भारत में मौजूद फ्लड प्रोन क्षेत्र
भारत एक पेनिन्सुलर देश है, जो इंडियन ओसियन, अरेबियन सी और बे ऑफ़ बंगाल से घिरा हुआ है। इस ज्योग्राफिकल प्लेसमेंट की वजह से हमारा देश एक फ्लड प्रोन क्षेत्र बन जाता हैं, जहाँ फ्लड आना आम बात हो जाती है।
चूंकि बाढ़ जीवन और संपत्ति को काफी अधिक नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए फ्लड-प्रोन क्षेत्र में रहने वाले लोगो को इस आपदा से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता है। इस तैयारी में सेफ्टी किट तैयार करना, फ्लड-प्रोन क्षेत्र पर ध्यान देना और कीमती वस्तुओं का इंश्योरेंस करना शामिल है।
भारत में फ्लड-प्रोन राज्यों और शहरों के बारे में और अधिक जानने के लिए हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें, ताकि आपको इससे सम्बंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।
भारत में फ्लड प्रभावित राज्यों की सूची
पिछले कुछ सालों में भारत के ईस्टर्न, सेंट्रल व नॉर्थेर्न क्षेत्रों में बारिश और जलभराव में तीन गुना वृद्धि देखने को मिली है, जो काफी बड़ा आंकड़ा हैं। साउथवेस्ट से आती हुए मानसून की हवाएँ घने बादलों को भी साथ लेकर आती है जो यमुना, गंगा, ब्रह्मपुत्र आदि नदियों के किनारे बरस कर बाढ़ का कारण बनती हैं। तीव्र मानसून के कारण नदी के किनारे सूज जाते हैं, जिस कारण आस-पास के क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है।
भारत में फ्लड से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के नाम निचे दी गयी टेबल में दिए गए हैं -
राज्य | बाढ़ प्रभावित क्षेत्र (मिलियन हेक्टेयर में) |
---|---|
उत्तर प्रदेश | 7.336 |
पंजाब | 3.7 |
राजस्थान | 3.26 |
बिहार | 4.26 |
असम | 3.15 |
हरयाणा | 2.35 |
वेस्ट बंगाल | 2.65 |
ओड़िसा | 1.14 |
गुजरात | 1.39 |
तमिलनाडु | 0.45 |
आंध्र प्रदेश | 1.39 |
मध्य प्रदेश | 0.26 |
त्रिपुरा | 0.33 |
महाराष्ट्र | 0.23 |
मणिपुर | 0.08 |
जम्मू और कश्मीर | 0.08 |
हिमाचल प्रदेश | 0.23 |
दिल्ली | 0.05 |
मेघालय | 0.02 |
कर्नाटक | 0.02 |
पुडुचेरी | 0.01 |
केरला | 0.87 |
भारत में सबसे अधिक फ्लड-अफेक्टेड क्षेत्र गंगा और ब्रह्मपुत्र प्लेन्स के बेसिन के समीप स्थित होता है। नार्थ और नॉर्थेर्न ईस्ट भारत के इंडो-गंगेटिक-ब्रह्मपुत्र प्लेन्स में भारत के कुल रिवर फ्लो का करीब 60% हिस्सा होता है।
भारत के फ्लड-प्रोन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी
भारत में फ्लड -प्रोन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को निचे बताये गए इंश्योरेंस ऑप्शन को देखकर अपनी सहूलियत के अनुसार इंश्योरेंस पॉलिसी का चयन कर सकते हैं -
लाइफ इंश्योरेंस - लाइफ इंश्योरेंस एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है जो इंश्योरर और पॉलिसी होल्डर के बीच साइन किया जाता है, इसके अनुसार अगर पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा इंश्योरेंस के नॉमिनी को एक निश्चित की गयी धनराशि का भुगतान किया है। यह उन व्यक्तियों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो कोस्टल क्षेत्र में रहते हैं।
कार और बाइक इंश्योरेंस - यह पॉलिसी प्राकृतिक और मानव-निर्मित आपदाओं द्वारा होने वाले नुकसान को कवर करने का काम करती है। उदाहरण के लिए, कई भारतीय राज्यों में उचित प्रॉपर ड्रेनेज और पॉटहोल मैनेजमेंट सिस्टम की कमी है। यह मानसून के दौरान अधिकांश वाहन दुर्घटनाओं और नुकसान का कारण बनता है। कार और बाइक इंश्योरेंस लेकर आप फ्लड-रिलेटेड समस्याओं को कम कर सकते हैं।
होम इंश्योरेंस - फ्लड और साइक्लोन ख़राब तरीके से निर्माण वाले घरों के मुख्य भागों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे मामलों में, एक होम इंश्योरेंस लेना आपके लिए एक स्मार्ट चॉइस हो सकती है। यह पॉलिसी प्राकृतिक आपदाओं, चोरी या डकैती द्वारा होने वाले सभी प्रकार के नुकसान को को कवर करने का काम करती है। आप इंश्योरेंस क्लेम द्वारा मिलने वाली इस राशि का इस्तेमाल अपने घर को वापस से बनाने में या उसकी मरम्मत में लगा सकते हैं।
फ्लड इंश्योरेंस - मौजूदा समय में भारत में फ्लड इंश्योरेंस लोगों के बीच उतना प्रचलित नहीं है। यह इंश्योरेंस पॉलिसी फ्लड के कारण हुए आपके अधिकांश नुकसान को कवर करती है, जिससे आपके पॉकेट पर एक्स्ट्रा खर्चों का बोझ नहीं पड़ता। आप मालद्वारा हुए हानि के खिलाफ कंपनसेशन प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के इंश्योरेंस का प्रीमियम अन्य इंश्योरेंस के प्रीमियम से काफी कम होता है, इसलिए अगर आप फ्लड प्रोन क्षेत्र में रहते हैं तो आप इस इंश्योरेंस को खरीदने के बारे में विचार कर सकते हैं।
यहाँ, हम आपको पॉलिसी के टर्म्स और नियमों को अच्छे से समझने की सलाह देंगे जिससे आप अपने लिए एक अच्छा निर्णय ले सकें, और अगर आप भारत के किसी फ्लड-प्रोन क्षेत्र में रहते हैं, तो मौसम के अपडेट पर हमेशा अपनी नज़र बनाये रखें ताकि आप खुद को एवं अपने परिवार को इस आपदा से बचाने के लिए कुछ कर सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या भारत फ्लड से प्रभावित है?
हाँ, भारत के अधिकतर राज्य हर साल जून से सितंबर तक फल्ड से प्रभावित होते हैं। भारत एक ऐसा देश है जिसे मूसलाधार बारिश की वजह से फ्लड का सामना करना पड़ता है।
असम में कौन सी नदी फ्लड का कारण बनती है?
असम में आने वाले फ्लड के लिए ब्रह्मपुत्र नदी ज़िम्मेदार होती है।
भारत में फ्लड से प्रभावित होने वाली औसत जनसंख्या क्या है?
भारत में लगभग 17.3 मिलियन लोग फ्लड से प्रभावित हो चुके हैं। फ्लड बार बार आने वाली एक प्राकृतिक आपदा है जो हर साल हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित करती है।
भारत में फ्लड के लिए सबसे अधिक योगदान देने वाली नदी कौन सी है?
ब्रह्मपुत्र नदी उन नदियों में से एक है जो भारत के सबसे अधिक फ्लड का कारण बनती है। ब्रह्मपुत्र नदी कम से कम हर 2 सालों में एक बार फ्लड का कारण बनते हैं।