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महिलाओं के लिए कौन-कौन से इनकम टैक्स स्लैब हैं?

महिलाओं के लिए आयकर स्लैब के बारे में सब कुछ

आपको पता है, भारत में पहले महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग इनकम टैक्स स्लैब थे, पर हाल के दिनों में इसमें व्यापक बदलाव हुए हैं। अब देश में इनकम टैक्सको ‘प्रगतिशील’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि देय इनकम टैक्समें वृद्धि की दर किसी व्यक्ति की इनकममें वृद्धि के सीधे आनुपातिक है, चाहे उनका लिंग कुछ भी हो।हालांकि, यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा। पर, इसका सीधा सा मतलब यह है कि किसी व्यक्ति की टैक्स देनदारी उनकी इनकममें वृद्धि के साथ बढ़ती है और यह उस व्यक्ति की इनकमके अलावा उनकी उम्र पर भी निर्भर करता है।

टैक्सेशन के प्रयोजनों के लिए टैक्सपेयर्स को तीन व्यापक समूहों में वर्गीकृत किया गया है -

  • 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति।
  • 60 से 80 वर्ष की आयु के व्यक्ति (सीनियर सिटीजन)।
  • 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति (अति सीनियर सिटीजन)।

हालांकि पहले भारत में पुरुष और महिला टैक्सपेयर्स के लिए मूल टैक्स छूट लिमिट अलग-अलग थी। जब उनकी अर्जित इनकमपर टैक्स भुगतान की बात आती थी, तो महिलाओं को उच्च बुनियादी छूट लिमिट का लाभ मिलता था।

2012-13 से बुनियादी छूट लिमिट में यह अंतर दूर हो गया है और अब पुरुषों व महिलाओं दोनों के लिए उनकी इनकमऔर उम्र के संबंध में सामान्य टैक्स स्लैब पेश किए गए हैं।

महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब की विस्तृत व्याख्या निम्नलिखित है - 60 वर्ष से कम आयु, सीनियर सिटीजन और अति सीनियर सिटीजन।

महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब पर एक विस्तृत नज़र

इनकम टैक्स स्लैब किसी की इनकमऔर उम्र के आधार पर लागू टैक्स दरों को संदर्भित करता है। अब, जबकि वर्गीकरण प्रक्रिया समान है, स्लैब प्रत्येक केंद्रीय बजट के दौरान परिवर्तन के अधीन हैं। ऐसे बजट के लिए जहां परिवर्तनों का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, टैक्स दरें पिछले वित्तीय वर्ष के समान ही रहती हैं।

महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब (60 वर्ष से कम आयु)

नई व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2023-24

केंद्रीय बजट 2023 ने नई टैक्स व्यवस्था को डिफ़ॉल्ट व्यवस्था के रूप में प्रस्तावित किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित टैक्स इनकम टैक्सदरें इस प्रकार हैं:

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
₹3,00,000 तक शून्य
₹3,00,001 से ₹6,00,000 के बीच आपकी कुल इनकमका 5% जो ₹3,00,000 से अधिक हो
₹6,00,001 से ₹9,00,000 के बीच ₹15,000 + आपकी कुल इनकमका 10% जो ₹6,00,000 से अधिक हो
₹9,00,001 से ₹12,00,000 के बीच ₹45,000 + आपकी कुल इनकमका 15% जो ₹9,00,000 से अधिक हो
₹12,00,001 से ₹15,00,000 के बीच ₹90,000 + आपकी कुल इनकमका 20% जो ₹12,00,000 से अधिक हो
₹15,00,000 से अधिक ₹1,50,000 + आपकी कुल इनकमका 30% जो ₹15,00,000 से अधिक हो

[स्रोत]

नई व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2022-23

पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए निम्नलिखित टैक्स दरें 31 मार्च, 2023 तक लागू थीं। यदि महिला टैक्सपेयर्स ने नई टैक्स व्यवस्था चुनी है, तो उन्हें 31 जुलाई, 2023 तक रिटर्न दाखिल करने के लिए इन दरों पर विचार करना होगा।

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
₹2,50,000 तक शून्य
₹2,50,000 से ₹5,00,000 के बीच आपकी कुल इनकमका 5% जो ₹3,00,000 से अधिक हो
₹5,00,000 से ₹7,00,000 के बीच ₹12,500 + आपकी कुल इनकमका 10% जो ₹5,00,000 से अधिक हो
₹7,50,000 से ₹10,00,000 के बीच ₹37,500 + आपकी कुल इनकमका 15% जो ₹7,50,000 से अधिक हो
₹10,00,000 से ₹12,50,000 के बीच ₹75,000 + आपकी कुल इनकमका 20% जो ₹10,00,000 से अधिक हो
₹12,50,000 से ₹15,00,000 के बीच ₹1,25,000 + आपकी कुल इनकमका 25% जो ₹12,50,000 से अधिक हो
₹15,00,000 से ऊपर ₹1,87,500 + आपकी कुल इनकमका 30% जो ₹15,00,000 से अधिक हो

[स्रोत]

पुरानी व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24

वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24 दोनों के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था के लिए 60 वर्ष से कम आयु की महिलाओं के लिए टैक्स स्लैब समान रहेंगे, जो इस प्रकार हैं:

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
₹2,50,000 तक शून्य
₹2,50,000 से ₹5,00,000 के बीच आपकी कुल इनकमका 5% जो ₹2,50,000 से अधिक हो
₹5,00,000 से ₹10,00,000 के बीच ₹12,500 + आपकी कुल इनकमका 20% जो ₹5,00,000 से अधिक हो
₹10,00,000 से ऊपर ₹1,12,500 + आपकी कुल इनकमका 30% जो ₹10,00,000 से अधिक हो

गणना की गई टैक्स राशि पर 4% की दर से अतिरिक्त स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर लागू होता है।

[स्रोत]

सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब

नई व्यवस्था के तहत सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2023-24

केंद्रीय बजट 2023 के अनुसार, निम्नलिखित टैक्स स्लैब 60 वर्ष से अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए लागू होंगे, जो नई टैक्स व्यवस्था चुनती हैं।

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
₹3,00,000 तक शून्य
₹3,00,001 से ₹6,00,000 के बीच आपकी कुल इनकमका 5% जो ₹3,00,000 से अधिक हो
₹6,00,001 से ₹9,00,000 के बीच ₹15,000 + आपकी कुल इनकमका 10% जो ₹6,00,000 से अधिक हो
₹9,00,001 से ₹12,00,000 के बीच ₹45,000 + आपकी कुल इनकमका 15% जो ₹9,00,000 से अधिक हो
₹12,00,001 से ₹15,00,000 के बीच ₹90,000 + आपकी कुल इनकमका 20% जो ₹12,00,000 से अधिक हो
₹15,00,000 से अधिक ₹1,50,000 + आपकी कुल इनकमका 30% जो ₹15,00,000 से अधिक हो

[स्रोत]

नई व्यवस्था के तहत सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2022-23

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्सरिटर्न दाखिल करने के लिए सीनियर सिटीजन महिलाएं जिन्होंने नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुना है, उन्हें दी गई दरों का पालन करना होगा।

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
टैक्सेशन की दर शून्य
₹2,50,001 से ₹5,00,000 तक ₹2,50,000 से 5% ऊपर
₹5,00,001 से ₹7,50,000 तक ₹12,500 + ₹5,00,000 से ऊपर 10%
₹7,50,001 से ₹10,00,00 तक ₹37,500 + ₹7,50,000 से ऊपर 15%
₹10,00,001 से ₹12,50,000 तक ₹75,000 + ₹10,00,000 से ऊपर 20%
₹12,50,001 से ₹15,00,000 तक ₹1,25,000 + ₹12,50,000 से ऊपर 25%
₹15,00,000 से अधिक ₹1,87,500 + ₹15,00,000 से ऊपर 30%

[स्रोत]

पुरानी व्यवस्था के तहत सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24

60 वर्ष से अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को निम्नलिखित इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स का भुगतान करना आवश्यक है, यदि उन्होंने पुरानी इनकम टैक्सव्यवस्था का विकल्प चुना है। टैक्स स्लैब दोनों वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए समान रहेगा।

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
₹3,00,000 तक शून्य
₹3,00,001 से ₹5,00,000 तक आपकी कुल इनकमका 5% जो ₹3,00,000 से अधिक हो
₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक ₹10,000 + आपकी कुल इनकमका 20% जो ₹5,00,000 से अधिक हो
₹10,00,000 से ऊपर ₹1,10,000 + आपकी कुल इनकमका 30% जो ₹10,00,000 से अधिक हो

सीनियर सिटीजनों पर 4% की दर से अतिरिक्त स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर भी लगाया जाएगा, जो गणना की गई टैक्स राशि पर लागू होगा।

[स्रोत]

अति सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब

नई व्यवस्था के तहत अति सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2023-24

80 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं 1 अप्रैल, 2023 से लागू निम्नलिखित टैक्स दरों के अनुसार नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
₹3,00,000 तक शून्य
₹3,00,001 से ₹6,00,000 के बीच आपकी कुल इनकमका 5% जो ₹3,00,000 से अधिक हो
₹6,00,001 से ₹9,00,000 के बीच ₹15,000 + आपकी कुल इनकमका 10% जो ₹6,00,000 से अधिक हो
₹9,00,001 से ₹12,00,000 के बीच ₹45,000 + आपकी कुल इनकमका 15% जो ₹9,00,000 से अधिक हो
₹12,00,001 से ₹15,00,000 के बीच ₹90,000 + आपकी कुल इनकमका 20% जो ₹12,00,000 से अधिक हो
₹15,00,000 से अधिक ₹1,50,000 + आपकी कुल इनकमका 30% जो ₹15,00,000 से अधिक हो

[स्रोत]

नई व्यवस्था के तहत अति सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2022-23

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्सरिटर्न दाखिल करने के लिए, अति सीनियर सिटीजन महिलाएं, जिन्होंने नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुना है, उन्हें दी गई दरों का पालन करना होगा।

इनकम टैक्स स्लैब कराधान की दर
₹2,50,000 तक शून्य
₹2,50,001 से ₹5,00,000 तक ₹2,50,000 से 5% ऊपर
₹5,00,001 से ₹7,50,000 तक ₹12,500 + ₹5,00,000 से ऊपर 10%
₹7,50,001 से ₹10,00,00 तक ₹37,500 + ₹7,50,000 से ऊपर 15%
₹10,00,001 से ₹12,50,000 तक ₹75,000 + ₹10,00,000 से ऊपर 20%
₹12,50,001 से ₹15,00,000 तक ₹1,25,000 + ₹12,50,000 से ऊपर 25%
₹15,00,000 से अधिक ₹1,87,500 + ₹15,00,000 से ऊपर 30%

[स्रोत]

पुरानी व्यवस्था के तहत अति सीनियर सिटीजन महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब - वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24

80 वर्ष से अधिक आयु की महिला करदाताओं को पिछले और वर्तमान दोनों वित्तीय वर्षों के लिए पुरानी व्यवस्था के तहत निम्नलिखित टैक्स दरों पर विचार करना चाहिए।

इनकम टैक्स स्लैब टैक्सेशन की दर
₹5,00,000 तक शून्य
₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक आपकी कुल इनकमका 20% ₹5,00,000 से अधिक
₹10,00,001 से ऊपर आपकी कुल इनकमका 30% ₹10,00,000 से अधिक

गणना की गई टैक्स राशि पर अतिरिक्त 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर भी लगाया जाएगा।

[स्रोत]

अतिरिक्त अधिभार

जिन महिलाओं की वार्षिक इनकम50 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें सरचार्ज भी लगेगा। 1 अप्रैल 2023 से लागू सरचार्ज इस प्रकार हैं:

टैक्सेबल इनकम इनकम टैक्सपर अधिभार दर
50 लाख रुपये से अधिक और 1 करोड़ रुपये से कम इनकमवाले व्यक्तियों के लिए 10%
उन व्यक्तियों के लिए जिनकी इनकम₹1 करोड़ से अधिक और ₹2 करोड़ से कम है 15%
₹2 करोड़ से अधिक इनकमवाले व्यक्तियों के लिए 25%

ध्यान दें कि वित्त विधेयक 2023 से पहले 5 करोड़ रुपये से अधिक की इनकमपर 37% का उच्चतम अधिभार लगाया जा रहा था। हालांकि, 1 अप्रैल, 2023 से यह अधिभार घटाकर 25% टैक्स दिया गया है , जैसा कि उपरोक्त तालिका में बताया गया है।

[स्रोत]

टैक्सेबल इनकम कैसे कैलकुलेट किया जाता है?

भारत के इनकम टैक्सविभाग ने इनकमके पांच शीर्ष तय किए हैं, जिनके तहत आपकी टैक्स योग्य इनकमकी गणना की जाती है। यह हैं:

  • वेतन से आय
  • गृह संपत्ति से आय
  • व्यापार और पेशे से आय
  • पूंजीगत लाभ से आय
  • अन्य स्रोतों से कोई भी इनकमजिसमें सावधि जमा, बचत खाते आदि से संचित ब्याज शामिल हो सकता है।

 यह सब जानने के बाद यदि आप सोच रहे हैं कि आपकी टैक्स लायबिलिटी बढ़ रही हैं, तो चिंता न करें!

इनकम टैक्सअधिनियम ने महिलाओं और अन्य सभी करदाताओं के लिए कुछ इनकम टैक्सछूटें दी हैं, जो आपकी इनकमका एक हिस्सा बचाने में आपकी मदद टैक्स सकती हैं। दरअसल, ये छूट मुख्य रूप से भारतीयों में बचत की आदत विकसित करने के लिए दी गई हैं।

आइए इनकम टैक्सअधिनियम, 1961 द्वारा अनिवार्य इनकम टैक्सछूट और राहत पर एक नज़र डालें, जिनका आप लाभ उठा सकते हैं।

महिलाओं के लिए इनकम टैक्स छूट

केंद्रीय बजट 2023 ने महिलाओं सहित व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्सअधिनियम, 1961 की धारा 87ए के तहत नई टैक्स व्यवस्था के लिए टैक्स राहत की घोषणा की। पिछले और वर्तमान वित्तीय वर्षों के लिए टैक्स छूट निम्नलिखित है, जो विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं के लिए लागू है।

आयु 

नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्सछूट पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्सछूट
वित्तीय वर्ष 2022-23 वित्तीय वर्ष 2023-24 वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए समान
60 वर्ष से कम ₹5 लाख तक की इनकम(गणना किए गए टैक्स पर ₹12,500 तक) ₹7 लाख तक की इनकम(गणना किए गए टैक्स पर ₹25,000 तक) ₹5 लाख तक की इनकम(गणना किए गए टैक्स पर ₹12,500 तक)
60 से 80 वर्ष के बीच ₹2.5 लाख तक की आय ₹3 लाख तक की आय ₹3 लाख तक की आय
80 वर्ष से ऊपर ₹2.5 लाख तक की आय ₹3 लाख तक की आय ₹5 लाख तक की आय

बजट 2023 के अनुसार नई टैक्स व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए इनकम टैक्सछूट की अनुमति

वर्ग 

छूट

सैलरी पाने वाली महिलाओं के लिए 

केवल उनकी वेतन इनकमपर 'वेतन से आय' मद के तहत ₹ 50,000 तक की मानक कटौती। 

धारा 80सीसीडी (2)

नियोक्ता द्वारा उसके एनपीएस खाते में किसी भी एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) योगदान पर छूट। हालांकि, कर्मचारी के स्वयं के योगदान पर कोई टैक्स लाभ नहीं दिया जाता है। 

निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह उनके वेतन का 10% तक है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के लिए यह उनके वेतन का 14% तक है।

अग्निवीर कॉर्पस फंड (80CCH के तहत)

अग्निवीर कॉर्पस फंड में किया गया कोई भी योगदान, जिसमें अग्निवीर या केंद्र सरकार द्वारा अग्निवीर के सेवा निधि खाते में योगदान शामिल है।

धारा 80JJAA 

अतिरिक्त कर्मचारी लागत 30% तक

नई टैक्स व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए मौजूदा इनकम टैक्सछूट - वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24

वर्ग 

छूट

बचत योजनाएं

डाकघर बचत खाते पर ब्याज में व्यक्तिगत खातों के लिए धारा 10(15)(i) के तहत ₹ 3,500 तक और संयुक्त खातों के लिए ₹ 7,000 तक छूट दी गई है।

खाते की परिपक्वता के बाद जीवन इंश्योरेंससे प्राप्त धनराशि धारा 10(10डी) के अनुसार टैक्स छूट के लिए पात्र है।

सुकन्या समृद्धि खाते से प्राप्त ब्याज और परिपक्वता राशि।

एनपीएस, पीपीएफ और ईपीएफ

कर्मचारी के एनपीएस और ईपीएफ और सेवानिवृत्ति खातों में नियोक्ता के योगदान पर एक वित्तीय वर्ष में ₹ 7.5 लाख तक टैक्स छूट

आपके कर्मचारी भविष्य निधि खाते से प्राप्त ब्याज पर 9.5% तक की छूट।

एनपीएस खाते से प्राप्त एकमुश्त परिपक्वता राशि और टियर 1 एनपीएस खाते से आंशिक फंड निकासी पर टैक्स छूट।

पीपीएफ खाते से प्राप्त ब्याज या परिपक्वता राशि।

घर के लिए लोन

किराये की संपत्ति के लिए उधार लिए गए होम लोन का ब्याज घटक।

उपहार

गैर-सरकारी कर्मचारियों को नियोक्ता ग्रेच्युटी पर ₹20 लाख तक की छूट दी गई है, वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए पूरी ग्रेच्युटी पर टैक्स से छूट दी गई है।

नियोक्ताओं द्वारा भत्ते

विकलांग कर्मचारियों के लिए यात्रा भत्ते, वाहन भत्ता, किसी कर्मचारी की यात्रा लागत या स्थानांतरण को कवर करने के लिए प्रदान किए गए भत्ते, अनुलाभ और दैनिक भत्ते पर छूट। 

आधिकारिक कर्तव्यों के पालन के लिए नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते। 

यदि गैर-सरकारी कर्मचारियों को कम्युटेड पेंशन मिलती है, तो कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलने पर इसका 1/3 हिस्सा टैक्स छूट के लिए पात्र होता है। यदि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी नहीं मिलती है, तो परिवर्तित पेंशन के आधे हिस्से पर टैक्स छूट मिलती है। 

नियोक्ताओं से ₹5,000 तक के उपहार प्राप्त हुए।

निवृत्ति

लीव एनकैशमेंट पर छूट 

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए नियोक्ताओं से ₹5 लाख तक का मौद्रिक लाभ प्राप्त होता है। 

शिक्षा छात्रवृत्ति, छंटनी मुआवजा और सेवानिवृत्ति सह मृत्यु के लिए मौद्रिक लाभ।

बजट 2023 के अनुसार नई टैक्स व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए इनकम टैक्सछूट की अनुमति नहीं है

वर्ग 

छूट

होम लोन (धारा 80सी और 80ईई/80ईईए के तहत)

₹1.5 लाख तक के होम लोन के ब्याज और मूल राशि के भुगतान पर कटौती

धारा 80सी

कर्मचारी भविष्य निधि, जीवन इंश्योरेंसप्रीमियम और सार्वजनिक भविष्य निधि में किया गया निवेश।

धारा 80ई

स्टूडेंट लोन पर ब्याज का भुगतान।

दान (धारा 80जी के तहत)

वैज्ञानिक अनुसंधान में दान या व्यय। 

राष्ट्रीय रक्षा कोष, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव फाउंडेशन, राष्ट्रीय/राज्य रक्त आधान परिषद सहित कटौतियां।

नई टैक्स व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए मौजूदा इनकम टैक्सछूट की अनुमति नहीं - वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24

वर्ग 

छूट

वेतन कटौती

मकान किराया भत्ता और अवकाश यात्रा भत्ता। 

प्रोफेशनल टैक्स ₹2,500।

सरकारी कर्मचारियों के लिए- प्रोफेशनल टैक्स और मनोरंजन भत्ते पर कटौती।

बचत खाता

धारा 80TTA और 80TTB के तहत बचत खाते से प्राप्त ब्याज (सीनियर सिटीजनों को जमा पर ब्याज टैक्स योग्य है)।

धारा 10(14) के तहत विशेष भत्ते। 

धारा 10एए के तहत विशेष आर्थिक क्षेत्र में व्यावसायिक पेशेवर और मालिक।

होम लोन (धारा 24(बी) के तहत)

स्व-कब्जे वाली/खाली संपत्ति के लिए होम लोन का ब्याज भुगतान।

घर या संपत्ति की खरीद/निर्माण/मरम्मत/पुनर्निर्माण के लिए ₹2,00,000 तक का ब्याज भुगतान।

अन्य अनुभाग

आईटी अधिनियम की धारा 35(1)(ii), 35(2AA), 32AD, 33AB, 35(1)(iii), 33ABA, 35(1)(ii), 35CCC(a), और 35AD के तहत टैक्स कटौती। 

धारा 32(ii)(ए) के तहत निर्दिष्ट अतिरिक्त मूल्यह्रास। 

पिछले वर्षों के अवशोषित मूल्यह्रास को समायोजित करने का विकल्प।

चैप्टर VI-A के तहत निर्दिष्ट कटौती जैसे कि 80IA, 80CCC, 80C, 80CCD, 80D, 80CCG, 80DDB, 80EE, 80E, 80EEA, 80DD, 80EEB, 80GG, 80IB, 80IAC, और 80IAB। 

नाबालिग बच्चे, हेल्पर और बच्चों की शिक्षा के लिए भत्ते।

पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत महिलाओं के लिए इनकम टैक्सछूट

ये वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए महिलाओं के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत कुछ भत्ते और कटौती हैं।

  • ₹50,000 तक की मानक कटौती।
  • अवकाश यात्रा भत्ता (एलटीए) और मकान किराया भत्ता (एचआरए)।
  • निवास पर उपयोग किए गए टेलीफोन और मोबाइल पर खर्च की प्रतिपूर्ति।
  • पुस्तकों, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि पर किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति।
  • भोजन कूपन पर किया गया व्यय।
  • व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए एक शहर से दूसरे शहर में स्थानांतरित होने पर स्थानांतरण भत्ते पर लाभ।
  • नियोक्ता द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं जैसे हेल्थ क्लब सुविधाएं, कैब सुविधाएं, उपहार या वाउचर पर लाभ। 

इनकम टैक्सअधिनियम की धारा 80 के तहत, महिला करदाता निम्नलिखित छूटों से इनकम टैक्सलाभ का दावा टैक्स सकती हैं:

अनुभाग

लाभ 

लिमिट

धारा 80सी

इनसे हुई कमाई पर -

होम लोन पर मूल भुगतान
टैक्स बचत सावधि जमा
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र
इक्विटी लिंक्ड बचत योजना
राष्ट्रीय पेंशन योजना
कर्मचारी भविष्य निधि
सामान्य भविष्य निधि
सीनियर सिटीजन बचत योजना
सुकन्या समृद्धि योजना, आदि।

अधिकतम छूट लिमिट ₹1.5 लाख तक।

धारा 80CCC

एलआईसी वार्षिकी योजनाओं में जमा राशि पर।

अधिकतम छूट लिमिट ₹1.5 लाख तक।

धारा 80TTA

बैंक बचत खाते से अर्जित ब्याज पर। 

लिमिट ₹10,000 तक है।

धारा 80जीजी

किराया भुगतान जब व्यक्ति मकान किराया भत्ता अर्जित नहीं करता है।

इनके बीच की कम राशि - 

भुगतान किया गया किराया - (कुल इनकमका 10%) 

कुल इनकमका 25% 

₹5000 प्रति माह

धारा 24ए

स्व-कब्जे वाली संपत्ति और किराए पर दी गई संपत्ति के लिए होम लोन पर ब्याज।

स्व-कब्जे वाली संपत्ति के लिए ₹2 लाख तक।

किराए पर दी गई संपत्ति के लिए कोई लिमिट नहीं।

 

धारा 80ई

एजुकेशन लोन पर भुगतान किया गया कुल ब्याज। 

अधिकतम राशि की कोई लिमिट नहीं। 

धारा 80EEA

पहली बार आने वालों के लिए गृह ऋण ब्याज।

₹50,000 तक। 

धारा 80CCG

पहली बार निवेशकों के लिए राजीव गांधी इक्विटी योजना के तहत इक्विटी उत्पादों में निवेश।

इनके बीच की कम राशि- 

 इक्विटी योजनाओं में ₹25,000 या निवेश राशि का 50%।

धारा 80डी

स्वयं और परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंसपॉलिसी प्रीमियम।

₹25,000 (स्वयं, जीवनसाथी और आश्रित बच्चों के लिए) + ₹60 वर्ष से कम उम्र के माता-पिता के लिए 25,000।

₹25,000 (स्वयं, जीवनसाथी और आश्रित बच्चों के लिए) + ₹50,000 तक (60 वर्ष से अधिक उम्र के माता-पिता के लिए)। 

एचयूएफ के सदस्यों के लिए ₹50,000 तक, जहां सदस्य की उम्र 60 वर्ष से अधिक है + ₹50,000 तक (60 वर्ष से अधिक आयु के माता-पिता के लिए)।

धारा 80डीडीबी

निर्दिष्ट रोगों से पीड़ित आश्रित व्यक्तियों का चिकित्सा उपचार।

60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए, कटौती ₹ 40,000 तक उपलब्ध है। 

धारा 80GGC

राजनीतिक दलों को योगदान। 

नकदी के अलावा भुगतान के तरीकों पर कोई लिमिट नहीं।

धारा 80जी

धर्मार्थ संस्थाओं और कुछ राहत कोषों में योगदान।

कुछ धर्मार्थ दान 50% कटौती के लिए पात्र हैं, और कुछ 100% कटौती के लिए पात्र हैं।

इसके बारे में और जानें:

अमूमन ऐसी छूट और लाभों के साथ महिलाएं उपयुक्त निवेश और खर्च करके अपनी टैक्स लायबिलिटी को काफी हद तक कम टैक्स सकती हैं। भले ही ये निवेश ज्यादातर दीर्घकालिक प्रकृति के होते हैं, लेकिन जब टैक्स बचाने की बात आती है तो ये बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।

इसलिए, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टैक्स की योजना बनाने से पहले सुनिश्चित टैक्स लें कि आप महिलाओं के लिए प्रासंगिक आईटी स्लैब और सभी लागू छूटों से वाकिफ हैं, ताकि सुनिश्चित हो सके कि आपको कराधान की पूरी प्रणाली के बारे में अच्छी तरह से जानकारी है।

[स्रोत]

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या भारत में महिलाओं के लिए इनकम टैक्स लायबिलिटी अलग-अलग हैं?

पहले, देश में महिलाओं पर टैक्ससेशन की मूल छूट लिमिट पुरुष टैक्सपेयर्स की तुलना में अधिक थी। वित्तीय वर्ष 2012-13 से इस अलगाव को समाप्त टैक्स दिया गया है और टैक्स स्लैब केवल व्यक्ति की इनकमऔर उम्र के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं।

क्या प्रत्येक करदाता के लिए टैक्स दाखिल करने की नियत तिथि समान है?

नहीं, इनकम टैक्सदाखिल करने की नियत तारीख अलग-अलग होती है। व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए नियत तिथि निर्धारण वर्ष की 31 जुलाई निर्धारित की गई है।

क्या गृहिणी को टैक्स चुकाने से छूट है?

यदि किसी गृहिणी की कुल इनकमबताए गए स्लैब से अधिक है, चाहे वह उपहार से हो या बचत खाते से अर्जित ब्याज से, तो उन्हें चयनित व्यवस्था के अनुसार आईटीआर दाखिल करना होगा।