भारत में लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनियों की सूची
ज्यादातर लोग लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी को एक तरह का निवेश मानते हैं। हालांकि, इन प्लान में इंश्योर किए गए व्यक्ति की मौत पर पर्याप्त मुआवज़े का भी प्रावधान होता है।
इसलिए, जिन व्यक्तियों के ऊपर परिवार के बाक़ी सदस्य आश्रित होते हैं, उन्हें ऐसे आकस्मिक समय को ध्यान में रखते हुए इस तरह के प्लान की ज़रूरत होती है। वे ऐसा इसलिए करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके जीवनसाथी, बच्चे, वृद्ध माता-पिता और भाई-बहन, उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बाद की स्थिति में भी आर्थिक रूप से सुरक्षित हैं।
अगर लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसिधारक प्लान की अवधि के दौरान खत्म हो जाता है, तो उनके परिवार के सदस्य मृत्यु लाभ के लिए क्लेम कर सकते हैं।
ऐसा करने से एकमुश्त वित्तीय फ़ायदा होता है, जिसका इस्तेमाल करके परिवार के सदस्य, अपनी बाकी जिंदगी आराम से बसर कर सकते हैं। भारत में अलग-अलग लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनियां ये प्लान देने और क्लेम का निपटारा करने के लिए जिम्मेदार हैं।
लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी क्या होती है?
लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी एक संस्था होती है, जो अपने ग्राहकों के लिए अलग-अलग तरह की लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी बनाती है। पॉलिसीधारक इंश्योरेंस कंपनी को एक प्रीमियम का भुगतान करते हैं, जो दूसरे कई फ़ायदों और कारकों के साथ ही, चुने गए कवरेज के लिए इंश्योर की गई राशि के आधार पर तय होता है। एक लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी को अपने ग्राहकों के फ़ाइल किए गए सभी क्लेम को निपटाती है।
क्लेम किए जाने के बाद वित्तीय मुआवजे देने से पहले, लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनियां, पॉलिसीधारक की मौत की सभी सूचनाओं और परिस्थितियों की पुष्टि करती हैं। दुर्घटना या आत्महत्या से हुई मौत को अक्सर जीवन लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी कवरेज से बाहर रखा जाता है।
इसलिए, अगर किसी पॉलिसीधारक की मौत इनमें से किसी भी वजह से हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी के मृत्यु लाभ का क्लेम करने के लिए अयोग्य हो जाते हैं।
भारत में उपलब्ध लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी के कुछ सामान्य प्रकार नीचे दिए गए हैं:
- यूनाइटेड लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान
- टर्म लाइफ़ इंश्योरेंस
- एंडोमेंट प्लान
- होल लाइफ़ इंश्योरेंस
- मनी बैक पॉलिसी
- रिटायरमेंट प्लान
- चाइल्ड प्लान
ये सात अलग-अलग तरह की लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी हैं, जिनमें से हर एक को अलग-अलग जरूरतों और शर्तों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
ऊपर दी गई पॉलिसी में से आपकी जरूरतों के लिए कौन सी सबसे उपयुक्त है, यह तय करने के लिए जीवन में अपनी वर्तमान स्थिति के बारे में सोचना चाहिए।
भारत में काम कर रही लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनियों की सूची
कंपनी का नाम | स्थापना का साल | हेड क्वार्टर की जगह |
भारतीय जीवन बीमा निगम | 1956 | मुंबई |
मैक्स लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2000 | नई दिल्ली |
एचडीएफ़सी लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2000 | मुंबई |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2000 | मुंबई |
आदित्य बिरला सनलाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2000 | मुंबई |
कोटक महिंद्रा लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2001 | मुंबई |
प्रामेरिका लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2008 | गुरुग्राम |
टाटा एआइए लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2000 | मुंबई |
बजाज अलिआंज़ लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2001 | पुणे |
एसबीआई लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2001 | मुंबई |
एक्साइड लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2001 | बेंगलुरु |
रिलाएंस निप्पॉन लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी | 2001 | मुंबई |
सहारा इंडिया लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2000 | कानपुर |
अवीवा लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी इंडिया लिमिटेड | 2002 | गुरुग्राम |
पीएनबी मेटलाइफ़ इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2001 | मुंबई |
भारती एक्सा लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2005 | मुंबई |
आईडीबीआई फेडरल लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2008 | मुंबई |
फ्यूचर जनराली इंडिया लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2006 | मुंबई |
श्रीराम लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2005 | हैदराबाद |
एगॉन लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2008 | मुंबई |
केनरा एचएसबीसी ओरिएंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2007 | गुरुग्राम |
एडलवीस टोक्यो लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2009 | मुंबई |
स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2007 | मुंबई |
इंडियाफ़र्स्ट लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड | 2009 | मुंबई |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
भारत में सबसे अच्छी लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी कौन सी है?
आपको लाइफ़ इंश्योरेंस प्लान किसी प्रतिष्ठित इंश्योरेंस कंपनी से लेना चाहिए। हालांकि, हर कंपनी और पॉलिसी के अपने फ़ायदे और नुकसान होते हैं। आपको अपनी जीवन की स्थितियां और जरूरतों के मुताबिक सबसे अच्छा विकल्प चुनना चाहिए।
लाइफ़ इंश्योरेंस प्लान व्यक्तिगत होते हैं, यानी एक व्यक्ति के लिए बहुत फ़ायदेमंद पॉलिसी दूसरे के लिए उतनी उपयोगी साबित नहीं हो सकती है। इसलिए, सोच-समझकर ही कोई प्लान चुनें।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान क्या होते हैं?
यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान या यूलिप एक तरह की लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी होती है, जो पॉलिसीधारकों को मृत्यु लाभ देने के साथ-साथ बचत प्लान के रूप में दोगुनी हो जाती है।
यूलिप का प्राथमिक फ़ायदा यह है कि पॉलिसीधारक या उसके परिवार के सदस्यों को इसके फ़ायदे मिलते हैं, चाहे इंश्योर किया गया व्यक्ति जीवित हो या उसकी मौत हो जाए। अगर पॉलिसिधारक की मौत हो जाती है, तो नॉमिनी को मृत्यु लाभ मिलता है। हालांकि, अगर इंश्योर किया गया व्यक्ति पॉलिसी अवधि के खत्म होने बाद जीवित रहता है, तो वह इस यूलिप से मैच्योरिटी का क्लेम कर सकता है।
भारत में अलग-अलग तरह की लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी कौन सी हैं?
भारतीय सात मुख्य तरह की लाइफ़ इंश्योरेंस पॉलिसी में से चुन सकते हैं। इनमें टर्म इंश्योरेंस प्लान, यूलिप, रिटायरमेंट प्लान, चाइल्ड प्लान, मनी बैक पॉलिसी, होल लाइफ इंश्योरेंस और एंडोमेंट प्लान शामिल हैं।
इनमें से हर एक के कुछ फ़ायदे और कुछ कमियां हैं। किसी को भी चुनने से पहले उन पर अच्छी तरह से विचार करें।
लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी चुनते समय क्लेम निपटारे का अनुपात महत्वपूर्ण क्यों होता है?
क्लेम निपटारे का अनुपात यह निर्धारित करने में आपकी मदद कर सकता है कि क्लेम मंजूर करते समय बीमा कंपनी बहुत सख्त है या नहीं।
कम अनुपात से पता चलता है कि कंपनी क्लेम का निपटारा आसानी से नहीं भी कर सकती है।
लेकिन, ज्यादा अनुपात एक सुव्यवस्थित क्लेम प्रक्रिया को दिखाता है। इसलिए, ऐसी किसी कंपनी से पॉलिसी लेना फ़ायदेमंद होगा क्योंकि आप क्लेम नामंजूर होने के जोखिम के बिना क्लेम कर सकते हैं।