यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना: विस्तार से जानें
असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले किसान जैसे ग्रामीण श्रमिक, संगठित क्षेत्र में नौकरी करने वालों के मुकाबले, कई सरकारी हेल्थ केयर से वंचित होते हैं। मुश्किल वित्तीय संकट के समय इन व्यक्तियों को सस्ती मेडिकल सुविधाएं लेने में मदद करने के लिए, कर्नाटक सरकार ने यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना शुरू की है।
क्या आप भी सोच रहे है कि यह पहल आपको कैसे फायदा पहुंचा सकती है?
इस इंश्योरेंस योजना को विस्तार से समझने के लिए पढ़ते रहें।
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना क्या है?
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना समुदाय-आधारित हेल्थ कवरेज योजना है जिसका उद्देश्य कर्नाटक में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मध्य और निम्न-मध्य वर्ग के श्रमिकों की मदद करना है। सहकारिता विभाग कर्नाटक सरकार के साथ साझेदारी में इस योजना को चलाता है। यह यशस्विनी ट्रस्ट के जरिए सहकारी समितियों की ओर से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल करता है ताकि ग्रामीण इलाकों के असंगठित श्रमिक, कम लागत पर जरूरी हेल्थ केयर का फायदा उठा सकें।
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना कब शुरू की गई थी?
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा ने 14 नवंबर 2002 को इस मेडिकल इंश्योरेंस योजना की शुरुआत की। हालांकि, इसका वास्तविक कार्यान्वयन 2013 में शुरू हुआ। तबसे, किसानों को इस योजना के तहत खुद को एनरोल करने और नेटवर्क अस्पतालों से इसके कई फायदों का उपभोग करने की अनुमति दी गई है। इसे यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना का जन्म कहा जा सकता है।
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के फायदे और विशेषताएं क्या हैं?
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के बहुत से फ़ायदों के बारे में जानने से पहले, आइए पहले इसकी कुछ मुख्य विशेषताओं को समझें।
- उपलब्धता: यह योजना केवल कर्नाटक में मिलती है और पूरे राज्य को कवर करती है।
- सदस्यता की ज़रूरत: इस इंश्योरेंस योजना के फ़ायदों को उठाने के लिए, आपको कम से कम 3 महीने के लिए कर्नाटक की ग्रामीण सहकारी समिति का सदस्य होना चाहिए। यह आपको मुख्य सदस्य बना देगा। इसके बाद, आपके परिवार के सभी सदस्य इस योजना के फायदे उठा सकते हैं, भले ही वह समिति के सदस्य हों या न हों। साथ ही, महिला शक्ति समूह के सदस्य, मछुआरा सहकारी समितियां, स्वयं सहायता समूह, बुनकर और सहकारी समितियों/बैंकों के साथ वित्तीय लेनदेन करने वाले बीड़ी श्रमिक इस योजना के तहत एनरोलमेंट कर सकते हैं।
- योगदान की रकम या प्रीमियम: इस योजना के प्रत्येक लाभार्थी को तय वार्षिक सदस्य के योगदान की रकम का भुगतान करना होता है। ग्रामीण यशस्विनी के लिए अंतिम अपडेट योगदान की रकम 300 रुपये और शहरी यशस्विनी के लिए 710 रुपये है।
- एनरोलमेंट अवधि: हर साल इस योजना में एनरोलमेंट जुलाई से अक्टूबर तक खुला रहता है।
- ऑपरेशनल अवधि: ऊपर दी गई अवधि के भीतर एनरोलमेंट करने वाले व्यक्ति 1 जून से अगले वर्ष 31 मई के बीच किसी भी समय इसके फायदे उठा सकते हैं।
अब जब आप यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के बारे में जान गए हैं, तो यह समय उन विभिन्न फ़ायदों के बारे में जानने का है, जिनका आप एक बार अपनी ज़रूरतों के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।
- यह योजना नेटवर्क अस्पतालों में लगभग 823 सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए कैशलेस फायदे देती है।
- यह योजना इंश्योरेंस होल्डर द्वारा विशेष प्रक्रियाओं का भुगतान करने के लिए एक फिक्स टैरिफ तय करती है, जो अस्पतालों के नियमित टैरिफ से 40% -50% कम है।
- लाभार्थी इस इंश्योरेंस योजना के तहत रियायती कीमतों पर विशेष डाइग्नोस्टिक टेस्ट भी करवा सकते हैं।
- आप इस योजना के तहत कुछ नेटवर्क अस्पतालों में रियायती दरों पर अस्पताल में भर्ती होने का फायदे भी उठा सकते हैं।
अब, आप सोच रहे होंगे कि स्व-सहायता योजना इतने ज़्यादा फायदे कैसे प्रदान कर सकती है।
इसका उत्तर इस बात में है कि इस योजना के अनुदान के वित्तीय भंडार को कैसे बनाए रखा जाता है।
यशस्विनी सहकारी किसान हेल्थ देखभाल ट्रस्ट क्या है?
यशस्विनी सहकारी किसान हेल्थ देखभाल ट्रस्ट, इस हेल्थ इंश्योरेंस योजना को बिना रूकावट जारी रखना सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता देता है। इसे भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के तहत स्थापित और रजिस्टर्ड किया गया था। जबकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री इस ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक हैं, सहकारिता मंत्री भी इसमें योगदान देते हैं।
इन 2 पदनामों के अलावा, प्रसिद्ध चिकित्सक, 5 वरिष्ठ अधिकारी और एक प्रमुख सचिव इस ट्रस्ट की चलाने वाले निकाय को गठित करते हैं।
नागरिकों द्वारा योगदान के अलावा, कर्नाटक सरकार भी इस ट्रस्ट को महत्वपूर्ण दान देती है। यह इस योजना के तहत इंश्योर्ड व्यक्तियों को उक्त सभी फायदे देने में मदद करता है।
कर्नाटक सरकार के तहत सहकारिता विभाग हर साल इनके एनरोलमेंट और रिन्यूअल ज़रूरतों की निगरानी के लिए गाइडलाइन जारी करता है। सहकारी समितियों के डिप्टी रजिस्ट्रार और सहकारी विकास अधिकारी एनरोलमेंट प्रक्रिया और योगदान संग्रह के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं।
फिर वह कुल एकत्रित प्रीमियम जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को भेजते हैं, जो आगे की रकम को बंगलूर के एपेक्स बैंक में ट्रांसफर कर देते हैं।
इस रकम का उपयोग पॉलिसी होल्डर्स की ओर जरूरी चिकित्सा कवरेज की अर्थव्यवस्था के लिए किया जाता है।
हालांकि, योजना की ऑफर्स का फायदे उठाने के लिए, आपको पहले इसकी योग्यता जरूरतों को पूरा करना होगा।
क्या आप यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के योग्य हैं?
इस योजना के लिए योग्यता जरूरतों की लिस्ट दी गई है जिसे आपको एनरोलमेंट के लिए पूरा करना होगा।
- आयु: आपकी आयु 75 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- सदस्यता: जैसा कि पहले ही बताया गया है, आपको सफल एनरोलमेंट के लिए योजना शुरू होने से कम से कम 6 महीने पहले कर्नाटक की सहकारी समितियों का सदस्य बनना चाहिए। अगर आप ऐसे किसी प्राथमिक लाभार्थी के परिवार के सदस्य हैं तो आप भी योजना के फायदों को ले सकते हैं।
- कवरेज: आपको कर्नाटक शहरों और निगमों में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों का निवासी नहीं होना चाहिए।
यह फैक्टर्स यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के लिए आपकी योग्यता तय करते हैं।
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना में कौन सी मेडिकल सुविधाएं शामिल हैं?
आपकी यह जिज्ञासा स्वाभाविक है कि इस योजना में निवेश करने पर आपको कौन-कौन सी मेडिकल सुविधाएं प्राप्त होंगी। आपकी शंकाओं को दूर करने के लिए, यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना कवरेज में शामिल हेल्थ केयर प्रक्रियाओं की लिस्ट यहां दी गई है।
- सामान्य सर्जरी, ऑपथैल्मोलॉजी सर्जरी, कार्डियक और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, बच्चों की सर्जरी, जेनिटोयुरनेरी सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एंजियोप्लास्टी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी सहित 823 सर्जिकल प्रक्रियाएं
- मेडिकल इमरजेंसी जैसे कृषि उपकरण चलाने के दौरान दुर्घटना, बिजली का झटका, सांप का काटना, कुत्ते का काटना और डूबना
- अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरी प्रक्रियाएं जैसे स्त्री रोग और प्रसूति, नॉर्मल डिलिवरी और नवजात इंटेंसिव केयर
आप ऊपर दिए गए किसी भी मेडिकल दिक्कतों के आने पर सस्ती दरों पर उपचार लेने के लिए यशस्विनी कार्ड सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। 2008 से, आवेदकों को विशिष्ट हेल्थ पहचान एनरोलमेंट फॉर्म दिए जा रहे हैं, जिसमें मुख्य लाभार्थी और उसके परिवार के सदस्यों की जानकारी होती है, जो एनरोलमेंट के प्रमाण के रूप में काम आती है।
हालांकि, अन्य सभी इंश्योरेंस योजनाओं की तरह, यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना कुछ एक्सक्लूज़न के साथ आती है।
यशस्विनी योजना में कौन सी उपचार प्रक्रियाएं शामिल नहीं हैं?
यशस्विनी हेल्थकेयर योजना नीचे दी गई किसी भी मेडिकल जरूरत को कवर नहीं करती है।
- कॉस्मेटिक सर्जरी जैसे इम्प्लांट, स्किन ग्राफ्टिंग, प्रोस्थेसिस आदि।
- हार्ट ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, डेंटल सर्जरी और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी सहित अन्य सर्जिकल प्रक्रियाएं
- ऑटोइम्यून बीमारियों, कीमोथेरेपी और इनपेशेंट चिकित्सा उपचार जैसे उपचार
- सर्जरी के बाद फॉलो-अप उपचार
- सड़क दुर्घटनाएं
- डाइग्नोस्टिक जांच
- बर्न्स
- डायलिसिस
- वेक्सीनेशन या टीकाकरण
- टॉनिक, विटामिन, या सैनिटरी वस्तुओं की लागत
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के तहत अधिकतम कवरेज लिमिट क्या है?
आप ग्रामीण यशस्विनी के तहत अस्पताल में भर्ती के लिए अधिकतम 1.25 लाख रुपए और एक से ज्यादा सर्जरी के लिए 2 लाख रुपए तक का कवरेज प्राप्त कर सकते हैं। दूसरी ओर, शहरी यशस्विनी आपको मेडिकल प्रक्रिया के लिए 1.75 लाख कवरेज और कई सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए अधिकतम 2.5 लाख रुपए तक देगी।
यशस्विनी हेल्थ इंश्योरेंस योजना के तहत अस्पताल के खर्चों का भुगतान कैसे किया जाएगा?
आपका मेडिकल उपचार करने के बाद अस्पताल प्रबंधन अंतिम बिल सेवा प्रदाता (एमएसपी) को भेजेगा, जो इसे यशस्विनी ट्रस्ट को भेजने से पहले सभी खर्च विवरणों को वेरिफ़ाई करेगा। ट्रस्ट को इस रकम को एमएसपी में ट्रांसफर करने से पहले उप-समिति की बैठकों में अप्रूव कराना जरूरी होता है, जो इसके बाद, ऊपर बताए गए अस्पताल को रकम भेजेगा।
कर्नाटक में यशस्विनी योजना के तहत कितने मान्यता प्राप्त अस्पताल हैं?
अब तक, कर्नाटक में 730 निजी और सरकारी अस्पताल हैं, जिन्हें इस इंश्योरेंस योजना के तहत मान्यता प्राप्त है।
यशस्विनी इंश्योरेंस योजना सर्जरी के दौरान कौन से खर्चे कवर करती है?
इस योजना के तहत सर्जरी के दौरान प्रदान किए गए वित्तीय कवरेज में ऑपरेशन थियेटर, दवाएं, भोजन, एनिस्थीसिया, सर्जन चार्ज, नर्सिंग चार्ज, परामर्श चार्ज, प्रोफ़ेशनल चार्ज और अस्पताल में रहने के दौरान सामान्य वार्ड बिस्तर का चार्ज शामिल हैं।