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ईपीएफ रजिस्ट्रेशन: ईपीएफ के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें

ईपीएफ में रजिस्ट्रेशन के बाद, कंपनी को फंड में एक निश्चित प्रतिशत का योगदान करना होता है। यह योगदान संबंधित कर्मचारी के वेतन से काटा जाता है। साथ ही, नियोक्ता को कर्मचारियों के लिए ईपीएफ रजिस्ट्रेशन शुरू करना होता है। कर्मचारी यह रजिस्ट्रेशन खुद नहीं कर सकते हैं।

अगर आप जानना चाहते हैं कि एक नियोक्ता के रूप में ईपीएफ के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें, तो इसकी प्रक्रिया और अन्य विवरणों के सरल चरणों को समझने के लिए आगे पढ़ें।

ईपीएफ के लिए रजिस्ट्रेशन करने के चरण

अगर आप ऐसे नियोक्ता है जिसे रजिस्ट्रेशन करना है, तो ईपीएफ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

चरण 1: ईपीएफ के लिए कंपनी का रजिस्ट्रेशन करना

अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन करने के लिए ईपीएफओ वेब पोर्टल पर जाएं। इस यूनिफाइड पोर्टल की होम स्क्रीन पर बने 'कंपनी का रजिस्ट्रेशन' विकल्प को चुनें।

चरण 2: यूजर मैनुअल डाउनलोड करें

'कंपनी का रजिस्ट्रेशन' विकल्प पर क्लिक करने पर पेज https://registration.shramsuvidha.gov.in/user/register लिंक पर आ जाएगा। इस लिंक पर यूजर मैनुअल उपलब्ध है जिसे आपको जरूर डाउनलोड करना चाहिए। अगर आप इस प्रक्रिया में नए हैं तो रजिस्ट्रेशन से पहले इस मैनुअल को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए।

चरण 3: यूनिफाइड श्रम सुविधा पोर्टल पर रजिस्टर करें

इस यूजर मैनुअल की अच्छी तरह से समीक्षा करने के बाद ईपीएफओ के यूनिफाइड श्रम सुविधा पोर्टल (यूएसएसपी) पर साइन अप करें। होम पेज पर मौजूद 'कंपनी का रजिस्ट्रेशन' टैब पर क्लिक करने पर यूएसएसपी का साइन-अप पेज खुल जाएगा। फिर, 'साइन अप करें' टैब पर क्लिक करें।

'साइन अप करें' बटन पर क्लिक करने पर आपसे अपना नाम, मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन कोड और ईमेल मांगा जाएगा। खाता बनाने के लिए सभी जरूरी विवरण दर्ज करें।

चरण 4: रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें

यूएसएसपी में लॉग इन करें और स्क्रीन के बाईं ओर बनी 'ईपीएफओ-ईएसआईसी वी1.1 के लिए रजिस्ट्रेशन' के टैब पर क्लिक करें। इसके बाद, स्क्रीन के दाईं ओर 'नए पंजीकरण के लिए आवेदन करें' का विकल्प चुनें।

क्लिक करने पर आपको दो विकल्प मिलेंगे, 'कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952' और 'कर्मचारी' राज्य बीमा अधिनियम 1948। आपको बतौर एक नियोक्ता 'कर्मचारी' भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952' का विकल्प सेलेक्ट करना होगा, इसके बाद 'सब्मिट करें' पर क्लिक करें।

'सब्मिट करें' बटन पर क्लिक करने पर 'ईपीएफओ के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म' वाला पेज दिखेगा। यहां आपको रोजगार विवरण, शाखा या मंडल, संपर्क व्यक्ति, स्थापना विवरण, गतिविधियों और पहचानकर्ताओं को दर्ज करना होगा।

चरण 5: डीएससी को संलग्न करना

रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने और इसके साथ सभी जरूरी दस्तावेज़ संलग्न करने के बाद नियोक्ता का डीएससी या डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफ़िकेट को अपलोड करके फॉर्म में चिपकाना होता है। यूनिफाइड सेवा श्रम प्लेटफॉर्म डीएससी अपलोड करने के बाद आपको ईमेल करेगा कि आपका ईपीएफ रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक हो गया है।

[स्रोत]

ईपीएफ रजिस्ट्रेशन के लिए योग्यता मानदंड क्या हैं?

नीचे दिए गए मानदंड पूरा करने वाली कंपनियों के लिए ईपीएफ रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होता है:

  • 20 या ज्यादा की कर्मचारियों वाले उद्योग का कारखाना।
  • 20 या ज्यादा कर्मचारियों वाले अन्य प्रतिष्ठान या केंद्र सरकार की एक अधिसूचना के जरिए इसमें बताए गए समान प्रतिष्ठानों का एक वर्ग।

[स्रोत 1]

[स्रोत 2]

किसी नियोक्ता को 20 कर्मचारियों की भर्ती के 1 महीने के भीतर ईपीएफ रजिस्ट्रेशन करना चाहिए, वरना इसकी वजह से जुर्माना लग सकता है। साथ ही, अगर किसी रजिस्टर किए हुए संगठन की कर्मचारी संख्या न्यूनतम सीमा से कम हो जाती है तो भी यह अधिनियम के मानदंडों की सीमा के अंतर्गत रहती है।

केंद्र सरकार जरूरी रजिस्ट्रेशन के संबंध में 2 महीने का नोटिस सौंपने के बाद 20 से कम कर्मचारियों वाली संस्था के लिए प्रावधान लागू कर सकती है।

20 से कम कर्मचारियों वाले कुछ संगठनों के लिए भी ईपीएफ रजिस्ट्रेशन करना जरूरी हो सकता है, लेकिन यह स्वैच्छिक रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत आता है।

ईपीएफ रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची

नियोक्ताओं द्वारा 'ईपीएफओ के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म' के साथ संलग्न करने वाले ईपीएफ रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज नीचे बताए गए हैं:

  • बैंक स्टेटमेंट या एक कैंसल किया हुआ चेक
  • निदेशक, भागीदार या प्रोपराइटर के डिजिटल हस्ताक्षर
  • लीज या किराए का एग्रीमेंट (अगर लागू हो)
  • पार्टनर, डायरेक्टर या प्रोपराइटर का पैन कार्ड
  • डायरेक्टर, पार्टनर या प्रोपराइटर का आधार कार्ड
  • जीएसटी प्रमाण पत्र या दुकान और स्थापना प्रमाण पत्र या स्थापना के लिए सरकार की ओर से जारी कोई लाइसेंस।
  • निवास प्रमाण जैसे पानी का बिल, बिजली का बिल, या पंजीकृत कार्यालय का टेलीफोन बिल (दो महीने से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए)।

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किसी नियोक्ता के लिए ईपीएफ के लिए रजिस्ट्रेशन करना क्यों महत्वपूर्ण है?

कर्मचारियों के वेतन से टीडीएस काटा जाता है, इसलिए नियोक्ताओं के लिए ईपीएफ रजिस्ट्रेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसके अलावा, नियोक्ता द्वारा ईपीएफओ नियोक्ता पोर्टल से चालान जनरेट करने के बाद ही उन्हें प्रेषण की प्रक्रिया करनी होगी। इसलिए यह प्रक्रिया उनके लिए ज़रूरी है।

इस लेख के खत्म होने के साथ आपको ईपीएफ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बारे में अब पता होगा। तो आगे बढ़ें, ईपीएफ रजिस्ट्रेशन के लिए योग्यता की जांच करें और अगर आपका प्रतिष्ठान पात्र है तो प्रक्रिया को पूरा करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अगर किसी नियोक्ता के कई प्रतिष्ठान हैं तो क्या सभी संगठनों के लिए ईपीएफ रजिस्ट्रेशन पूरा किया जाना चाहिए?

हां। ऐसे मामले में, हर संगठन के लिए ईपीएफ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।

ईपीएफ के तहत वेतन से बाहर क्या रखा गया है?

नीचे दी गई चीज़ों को कर्मचारी भविष्य निधि के मुताबिक वेतन से बाहर रखा गया है:

  • ओवरटाइम भत्ता (ओटीए)
  • बोनस
  • खाना भत्ता
  • महंगाई भत्ता (डीए)
  • घर का किराया भत्ता

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क्या किसी व्यक्ति के लिए भविष्य निधि को अपने खाते से निकालना संभव है?

हां। एक व्यक्ति अपने खाते से भविष्य निधि को केवल रिटायर होने या अपनी अधिवर्षिता अवधि के बाद ही निकाल सकता है। किसी व्यक्ति के कंपनी से इस्तीफा देने के बाद भी पीएफ निकालना संभव है।

[स्रोत]

क्या ईपीएफ के लिए रजिस्ट्रेशन करने का कोई और तरीका है?

नहीं। ईपीएफ के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को बंद कर दिया गया है। इसलिए, कर्मचारी भविष्य निधि के लिए रजिस्ट्रेशन करने का एकमात्र तरीका ऑनलाइन ईपीएफ रजिस्ट्रेशन ही है।