गुजरात में पेट्रोल टैक्स: पेट्रोल पर लागू होने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स
इस लेख में दी गई जानकारी अंतिम बार 21 अक्टूबर 2022 में अपडेट हुई थी।
मौजूदा आर्थिक उथल-पुथल ने सरकार को भारत में ईंधन की कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर किया। हालांकि, नागरिकों को राहत देने के लिए हाल ही में कीमतों को कम किया गया है।
सबको पता होना चाहिए कि विभिन्न राज्यों में पेट्रोल की कीमतों असर डालने वाली भिन्न-भिन्न वजहें हैं। जैसे कि गुजरात में पेट्रोल टैक्स का असर पेट्रोल की कीमतों पर पड़ता है।
वो कारक जो गुजरात में पेट्रोल पर टैक्स को कैसे प्रभावित करते हैं, ये जानने के लिए आगे पढ़ना जारी रखें।
गुजरात में पेट्रोल पर कितना टैक्स है?
गुजरात में पेट्रोल की कीमतें ईंधन की रोज़ाना बदलती हुई कीमतों पर निर्भर करती है। सेल्स टैक्स या वैट और एक्साइज़ ड्यूटी जैसे कारक कीमतें तय करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने पेट्रोल पर ₹5 प्रति लीटर एक्साइज़ ड्यूटी घटा दिया है। इस फैसले की वजह से गुजरात में पेट्रोल पर वैट में ₹7 प्रति लीटर की कमी आई है।
गुजरात में पेट्रोल की कीमतों के लिए अनेक कारक ज़िम्मेदार हैं। गुजरात में मौजूदा पेट्रोल वैट की दर, खुदरा बिक्री की कीमत, डीलर का कमीशन, एक्साइज़ ड्यूटी जैसे सभी कारक पेट्रोल की कीमत में जुड़ जाते हैं जैसे की नीचे की तालिका में दिखाया जा रहा है।
तत्व | 21 अक्टूबर से प्रभावी (₹ प्रति लीटर में) |
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डीलर से ली गई कीमत | ₹57.35 प्रति लीटर |
एक्साइज़ ड्यूटी (केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया) | ₹19.90 प्रति लीटर |
डीलर का औसत कमीशन | ₹3.89 प्रति लीटर |
वैट (राज्य सरकार द्वारा लगाया गया) | ₹15.79 प्रति लीटर {का 19.46% (डीलरों से ली गई ईंधन की कीमत + एक्साइज़ ड्यूटी + डीलर का औसत कमीशन)} |
गुजरात में खुदरा बिक्री की कीमत | ₹96.93 प्रति लीटर |
(नोट: ऊपर दी गई तालिका 21 अक्टूबर 2022 के विश्वसनीय और आधिकारिक स्रोतों से लिए गए आंकड़ों के साथ पेट्रोल ब्रेक-अप को समझाने के लिए केवल एक उदाहरण के रूप में है। हालांकि, ईंधन का मूल्य, डीलर का कमीशन, सेस और ऐसे ही अन्य कारक समय-समय पर बदलते रहते है। गुजरात में पेट्रोल की मौजूदा कीमत देखें )
इस धारणा को बेहतर तरीके से समझने के लिए आइए देखें कि गुजरात में पेट्रोल पर टैक्स की कीमत पर किसका नियंत्रण है।
गुजरात में पेट्रोल पर टैक्स कौन लेता है?
राज्य सरकार पेट्रोल पर वैट का निर्णय करती है जबकि केंद्र सरकार एक्साइज़ ड्यूटी निश्चित करती है।
इसी वजह से गुजरात में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का नियंत्रण है।
कौन से कारक हैं जो गुजरात में पेट्रोल टैक्स को प्रभावित करते हैं?
ये कुछ कारक हैं जो गुजरात में पेट्रोल पर टैक्स को प्रभावित करते हैं।
कच्चे तेल की कीमत
जैसा कि पहले बताया गया है कच्चे तेल की कीमतों का पेट्रोल की कीमतों पर काफी हद तक असर पड़ता है। ये कीमतें बाज़ार की स्थिति, तेल की मांग और आपूर्ति, तेल भंडारण, अंतरराष्ट्रीय राजनीति आदि के साथ ऊपर-नीचे होती है।
गुजरात में पेट्रोल के टैक्स का सही आंकड़ा पता करने के लिए व्यक्ति को मौजूदा कच्चे तेल की कीमत को देखना चाहिए।
डीलरों के लिए कीमत
ओएमसी या तेल मार्केटिंग कंपनियां डीलरों से एक निश्चित शुल्क लेती हैं। फिर यही कारक गुजरात और अन्य राज्यों में पेट्रोल की कीमतों पर असर डालते है। गुजरात में पेट्रोल की कीमतों पर रिफ़ाइनिंग और माल ढुलाई के खर्चों का असर भी पड़ता है।
डीलर का कमीशन
तेल मार्केटिंग कंपनियां ईंधन के डीलरों को कमीशन देती हैं। यह उनकी कमाई का ज़रिया होता है और इसका असर तेल की कीमतों पर पड़ता है।
सेंट्रल एक्साइज़ ड्यूटी
भारतीय ईंधन पर केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज़ ड्यूटी निर्धारित होता है। कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ जाने पर भी यह राशि ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव नहीं करती।
राज्य का सेल्स टैक्स
यह बिक्री कर या वैट डीलरों के कमीशन, एक्साइज़ ड्यूटी, कच्चे तेल की कीमत आदि कारकों पर निर्भर करते हैं।
ईंधन की मांग और आपूर्ति
पेट्रोल की मांग और आपूर्ति में कमी पेट्रोल की कीमतों को बढ़ाती है और ये एक दूसरे को प्रभावित करती हैं। ये वो कारक हैं जिनका असर भारत में पेट्रोल की कीमतों और पेट्रोल के टैक्स पर पड़ता है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए का मूल्य
कच्चे तेल की खरीद का पूरा लेन-देन यूएस डॉलर में होता है। डॉलर के मूल्य में थोड़ा सा भी बदलाव भारतीय रुपए पर असर डालता है। डॉलर के मूल्य मे उछाल के कारण क्रय मूल्य में बढ़ौतरी होगी।
ये गुजरात में पेट्रोल पर टैक्स और अन्य संबंधित कारको के बारे में कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े हैं। प्रत्येक व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि टैक्स ब्रेकेज को समझते हुए पेट्रोल टैक्स के तहत लगाए गए शुल्क की गणना कैसे करें।