भारत में हेल्थ इंश्योरेंस के फायदों के बारे में संपूर्ण गाइड
क्या आप जानते हैं कि 2013-14 में नेशनल सैंपल सर्वे कार्यालय द्वारा किए गए पिछले हेल्थ सैंपल सर्वे से पता चला है कि भारत में लगभग 36 लाख परिवारों ने अपनी सालाना प्रति व्यक्ति खर्च की तुलना में अपनी हेल्थ केयर पर ज्यादा खर्च किया है? (1)
चौंकाने वाली बात है ना?
इसीलिए, आजकल, अच्छी हेल्थ सर्विसेज का लाभ लेने के लिए जेब से भुगतान करना अधिकांश के लिए आसान बात नहीं है। जब मेडिकल उपचार के बड़े खर्च और अन्य सभी ज़रूरतों को पूरा करने की बात आती है तो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां बहुत फायदेमंद साबित होती हैं।
यदि अभी भी आपके मन में यह सवाल है कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की ज़रूरत क्यों है, तो आइए इससे जुड़े कुछ आंकड़ों पर एक नज़र डालते हैं।
हमें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की ज़रूरत क्यों है?
भारत में संपूर्ण हेल्थ केयर मेँ खर्च की जाने वाली राशि लगभग रु. 1,713 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है। यह देखते हुए कि भारत की आबादी 130 अरब से ज्यादा है, तो यह काफी बड़ा खर्च है।(2)
लगभग 65.06% भारतीय हेल्थ केयर पर अपनी जेब से ज्यादा खर्च करते हैं, जिससे वे क़र्ज़ में फंस जाते हैं।(3)
हेल्थ सर्विस सेक्टर में धन के अपर्याप्त आवंटन ने कुल आबादी के लगभग 7% हिस्से को गरीबी रेखा से नीचे धकेल दिया है। सरकार ने इस स्थिति में सुधार के लिए कोई सक्रिय कदम भी नहीं उठाया है। (4)
इन आंकड़ों को देखते हुए, यह पता लगाना मुश्किल नहीं है कि देश में किफायती हेल्थ सर्विस की स्थिति काफी डरावनी है।
नतीजतन, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां अब केवल एक सुविधा नहीं रह गई हैं; वे खुद को बड़े फाइनेंशियल नुकसान से बचाने के लिए एक ज़रूरत भी बन गई हैं।
नतीजन, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की ज़रूरत आज की स्थिति में कभी इससे ज्यादा नहीं रही!
लेकिन, इससे पहले कि आप अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें , आपके लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप खुद भी उन फायदों को जानें जिनका आप लाभ उठा सकते हैं।
यदि आप इंश्योरेंस कवर से प्राप्त होने वाले फायदों को अच्छी तरह समझते हैं, तो आप अपनी ज़रूरतों के लिए सबसे सही ऑप्शन चुन सकते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदों और लाभों को समझें
हमने हेल्थ इंश्योरेंस फायदों को संक्षेप में समझने के लिए एक सूची तैयार की है जिसे आपको पॉलिसी खरीदने से पहले देखना चाहिए।
एक नज़र डालें!
1. अस्पताल में भर्ती होने का खर्च
भारत में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के सबसे महत्वपूर्ण फायदों में से एक यह है कि वे अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर करती हैं। अस्पताल में भर्ती होने के संबंध में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में कुछ पहलू नीचे दिए गए हैं:
- आकस्मिक अस्पताल में भर्ती - हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं के अंतर्गत कवर की गई दुर्घटनाओं के कारण अस्पताल में भर्ती होने के दौरान इलाज में होने वाला कोई भी खर्च ।
- बीमारी से संबंधित अस्पताल में भर्ती - इंश्योरेंस पॉलिसियां किसी भी बीमारी के लिए अस्पताल में इलाज के दौरान होने वाले खर्च को कवर करती हैं। यहाँ आप ध्यान रखें कि चिकनगुनिया, डेंगू सहित कवर की जाने वाली बीमारियों की संख्या अलग-अलग हो सकती है।
- आईसीयू कमरे का किराया - जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, आईसीयू कमरे उन लोगों के लिए होते हैं जिन्हें अपने इलाज के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। नतीजतन, आईसीयू के लिए कमरे का किराया भी स्टैण्डर्ड कमरों की तुलना में काफी अधिक होता है। एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सामान्य कमरों के साथ-साथ आईसीयू कमरों के खर्च को कवर करती है।
- कमरे के किराए पर कोई सीमा नहीं- खैर, यह एक ऐसी सुविधा है जो केवल कुछ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा दी जाती है, जैसे डिजिट इंश्योरेंस। आमतौर पर, स्टैण्डर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में कमरे के किराए के खर्च की एक सीमा होती है, जो उन्हें इस किराए की सीमा से ज्यादा कीमत के कमरे का फायदा उठाने से रोकती है।
लेकिन डिजिट के साथ ऐसी कोई सीमा नहीं है, इसमें आप अपनी सुविधानुसार अस्पताल का कमरा चुन सकते हैं।
है न कमाल की बात! तो अब आप यह जानकर चैन की सांस ले सकते हैं कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस, अस्पताल में भर्ती होने के दौरान किए गए आपके सभी खर्चों को कवर करेगा औरअस्पताल में कमरे के किराये पर बिना किसी सीमा के आपको वहां समय गुजारने में अधिक सुकून देगा।
2. अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चे
यह हमेशा ज़रूरी नहीं है कि आपको बड़ा मेडिकल खर्च करने के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़े। रोगों की जांच के लिए पूर्व-अस्पताल में भर्ती होने की लागत के साथ-साथ इसके बाद अस्पताल में भर्ती होने के खर्चे भी काफी ज्यादा हो सकते हैं। एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऐसे खर्चों को भी कवर करने में मदद करती है।
और क्या ही चाहिए ?
3. डे-केयर प्रक्रियाओं की लागत
बीमारियों के इलाज की कुछ प्रक्रियाओं के लिए आपको भले ही अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं पड़े , लेकिन आपको फिर भी, एक बड़ा बिल चुकाना पड़ सकता है। तो, क्या तब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मदद करती है?
खैर, हमेशा नहीं। लेकिन अगर आपके पास डिजिट का हेल्थ इंश्योरेंस है, तो आप डे-केयर खर्चों के लिए कवरेज का फायदा उठा सकते हैं। इसमें बढ़ती मेडिकल सुविधाओं के चलते 24 घंटे से कम समय अस्पताल में रहने के दौरान किए गए मेडिकल खर्च भी शामिल हैं।
अस्पताल में भर्ती हुए बिना उपचार के लिए कवर की जाने वाली कुछ डे-केयर प्रक्रियाओं में नेसल साइनस, मोतियाबिंद, कीमोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स वगैरा आती हैं।
4. इंश्योरेंस राशि फिर से भरना
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों की यह विशेषता आपके तब काम आती है जब आपने मौजूदा इंश्योरेंस राशि का उपयोग कर लिया है। यह आपकी अपनी इंश्योरेंस राशि को रीफिल कर देती है । इसमें रीफिल सम इंश्योर्ड बेनिफिट केवल एक असंबंधित बीमारी के लिए मिलता है।
यह फायदा विशेष रूप से तब मददगार होता है जब आपके पास फैमिली फ्लोटर इंश्योरेंस कवर हो, और आपका पूरा परिवार एक ही पॉलिसी में जुड़ा हो।
5. अस्पताल के कैश बेनिफिट के साथ अपने रोज के खर्चों को कवर करें
अस्पताल में भर्ती होने के चलते आपको कुछ दिनों के लिए नौकरी से हटाया जा सकता है। इस स्थिति में, आपको कैश की कमी हो सकती है, जिससे आप अपने दैनिक खर्च करने से हिचकिचा सकते हैं। लेकिन अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से दैनिक कैश बेनिफिट के साथ, आप इस स्थिति का आसानी से सामना कर सकते हैं।
इस राशि के किसी भी उपयोग पर रोक नहीं है, इसका आप अस्पताल में भर्ती होने के 30 दिनों तक अपने चाय, नाश्ते आदि के दैनिक खर्चों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
6. एम्बुलेंस कवर के साथ अपने परिवहन खर्च का रिअम्बर्स प्राप्त करें
एम्बुलेंस खर्च , खासकर यदि आप महानगरों में रह रहे हैं, काफी ज्यादा हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, बैंगलोर में, यह 5,000 रुपये तक हो सकता है। शहर के बाहर से परिवहन पर यह और भी ज्यादा है।
इसलिए, एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होने से आपको एम्बुलेंस परिवहन के दौरान होने वाले खर्च को कवर करने में मदद मिल सकती है।
7. नो क्लेम बोनस बेनिफिट के रूप में बढ़ी हुई इंश्योरेंस राशि प्राप्त करें
आप शायद सोच रहे हैं कि यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान क्लेम नहीं करते हैं तो आपके हेल्थ इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम का क्या होता है।
खैर, परेशानी की कोई बात नहीं है!
इंश्योरेंस कंपनी अगले वर्ष के लिए उसी प्रीमियम भुगतान पर अतिरिक्त इंश्योरेंस राशि के रूप में नो क्लेम बोनस का फायदा देती हैं। यह नो क्लेम बोनस 10% से 20% के बीच हो सकता है।
यह हेल्थ इंश्योरेंस होने के सबसे उपयोगी फायदों में से एक है।
8. कॉम्पलीमेंटरी सालाना हेल्थ चेकअप के साथ अच्छी हेल्थ बनाए रखें
बीमारियां ज्यादातर अचानक आती हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप स्वस्थ और तंदुरूस्त हैं, हर साल एक बार सम्पूर्ण हेल्थ चेकअप करना ज़रूरी है।
और एक अच्छी खबर? आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रत्येक वर्ष में एक बार इस मेडिकल जांच के खर्चों को कवर करेगी। यह एक कॉम्पलीमेंटरी फायदा है जो इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा आपकी पॉलिसी के रिन्यूअल पर दिया जाता है।
आपके द्वारा चुने गए अस्पताल के चेक-अप खर्चों को आपको रिअम्बर्स किया जाएगा ।
9. मनोरोग उपचार लेने के लिए एक कवर प्राप्त करें
क्या आप जानते हैं कि भारत की लगभग 7.5% आबादी किसी न किसी मानसिक बीमारी से प्रभावित है?
ऐसी परिस्थितियों में, यह ज़रूरी है कि इंश्योरेंस पॉलिसी मनोरोग उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने की लागत को कवर करें।
डिजिट इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ, आप मनोरोग उपचार के कारण अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के लिए कवर का फायदा उठा सकते हैं।
हालांकि, आप यह याद रखें कि इस तरह के उपचार के लिए ओपीडी परामर्श इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत नहीं आता है।
10. बैरिएट्रिक सर्जरी के लिए कवर प्राप्त करें
यह एक ऐसा फायदा नहीं है जो सभी इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा कवर किया जाता है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण चीज़ हो सकती है। मोटापे और इसके दुष्प्रभावों के इलाज के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी किसी भी परिस्थिति में जीवनरक्षक हो सकती है।
डिजिट के तहत इंश्योरेंस पॉलिसियां मोटापे से पैदा होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए ऐसी बैरिएट्रिक सर्जरी में होने वाले खर्च को कवर करती हैं।
11. मैटरनिटी और इनफर्टिलिटी उपचार लाभ और न्यूबोर्न (नवजात) केयर कवर प्राप्त करें
यह एक ऐड-ऑन बेनिफिट है जिसका फायदा वे उठा सकते हैं जो पॉलिसी लेने की तारीख से 2 साल बाद बच्चा पैदा करने की योजना बना रहे हैं।
यह ऐड-ऑन आपको निम्नलिखित फायदा प्रदान करता है:
- बच्चे की डिलीवरी का खर्च ।
- चिकित्सकीय रूप से आवश्यक गर्भपात का खर्च।
- नवजात के 90 दिनों तक के उपचार का खर्च (यदि आवश्यक हो)।
- इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए किए गए खर्च।
अगर बच्चे के जन्म की तैयारी कर रहे हैं या प्लान कर रहे हैं, तो आपकी वित्तीय ज़िम्मेदारियों को कम करने के लिए यह कवर आपके बहुत काम आएगा। यह बेनिफिट आम तौर पर 2 साल के वेटिंग पीरियड का होता है और केवल 2 बच्चों तक कवर देता है।
अस्वीकरण : डिजिट में, फिलहाल, हम मैटरनिटी हेल्थ कवर नहीं दे रहे।
इसके बारे में और जानें:
12. ज़ोन अपग्रेड कवर के साथ महानगरीय शहरों में अफोर्डेबल हेल्थ सर्विस
भारत में, उपचार की लागत आमतौर पर एक शहर से दूसरे शहर से अलग होती है। यह दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में विशेष रूप से ज्यादा है। इस कारण डिजिट ने इलाज के खर्च के आधार पर शहरों को तीन जोन में बांटा है।
जोन अपग्रेड में आप भिन्न-भिन्न शहरी क्षेत्र में इलाज के लिए ऊंचा वित्तीय कवर पा सकते हैं। क्षेत्रों को शहर के मेडिकल खर्चों के हिसाब से बांटा गया है। किसी खास क्षेत्र में मेडिकल खर्च जितना अधिक होगा, उसे ऐसे वर्गीकरण में उतना ही अधिक रखा जाएगा।
यह ऐड-ऑन आपको अलग-अलग क्षेत्रों में उपचार लागत में फर्क होने की वजह से थोड़े अधिक प्रीमियम के साथ अकाउंट की अनुमति देता है। लेकिन बाद में आप अपने कुल प्रीमियम पर 10%-20% की बचत कर सकते हैं।
भारत में विभिन्न जोन:
ज़ोन वर्गीकरण के आधार पर ज़ोन की संख्या अलग अलग इंश्योरर के अनुसार बदलती रहती है , फिर भी ज़्यादातर इस प्रकार होती हैं :
● जोन ए - दिल्ली/एनसीआर (NCR), मुंबई (नवी मुंबई, ठाणे और कल्याण शामिल)
● जोन बी - हैदराबाद, सिकंदराबाद, बंगलूरु, कोलकाता, अहमदाबाद, वडोदरा, चेन्नई, पुणे और सूरत।
● जोन सी - ए और बी में शामिल सभी शहरों को छोड़ कर अन्य सभी शहर सी क्षेत्र में आते हैं।
फिलहाल, डिजिट में, हमारे हमारे पास दो ज़ोन हैं : ज़ोन ए (ग्रेटर हैदराबाद, दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर मुंबई) और ज़ोन बी (बाकी सभी क्षेत्र) अगर आप ज़ोन बी में रहते हैं तो आपको प्रीमियम पर अतिरिक्त छूट मिल सकती है। इतना ही नहीं, हमारे यहाँ ज़ोन आधारित कोपेमेंट नहीं होता।
13. इनकम टैक्स लाभ का फायदा लें
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80डी के तहत, आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स फायदा उठा सकते हैं। इन फायदों को नीचे दिए गए अनुसार दर्शाया जा सकता है:
- स्वयं और परिवार (पति या पत्नी और बच्चों) के लिए हेल्थ इंश्योरेंस - ₹25,000
- स्वयं और परिवार + माता-पिता (60 वर्ष से कम आयु) के लिए - (₹25,000 + ₹25,000) = ₹50,000
- स्वयं और परिवार के लिए (जहां सबसे बड़ा सदस्य 60 वर्ष से कम आयु का है) + वरिष्ठ नागरिक माता-पिता - (₹25,000 + ₹50,000) = ₹75,000
- स्वयं और परिवार के लिए (जहां सबसे बड़ा सदस्य 60 वर्ष से ज्यादा आयु का है) + वरिष्ठ नागरिक माता-पिता - (₹ 50,000 + ₹ 50,000) = ₹ 1,00,000
14. घरेलू देखभाल कवर के साथ घर पर उपचार के फायदे
हेल्थ इंश्योरेंस का यह फायदा उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक है जो अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ उठा रहे हैं।
आपकी डिजिट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको अपने माता-पिता के लिए घरेलू केयर में होने वाले उपचार के खर्च को कवर करती है।
15. आयुष कवर के तहत वैकल्पिक उपचार का फायदा लें
यह डिजिट इंश्योरेंस द्वारा प्रदान किया गया एक ऐड-ऑन है जो आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और होम्योपैथी जैसी वैकल्पिक उपचार प्रक्रियाओं के कारण अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कवर करता है।
इसीलिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में हर आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए कुछ न कुछ है।
है न कमाल की बात! भारत में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होने के सभी फायदा यहां दिए गए हैं।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपने उपलब्ध सर्वोत्तम इंश्योरेंस पॉलिसियों का फायदा उठाया है, सुनिश्चित करें कि आप किसी एक को चुनने से पहले उपरोक्त फायदों को देख चुके हैं!
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के फायदों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यदि किसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के खत्म होने से पहले उसका रिन्यूअल नहीं किया जाता है, तो क्या मुझे रिन्यूअल से वंचित कर दिया जाएगा?
यदि आप अपनी मौजूदा पॉलिसी खत्म होने से पहले अपने इंश्योरेंस प्लान को रिन्यू नहीं कर पाते हैं, तो आपके पास 15 दिनों की छूट अवधि होगी जिसके दौरान आप प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं और अपनी पॉलिसी को रिन्यू कर सकते हैं। हालांकि, आप उस अवधि में अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का फायदा नहीं उठा पाएंगे, जिसके दौरान आप अपने प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं।
एक वर्ष में अधिकतम कितने क्लेम किए जा सकते हैं?
एक साल में आप कितने भी क्लेम कर सकते हैं जब तक कि आपकी पॉलिसी में कोई सीमा न हो। पर, आपको यह याद रखना चाहिए कि इंश्योर्ड राशि वह अधिकतम सीमा है, जिस तक आप क्लेम कर सकते हैं।
क्या मेरा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पूरे भारत में मान्य है?
हां, आपका हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पूरे भारत में मान्य है, जब तक कि आपकी पॉलिसी के तहत कोई विशिष्ट शर्तें लगी न हों।