकते हैं। तो, एक असेसमेंट इयर में देय कुल टैक्स है:
विवरण | राशि |
---|---|
ग्रॉस एनुअल इनकम | ₹ 6,50,000 |
घटाएं: सेक्शन 80सी* के तहत डिडक्शन | ₹ 1,50,000 |
नेट टैक्सेबल इनकम (डिडक्शन के बाद) | ₹ 5,00,000 |
फाइनेंशियल इयर 2022-23 में देय इनकम टैक्स(₹2,50,000- ₹5,00,000 तक की इनकम के लिए 5%) | ₹ 12,500 |
घटाएं: 87ए के तहत टैक्स रिबेट | ₹ 12,500 |
एक असेसमेंट इयर (2022-23) में देय कुल टैक्स | शून्य |
जोड़ें: हेल्थ और एजुकेशन सेस का 4% | - |
फाइनेंशियल इयर 2022-23 से 2013-14 तक सर्वाधिक टैक्स रिबेट लिमिट क्या है?
प्रत्येक फाइनेंशियल इयर में शुद्ध टैक्स योग्य इनकम के साथ सर्वाधिक टैक्स रिबेट लिमिट को दर्शाने वाली निम्नलिखित तालिका पर एक नज़र डालें:
फाइनेंशियल इयर | नेट टैक्सेबल इनकम | सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट लिमिट |
2021-2022 | ₹ 5,00,000 | ₹ 12,500 |
2020-2021 | ₹ 5,00,000 | ₹ 12,500 |
2019-2020 | ₹ 5,00,000 | ₹ 12,500 |
2018-2019 | ₹ 3,50,000 | ₹ 2,500 |
2017-2018 | ₹ 3,50,000 | ₹ 2,500 |
2016-2017 | ₹ 5,00,000 | ₹ 5,000 |
2015-2016 | ₹ 5,00,000 | ₹ 2,000 |
2014-2015 | ₹ 5,00,000 | ₹ 2,000 |
2013-2014 | ₹ 5,00,000 | ₹ 2,000 |
इस प्रकार, ऊपर बताए गए बिंदुओं पर गौर करने से सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी और टैक्स का बोझ कम हो जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या एचयूएफ और कंपनियां सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट का क्लेम करने के पात्र हैं?
नहीं, केवल वे व्यक्ति जो भारत के निवासी हैं, सेक्शन 87ए के तहत टैक्स में रिबेट का क्लेम कर सकते हैं।
क्या सेक्शन 87ए पुरानी और नई दोनों टैक्स व्यवस्थाओं के तहत लागू है?
हां, सेक्शन 87ए पुरानी और नई दोनों टैक्स व्यवस्थाओं के तहत मान्य है।
क्या सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रीबेट का कैलकुलेशन करते समय सरचार्ज लगाया जाता है?
नहीं, सेक्शन 87ए के तहत टैक्स रिबेट का क्लेम करने वाले व्यक्ति को ₹ 5 लाख तक की शुद्ध टैक्स योग्य इनकम अर्जित करनी चाहिए (या नई टैक्स व्यवस्था के तहत असेसमेंट इयर 24-25 के लिए ₹7 लाख से कम), और सरचार्ज तब लागू होता है, जब वह ₹ 50 लाख से ऊपर लेकिन ₹ 1 करोड़ से कम इनकम अर्जित करता है ।