भारत में शादी के गिफ़्ट पर टैक्स में छूट के नियम
शादी के गिफ़्ट जो नवविवाहितों के करीबी परिवार के सदस्य उन्हें देते हैं, उन पर टैक्स नहीं लगता है। इसलिए आभूषण, घर या संपत्ति, नकदी, स्टॉक आदि जैसे सामान पर टैक्स नहीं लगता है। इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन 56 इन्हें टैक्स में छूट देता है।
भारत में शादियां गिफ़्ट लेने-देने का समय होता है। इसलिए सभी नवविवाहित जोड़ों को इनकम टैक्स में शादी के गिफ़्ट पर छूट के बारे में पता होना चाहिए।
तो आइए जानें कि क्या शादी के गिफ़्ट पर कोई टैक्स लगता है!
भारत में शादी के गिफ़्ट पर लागू इनकम टैक्स स्लैब
नवविवाहितों को परिवार के करीबी सदस्यों द्वारा दिए गए शादी के उपहारों पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। इसमें माता-पिता, माता-पिता के भाई-बहन, भाई-बहन, भाई-बहन के पति/पत्नी या कोई अन्य व्यक्ति शामिल हैं। किसी अन्य व्यक्ति, जैसे दोस्तों, सहकर्मियों से प्राप्त शादी के गिफ़्ट पर भी छूट होगी।
शादी के गिफ़्ट से अर्जित इनकम का क्या होता है?
हालांकि इस गिफ़्ट पर टैक्स नहीं लगता है, लेकिन इस गिफ़्ट से होने वाली कोई भी इनकम पर टैक्स लगता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी जोड़े को अपनी शादी में तोहफे के रूप में संपत्ति मिलती है और वह इसे किराए पर देता है, तो उन्हें किराये की कमाई पर टैक्स का भुगतान करना होगा।
भारत में नए मैरिज बिल की मुख्य बातें
श्रीमती रंजीत रंजन ने शादियों के दौरान धन के किसी भी प्रदर्शन पर अंकुश लगाने के लिए इस नए बिल की शुरुआत की। यहां कुछ संकेत दिए गए हैं जो यह बिल प्रस्तावित करता है।
- परोसे जाने वाले व्यंजनों और आमंत्रित अतिथियों की संख्या की एक सीमा होगी।
- अगर किसी शादी में 5 लाख रूपए से ज्यादा खर्च होता है तो उन्हें किसी गरीब लड़की की शादी में योगदान देना होगा। योगदान की रकम उनकी शादी पर खर्च होने वाली रकम का 10% होगी।
- इस बिल का नाम मैरिज (सीआरपीडब्ल्यूई) (कंपल्सरी रजिस्ट्रेशन एंड प्रिवेंशन ऑफ़ वेस्टफुल एक्सपेंडीचर) बिल, 2016 है।
- जो परिवार शादी पर 5 लाख रूपए से ज्यादा खर्च करना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार को इसके बारे में बताना होगा। इसके अलावा, उन्हें जो योगदान राशि देनी होगी वह वेलफेयर फंंड में जाएगी।
- इसके अलावा, लोगों को शादी के 60 दिनों के अंदर शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- सरकार ने अभी तक आमंत्रित लोगों की संख्या या व्यंजनों की संख्या तय नहीं की है।
यह ऐक्ट अभी लागू नहीं है।
निष्कर्ष में, इनकम टैक्स में शादी के गिफ़्ट पर छूट केवल नवविवाहित जोड़े पर लागू होती है। इसके अलावा किसी भी जोड़े को दोस्तों और सहकर्मियों से मिले ₹50,000 तक का टैक्स नहीं देना पड़ता है।
तो, क्या शादी के गिफ़्ट पर टैक्स लगता है?
अगर मेरे करीबी परिवार की तरफ से है, तो नहीं!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
यह गिफ़्ट टैक्स ऐक्ट कब समाप्त किया गया?
भारत सरकार ने 1998 में गिफ़्ट टैक्स ऐक्ट को समाप्त कर दिया है।
क्या गिफ़्ट पाने वाले रिश्तेदारों को टैक्स देना पड़ता है?
हां, केवल विवाहित जोड़े को ही गिफ़्ट लेने पर छूट है, जोड़े के रिश्तेदारों को नहीं। उन्हें गिफ़्ट को "अन्य स्रोतों से इनकम " स्लैब में घोषित करना होगा।