वर्चुअल आईडी (VID) की विस्तृत गाइड
भारत के नागरिकों के लिए आधार कार्ड सरकारी तौर पर सबसे बड़ा पहचान प्रमाण है। यूनीक आईडेंटिफ़िकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (यूआईडीएआई) ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए हाल ही में वर्चुअल आईडी (वीआईडी) की शुरूआत की है। ई-केवाईसी वेरिफ़िकेशन के लिए नागरिकों की मदद के लिए यह एक बड़ा कदम है।
क्या आप जानना चाहते हैं कि वर्चुअल आईडी क्या होती है? विस्तृत गाइड के लिए यह लेख पढ़ें।
आधार वर्चुअल आईडी (VID) क्या होती है?
यूआईडीएआई की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, वीआईडी 16 अंकों वाला अस्थाई कोड होता है। लोग इस नष्ट करने वाले कोड का इस्तेमाल ई-केवाईसी के लिए अपनी आधार जानकारी प्रदान करने के लिए कर सकते हैं। आधार कार्ड की मैपिंग करने के बाद सरकार यूज़र को यह आईडी रैंडम तौर पर देती है। यूआईडीएआई ने आधार ऑथेंटिकेशन एजेंसी को 1 जून 2018 से आवेदन के स्थान पर वीआईडी स्वीकार करना अनिवार्य कर दिया है।
वर्चुअल आईडी कैसे बनाएं?
अब जब आपको पता चल चुका है कि आधार वर्चुअल आईडी क्या होती है, तो अब आप यह भी जानना चाहते होंगे कि इसे कैसे डाउनलोड करना है। केवल आधार कार्ड धारक ही अपनी वीआईडी बना सकते हैं। यूआईडीएआई ने वीआईडी की वैधता 1 दिन की रखी है। इसलिए आधार कार्ड धारक पिछली वीआईडी की वैधता खत्म हो जाने के बाद नया वीआईडी बना सकते हैं।
अब बात आती है कि आधार वर्चुअल आईडी कैसे बनाई जाती है? आप इसे बनाने के लिए नीचे दिए चरणों का पालन कर सकते हैं।
चरण 1
यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। "माय आधार टैब" पर क्लिक करें।
चरण 2
ड्रॉप डाउन सूची से "वर्चुअल आईडी जनरेटर" पर क्लिक करें। इसके बाद एक नया पेज खुल जाएगा।
चरण 3
वीआईडी जेनेरेशन पेज पर 12 अंक वाला आधार नंबर और सिक्योरिटी कोड भरें। इसके बाद "सेंड ओटीपी" चुनें।
चरण 4
आपको अपने आधार कार्ड से लिंक पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा। ओटीपी भरें और "जनरेट वीआईडी" पर क्लिक करें।
चरण 5
"सबमिट" बटन पर क्लिक करने के बाद, आपको अपने पंजीकृृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस प्राप्त होगा। इसके बाद आपको 16 अंक की वीआईडी प्राप्त हो जाएगी।
वीआईडी (VID) की खास बातें क्या हैं?
अब आपको पता चल चुका है कि आधार वेबसाइट से वर्चुअल वीआईडी कैसे बनाते हैं, तो अब आपको यह जानना भी जरूरी है कि इसका उद्देश्य क्या होता है। ज्यादातर लॉगिन और ई-केवाईसी के लिए, आपको आधार की जानकारी भरना जरूरी होता है। चूंकि आपका आधार आपके सारे डाटा से कनेक्ट होता है, इसलिए भारत सरकार इसे हर प्रकार के ऑनलाइन ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल करने से बचने की सलाह देती है।
इसकी जगह पर व्यक्ति वीआईडी का इस्तेमाल कर सकता है। ऑथेंटिकेशन की यह प्रक्रिया उसी प्रकार रहेगी। हालांकि, वीआईडी की मदद से आधार नंबर बनाना असंभव है। आइया यहां वीआईडी की कुछ खास बातें जानते हैं:
- आधार वीआईडी 16 अंक की रैंडम आईडी होती है जिसका इस्तेमाल आधार नंबर की जगह पर होता है।
- केवल आधार कार्ड धारक ही इसे बना सकता है।
- एक वीआईडी केवल एक दिन के लिए मान्य होती है, और यह वैलिडिटी खत्म हो जाने के बाद व्यक्ति नई आईडी बना सकता है।
- वीआईसी तमाम एजेंसियों को केवल सीमित केवाईसी का एक्सेज प्रदान करती है।
- वीआईडी बनाना अनिवार्य नहीं है।
- एजेंसियों को वीआईडी या आधार नंबर स्टोर करने की अनुमति नहीं होती है।
वीआईडी का सबसे बड़ा महत्व यह है इससे आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल से बचा जा सकता है। मान लीजिए, कि आप अपनी ई केवाईसी भरते समय किसी ऑनलाइन पोर्टल पर अपना आधार नंबर भरते हैं, तो उससे आपके आधार से लिंक सभी प्रकार के डाटा की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हालांकि, जब आप आधार नंबर की जगह वीआईडी का इस्तेमाल करते हैं, तो आप प्रमाण देने का आपका उद्देश्य भी पूरा हो जाता है और एजेंसी आपके आधार से लिंक जरूरी जानकारी भी नहीं प्राप्त कर पाती।
हमें उम्मीद है कि अब आपको वर्चुअल आईडी के बारे में पता चल चुका होगा। यह एक अस्थाई 16 अंक वाली आईडी होती है जिसे ई-केवाईसी देते समय आधार नंबर की जगह इस्तेमाल करते हैं। इसका उद्देश्य एजेंसियों को पहचान प्रमाण देते समय अपनी निजी जानकारियों को उनसे सुरक्षित रखना होता है। यह आईडी केवल कार्ड धारक ही बना सकता है, और इसकी मान्यता केवल एक दिन की होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
वीआईडी के मामले में, ऑथेंटिकेशन के लिए क्या मुझ अपनी सहमती प्रदान करनी होती है?
आधार कार्ड धारक को वीआईडी आधारित ऑथेंटिकेशन के लिए अपनी सहमती देनी होती है। ऑथेंटिकेशन के लिए इस आईडी का इस्तेमाल करने से पहले एजेंसी धारक को सूचित करने और उनकी सहमती लेने के लिए जिम्मेदार होती हैं।
अगर मैं भूल जाऊं तो क्या मैं दोबारा अपनी वीआईडी बना सकता हूं?
यूआईडीएआई में वीआईडी दोबारा देखने के कई तरीके हैं। ईआधार, एमआधार, आधार एनरोलमेंट सेंटर वगैरह जैसे रेसिडेंट पोर्टल में यह विकल्प मौजूद होते हैं। नागरिक 1947 पर (एसएमएस) भेजकर भी अपनी वीआईडी का पता लगा सकते हैं। यह एक आधार हेल्पलाइन नंबर है जिसके आखिरी चार अंक उनके आधार कार्ड के होते हैं।