आधार कार्ड बायोमेट्रिक डेटा को कैसे अपडेट करें?
दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक सिस्टम, आधार भारतीय नागरिकों को वेरिफ़ाईड पहचान और आवास का प्रमाण देता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि आपके आधार कार्ड की सभी जानकारी सही और अपडेट है। इसीलिए, आज की इस गाइड में हम आधार बायोमेट्रिक कार्ड के बारे में बताएंगे।
तो, आइए बिना देरी किए आगे बढ़ें!
आधार बायोमेट्रिक डेटा क्या होता है?
जब कोई आधार कार्ड के लिए आवेदन करता है, तो एनरोलमेंट सेंटर उनकी जनसांख्यिकी विवरण जैसे नाम, पता और संपर्क नंबर रिकॉर्ड करता है। इसके साथ ही, यह उनका बायोमेट्रिक विवरण भी लेकर आधार कार्ड पर अंकित करता है।
आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा में होता है:
- व्यक्ति के हाथों की सभी दसों उंगलियों के फ़िंगरप्रिंट
- दोनों आंखों का आइरिस स्कैन
- चेहरे की फ़ोटो
इसीलिए, आधार कार्ड के लिए एनरोलमेंट करते समय आवेदक को यह बायोमेट्रिक डेटा देना होता है। इसके साथ ही, आधार से जुड़ी जानकारी लेने या उसे अपडेट करने के लिए उनको अपने फ़िंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन देने होते हैं।
तो, आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट क्या होता है?
अगर आपका बायोमेट्रिक विवरण पहले से ही यूआइडीएआई के पास संग्रहीत है और उसमें बदलाव किया गया है, तो आधार बायोमेट्रिक अपडेट ज़रूरी है। कुछ दुर्लभ मामलों में बायोमेट्रिक जानकारी बदल सकती है। उदाहरण के लिए, व्यक्ति किसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं या किसी दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं, जिसके नतीजतन बायोमेट्रिक बदलाव होते हैं, और जिसके बाद अपडेट की ज़रूरत होती है। इसके अलावा, बच्चों के मामले में भी बायोमेट्रिक विवरण बदलाव होते हैं क्योंकि उनकी उंगलियों के निशान और चेहरे की विशेषताएं उम्र के साथ विकसित होती हैं।
उदाहरण के लिए, निम्नलिखित मामलों में एक अपडेट ज़रूरत है:
- जब आधार कार्ड (बाल आधार) वाले शिशु 5 साल के होते हैं।
- आधार कार्ड वाले बच्चे 15 साल के होते हैं।
- आधार कार्डधारक को चोट या बीमारी का सामना करना पड़ा जिसके कारण उसके बायोमेट्रिक्स में बलदाव हुआ, जैसे कि नेत्र प्रत्यारोपण सर्जरी।
इसलिए, यूआइडीआई सभी कार्डधारकों को उनके बायोमेट्रिक डिटेल को हर 10 साल में अपडेट करने के लिए कहती है। परिणाम में, नई जानकारी मिलने से यूआइडीआई का डेटाबेस हमेशा अपडेट रहता है।
अब, जब आप आधार कार्ड बायोमेट्रिक को अपडेट करने से अच्छी तरह वाकिफ हैं, तो आइए इसे करने की प्रक्रिया जानते हैं।
आधार बायोमेट्रिक जानकारी कैसे अपडेट करें
आधार में किसी की जनसांख्यिकीय जानकारी को अपडेट करना काफी सरल है और इसे ज़्यादातर डिजिटल रूप से किया जाता है। हालांकि, जब आधार बायोमेट्रिक में अपडेट की बात आती है, तो आपको ऑफ़लाइन रास्ता अपनाना होगा।
इसे करने के चरण ये हैं:
आधार एनरोलमेंट सेंटर खोजें
आप यूआइडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट या एम-आधार मोबाइल ऐप के माध्यम से आसानी से अपने आसपास के क्षेत्र में आधार एनरोलमेंट सेंटर का पता लगा सकते हैं।
यूआइडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर
चरण 1: वेबसाइट पर ‘आधार पाएं’ विकल्प पर जाएं।
चरण 2: ‘एनरोलमेंट सेंटर खोजें’ का विकल्प सेलेक्ट करें।
- चरण 3: इसके लिए आपकी स्क्रीन पर 3 विकल्प ‘सर्च बॉक्स’, ‘पोस्टल कोड’, और ‘राज्य’ दिखेंगे। यहां पर आप इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। अब संबंधित जानकारी भरें और आपको वेबसाइट पर आपके नजदीकी एनरोलमेंट सेंटर दिखाई देंगे।
एम-आधार मोबाइल ऐप पर
चरण 1: ऐप खोलकर ‘एनरोलमेंट सेंटर’ सेलेक्ट करें।
चरण 2: अब, ‘एडवांस सर्च’ या ‘टेक्स्ट से सर्च करें’ सेलेक्ट करें।
- चरण 3: अगर आप ‘एडवांस सर्च’ चुनते हैं, तो आप अपना राज्य, ज़िला, या पिन-कोड सेलेक्ट करके एनरोलमेंट सेंटर का पता लगा सकते हैं। वैकल्पिक तौर पर, अगर आपने ‘टेक्स्ट से सर्च करें’ विकल्प चुना है, तो आपको सेंटर का पता लगाने के लिए सेंटर का नाम दर्ज करना होगा।
आधार बायोमेट्रिक अपडेट करें
एक बार जब आप अपने पास के आधार एनरोलमेंट सेंटर का सफलतापूर्वक पता लगा लेते हैं, तो आप इन चरणों का पालन करके अपने आधार कार्ड बायोमेट्रिक को अपडेट कर सकते हैं:
- चरण 1: आधार एनरोलमेंट सेंटर पर जाएं और आधार में बायोमेट्रिक अपडेट करने के लिए फ़ॉर्म मांगें।
- चरण 2: आधार बायोमेट्रिक फ़ॉर्म भरने और जमा करने के बाद, प्रमाणीकरण की ज़रूरत होती है। यहां, आप अपनी उंगलियों के निशान जमा कर सकते हैं या आईरिस स्कैन के लिए जा सकते हैं, जो भी नहीं बदला है। जब आप इनमें से कोई बायोमेट्रिक डेटा जमा करते हैं तो प्रमाणीकरण प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
- चरण 3: एक बार यह प्रमाणीकरण प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, आपके बदले हुए बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, मान लें कि आप प्रमाणीकरण के लिए अपनी उंगलियों के निशान का इस्तेमाल करते हैं। फिर, इस चरण में आईरिस स्कैन की ज़रूरत होती है।
- चरण 4: इन रिकॉर्ड किए गए बायोमेट्रिक्स को तब लॉक किया जाता है और यूआईडीएआई के डेटाबेस में अपडेट किया जाता है।
बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट क्या होता है?
आधार के तहत बच्चे का एनरोलमेंट करते समय उनकी उम्र एक महत्वपूर्ण मानदंड है। उदाहरण के लिए, 5 साल से कम उम्र के बच्चों को बाल आधार मिलता होता है, जिसमें बच्चे के बायोमेट्रिक्स दर्ज नहीं किए जाते हैं। इसके बजाय, बच्चे के माता-पिता के बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड किए जाते हैं। इसलिए, जब कोई बच्चा 5 साल का होता है, तो उसका बायोमेट्रिक्स अपडेट करना ज़रूरी होता है। इसके अलावा, जब कोई बच्चा 15 साल का होता है, तो उसे बायोमेट्रिक विवरण अपडेट करना चाहिए।
इसलिए, आधार कार्ड के लिए नामांकन कराने वाले 5 साल से कम उम्र के बच्चे को दो बार अपडेट के लिए जाना चाहिए। इसी तरह, जब 5-15 साल की उम्र का बच्चा आधार कार्ड के लिए आवेदन करता है, तो उसे एक बार बायोमेट्रिक्स अपडेट करने की ज़रूरत होती है। इसके अलावा, जब तक अन्यथा ज़रूरत न हो, 15 साल या उससे ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए आधार बायोमेट्रिक का अपडेट ज़रूरी नहीं है।
इस अपडेट की प्रक्रिया वयस्कों के समान ही है। इसलिए, आप अपने बच्चे को नजदीकी आधार एनरोलमेंट सेंटर में ले जा सकते हैं, आधार बायोमेट्रिक फ़ॉर्म जमा कर सकते हैं और अपने बच्चे के बदले हुए बायोमेट्रिक विवरण दे सकते हैं।
आधार कार्ड बायोमेट्रिक को अपडेट करने का शुल्क क्या है?
बायोमेट्रिक अपडेट का एक तय शुल्क होता है। वयस्कों के मामले में, आधार कार्ड बायोमेट्रिक अपडेट के लिए शुल्क ₹50 है, जिसमें जीएसटी भी शामिल होता है। कोई भी इन विवरणों को जितनी बार चाहे अपडेट कर सकता है। हालांकि, हर अपडेट में यह शुल्क देना होगा।
बच्चों के मामले में, पहली बार अपडेट मुफ़्त है। इसलिए 5 साल की उम्र में बच्चे का पहला बायोमेट्रिक अपडेट मुफ़्त में किया जा सकता है। इसी तरह, जब बच्चे के 15 वर्ष की उम्र तक पहुंचने पर बायोमेट्रिक्स को अपडेट किया जाता है, तो उसे कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। हालांकि, वही अगर बच्चा अपने बायोमेट्रिक डेटा को फिर से अपडेट करता है, तो इसके लिए ₹50 का शुल्क लगता है।
आधार कार्ड बायोमेट्रिक का महत्व क्या है?
2009 में भारत के आधार कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही भारत, हर नागरिक को एक विशिष्ट पहचान संख्या देने के लिए तैयार दुनिया में सबसे पहला देश बन गया। इसका उद्देश्य पहले से मौजूद ऐसी विकेन्द्रीकृत पहचान प्रणाली को खत्म करना था, जिसके प्रासंगिक दस्तावेज़ों के खराब होने या खो जाने का खतरा था।
नतीजतन, आधार भारत की विशाल और खराब दस्तावेज़करण की गई आबादी को एक एकल और केंद्रीकृत डेटाबेस में जोड़ता है। भारत के हर निवासी को 12 अंकों की आईडी संख्या वाला आधार कार्ड मिलता होता है। इसके अलावा, इस संख्या का बायोमेट्रिक रूप से सत्यापन किया जा सकता है, जिसे यूआईडीएआई के डेटाबेस में बायोमेट्रिक डेटा के साथ आसानी से क्रॉस-रेफ़रेंस किया जा सकता है।
आधार कार्ड बायोमेट्रिक डेटा भी किसी व्यक्ति के आधार नंबर से जुड़ा होता है, इसलिए, यह संभावित दुरुपयोग या धोखाधड़ी को प्रभावी ढंग से खत्म करता है। बायोमेट्रिक को लॉक करने पर, कोई भी आधार कार्डधारक प्रमाणीकरण के लिए अपने बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल नहीं कर सकता, और न ही कोई और कर सकता है। इसके अतिरिक्त, यह लिंकेज टैक्सेशन की दक्षता को भी बढ़ाता है, अंततः देश की वित्तीय स्थिति को बढ़ाता है।
इसी के साथ ही, हम आधार कार्ड बायोमेट्रिक की बारीकियों पर इस लेख के अंत तक पहुंच गए हैं। इस गाइड में दी गई जानकारी आपको अपने बायोमेट्रिक डेटा को अपडेट करने की प्रक्रिया को समझने में मदद करेगी। इससे आपको यह जानने में भी मदद मिलेगी कि यह दूसरे आधार अपडेट से अलग कैसे है। हम आशा करते हैं कि बायोमेट्रिक्स अपडेट करते समय यह जानकारी आपके काम आएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मैं आधार कार्ड पर अपनी बायोमेट्रिक का स्टेटस कैसे चेक कर सकता हूं?
आप यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना बायोमेट्रिक स्टेटस चेक कर सकते हैं। इसके लिए पोर्टल पर लॉग-इन करने के लिए अपने आधार नंबर और ओटीपी का इस्तेमाल करें। वैकल्पिक रूप से, आप अपने बायोमेट्रिक डेटा की स्थिति की जांच के लिए एम-आधार मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या हम बायोमेट्रिक आधार को ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं?
अधिकांश आधार अपडेट यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट के ज़रिए डिजिटल रूप से किए जा सकते हैं। हालांकि, सुरक्षा की दृष्टि से, आप सिर्फ अपने नजदीकी आधार एनरोलमेंट सेंटर पर जाकर ही बायोमेट्रिक डेटा को ऑफ़लाइन अपडेट कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप अपने आसपास के किसी एनरोलमेंट सेंटर के बारे में नहीं जानते हैं, तो आप इसे यूआईडीएआई की वेबसाइट या एम-आधार मोबाइल ऐप पर खोज सकते हैं।
क्या आधार में बायोमेट्रिक डेटा अपडेट करना ज़रूरी है?
यह ज़रूरी नहीं है, लेकिन यूआईडीएआई नागरिकों को हर 10 साल में आधार में अपने बायोमेट्रिक को अपडेट करने की सलाह देता है। अगर आधार एनरोलमेंट के दौरान किसी की उम्र 5 साल से कम है, तो 5 साल का होने पर पर बायोमेट्रिक्स का अपडेट ज़रूरी है। उसके बाद, इस बच्चे के 15 साल का होने पर एक और अपडेट ज़रूरी है। इसके अतिरिक्त, 15 साल से ज़्यादा उम्र के व्यक्तियों को आधार में अपने बायोमेट्रिक्स को अपडेट करने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि, अगर कोई दुर्घटना या बीमारी से मिलता है जो उसके बायोमेट्रिक्स को बदल देता है, तो यूआईडीएआई अपडेट की सिफ़ारिश करता है।
क्या आधार कार्ड एक्सपायर होता है?
नहीं, आधार कार्ड की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है। बल्कि, आपको एक बार आधार कार्ड जारी होने के बाद यह जीवन भर के लिए वैध रहता है।