जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल टैक्स के बारे सबकुछ जानें
केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर ₹5 प्रति लीटर की राहत की पेशकश की और पेट्रोल के बढ़ते दामों से परेशान भारतीयों को राहत देने के लिए दूसरे राज्यों से भी ऐसा करने का आग्रह किया है। जम्मू और कश्मीर के प्रशासन ने केंद्र सरकार का निर्णय स्वीकार कर लिया और जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल टैक्स कम कर दिया है।
जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल टैक्स कितना लगाया जाता है?
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर नागरिकों को दिवाली का तोहफा दिया है। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद जम्मू और कश्मीर के प्रशासन ने पेट्रोल पर ₹7 प्रति लीटर वैट खत्म कर दिया है।
जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल के दाम तय करने वाले टैक्स की दरों और अतिरिक्त घटकों को दिखाने वाली नीचे दी गई इस टेबल पर एक नज़र डालें:
घटक | 21 अक्टूबर 2022 से प्रभावी (₹ प्रति लीटर) |
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डीलर से लिया गया मूल्य | ₹57.35 प्रति लीटर |
एक्साइज ड्यूटी (केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया) | ₹ 19.90 प्रति लीटर |
डीलर का औसत कमीशन | ₹5.93 प्रति लीटर |
वैट (प्रदेश सरकार द्वारा लगाया गया) | ₹17.36 प्रति लीटर {20.87% डीलरों को लगाए गए ईंधन मूल्य + एक्साइज ड्यूटी + औसत डीलर कमीशन)} (₹5 प्रति लीटर का अतिरिक्त रोजगार उपकर/सेस और 0.50 प्रति लीटर की लागू कटौती) |
जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल का खुदरा बिक्री मूल्य | ₹100.54 प्रति लीटर |
(नोट: ऊपर दी गई टेबल 21 अक्टूबर 2022 तक विश्वसनीय और अधिकृत स्रोतों से लिए गए डेटा के साथ, जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल के लिए टैक्स विवरण की व्याख्या करने के लिए सिर्फ एक उदाहरण के तौर पर दी गई है। हालांकि, वास्तविक दाम समय-समय पर बदलने वाले कारक जैसे ईंधन की कीमत, डीलर का कमीशन, उपकर/सेस और दूसरे आयामों के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं।)
जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल टैक्स कौन लगाता है?
केंद्र सरकार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी (₹19.90 प्रति लीटर) लगाती है, जबकि जम्मू और कश्मीर प्रशासन इस पर वैट (VAT) (अलगभग ₹17.36 प्रति लीटर) लगाता है। जम्मू और कश्मीर में, अतिरिक्त कारक जैसे डीलर का कमीशन, डीलरों से ली गई कीमत वगैरह के अलावा, ये टैक्स पेट्रोल के दामों पर असर डालते हैं।
जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल के दामों पर कौन से कारण असर डालते हैं?
जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल के दामों पर असर डालने वाले कारकों के बारे में नीचे बताया गया है:
1. कच्चे तेल के दाम
कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीदा जाता है, और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में कोई भी बदलाव सीधे घरेलू बाजार में पेट्रोल के दामों को प्रभावित करता है।
कच्चे तेल के दामों बदलाव करने वाले कारक हैं:
- अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक रिश्ते
- कच्चे तेल की मांग और आपूर्ति
- भविष्य के लिए तेल रिज़र्व और उसकी आपूर्ति
2. डीलरों को बेचने वाला दाम
कच्चे तेल की खरीद और वितरण तेल विपणन कंपनियां करती हैं और यह कंपनियां भाड़ा शुल्क, कच्चे तेल की रिफाइनिंग पर होने वाले खर्च वगैरह के आधार पर डीलरों को बेचते समय शुल्क लेती हैं। डीलरों से लिया गया यह शुल्क भारत में पेट्रोल के दाम तय करने में अहम होता है।
3. एक्साइज ड्यूटी
केंद्र सरकार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। यह शुल्क प्रतिशत नहीं होता बल्कि, एक निश्चित दाम है जो ईंधन और कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव के बावजूद स्थिर रहती है।
4. सेल्स टैक्स
संबंधित राज्य सरकारें एक्साइज ड्यूटी, डीलरों के कमीशन वगैरह का आकलन करने के बाद पेट्रोल पर वैट या सेल्स टैक्स लगाती हैं। राज्य की तरफ से पेट्रोल पर लगाई गई यह टैक्स दर जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल के दाम तय करती है।
5. पेट्रोल की मांग और आपूर्ति
बहुत कम रिफाइनरियों का होना, कच्चे तेल की ज्यादा लागत वगैरह की वजह से अक्सर पेट्रोल की आपूर्ति कम हो जाती है और जिससे इसकी बढ़ती मांग पूरी नहीं हो पाती। भारत में इन वजहों से पेट्रोल के दाम बढ़ जाते हैं।
6. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की कीमत
कच्चे तेल की खरीददारी अंतरराष्ट्रीय बाजार से होती है, जिसका लेनदेन डॉलर में होता है। इसलिए, भारतीय रुपए और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट घरेलू बाजार में पेट्रोल के दामों को प्रभावित करता है।
7. डीलर का कमीशन
तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल पंप मालिकों को कमीशन देती हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर में पेट्रोल के दामों पर असर पड़ता है।
क्या जम्मू और कश्मीर में हर जगह पेट्रोल के दाम समान है?
हां, केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन जम्मू और कश्मीर में पेट्रोल पर वैट की एक समान दर लगाता है। हालांकि, पेट्रोल पर डीलरों के लिए कमीशन के आधार पर पेट्रोल की कीमतें अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हो सकती हैं।
पेट्रोल टैक्स पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन के दिए गए अतिरिक्त राहत देने से पेट्रोल के दाम ₹12 प्रति लीटर कम हुए है। हालांकि, पेट्रोल टैक्स और इसके दामों में समय-समय पर बदलाव आते रहते हैं; इसलिए, किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए नए अपडेट पर नजर रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नवंबर 2021 में कम करने से पहले जम्मू-कश्मीर प्रशासन पेट्रोल पर कितना वैट लगाता था?
नवंबर 2021 में, पेट्रोल पर वैट कम करने से पहले जम्मू और कश्मीर के प्रशासन 24% वैट और ₹5 प्रति लीटर रोजगार सेस (साथ ही 0.50 प्रति लीटर की लागू कटौती) लगाता था।
कौन सा अधिनियम जम्मू-कश्मीर को पेट्रोल पर वैट लगाने का अधिकार देता है?
जम्मू और कश्मीर मोटर स्पिरिट और डीजल ऑयल (सेल्स टैक्स) अधिनियम, संवत 2005 की धारा 3 और 3ए, जम्मू और कश्मीर को पेट्रोल पर सेल्स टैक्स लगाने का अधिकार देता है।