हरियाणा में पेट्रोल टैक्स: पेट्रोल पर लागू होने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स
इस लेख में दी गई जानकारी को आखिरी बार 21 अक्टूबर 2022 को अपडेट किया गया था।
मौजूदा आर्थिक झटके ने देश भर में ईंधन की कीमतों में तेजी से वृद्धि की है। यह नवंबर 2021 में लगभग 100 रूपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, भारत की केंद्र सरकार सभी देशवासियों की आसानी के लिए इस कीमत को कम करने की लगातार कोशिश कर रही है। उन्होंने अब तक जो कदम उठाए हैं उनमें से एक ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करना है।
ऊपर से हरियाणा सरकार ने हाल ही में हरियाणा में पेट्रोल पर वैट घटा दिया है। इससे उस राज्य में ईंधन की कीमत में 12 रुपये प्रति लीटर की कमी आती है। हालांकि, वैट ही एकमात्र कारक नहीं है जो ईंधन की कीमत निर्धारित करता है। पेट्रोल और डीजल पर कई तरह के टैक्स लागू होते हैं जो भारत में पूरे दाम को प्रभावित करते हैं।
आइए उनमें से प्रत्येक पर नज़र डालें।
हरियाणा में पेट्रोल पर कितना टैक्स लगाया जाता है?
हरियाणा में पेट्रोल पर टैक्स में आम तौर पर कच्चे तेल की मूल कीमत, वैट, एक्साइज ड्यूटी और डीलर का छूट शामिल होता है।
नवंबर 2021 में, केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की। सूट के बाद, हरियाणा की राज्य सरकार ने भी पेट्रोल पर सेल्स टैक्स कम कर दिया, जिससे पेट्रोल प्रति लीटर 12 रुपये सस्ता हो गया। [1]
नवंबर 2021 में ईंधन की कीमत पर टैक्स ब्रेकअप के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्न तालिका देखें -
सेक्शन | 21 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी (रुपये प्रति लीटर में) |
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कीमत डीलरों से ली गई है | 57.35 रुपये प्रति लीटर |
एक्साइज ड्यूटी (केन्द्र सरकार द्वारा लगाया जाता है) | 19.90 रुपये प्रति लीटर |
औसत डीलर का छूट | 6.82 रुपये प्रति लीटर |
वैट (राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है) | 13.45 रूपये प्रति लीटर {16% (डीलरों से ली जाने वाली ईंधन कीमत + एक्साइज ड्यूटी + औसत डीलर का छूट)} |
हरियाणा में खुदरा बिक्री मूल्य | 97.52 रुपये प्रति लीटर |
(ध्यान दीजिये: उपरोक्त तालिका 21 अक्टूबर 2022 तक विश्वसनीय और अधिकृत स्रोतों से लिए गए आंकड़ों के साथ पेट्रोल टैक्स ब्रेकअप को समझाने के लिए एक उदाहरण के रूप में कार्य करती है। हालांकि, वास्तविक कीमतें भिन्न हो सकती हैं, क्योंकि ईंधन मूल्य डीलर का छूट, उपकर और अन्य ऐसे पहलू समय-समय पर बदलते रहते हैं। हरियाणा में नवीनतम पेट्रोल की कीमतों की जांच करें)
हरियाणा में पेट्रोल टैक्स कौन लगाता है?
हमारी केंद्र सरकार पेट्रोल पर केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी लगाती है। हालांकि, हरियाणा में पेट्रोल पर वैट राज्य सरकार तय करती है। यह सिर्फ एक राज्य में नहीं है, बल्कि हमारे देश के सभी राज्यों में है। यही कारण है कि वैट हर राज्य में भिन्न होता है जिससे पूरे भारत में विभिन्न पेट्रोल की कीमतें बढ़ जाती हैं।
भारत सरकार ने नवंबर की शुरुआत में अपना एक्साइज ड्यूटी 5 रूपये प्रति लीटर घटा दिया। हालांकि, कई राज्यों में वैट में कटौती के बाद, केंद्र सरकार ने नवंबर के अंत में 10 रूपये प्रति लीटर की कमी की घोषणा की।
हरियाणा में पेट्रोल टैक्स को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं?
हरियाणा में पेट्रोल की कीमतों को प्रभावित करने वाले कई कारक निम्नलिखित हैं -
1. कच्चे तेल की कीमत
भारत अपने कच्चे तेल की आपूर्ति का अधिकांश हिस्सा अंतरराष्ट्रीय बाजार से आयात करता है। कच्चे तेल की अक्सर बदलती कीमतें घरेलू बाजारों में ईंधन की कीमतों को प्रभावित करती हैं। जैसे-जैसे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की मांग और आपूर्ति बदलती है, वैसे-वैसे इसकी कीमत में बदलाव होता है।
2. डीलरों के प्रभार
तेल मार्केटिंग कंपनियां डीलरों को कच्चा तेल एकत्र और वितरित करती हैं। इसके लिए वे जो कीमत वसूलते हैं, वह हरियाणा में पेट्रोल की कीमतों को निर्धारित करने का एक महत्वपूर्ण कारक है। ओएमसी (OMC) द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क में रिफाइनिंग लागत, माल भाड़ा आदि शामिल हैं। हमारे देश में पेट्रोल के लिए वर्तमान ओएमसी (OMC) लागत 8.88 रूपये प्रति लीटर है।
3. पेट्रोल पंप डीलरों का छूट
हमारी सरकार ईंधन डीलरों के लिए छूट तय करती है। यह छूट पेट्रोल पंप मालिकों के राजस्व, लाभ और लागत को कवर करता है। यह कीमत, कच्चे तेल के आधार मूल्य के अतिरिक्त, पेट्रोल की समग्र कीमत को प्रभावित करती है।
4. केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स
केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत पर एक्साइज ड्यूटी और सड़क उपकर जैसे शुल्क लगाती है। जबकि सभी राज्य सरकारों की तरह ही हरियाणा सरकार भी हरियाणा में पेट्रोल पर वैट लगाती है। इन शुल्कों में परिवर्तन हरियाणा में पेट्रोल की कीमतों को प्रभावित करता है।
5. रिफाइनरी की उपलब्धता
रिफाइनरियों की संख्या कम होने से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति घट जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कच्चे तेल को रिफाइन करने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसके विपरीत, खपत की अत्यधिक दर होने पर मांग आपूर्ति से अधिक हो जाती है। इससे मांग बढ़ जाती है और हरियाणा समेत पूरे देश में पेट्रोल की कीमत बढ़ जाती है।
6. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा का मूल्य
पेट्रोल की कीमतों को प्रभावित करने वाला यह एक अन्य प्रमुख कारक है। भारत अमेरिकी डॉलर (USD) में कच्चे तेल की खरीद की कीमत चुकाता है। इसलिए, अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले भारतीय रुपए के मूल्य में बदलाव से पेट्रोल की घरेलू कीमत प्रभावित होती है।
क्या हरियाणा के सभी शहरों में पेट्रोल पर एक समान टैक्स है?
हरियाणा में पेट्रोल पर वैट पूरे राज्य में समान है। लेकिन अलग-अलग डीलरों के छूट और अन्य कारकों के आधार पर कीमतें अलग-अलग शहरों में अलग-अलग हो सकती हैं।
अब, आपको पेट्रोल की कीमत और इसे प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में स्पष्ट जानकारी हो गई होगी। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह कीमत दूसरे दिन बदल भी सकती है। यह हरियाणा में पेट्रोल पर अलग-अलग टैक्स और वैट दरों के कारण है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या पेट्रोल की कीमत जीएसटी (GST) के अंतर्गत आती है?
नहीं, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें केंद्र सरकार के जीएसटी (GST) शासन के अंतर्गत नहीं आती हैं।