ज़्यादा प्रीमियम का भुगतान किए बिना अपना हेल्थ इंश्योरेंस कवर कैसे बढ़ाएं?
किसी भी आपातकालीन मेडिकल स्थिति के दौरान आपकी बचत को सुरक्षित रखने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी, एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा कवच है। इसलिए, खासकर उपचार के बढ़ते खर्च को देखते हुए व्यापक इंंश्योरेंस कवर लेना हमेशा एक अच्छा फैसला होता है।
लेकिन एक समस्या को लेकर लोग अक्सर चिंतित हो जाते हैं और वह समस्या है- प्रीमियम। जब आप अपना कवर बढ़ाते हैं, तो आपको ज़्यादा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है। हालांकि, अपने मौजूदा प्रीमियम में ही अपने कवर को बढ़ाने के कई तरीके हैं।
कम खर्च में अपने हेल्थ इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने के 6 तरीके
1. अपने मौजूदा सम इंश्योर्ड की राशि बढ़ाएं
लगभग सभी इन्शुरर आपको रिन्यूअल के समय अपनी मौजूदा पॉलिसी का सम इंश्योर्ड बढ़ाने का विकल्प देंगी। हालांकि इससे आपका प्रीमियम थोड़ा बढ़ जाएगा, इससे आप यह तय कर सकते हैं कि आपको अपनी जेब से बहुत ज़्यादा भुगतान किए बिना अपने और अपने परिवार की मेडिकल आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त कवरेज मिले। ऐसा करने का एक फ़ायदा यह है कि आपको बढ़ी हुई सम इंश्योर्ड के लिए किसी भी वेटिंग पीरियड का सामना नहीं करना पड़ेगा (जैसा कि आपको एक नई पॉलिसी के साथ करना पड़ सकता है)।
आम तौर पर, एक इंडिविजुअल के लिए, कम से कम 5 लाख रूपये का कवर लेने की सलाह दी जाती है, जबकि एक बच्चे वाले परिवार के लिए आपको न्यूनतम 20 लाख के कवर का लक्ष्य रखना चाहिए।
2. टॉप-अप या सुपर टॉप-अप प्लान चुनें
टॉप-अप या सुपर टॉप-अप प्लान ज़्यादा प्रीमियम चुकाए बिना उच्च कवरेज पाने का एक और तरीका है। अगर आपकी मूल सम इंश्योर्ड भी खत्म हो जाती है तो भी ये प्लान कवरेज देंगे। यह आपके कवर को दो भागों में बांटकर किया जाता है, एक मूल हेल्थ प्लान की पहले से तय सीमा है, और सेकेंडरी कवर है। इस अतिरिक्त कवर के साथ, आप ज़्यादा क्लेम कर पाएंगे।
3. लंबी अवधि की हेल्थकेयर पॉलिसी
आमतौर पर, लंबी अवधि की इंश्योरेंस पॉलिसी चुनना बेहतर होता है, उदाहरण के लिए, नियमित वार्षिक अवधि के बजाय 2-3 वर्ष की अवधि वाली पॉलिसी। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी लंबी अवधि की पॉलिसी में कम प्रीमियम भुगतान होता है।
आप कई इन्शुरर से इन लंबी अवधि की पॉलिसी को पा सकते हैं, इसलिए उनके द्वारा दी जाने वाली पॉलिसी की तुलना करना और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से एक बेहतर चुनना महत्वपूर्ण है।
4. सही ऐड-ऑन कवर खरीदें
अतिरिक्त कवर (ऐड-ऑन या राइडर भी कहते हैं) आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को और कवरेज देता है। लोकप्रिय ऐड-ऑन में मैटरनिटी कवर, रूम रेंट वेवर, क्रिटिकल इलनेस के लिए कवर और पर्सनल एक्सीडेंट कवर शामिल हैं।
जबकि आप जानते होंगे कि ये कवर सिर्फ़ एक अतिरिक्त प्रीमियम पर उपलब्ध हैं, हालांकि, आईआरडीएआई ने अनिवार्य किया है कि एक हेल्थ पॉलिसी के तहत खरीदे गए सभी ऐड-ऑन के लिए कुल प्रीमियम मूल प्रीमियम राशि के 30% से ज़्यादा नहीं हो सकता है। इसलिए, अगर प्रीमियम 5,000 रूपये/सालाना है, तो ऐड-ऑन के लिए आपको अतिरिक्त प्रीमियम 1,500 से अधिक नहीं देना होगा।
इसलिए, अगर आपको पहले से ही मैटरनिटी कवर या क्रिटिकल इलनेस कवर जैसे कुछ ऐड-ऑन चाहिए, तो आप बहुत कम अतिरिक्त खर्च पर कुछ और खरीदने का विकल्प चुन सकते हैं।
5. कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस पाएं
आपका प्रीमियम भुगतान कम रहे, यह तय करने का एक और तरीका यह है कि आप युवा उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लें। क्योंकि आपकी उम्र और मेडिकल इतिहास जैसे कारकों का इस्तेमाल प्रीमियम की गणना के लिए किया जाता है, और जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है उम्र से जुड़ी बीमारियां जैसे डायबिटीज और दिल की समस्या बढ़ाने की संभावन बढ़ जाती है, इन्शुरर ज़्यादा उम्र के ग्राहकों की प्रीमियम राशि बढ़ा देंगी।
लेकिन, जल्दी पॉलिसी लेने से यह तय होगा कि आपका प्रीमियम कम रहे, और आपको क्लेम-फ़्री वर्षों के लिए क्युमुलेटिव बोनस भी मिलेगा।
6. क्युमुलेटिव बोनस पाएं
अगर आप किसी पॉलिसी वर्ष के दौरान कोई क्लेम नहीं करते हैं, तो आपकी इन्शुरर आपको क्युमुलेटिव बोनस (जिसे नो क्लेम बोनस भी कहते हैं) देगी। इससे आपको या तो आपके प्रीमियम पर छूट मिल सकती है या उसी प्रीमियम पर आपकी सम इंश्योर्ड में एक अतिरिक्त राशि मिल सकती है। इस प्रकार, आपको या तो कम प्रीमियम का भुगतान करना होगा या उसी कीमत पर ज़्यादा कवरेज ले पाएंगे।
निष्कर्ष:
कई मामलों में, भले ही आपके पास पहले से ही एक हेल्थ पॉलिसी हो, आपको लग सकता है कि यह सभी संभावित मेडिकल आकस्मिकताओं को कवर नहीं करती है। इसलिए, अगर आप अप्रत्याशित मेडिकल आपात स्थितियों में ज़्यादा सुरक्षा पाने के लिए अपने हेल्थ कवर को बढ़ाने की सोच रहे हैं, तो आप बिना उच्च प्रीमियम का भुगतान किए इस कवरेज को पाने के लिए ये तरीके अपना सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
आपके हेल्थ इंश्योरेंस की कीमत को कौन से कारक प्रभावित करेंगे?
ऐसे कई कारक हैं जो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को प्रभावित कर सकते हैं:
- आपकी उम्र
- आपकी वर्तमान मेडिकल स्थिति
- कोई भी पहले से मौजूद मेडिकल स्थिति
- आपकी धूम्रपान की आदत
- आपका निवास स्थान
- आपके परिवार का मेडिकल इतिहास
क्या आपको उम्र बढ़ने के साथ हेल्थ इंश्योरेंस के लिए ज़्यादा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है?
हां, आप करेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ेगी, बीमारियों और मेडिकल स्थितियों का खतरा बढ़ता जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि आपके हेल्थकेयर खर्च में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे आप इन्शुरर के लिए ज़्यादा जोखिम बन जाएंगे। इसलिए, इससे हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भी बढ़ जाता है।
क्या कम प्रीमियम भुगतान चुनने का मतलब है कि आपके पास कम कवरेज होगा?
यह पॉलिसी के प्रकार और इन्शुरर पर निर्भर करेगा। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की कीमत एक इंंश्योरेंस प्रोवाइडर से दूसरे में अलग-अलग होगी। इसके आलवा, आपका प्रीमियम उम्र, सम इंश्योर्ड आदि जैसे कई कारकों पर आधारित होगा। नतीजतन, आपकी ज़िंदगी के एक चरण में कंपनी द्वारा पेश किया गया इंंश्योरेंस कवर, दूसरे चरण में अलग होगा।